(प्रविष्टि क्रमांक - 35) (महत्वपूर्ण सूचना : पुरस्कारों में इजाफ़ा – अब रु. 10,000/- से अधिक के पुरस्कार! प्रतियोगिता की अंतिम तिथ...
(महत्वपूर्ण सूचना : पुरस्कारों में इजाफ़ा – अब रु. 10,000/- से अधिक के पुरस्कार! प्रतियोगिता की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2009 निकट ही है. अत: अपने व्यंग्य जल्द से जल्द प्रतियोगिता के लिए भेजें. व्यंग्य हेतु नियम व अधिक जानकारी के लिए यहाँ http://rachanakar.blogspot.com/2009/08/blog-post_18.html देखें)
बरसात का मौसम आते ही जैसे मेंढक जहाँ-तहाँ टर्र-टर्र चिल्लाने लगते हैं और बरसात समाप्त होते ही गायब हो जाते हैं । एक झलक भी मिल पाना असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर हो जाता है । ठीक यही हाल नेता का भी होता है । चुनाव का मौसम आते ही । उछल-कूद देखते ही बनती है । बदले में जनता वोट की वर्षा करती है ।
कुछ भी हो आज उमंगपुर में काफी उमंग है । जहाँ सार्वजनिक स्थलों में हफ्ते में भी एक बार भी साफ-सफाई नहीं हो पाती । वहीं आज सड़कें एक-छोर से दूसरे छोर तक बुहारी जा रही हैं । कोई पाउडर भी किनारे-किनारे डाला जा रहा है । मालूम नहीं किस लिए । सड़कों के किनारे से ठेले व गुमुटियाँ पता नहीं रातों-रात कहाँ चली गयीं । जहाँ देखो वहीं कुछ न कुछ करिश्मा नजर आता है । कारण आज यहाँ नेता चिम्मनलालजी पिछले चार वर्षों से भी अधिक समय बाद आ रहे हैं । और एक चुनावी सभा को संबोधित करने वाले हैं ।
हर तरफ नेता चिम्मनलाल जिंदाबाद ! चिरौंजीलाल जिंदाबाद ! व
'जनता अपनी देश है अपना ।
शासन सपना सब कुछ अपना' ।।
सब कुछ अपना पार्टी-एसकेएपी को वोट दें ! के होर्डिंग्स दिखाई पड़ते हैं । लोगों के जत्थे के जत्थे दूर दराज के क्षेत्रों से भी आ जाने से खासा जमघट बन गया है ।
बहरहाल अब तक नेता जी नहीं आये हैं । मैदान में भीड़ जमा है । शोर हो रहा है । सभी प्रतीक्षा कर रहे हैं । पूरे एक बज रहे हैं और नेताजी दस बजे ही आने वाले थे । फ़िलहाल भीड़ वहुत है । खैर इतने में नेता जी के आगमन का संकेत मिला । दूर से ही आते हुए कार के काफिले दिखाई पड़े । सभी ने राहत की साँस लिया । पास आने पर । एक साथ कई आवाजें उठीं - नेता चिम्मनलाल जिंदाबाद ! जिंदाबाद ! ‘सब कुछ अपना पार्टी – एसकेएपी’ जिंदाबाद !
माल्यार्पण होने के बाद चिरौंजीलाल जी ने सभा को संबोधित करने के लिए माईक पर चिम्मनलाल को आमंत्रित किया। नेता जी गदगद होते हुए माईक पर बोलना शुरू किया । हाँ तो बहनों भाइयों मैं आज एक बार फिर आप लोगों के बीच आया हूँ । आप लोग इतनी बड़ी संख्या में यहाँ आये हैं जिससे साबित होता है कि हमारे विरोधी चाहे जितना भ्रामक प्रचार करते रहें । लेकिन आगामी चुनाव में भी आप लोगों के सहयोग से ‘सब कुछ अपना पार्टी- एसकेएपी’ पुनः बहुमत से बिजयी होकर रहेगी । जोर से तालियों की गड़गडाहट हुयी ।
आज की सभा में विरोधियों द्वारा लगाये जा रहे आरोपों का जवाब भी दूंगा तथा आपके बीच अपने वादों को दुहराऊँगा । हाँ तो हमारे विरोधी कहते हैं कि सरकार पर्यावरण संरक्षण, व पर्यटन विकास पर ध्यान नहीं दे रही है तथा देश में गरीबी है । हम भी मानते हैं कि हमने जंगल-के-जगंल कटवाए हैं । लेकिन वृक्षारोपण के लिए ही ताकि लोग देख सकें कि सरकार पर्यावरण के प्रति लापरवाह नहीं है तथा वृहद् स्तर पर वृक्षारोपण करवा रही है । हमने शहरों से भी पेड़ तथा बगीचे कटवाए जरूर हैं लेकिन अरबों रूपये खर्च करके पार्क व स्मारक बनवाकर मूर्तियाँ लगवाई हैं । जिससे न सिर्फ पर्यटन को बढावा मिलेगा बल्कि यह आरोप बेबुनियाद साबित होता है कि देश में गरीबी है । इन क़दमों से यह अपने आप प्रमाणित होता है कि सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है । जोरदार ताली की आवाज से अन्य आवाजें चुप सी हो गयीं ।
हमारे विपक्षी कहते हैं कि सरकारी अस्पतालों में दवाएं ही नहीं हैं । सब बाजार में सेल कर दी जाती हैं । अस्पतालों में मरीजों कि संख्या न के बराबर है तथा डॉक्टर घर पर ही प्रायवेट प्रैक्टिस करते हैं । लेकिन आप खुद ही सोचिये कि कम से कम दवाओं की कमी तो नहीं है । पिछली सरकारों में तो दवाओं का भी अकाल पड़ गया था । रोगी के इलाज के लिए तो दवा चाहिए । चाहे अस्पताल की हो चाहे बाज़ार की । और किसी भी कीमत पर दवाओं की कमी नहीं होने दी जायेगी । रही बात अस्पतालों में मरीजों की संख्या कम होने की । यह तो अच्छा संकेत है । इससे सरकार के इस दावे की पुष्टि होती है कि देश में रोगियों की संख्या घटी है । जनता खुशहाल है । जनता की खुशहाली तथा देश की तरक्की ही ' सब कुछ अपना पार्टी- एसकेएपी ' का प्रमुख लक्ष्य है । तालियों से मैदान गूंज उठा ।
हमारे डॉक्टर घर पर ही प्रायवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं । यह तो बहुत अच्छी बात है । अस्पताल में मरीज नहीं हैं और यदि हमारे डॉक्टर घर पर भी प्रैक्टिस छोड़ देंगे तो उनकी गुडवत्ता में निखार कैसे आएगा ? वो बेहतर सेवा कैसे दे सकेंगे ? कहावत है- ‘प्रैक्टिस मेक्स ए मैन परफेक्ट’ । फिर से सभा तालीमय हो गयी ।
हमारे विरोधियों का यह भी कहना है कि सरकार ने रेल आदि दुर्घटनाओं व दंगों इत्यादि पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है । इससे जनता में आक्रोश है । मैं भी मानता हूँ कि आक्रोश है लेकिन हमारे देश की जनता में नहीं । हमारे विरोधियों के बीच है । क्योंकि हमारे सराहनीय क़दमों से उन्हें सत्ता कोसों दूर जो लगने लगी है । जोरदार तालियों से नेताजी की बांछें खिल गईं । किसी भी दुर्घटना की खबर मिलते ही हमने अफसोस जाहिर करते हुए जाँच समितियों का गठन करके करोडों रूपये खर्च किये । इतना ही नहीं भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं के मद्देनजर हमने पहले से ही जाँच समितियां गठित कर रखी हैं और लाखो रूपये खर्च कर रहे हैं । किसी भी दुर्घटना के होते ही बिना किसी देरी के जाँच के आदेश दे दिए जायेंगे । इसमें किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जायेगी । फिर से सभा तालीमय हुयी ।
विपक्षी दलों का यह कहना कि कोई भी विकास कार्य जनता तक नहीं पहुँचा है । सरकार तथा जनता दोनों के आँखों में धूल झोंकने के समान है । हमने विकास को हर व्यक्ति तथा देश के हर कोने तक पहुँचाने के लिए करोडों रूपये खर्च किये हैं । इसके लिए हमने न केवल दैनिक, साप्ताहिक, अर्धमासिक, मासिक व वार्षिक पत्र-पत्रिकाओं का सहारा लिया बल्कि रेडियो, टीवी, इन्टरनेट व मोबाइल जैसी आधुनिक तकनीकों के जरिये भी विकास को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास किया । फिर भी जनता को गुमराह करने की साजिश की जा रही है । लेकिन फैसला आपके हाथ में है । फिर से ताली नाद गूँजा ।
पिछले साल कई बाँधों के टूट जाने से बाढ़ में लाखो लोग मारे गए थे तथा करोडों की सम्पत्ति नष्ट हुई थी । इसी से इस बर्ष हमने बाढ़ के बाद की स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही कमेटियाँ गठित कर रखी थी । लेकिन इस बार सूखा पड़ गया । कुछ भी हो इससे संतुलन की स्थिति बनी है । ऐसा सुनने में आया है कि कुछ लोग भूखों मर रहे हैं । लेकिन यह विश्वसनीय नहीं है । क्योंकि सरकारी गोदाम अनाज से भरे-परे हैं । साथ ही विदेशों से आयात भी जारी है जिसके भण्डारण के लिए जगह नहीं है । जिन क्षेत्रों के प्रतिनिधि हमारे सहयोगी हैं उन्हें सूखा ग्रस्त भी घोषित कर दिया गया है । कुल मिलाकर स्थिति संतोषजनक है । हमारी जनता अपने अनुभव व सहिष्णुता से बाढ़, सूखा आदि सभी परिस्थितियों से डटकर मुकाबला करने में पूर्णतया समर्थ है । जोरदार ताली बजी ।
इसके अतिरिक्त हम अपनी कुछ योजनाओं से भी आपको अवगत कराना चाहेंगे । हम अपने बच्चों का सर्वांगीण विकास चाहते हैं । आज के बच्चे ही कल के भविष्य हैं । अतः हमारी सरकार उनके बहुआयामी विकास के लिए वचनबद्ध है । प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक फ्रायड के विचारों से अभिभूत होकर हमारी सरकार यौन शिक्षा को प्राइमरी कक्षाओं से ही लागू करने पर विचार कर रही है । समाचार पत्रों में छपी ख़बरों से पता चलता है कि कुछ शिक्षक गण इसे पहले से ही अमली जामा पहनाने में लगे हुए हैं । वो भी प्रायोगिक तौर पर । दरअसल यह उनका वैज्ञानिक दृष्टिकोण है । इसी से 'आओ करके सीखें' पर बल दे रहे हैं । बहरहाल अभी सैद्धांतिक रूप से ही इसे लागू करने की योजना है । भले ही कुछ शिक्षक व प्राचार्य प्रायोगिक तौर के लिए धरना व विरोध प्रदर्शन क्यों न करें ?
हमारी सरकार देश को विश्व के प्रमुख देशों से भी आगे ले जाने के लिए वचनवद्ध है । अमेरिका को ही ले लीजिये । वह अपने देश से क्षेत्रफल में लगभग चार गुना बड़ा है । लेकिन वहाँ कुल पचास राज्य ही है । हमारी सरकार देश के सभी वर्तमान राज्यों में से कम से कम दो राज्य और बनाने तथा देश में वर्तमान जनपदों की संख्या को दुगुना करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है । एसकेएपी का मानना है कि कोई भी देश उतना ही सशक्त होता है तथा उतना ही तरक्की करता है । जितना अधिक वहाँ नेता होते हैं । अतः जहाँ एक ओर राज्यों व जनपदों कि संख्या बढ़ जाने से राजनीतिक पार्टियाँ अपने स्वजनों को अच्छी देश सेवा का सुअवसर दे सकेंगी वहीं दूसरी ओर देश अमेरिका जैसे देशों से भी आगे हो जायेगा । जोरदार ताली से पहले की सभी आवाजें शांति हो गईं ।
हमने आप से स्थिर सरकार का वादा किया था जिस पर हम अब भी कायम हैं । हमने अपना स्थिर सरकार का वादा बखूबी निभाया है । जो कुछ गतिशीलता इधर दिखाई पड़ रही है । वह आगामी चुनावों के कारण ही है । अन्यथा अब भी हम और हमारी सरकार स्थिर ही रहते । हमारा आप से यह वादा है कि आगामी चुनावों के बाद भी हम आपको स्थिर सरकार ही देंगे । इसके लिए अभी से सारे विकल्प खुले हैं ।
अंत में हमारा आप से यही आग्रह है कि एसकेएपी को भारी मतों से विजयी बनाकर हमारे विरोधियों को करारा जवाब दीजिये । हमें सिर्फ आशा ही नहीं बल्कि विश्वास भी है कि आप लोग ‘ सब कुछ अपना पार्टी ’ को भारी बहुमत से विजयी बनाकर सत्ता में बनाये रखेंगे । जय जनता जनार्दन ! फिर से नेता चिम्मनलाल जिंदाबाद ! चिरौंजीलाल जिंदाबाद ! एसकेएपी जिंदाबाद ! के जोरदार नारे लगाकर व जोरदार ताली बजाकर सभाई रस्म पूरी की गयी ।
एस के पाण्डेय,
समशापुर (उ. प्र.) ।
बढ़िया.
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती