अरविंद कुमार का साक्षात्कार : हिन्दी बोलेगा चीन जापान, सुनेगा पूरा जहां

SHARE:

हिंदुस्तान में समय-समय पर भाषा को लेकर विवाद पैदा होता रहता है। यह भाषाई विवाद कैसे खत्म होगा या होगा भी या नहीं? भाषा को लेकर विवाद पै...

image

हिंदुस्तान में समय-समय पर भाषा को लेकर विवाद पैदा होता रहता है। यह भाषाई विवाद कैसे खत्म होगा या होगा भी या नहीं? भाषा को लेकर विवाद पैदा होना स्वाभाविक है। यह हमारे समाज के जाग्रत होने का प्रमाण है। भाषाई विवाद केवल हमारे यहां नहीं हैं। दुनिया के अधिकांश देशों में जब-तब भाषाई विवाद होते रहते हैं। भाषा से समाज की अस्मिता जुड़ी होती है। कारण यह कि भाषा ही वह उपकरण है, जो जीवन के हर अंग और गतिविधि को संचालित करता है। चाहे वह पारिवारिक हो, सामाजिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय ही क्यों न हो। भाषा न होती तो हम अभी तक आदिम युग में होते। जिस समाज की भाषा जितनी विकसित है, वह उतना ही विकसित है। निज भाषा से प्रेम मानव के मन में अंकित होता है।

यहां हम इस बात का भी ध्यान में रखें कि आम आदमी भाषा को बनाता है। यही नहीं, भाषा का सृजन वे भी करते हैं, जिन्हें हम ऐरागैरा नत्थू खैरा कहते हैं, वे भी जो जाहिल हैं, गंवार हैं..। निजी स्तर पर हम सब आम आदमी या जन साधारण हैं। भाषा को संस्कार देते हैं पंडित, विद्वान, साहित्यकार। व्याकरण बनाने वाले भाषा में एकरूपता और स्थायित्व लाने के लिए नियम बनाते हैं। अगर नियम उचित होते हैं तो प्रचलित हो जाते हैं। आम आदमी भी भरसक उनका इस्तेमाल करता है। सच तो यह है कि आम आदमी की बोलचाल पर ही व्याकरण बनते हैं। हम सभी दैनिक भाषा बोलचाल की भाषा ही रहती है- तात्कालिक। समय पर मुंह में जो शब्द आता है, वही बोला जाता है। तब व्याकरण की परवाह नहीं की जाती।

कई बार टीवी पर घटनास्थल से रिपोर्टिंग करते समय पत्रकारों को भी व्याकरण भूलकर बात कहनी पड़ती है। तब वे यह परवाह नहीं करते कि भाषा शुद्ध है या अशुद्ध। शब्द हिंदी का है या इंग्लिश का या स्थानीय भाषा का। जिनका वे साक्षात्कार लेते हैं, उनकी भाषा शुद्ध करके नहीं, जैसी की तैसी प्रसारित करते हैं। जबकि समाचार पत्रों में उसे परिष्कृत करने की सुविधा रहती है। टालते रहो तो भी देर सबेर भाषाई विवादों का समाधान निकालना ही पड़ता है। पर नए विवाद नहीं उठेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं होती।

भारत में राष्ट्रभाषा की समस्या का समाधान कैसे निकल सकता है? राष्ट्रभाषा पर बात करते समय हमें इसे राज्यभाषा से अलग करके देखना होगा। समस्या तब होती है, जब हर क्षेत्र के लोग अपनी भाषा को राष्ट्रभाषा की गिनती में लाना चाहते हैं। सवाल यह भी है कि भाषा बोलने वालों की संख्या कितनी बड़ी हो कि उनकी भाषा को स्वतंत्र रूप में मान्यता मिल सके। आखिर हर गांव की भाषा तो राष्ट्रभाषा नहीं बन सकती, लेकिन खड़ी बोली की टक्कर वाली भोजपुरी जैसी भाषाओं को पीछे नहीं रखा जा सकता।

नए राज्यों की अपनी आंचलिक भाषाएं भी कब तक पीछे रहेंगी। टकराव का या रोध का रवैया न अपनाकर हमें गिव ऐंड टेक की नीति अपनानी चाहिए। आज हर क्षेत्र की अस्मिता उभर रही है और इसका उसे अधिकार भी है। राष्ट्रभाषाएं बनाकर हम इन्हें देश की राज्यभाषा तो नहीं बना रहे। केवल इनके विकास के नए दरवाजे ही खोलेंगे। उनकी भाषा के पंडितों को रोजगार के अवसर मिलें तो क्या नुकसान है? हिंदी में तेजी से बदलाव हो रहा है।

अंग्रेजी के ऐसे शब्द हिंदी में शामिल किए जा रहे हैं, जो हिंदी में आसान हैं, अंग्रेजी में मुश्किल। यह हिंदी की तरक्की है? जैसा कि पहले भी मैंने कहा कि भाषा बनाने वाला होता है आम आदमी। जो आम आदमी की भाषा है (मैं तकनीकी भाषा की बात नहीं कर रहा), वही भाषा का सही रूप है। आज दैनंदिन नई तकनीक आ रही हैं। वे अपने साथ नई शब्दावली लेकर आ रही हैं। नए शब्द हमें स्वीकार करने ही होंगे। साथ ही आजकल विज्ञापन पाने की होड़ में कई समाचार पत्रों के मालिकान अंग्रेजी पढ़े-लिखे वर्ग के विज्ञापन क्षेत्र के हाईफाई लोगों पर यह सिद्ध करने में लगे हैं कि उनके पत्रों के ग्राहक भी हाईफाई हैं। वे पढ़ेंगे तो उनका माल ज्यादा बिकेगा।

आज अंग्रेजी पढ़े-लिखे आदमी के पास क्रय शक्ति अधिक है, यह बाजार का ठोस सत्य है। तो भाषा का हिंग्लिश रूप उभर रहा है। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हिंदी बोलने वालों की बड़ी संख्या उसके बड़े बाजार का जीता-जागता प्रमाण है। जैसे-जैसे गांवों में पैसा पहुंच रहा है, जैसे-जैसे कसबाई शहर अमीर होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे विज्ञापन को उनकी शरण में जाना होगा। तब भाषा का क्या रूप होगा, यह अभी देखा जाना बाकी है। कुछ लोगों का तर्क है कि अंग्रेजी के ज्ञान के बिना भारत तरक्की नहीं कर सकता। क्या आप भी इससे सहमत हैं? अंग्रेजी के बगैर भारत की तरक्की होगी या नहीं, यह कहना मेरे लिए मुश्किल है। हां, अभी तक इसमें अंग्रेजी ने प्रमुख भूमिका निभाई है। यह भी निर्विवाद है। लोग अपनी राय पिछले अनुभव के आधार पर ही बनाते हैं।

एक मिनट के लिए आप अंग्रेजी को भारत की पराधीनता की भाषा के रूप में न देखें तो मानना पड़ेगा कि आज संसार के फ्रांस जैसा कट्टर अंग्रेजी विरोधी देश भी उस भाषा के पास जा रहा है। कोई तो कारण है न! कारण है, आज संसार में सर्वाधिक प्रगति अंग्रेजीदां देशों की सरकारें, वैज्ञानिक संस्थाएं, वहां के बिल गेट्स जैसे लोग कर रहे हैं। चढ़ते सूरज को कौन प्रणाम नहीं करता! भारत का काम है जिससे, जब और जिस तरह नई तकनीक मिले, उसे लेकर आगे बढ़े। एक समय आएगा, जब भारत, चीन, ब्राजील जैसे देश तथाकथित पश्चिमी देशों को अपनी तरफ देखने को मजबूर कर देंगे।

हिंदी ने अभी तक साहित्य और आलोचना पर ध्यान दिया है। तकनीकी साहित्य की बेहद कमी है। हिंदी का क्या भविष्य क्या है? हिंदी की गिनती संसार की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में की जाती है। हिंदी पर सूरज कभी नहीं डूबता। वर्ष 1900 से अब तक हिंदी ने जो तरक्की की है, वह अद्भुत है। 1947 के बाद से हिंदी की प्रगति की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। और अब यह गति हर साल नई तेजी पकड़ती रहेगी।

मैं दावे से कह सकता हूं कि 2050 तक हिंदी संसार की दो-तीन सबसे बड़ी ही नहीं, सबसे विकसित भाषाओं में होगी। मेरे पास इस दावे के लिए ठोस तर्क है। हिंदी के हर उस संस्थान में जिसका संबंध संप्रेषण से है, दैनिक पत्र, रेडियो, टीवी, इंटरनेट हर क्षेत्र में गांव-गांव शहर-शहर के हर वर्ग के लोग न केवल उच्च जातियों के बल्कि तथाकथित पिछड़े वर्गो के लोग भी अपनी नई अनुभूतियां, नए प्रयोग लेकर आ रहे हैं, जिसका ताल्लुक कहीं न कहीं हिंदी से होता है। भारत ही नहीं, जापान से लेकर अलास्का तक, न्यूजीलैंड से स्वीडन तक हिंदी वाले मुस्तैदी से अपने काम में लगे हैं और तरक्की कर रहे हैं।

हिंदी का नेतृत्व कोरे साहित्यकारों के हाथों से निकलकर नवीनतम डिजिटल तकनीक के पारंगत अशोक चक्त्रधर जैसों के हाथों में आ रहा है। विजय कुमार मल्होत्रा (नेता नहीं, भाषाविद्), और प्रोफेसर सुरेंद्र गंभीर, अमेरिका से हिंदी की विज्ञान पत्रिका प्रकाशित करने में अपने जीवन भर की कमाई और बचत होम कर देने वाले डॉ. राम चौधरी, वहीं के अनूप भार्गव, न्यूजीलैंड में रह रहे रोहित कुमार हैप्पी, दुबई से पूर्णिमा वर्मा, भारत में प्रो. रवि रतलामी और इनके अलावा भी कई लोग हिंदी को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। कोई ब्लॉग के जरिए तो कोई पत्र-पत्रिकाओं के जरिए भाषाई दायरे को विस्तार दे रहा है।

कोशकारिता में सबसे पहले जिस क्रांति की शुरुआत डॉ. हरदेव बाहरी ने की, उसे आगे बढ़ाने में बदरीनाथ कपूर ने भी काफी अहम योगदान दिया। इस दिशा में हमने भी इस दिशा में थोड़ा बहुत योगदान दिया है।

---

(दैनिक जागरण से साभार. मूल आलेख जागरण ई-पेपर पर यहाँ पढ़ सकते हैं.)

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: अरविंद कुमार का साक्षात्कार : हिन्दी बोलेगा चीन जापान, सुनेगा पूरा जहां
अरविंद कुमार का साक्षात्कार : हिन्दी बोलेगा चीन जापान, सुनेगा पूरा जहां
http://l.yimg.com/t/epaper/images/1px.gif
http://lh4.ggpht.com/_t-eJZb6SGWU/S0VBhLNGY1I/AAAAAAAAG_c/n5VUbQ4XM4E/s72-c/image_thumb%5B1%5D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2010/01/blog-post_07.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2010/01/blog-post_07.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content