महेश दिवाकर का चरितकाव्य : वीरांगना चेन्नम्मा – सर्ग 7

SHARE:

(पिछले अंक से जारी…) सर्ग - 7 महाराजा कित्तूर के, गये स्वर्ग सिधार। पता थैकरे को चला, हर्षित हुआ अपार।। कैसे अब कित्तूर पर, किया जाय अध...

(पिछले अंक से जारी…)

mahesh diwaker

सर्ग - 7

महाराजा कित्तूर के, गये स्वर्ग सिधार।

पता थैकरे को चला, हर्षित हुआ अपार।।

कैसे अब कित्तूर पर, किया जाय अधिकार?

लगी बनाने योजना, गोरों की सरकार।।

मल्लप्पा और वेंकट, दोनों लिए फँसाय।

लोभ थैकरे ने दिया, लालच बुरी बलाय।।

दोनों ही कित्तूर का, हर पल देते हाल।

दोनों ही ग़द्दार थे, बुनते रहते जाल।।

रानी ने कित्तूर का, शासन लिया संभाल।

जनता में कित्तूर की, वैभव भरा कमाल।।

प्रथम सुरक्षा राज्य की, करी चाक-चौबन्द।

लगा सके दुश्मन नहीं, कहीं लेश पैबन्द।।

किये सुरक्षित द्वार सब, रानी ने मजबूत।

पलक झपकते जान लें, अंग्रेजी-करतूत।।

गुप्तचरों को सोंपकर, अलग-अलग दायित्व।

रानी नित प्रति जांचती, सबका ही कृतित्त्व।।

राज्य नियंत्रण में हुआ, रानी थी सन्तुष्ट।

सब धर्मों, सब जाति के, लोग परस्पर तुष्ट।।

ठोस सुरक्षा का इधर, चलता नित अभियान।

उधर मल्लप्पा-वेंकट, पाल रहे अभिमान।।

चेन्नम्मा ने जब किया, दोनों को पदमुक्त।

तब से दोनों हो गये, और अधिक उन्मुक्त।।

उनके पीछे गुप्तचर, लगा दिये दो-चार।

गतिविधियाँ संदिग्ध जो, पता चलें हर बार।।

मल्लप्पा और वेंकट, लुक-छिप करते खोज।

गोपनीय हर सूचना, दें गोरों को रोज।।

नित्य थैकरे से कहें, बढ़ा-चढ़ाकर हाल।

महाराज की मृत्यु से, राज हुआ बदहाल।।

चेन्नम्मा कित्तूर की, रानी बनी विशुद्ध।

लेकिन, वे अंग्रेज के, रहतीं बड़ी विरूद्ध।।

मृत्यु-पूर्व महाराज ने, दिया राज-आदेश।

रानी चेन्नम्मा बने, इच्छा लिखी विशेष।।

बाल लिया जो गोद है, बना दिया युवराज।

होगा जैसे ही बड़ा, पहना दें फिर ताज।।

गोरों से रानी करे, घृणा अमित अपार।

अँग्रेज़ों का युद्ध में, रानी करें संहार।।

हथियारों का राज्य में, बढ़ा रही भण्डार।

युद्ध कला का दे रही, युवकों को उपहार।।

रानी ने दरबार से, हमको दिया निकाल।

अँग्रेज़ों से युद्ध को, सेना रही संभाल।।

मल्लप्पा और वेंकट, चुगली रहे लगाय।

हाय! थैकरे को दिया, उलटा बहुत चढ़ाय।।

आग बबूला हो गया, सुनकर सारी बात।

‘ओह!’ थैकरे ने कहा, ‘रानी रचती घात।।’

‘रानी की औकात क्या, गोरों से टकराय।

ईंट-ईंट कित्तूर की, धरती पर बिछजाय।।

रानी का कित्तूर में, तोड़ें सभी गुरूर।

लेकिन, रानी से मिलें, इससे पूर्व जरूर।।

कूटनीति का हम करें, रानी पर उपयोग।

अगर नहीं वह मानती, बचा युद्ध का योग।।

कब तक रानी लड़ेगी, अँग्रेज़ों के साथ?

विवश चेन्नम्मा एक दिन, रहे झुका कर माथ।।

करें किला कित्तूर पर, तोपों से विस्फोट।

कौन टिकेगा सामने, खा गोलों की चोट??

चेन्नम्मा कित्तूर की, है अबला की जात।

दो घण्टे के युद्ध में, भूल जाय औकात।।

तोपों के विस्फोट में, रानी होय नपैद।

वरना, उसको घेर कर, सेना करले कैद।।

उफ्! रानी कित्तूर की, पड़ी सड़ेगी जेल।

भूखी-प्यासी एक दिन, ख़त्म करेगी खेल’।।

थमा थैकरे ने दिया, मल्लप्पा को पत्र।

‘रानी को देना इसे, पहुँच सुबह के सत्र।।

रानी को देना बता, गोरे हैं बेचैन।

महाराज की मृत्यु से, हमें नहीं है चैन।।

मिलना चाहें थैकरे, ले दुख का समभाव।

हुई दिवंगत आत्मा, रखते आदर भाव’।।

मल्लप्पा को दे दिये, लिखकर सभी विचार।

विदा थैकरे ने किया, समझा भली प्रकार।।

चले मल्लप्पा-वेंकट, मन में भरा गुरूर।

रात्री का चौथा प्रहर, पहुँच गये कित्तूर।।

प्रातकाल दरबार में, पहुँचे बिना बुलाय।

पत्र थैकरे का लिखा, मंत्री दिया थमाय।।

गुरुसिद्दप्पा ने पत्र वह, पढ़कर दिया सुनाय।

प्रतिक्रिया कुछ की नहीं, रानी गयी छुपाय।।

मल्लप्पा और वेंकट, छोड़ गये दरबार।

मानो उनकी हो गयी, बहुत बड़ी ही हार।।

गुरुसिद्दप्पा को दिया, रानी ने निर्देश।

अतिथि थैकरे से करें, सद्व्यवहार विशेष।।

पहुँच गया कित्तूर में, कूटनीति ले साथ।

रानी के सम्मान में, झुका थैकरे माथ।।

रानी ने सद्भाव से, आसन दिया समान।

मान थैकरे को अतिथि, किया नहीं अपमान।।

चेन्नम्मा से थैकरे, बोला-सोच-विचार।

‘स्वर्ग गये महाराज का, हमको शोक अपार।।’

‘धन्यवाद’ रानी दिया, साथ कहा ‘आभार’।

‘धन्य! थैकरे भावना, सचमुच आप उदार।।’

कहा थैकरे ने पुनः, कुछ क्षण रहकर मौन।

‘रानी! संकट की घड़ी, समझ सका है कौन??

रहे पूर्वज आपके, अँग्रेज़ों के मित्र।

उनके ही विश्वास के, सजा रहे हम चित्र।।

रक्षाहित कित्तूर की, हम तन-मन से साथ।

जब तक ‘गोरी-कम्पनी’, कौन उठाये हाथ??

हम आये कित्तूर में, लिए संधि प्रस्ताव।

राजा जी के निधन का, भरे थैकरे घाब।।

सीमा पर कित्तूर की, सेना शिविर-पड़ाव।

दुश्मन की हर चाल का, पल में जले अलाव।।

भूल करे, कित्तूर को, जो समझे कमजोर।

गोरी-सेना दे उसे, उत्तर भी पुरजोर।।

चेन्नम्मा सुनती रही, उसकी वह बकवास।

मानो करता थैकरे, रानी का उपहास।।

सुनते-सुनते क्रोध से, हुई चेन्नम्मा लाल।

बोली- ‘मिस्टर थैकरे! नहीं बजाओ गाल।।’

‘वाह! खूब संवेदना, वाह! थैकरे-मेल।

वाह! मित्रता शर्त से, कूटनीति का खेल।।

भारत में रखती नहीं, लेश मित्रता स्वार्थ।

यहाँ थैकरे! मित्रता, है सच्चा पुरूषार्थ।।

हमें नहीं स्वीकार है, लेश मित्र की शर्त।

शर्तों की यह मित्रता, जाय थैकरे! गर्त।।

राज नहीं कित्तूर का, थैकरे! मोहताज़।

अपनी सत्ता शक्ति पर, भारत करता नाज़।।

बच्चा-बच्चा देश का, रहता है आज़ाद।

बन्धन तनिक न मानता, भले होय बर्बाद।।

अपनी आजादी हमें, और देश-सम्मान।

हमको प्यारे प्राण से, हँसकर दें बलिदान।।

नहीं चाहते युद्ध हम, नहीं युद्ध से प्यार।

लेकिन, अपने देश हित, सहें युद्ध का भार।।

युद्ध कभी करते नहीं, समस्याओं का अन्त।

इससे हिंसा फैलती, और बढ़े आतंक।।

लेकिन जब सम्मान को, पहुँच रही नित ठेस।

वाणी औ’ व्यवहार से, देश बढ़ाये क्लेश।।

हस्तक्षेप उस देश का, कैसे हो स्वीकार्य?

करना पड़ता युद्ध तब, हो जाता अनिवार्य।।

देश सहन करता नहीं, संस्कृति का अपमान।

परम्परागत भूमिका, भारत की बलिदान।।

धन्यवाद! हे थैकरे! हमको दिया सुझाव।

धन्य! अतिथि-संवेदना, धन्य! अतिथि प्रस्ताव।।

पराधीन रक्षा कभी, रखे न कोई अर्थ।

रक्षा हम कित्तूर की, करने हेतु समर्थ।।

मल्लप्पा और वेंकट, खड़े थैकरे पास।

बोले-‘रानी कर रही, गोरों का उपहास।।’

कही थैकरे से सभी, बढ़ा-चढ़ाकर बात।

अँग्रेज़ों के विरूद्ध ही, रानी रचती घात।।

मल्लप्पा से सब सुना, हुआ थैकरे लाल।

वेंकट भी बुनता रहा, षड्यन्त्रों का जाल।।

कहा कमिश्नर थैकरे, ‘रानी करती घात’।

ईंट-ईंट कित्तूर की, कर देंगे कल रात।।

रानी चेन्नम्मा किया, गोरों का अपमान।

कल देखें रणभूमि में, किसमें कितनी जान।।

धमकी देकर युद्ध की, चला गया अंग्रेज।

मल्लप्पा और वेंकट, खुशियों से लबरेज।।

साथ थैकरे के गये, दोनों ही मक्कार।

दोनों ही कित्तूर के, पक्के थे ग़द्दार।।

गद्दारों को देश से, कभी रहा क्या प्यार?

प्यार अगर हो देश से, कौन कहे ग़द्दार।।

गया कमिश्नर थैकरे, हुआ क्रोध से चूर।

मल्लप्पा और वेंकट, साथ रहें मजबूर।।

धारवाड़ में थैकरे, करने लगा विचार।

अब रानी माने नहीं, बिना युद्ध के हार।।

चेन्नम्मा से युद्ध ही, केवल बचा विकल्प।

कर अन्तिम निर्णय लिया, किया युद्ध संकल्प।।

कूंच करें कित्तूर को, पर लें पहले जान।

हम दुश्मन की शक्ति की, करें सही पहचान।।

मल्लप्पा और वेंकट, इसमें करें सहाय।

काम कठिन, बेशक बड़ा, लेकिन, करें उपाय।।

सोच-समझकर थैकरे, बुला वेंकट राय।

मल्लप्पा के सामने, कारण दिया बताय।।

चेन्नम्मा की शक्ति का, था दोनों को ज्ञान।

मल्लप्पा और वेंकट, करने लगे बयान।।

दोनों का कित्तूर में, लम्बा रहा निवास।

अब दोनों ने तय किया, करना पूर्ण विनाश।।

हाथी - घोड़े - तोपची, भाले - शस्त्र - जवान।

सैन्य शक्ति कित्तूर की, कौशल युद्ध कमान।।

कौन लड़ाके वीर हैं, क्या है काम विशेष?

बता थैकरे को दिया, मल्लप्पा सब शेष।।

कहा वेंकट राय ने, चेन्नम्मा अति वीर।

निडर, साहसी, सिंहिनी, विद्युत-सी शमसीर।।

रानी को कर कैद लें, बचे न कोई शूर।

या रानी को मार दें, फतह होय कित्तूर।।

बालण्णा व रायण्णा, सिद्दप्पा, गजवीर।

ये चारों कित्तूर के, पराक्रमी रणवीर।।

रानी की ये आँख हैं, कान, बुद्धि औ’ हाथ।

ये चारों स्तम्भ हैं, नहीं झुकाते माथ।।

रानी का इन पर अटल, है सच्चा विश्वास।

ये चारों कित्तूर के, उपवन में मधुमास।।

ये तेजस्वी वीर हैं, बुद्धिमान प्रचण्ड।

अलग-अलग बन्दी बना, दे दो मृत्यु अखण्ड।।

रानी करती आ रही, युद्ध हेतु अभ्यास।

तैयारी कित्तूर की, मत समझो उपहास।।

घेरो चारों ओर से, दो तोपों को दाग।

भस्म करे कित्तूर को, बम-गोलों की आग।।

त्राहि-त्राहि जनता करे, रानी हो मजबूर।

चेन्नम्मा की वीरता, दर्प होय सब चूर।।

किला बना कित्तूर का, सुदृढ़ ज्यों अवधूत।

द्वार पश्चिमी है नहीं, पर उतना मजबूत।।

अंग्रेजी तोपें करें, इसी द्वार पर वार।

निश्चित हो कित्तूर की, बिना लड़े ही हार।।

बता दिया कित्तूर का, दोनों ने सब भेद।

जिस थाली में खा-पले, किया उसी में छेद।।

दिया थैकरे ने उन्हें, सुनकर भेद इनाम।

गद्दारों ने देश को, बेचा हाय! छदाम।।

किया स्वार्थ-प्रतिशोध ने, हाय! देश नीलाम।

चन्द टकों में बेचकर, माँ को किया गुलाम।।

जन्मे, खेले बन गये, और सजाये ताज।

पर, माता को बेचते, आयी तनिक न लाज।।

हाय! देश की आत्मा, पैदा किया सपूत।

चन्द टकों के वास्ते, पल में बने कपूत।।

दिये थैकरे ने सभी, सेना का निर्देश।

कल प्रातः कित्तूर का, दिया कूंच आदेश।।

गोरों की सेना सजी, हुई तोप तैयार।

कूंच किये कित्तूर को, प्रातः सैन्य सवार।।

गज पर बैठा थैकरे, ध्वजा रही लहराय।

आगे अश्व सवार थे, पीछे अन्य निकाय।।

सीमा पर कित्तूर की, आकर रुके सवार।

किया थैकरे ने यहाँ, डाल पड़ाव विचार।।

सैन्य विभागों के सभी, प्रमुख लिए बुलाय।

युद्ध नीति कुल योजना, सबसे दिया बताय।।

अर्द्ध रात्रि का समय हो, चन्द्र करे अवसान।

तभी करें कित्तूर को, कल सेना प्रस्थान।।

अपनी-अपनी टुकड़ियाँ, पैदल और सवार।

समय पूर्व होवें सभी, चलने को तैयार।।

यथासमय कित्तूर को, सेना लेगी घेर।

अपने-अपने काम में, करे न कोई देर।।

रात्री को चौथा प्रहर, सोया हो कित्तूर।

घेर दुर्ग कित्तूर का, हमला करें जरूर।।

तोपों से विस्फोट कर, देंगे द्वार उड़ाय।

पैदल अश्व सवार सब, पहुँच किले में जाय।।

पूरी ताकत से सभी, पड़ें किले में टूट।

मारें-काटें-लूटलें, तनिक न देवें छूट।।

जो भी आये सामने, करें उसी पर वार।

ताण्डव मृत्यु का करें, बचे न कोई द्वार।।

इधर थैकरे दे रहा, कूटनीति निर्देश।

उधर गुप्तचर ने दिया, रानी को सन्देश।।

आ पहुँचा है थैकरे, लिए सैन्य बल साथ।

सीमा पर आकर टिका, करने दो-दो हाथ।।

साथ बनाता योजना, विकट वेंकट राय।

मल्लप्पा ने भेद सब, सारा दिया बताय।।

विदा गुप्तचर को किया, सुनकर सारा हाल।

चेन्नम्मा ने मंत्रणा, की सबसे तत्काल।।

चेन्नम्मा कहने लगी, ‘सुनो सभी सरदार!

सबको जगना रात भर, रहें सभी तैयार।।

गोरे घेरें दुर्ग को, कर न सकें विस्फोट।

इससे पहले हम करें, उन पर भारी चोट।।

संभल तनिक पायें नहीं, गोरे सैन्य सवार।

टूट पड़ें मिलकर सभी, ले भाले-तलवार।।

तोपों औ’ बन्दूक पर, है गोरों को नाज़।

करें आक्रमण हम सभी, टूट गिरे ज्यों बाज़।।

गोरे समयाभाव में, तोपें औ’ बन्दूक।

चला तनिक पायें नहीं, मार करें दो टूक।।

मल्लप्पा और वेंकट, देश-द्रोह-ग़द्दार।

भाग कहीं जायें अगर, डालें उनको मार।।

अथवा उनको कैद कर, देवें दण्ड कठोर।

चौराहे पर नगर के, कर दें कत्ल किशोर।।

जहाँ मिलें, जैसे मिलें, सबको डालो मार।

गोरा सैनिक एक भी, बने देश पर भार।।

फूला फिरता थैकरे, करो हैंकड़ी चूर।

दिखला दो रण भूमि में, कैसा है कित्तूर।।

नारा होगा युद्ध का, ‘बम-बम, हर-हर देव’।

टूट पड़ो अरि सैन्य पर, रहे जीत में टेव।।

वीरों! इस कित्तूर को, तुम पर गहरा नाज़।

भारत माँ की युद्ध में, रख लेना तुम लाज़।।

वीर लड़ें जो युद्ध में, याद रहे उत्सर्ग।

मिली वीरगति जो कहीं, पा जाता है स्वर्ग’।।

सौंप दिये दायित्व सब, दे-देकर निर्देश।

चेन्नम्मा कित्तूर की, प्रमुख सैन्य विशेष।।

इधर चेन्नम्मा ने किये, व्यापक युद्ध प्रबन्ध।

उधर थैकरे कर रहा, सेना से अनुबन्ध।।

चेन्नम्मा की प्रीति में, भरा राष्ट्र-अभिमान।

उधर थैकरे-नीति में, गोरों का उत्थान।।

देशभक्ति - स्वतंत्रता, चेन्नम्मा गुरू मंत्र।

लूटपाट, अधिकार को, गोरों का षड्यंत्र।।

सत्य, अहिंसा, प्रेम औ’, समता-सह अस्तित्व।

सकल विश्वहित भावना, रानी का व्यक्तित्व।।

धूर्त, धृष्ट, हिंसा भरा, चापलूस-मक्कार।

देख सके न लोक हित, गोरों का संसार।।

जैसा ही व्यक्तित्व हो, बनता है कृतित्व।

अथवा जो परिवेश हो, ढल जाता व्यक्तित्व।।

चेन्नम्मा और थैकरे

ज्यों धरती-आकाश।

रानी मूरति प्रगति की

थैकरे निखिल विनाश।

आदिकाल से लड़ रहे,

प्रगति और विनाश।

प्रगति कभी रुकती नहीं,

थकता नहीं विनाश।

निखिल विश्व कल्याण में,

करती प्रगति निवास।

लुक-छिपकर चलता रहा,

बदले रूप विनाश।

अब पहुँचा कित्तूर में,

धरे थैकरे रूप।

प्रगति मानो सिंहिनी,

आयी चेन्नम्मा रूप।

लगता कभी विनाश ही, फैला क्षितिज-दिगन्त।

लेकिन, ऐसा है नहीं, प्रगति रूप अनन्त।।

***********

(क्रमशः अगले अंकों में जारी…)

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: महेश दिवाकर का चरितकाव्य : वीरांगना चेन्नम्मा – सर्ग 7
महेश दिवाकर का चरितकाव्य : वीरांगना चेन्नम्मा – सर्ग 7
http://lh3.ggpht.com/_t-eJZb6SGWU/TH57PWkrdWI/AAAAAAAAI-o/3GijMuAk-_g/mahesh%20diwaker%5B2%5D.jpg?imgmax=800
http://lh3.ggpht.com/_t-eJZb6SGWU/TH57PWkrdWI/AAAAAAAAI-o/3GijMuAk-_g/s72-c/mahesh%20diwaker%5B2%5D.jpg?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2010/09/7.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2010/09/7.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content