(भारत की 100 से अधिक भाषाओं के बारे में अपने शोधपरक आलेख में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं केंद्रीय हिन्दी संस्थान के पूर्व निदेशक महावीर...
(भारत की 100 से अधिक भाषाओं के बारे में अपने शोधपरक आलेख में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं केंद्रीय हिन्दी संस्थान के पूर्व निदेशक महावीर सरन जैन)
भारत की भाषाएँ
प्रोफेसर महावीर सरन जैन
एम0ए0, डी0फिल, डी0लिट्0
भारत में भाषाओं, प्रजातियों, धर्मों, सांस्कृतिक परम्पराओं एवं भौगोलिक स्थितियों का असाधारण एवं अद्वितीय वैविध्य विद्यमान है। विश्व के इस सातवें विशालतम देश को पर्वत तथा समुद्र शेष एशिया से अलग करते हैं जिससे इसकी अपनी अलग पहचान है, अविरल एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है , राष्ट्र की अखंडित मानसिकता है। ‘अनेकता में एकता' तथा ‘एकता में अनेकता' की विशिष्टता के कारण भारत को विश्व में अद्वितीय सांस्कृतिक लोक माना जाता है।
भाषिक दृष्टि से भारत बहुभाषी देश है। यहॉ मातृभाषाओं की संख्या 1500 से अधिक है (दे0 जनगणना 1991, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इण्डिया) । इसी जनगणना के अनुसार 10,000 से अधिक लोगो द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं की संख्या 114 है। (जम्मू और कश्मीर की जनगणना न हो पाने के कारण इस रिपोर्ट में लददाखी का नाम नहीं है। इसी प्रकार इस जनगणना में मैथिली को हिन्दी के अन्तर्गत स्थान मिला है। अब मैथिली भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची की एक परिगणित भाषा है।) लद्दाखी एवं मैथिली को सम्मिलित करने पर 10,000 से अधिक लोगो द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं की संख्या 116 हो जाती है।
भाषा वैज्ञानिक संसार की भाषाओं को उनके ऐतिहासिक सम्बन्धों के आधार पर मुख्य रूप से बारह भाषा परिवारों में वर्गीकृत करते हैं। इनमें से 6 भाषा परिवारों का सम्बन्ध यूरेशिया (यूरोप और एशिया), तीन भाषा परिवारों का सम्बन्ध अफ्रीका, दो भाषा परिवारों का सम्बन्ध उत्तरी एवं दक्षिण अमरीका तथा एक भाषा परिवार का सम्बन्ध आस्ट्रेलिया महाद्वीप से है।
यूरेशिया के 6 भाषा परिवारों में से ‘दक्षिण एशिया' में मुख्यतः चार भाषा परिवारों की भाषायें बोली जाती हैं। भारत में भी सामी भाषा परिवार की ‘अरबी' के अपवाद के अलावा इन्हीं चार भाषा परिवारों की भाषायें बोली जाती हैं। ये चार भाषा परिवार हैं ः
1- भारोपीय परिवार (भारत में भारत-ईरानी उप परिवार की आर्य भाषाएं , दरद शाखा की कश्मीरी तथा ‘जर्मेनिक' उपपरिवार की अंग्रेजी)
2- द्रविड़ परिवार
3- आग्नेय परिवार (आस्ट्रो-एशियाटिक)
4- चीनी-तिब्बती परिवार (इस परिवार की ‘स्यामी/थाई/ताई उपपरिवार की अरूणाचल प्रदेश में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा ‘खम्प्टी' को छोड़कर भारत में तिब्बत-बर्मी उपपरिवार की भाषाएं बोली जाती हैं।)
जिन 116 भाषाओं की ओर पूर्व में संकेत किया गया है, उनमें से सात (7) भाषाएं ऐसी हैं जिनके बोलने वाले भारत के विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में निवास करते हैं तथा जिनका भारत में अपना ‘भाषा क्षेत्र' नहीं है। संस्कृत प्राचीन भारतीय आर्य भाषा काल की भाषा है। मुगलों के शासनकाल के कारण अरबी तथा अंग्रेजों के शासन काल के कारण अंग्रेजी के बोलने वाले भारत के विभिन्न भागों में निवास करते हैं। सिन्धी एवं लहंदा के भाषा क्षेत्र पाकिस्तान में हैं। 1947 के विभाजन के बाद पाकिस्तान से आकर इन भाषाओं के बोलने वाले भारत के विभिन्न भागों में बस गए। 1991 की जनगणना के अनुसार भारत में लहंदा बोलने वालों की संख्या 27,386 है। इस भाषा के बोलने वाले आन्ध्र प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उ0प्र0, दिल्ली आदि में रहते हैं तथा अपनी पहचान ‘मुल्तानी' के रूप में अधिक करते हैं। सिन्धी भाषा के बोलने वालों की संख्या 2,122,848 है। इस भाषा के बोलने वाले गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान राज्यों में अपेक्षाकृत अधिक संख्या में निवास करते हैं। ये भारत के लगभग 30 राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। लहंदा एवं सिन्धी दोनो भाषाओं के बोलने वालों में द्विभाषिता / त्रिभाषिता / बहुभाषिता का प्रसार हो रहा है। जो जहाँ बसा है, वहाँ की भाषा से इनके भाषा रूप में परिवर्तन हो रहा है। इसी प्रकार तिब्बती लोग भारत के 26 राज्यों में रह रहे हैं। इनकी मातृ भाषा तिब्बती है जिनकी संख्या 69,416 है। कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उ0प्र0 , अरूणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल में इनकी संख्या अपेक्षाकृत अधिक है। उर्दू जम्मू एवं कश्मीर की राजभाषा तथा आन्ध्र प्रदेश, उ0प्र0, बिहार कर्नाटक आदि राज्यों की दूसरी प्रमुख भाषा है। भाषा वैज्ञानिक हिन्दी एवं उदूर् को भिन्न भाषाएं नहीं मानते किन्तु भारतीय संविधान में उर्दू परिगणित भाषा है तथा इसके बोलने वाले भारत के आन्ध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उ0प्र0, पश्चिम बंगाल, दिल्ली तथा तमिलनाडु में निवास करते हैं। भारत में उर्दू भाषी लोगों की संख्या 43,406,932 है।
भाषाओं का विवरण निम्न आधारों पर प्रस्तुत किया जाएगा -
1- भाषा परिवार
2- परिगणित / अपरिगणित - भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में परिगणित भाषाओं की संख्या अब 22 है। प्राचीन भारतीय आर्य भाषा काल की संस्कृत के अतिरिक्त आधुनिक भारतीय भाषाएँ निम्नलिखित हैं ः-
1- असमिया 2․ बंगला 3․ बोडो 4․ डोगरी 5․. गुजराती 6․ हिन्दी 7․ कश्मीरी 8․ कन्नड़ 9․ कोंकणी 10․ मैथिली 11․ मलयालम 12․ मणिपुरी 13․ मराठी 14․ नेपाली 15․ उडि.या 16․ पंजाबी 17․ तमिल 18․ तेलुगु 19․ संताली 20․ सिन्धी 21․ उर्दू
इन 22 परिगणित भाषाओं में से पन्द्रह भाषाएं भारतीय आर्य भाषा शाखा की, चार भाषाएं द्रविड़ परिवार की, एक भाषा (संताली) आग्नेय परिवार की तथा दो भाषाएं (बोडो, मणिपुरी) तिब्बत बर्मी उप परिवार की हैं। 1991 की जनगणना के समय परिगणित भाषाओं की संख्या 18 थी। इस जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 83,85,83,988 में से 96․29 प्रतिशत लोग अर्थात 80,74,41,612 लोग उन 18 परिगणित भाषाओं में से किसी एक भाषा को बोलते थे।
1- भारोपीय परिवार (भारतीय आर्यभाषाएं) -
भारतीय आर्य भाषाओं में संस्कृत प्राचीन भारतीय आर्य भाषा काल की भाषा है। आज भी संस्कृत का धार्मिक एवं सांस्कृतिक कृत्यों में प्रयोग होता है। विश्व की सर्वोन्नत एवं श्रेष्ठतम भाषाओं में अग्रणी स्थान पाने वाली संस्कृत भाषा का विशिष्ट महत्व है। इसी कारण इसको परिगणित भाषाओं में स्थान दिया गया है। संस्कृत के अतिरिक्त आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं की मातृभाषाओं की संख्या लगभग 570 है जिनमें से 20 भाषायें प्रमुख हैं। आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं के बोलने वालों का प्रतिशत भारत की जनसंख्या में 75․30 है।
संस्कृत के अलावा 14 आधुनिक भारतीय आर्यभाषाएं परिगणित सूची के अन्तर्गत आती हैं।
(क) परिगणित -
क्र0 सं0 भाषा का नाम भाषा के बोलने वालों की संख्या राज्य / राज्यों के नाम
1․ असमिया 13,079,696 असम
2․ बंगला 69,595,738 पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा
3 डोगरी 00,089,681 जम्मू-कश्मीर
4 गुजराती 40,673,814 गुजरात
5 हिन्दी 337,272,114 हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड, दिल्ली, चंडीगढ़
6 कश्मीरी विवरण अनुपलब्ध
जम्मू-कश्मीर
7 कोंकणी 01,760,607 गोवा
8 मैथिली 07,766,597 बिहार
9 मराठी 62,481,681 महाराष्ट्र, गोवा
10 नेपाली 02,076,645 सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश
11 उडि.या 28,061,313 उड़ीसा
12 पंजाबी 23,378,744 पंजाब
13 सिन्धी 02,122,848 -
14 उर्दू 43,406,932 -
15 संस्कृत 00,049,736 -
(ख) अपरिगणित
16 भीली 5,572,308 राजस्थान, मध्य प्रदेश
17 विष्णुप्रिया 0,059,233 असम
18 हलबी 0,534,313 मध्यप्रदेश
19 खानदेशी 0,973,709 महाराष्ट्र, गुजरात
20 लहंदा 0,027,386 -
21 अंग्रेजी
(भारोपीय परिवार की जर्मेनिक उप परिवार की भाषा) 0,178,598 -
2․ द्रविड़ परिवार -
द्रविड़ शब्द की सार्थकता तथा इस मान्यता कि आर्य परिवार की भाषाएं उत्तर भारत में एवं द्रविड़ परिवार की भाषाएं दक्षिण भारत में बोली जाती है- के सम्बन्ध में पुनर -विचार आवश्यक है। पादरी राबर्ट ए․ काल्डबेल ने इस परिवार की सभी भाषाओं को ‘द्रविड़' नाम से पुकारा और यह नाम प्रचलित हो गया। द्रविड़ शब्द कर्नाटक, तेलंगाना एवं आन्ध्र आदि क्षेत्रों का बोधक नहीं था। स्कन्द पुराण में वर्णित है कि - 1․ कर्णाट, 2․ तेलंगा, 3․ गुर्ज्जरा 4․ आन्ध्र 5․ द्रविड़ा पंच विंध्य दक्षिणवासिनः। इस प्रकार ‘द्रविड़' शब्द मूलतः एक क्षेत्र का वाचक है , इस परिवार की सभी भाषाओं का वाचक नहीं है। इस परिवार की ब्राहुई, माल्तो, कुरुख/ओरॉब दक्षिण भारत में नहीं बोली जाती। ब्राहुई तो पाकिस्तान-अफगानिस्तान के सीमान्त क्षेत्र ‘ब्लूचिसतान' में बोली जाती है। इसी प्रकार श्रीलंका के उत्तरी भाग की सिंधली भाषा आर्य परिवार की भाषा है। इसी कारण लोक प्रचलित धारणा एवं मान्यता संगत नहीं है।
द्रविड़ भाषाओं के बोलने वालों का प्रतिशत भारत की जनसंख्या का 22․53 प्रतिशत है। द्रविड़ परिवार की मातृभाषाओं की संख्या 153 है जिनमें से 17 भाषाएँ प्रमुख हैं। इनमें तमिल, तेलुगु, मलयालम एवं कन्नड़ परिगणित भाषाएं हैं, शेष 13 भाषाएं अपरिगणित हैं। द्रविड़ परिवार की भाषाओं को इस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है।
द्रविड़ परिवार की भाषाएं
1 2 3 4
दक्षिणी दक्षिण-मध्य
मध्य
उत्तर एवं पूर्व
1- मलयालम
2- तमिल
3- कन्नड़
4- कूरगी/कोडगु
5- तुलु 1- तेलुगु
2- जातपु
3- कोलामी
4- कोंडा
5- कोया 1- गोंडी
2- खोंड / कोंध
3- किसन
4- कुइ
5- पारजी 1- कुरुख/ओरांब
2- माल्तो
(क) परिगणित -
क्र0 सं0 भाषा का नाम भाषा के बोलने वालों की संख्या राज्य / राज्यों के नाम
22 कन्नड़
32,753,676 कर्नाटक
23 मलयालम 30,377,176 केरल
24 तमिल 53,006,368 तमिलनाडु
25 तेलुगु 66,017,615 आन्ध्र प्रदेश
(ख) अपरिगणित
26 कूरगी/कोडगू 97,011 कर्नाटक
27 गोंडी 2,124,852 मध्य प्रदेश
28 जातपु 25,730 आन्ध्र प्रदेश
29 खोंड / कोंध 220,783 उड़ीसा, आन्ध्र प्रदेश
30 किसन 162,088 उड़ीसा
31 कोलामी 98,281 महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश
32 कोंडा 17,864 आन्ध्र प्रदेश
33 कोया 270,994 आन्ध्र प्रदेश
34 कुइ 641,662 उड़ीसा
35 कुरुख/ओरांव 1,426,618 झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल
36 माल्तो 108,148 झारखण्ड
37 पारजी 44,001 छत्तीसगढ़, उड़ीसा
38 तुलु 1,552,259 कर्नाटक
3- आग्नेय परिवार (आस्ट्रो-एशियाटिक)
भारत में इस परिवार की तीन शाखाओं की भाषाएं बोली जाती हैं। खासी शाखा की प्रमुख भाषा ‘खासी' मेघालय में खासी जनजाति तथा जयन्तिया पर्वतीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों के द्वारा बोली जाती है। निकोबारी शाखा की मातृभाषाएं (भाषा का नाम- निकोबारी) निकोबार द्वीप समूह के जनजाति के लोगों के द्वारा बोली जाती है। इस परिवार की तीसरी शाखा की भाषाएं पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड एवं तमिलनाडु के जनजाति के लोगों के द्वारा बोली जाती हैं। इस शाखा की संताली परिगणित सूची की भाषा है। इस परिवार की सभी भाषाओं के बोलने वालों की संख्या का प्रतिशत भारत की जनसंख्या में एक प्रतिशत से कुछ अधिक (1․13) है।
(क) परिगणित -
क्र0 सं0 भाषा का नाम भाषा के बोलने वालों की संख्या राज्य / राज्यों के नाम
39 संताली 8,216,325 झारखण्ड, बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल
(ख) अपरिगणित
40 भूमिज 45,302 उड़ीसा
41 गदबा 28,158 उड़ीसा, आन्ध्र प्रदेश
42 हो 949,216 बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा
43 जुआड़ 16,858 उड़ीसा
44 खडि.या 225,556 झारखण्ड
45 खासी 912,283 मेघालय
46 कोडा/ कोरा 28,200 पश्चिम बंगाल
47 कोरकु / कुर्कू 466,073 मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र
48 कोरवा 27,485 छत्तीसगढ़
49 मुंडा 413,894 उड़ीसा, असम, पश्चिम बंगाल
50 मुंडारी 861,378 बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा
51 निकोबारी 26,261 अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह
52 सवर 273,168 उड़ीसा
4․ तिब्बत बर्मी -
इस परिवार की मातृभाषाओं की संख्या 226 है। भाषाओं की संख्या 48 है। भारत में तिब्बत बर्मी उपपरिवार की दो प्रमुख शाखाये हैं - 1․ तिब्बती - हिमालयी, 2․ बर्मी - आसामी। इस परिवार की सभी भाषाओं के बोलने वालों की संख्या का प्रतिशत भारत की जनसंख्या में एक प्रतिशत से भी कम है (0․97 प्रतिशत) । इस परिवार की भाषाओं के अन्तर - सम्बन्धों की वास्तविकता को समझना बहुत कठिन है। इस परिवार की भाषाएँ पर्वतीय क्षेत्रों में बोली जाती हैं। परस्पर आवागमन एवं सामाजिक सम्पर्क में बाधा होती है। भाषाओं की विपुल संख्या का यह प्रधान कारण है। इस परिवार की भाषाओं को इस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है।
क․ तिब्बती-हिमालयी
अ․ तिब्बती - 1․ तिब्बती 2․ लददाखी 3․ दां जोंगका 4․ भोटिया/ भुटिया 5․ मोनपा
आ․ हिमालयी - 1․ लिम्बू, 2․ लाहुली 3․ किन्नौरी 4․ लेप्चा / रोंग
ख․ बर्मी - आसामी
अ․ बोदो वर्ग - 1․ कोछ, 2․ गारो 3․ त्रिपुरी / तिपुरी 4․ दिमाशा 5․ देउरी 6․ बोडो 7․ मिकिर / कार्वी 8․ राभा 9․ लालुड़
आ․ नगा वर्ग - 1․ अंगामी 2․ आओ 3․ काबुई 4․ रोड़मय 5․ कोन्याक
6․ खियमड़न, 6․ चाड़ 7․ चखेसाड़ 8․ जेलियाड़ 9․ ताड़खुल 10․ ताड़सा / लुड़चाड़ 11․ नोक्ते 12․ फोम 13․ माओ 14․ यिमचुड़र 15․ रेड़मा 16․ लोथा 17․ वाड़चो 18․ साड़तम 19․ सेमा
इ․ कुकी-चिन वर्ग - 1․ कुकी 2․ थाडो 3․ पाइते 4․ मणिपुरी 5․ मिजो/लुशाई 6․ लखेर/भरा 7․ वाइफ.े 8․ ह्मार
ई․ बर्मी वर्ग - 1․ मोघ
m- मिरि/मिशिड़ वर्ग - 1․ आदि 2․ निस्सी / दफ.ला 3․ मिरि / मिशिड़
(क) परिगणित -
क्र0 सं0 भाषा का नाम भाषा के बोलने वालों की संख्या राज्य / राज्यों के नाम
53 बोडो / बोराे 1,221,881 असम, पश्चिम बंगाल
54 मणिपुरी 1,270,216 मणिपुर
(ख) अपरिगणित
55 आदि 158,409 अरुणाचल प्रदेश
56 अनाल 12,156 मणिपुर
57 अंगामी 97,631 नागालैंड
58 आओ 172,449 नागालैंड
59 भुटिया / भोटिया 55,483 सिक्किम, हिमाचल प्रदेश
60 चखेसाड़ 30,985 नागालैंड
61 छकरू /छोकरी 48,207 नागालैंड
62 चाड़ 32,478 नागालैंड
63 देउरी 17,901 असम
64 दिमासा 88,543 असम
65 गंगटे 13,695 मणिपुर
66 गारो 675,642 मेघालय, असम
67 हलम 29,322 त्रिपुरा
68 ह्मार 65,204 मणिपुर, असम
69 काबुई/ रोड़मय 68,925 मणिपुर
70 कार्बी / मिकिर 366,229 असम
71 खेज्.हा
13,004 नागालैंड, मणिपुर
72 खियमड़न 23,544 नागालैंड
73 किन्नौरी 61,794 हिमाचल प्रदेश
74 कोछ 26,179 मेघालय, असम
75 कोम 13,548 मणिपुर
76 कोन्याक 137,722 नागालैंड
77 कुकी 58,263 मणिपुर, असम, नागालैंड
78 लाहुली 22,027 हिमाचल प्रदेश
79 लखेर / भरा 22,947 मिजोरम
80 लददाखी पूर्ण विवरण अनुपलब्ध
5 - जम्मू और कश्मीर
81 लालुड़ 33,746 असम
82 लेप्चा 39,342
सिक्किम, पश्चिम बंगाल
83 लियाड़मेइ 27,478 मणिपुर
84 लिम्बु 28,174 सिक्किम
85 लोथा 85,802 नागालैंड
86 लुशाई / मिजो 538,842 मिजोरम
87 माओ 77,810 मणिपुर
88 मराम 10,144 मणिपुर
89 मरिड़ 15,268 मणिपुर
90 मिरि / मिशिड़ 390,583 असम
91 मिश्मी 29,000 अरुणाचल प्रदेश
92 मोघ 28,135 त्रिपुरा
93 मोनपा 43,226 अरुणाचल प्रदेश
94 निस्सी / दफ.ला 173,791 अरुणाचल प्रदेश
95 नोक्ते 30,441 अरुणाचल प्रदेश
96 पाइते 49,237 मणिपुर
97 पवि 15,346 मिजोरम
98 फोम 65,350 नागालैंड
99 पोछुरी 11,231 नागालैंड
100 राभा 139,365 असम
101 रेड़मा 37,521 नागालैंड
102 साड़तम 47,461 नागालैंड
103 सेमा 166,157 नागालैंड
104 शेरपा 16,105 सिक्किम
105 ताँग खुल 101,841 मणिपुर
106 ताँड़सा 28,121 अरुणाचल प्रदेश
107 थाडो 107,992 मणिपुर
108 तिब्बती 69,416
109 त्रिपुरी 694,940 त्रिपुरा
110 वाइफे. 26,185 मणिपुर
111 वाड़चो 39,600 अरुणाचल प्रदेश
112 यिमचुड़र 47,227 नागालैंड
113 जेलियाड़ 35,079 नागालैंड
114 जेमि 22,634 असम, मणिपुर, नागालैंड
115 जोउ 15,966 मणिपुर
6- सामी परिवार
116 अरबी 21,975
भारत की भाषाओं की समानता एवं एकता के सम्बन्ध में दूसरे लेख में विचार किया जाएगा ।
-----
प्रोफेसर महावीर सरन जैन
(सेवानिवृत्त निदेशक, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान)
123, हरिएन्कलेव, चांदपुर रोड,
बुलन्दशहर - 203001
COMMENTS