हास्य व्यंग्य इक्कीसवीं सदी मेरे नाबालिग लड़के पर भी, सदी इक्कीसवीं आयी है, मम्मी को मम कहता है, डैडी को डेड किया उसने। याद किया गोव...
हास्य व्यंग्य
इक्कीसवीं सदी
मेरे नाबालिग लड़के पर भी, सदी इक्कीसवीं आयी है,
मम्मी को मम कहता है, डैडी को डेड किया उसने।
याद किया गोविन्दा का जीवन परिचय रट-रट जिसने,
नौ में तीन साल हुऐ पूरे, अब दस की बारी आयी है।
मेरे नाबालिग लड़के पर भी, सदी इक्कीसवीं आयी है॥1॥
अपनी स्वाभाविक गति से तो, मूंछें भी उसकी आयी थी।
पर जाने क्या नुकसान सोच, सैलून में जा कटवायी थी।
गरदन तक लटके बाल श्याम, हेलन कट वह बनवायी है।
मेरे नाबालिग लड़के पर भी, सदी इक्कीसवीं आयी है॥2॥
आठ सुबह के बजने पर अंगड़ाई लेकर जगता है,
देर समझ कर विद्यालय की फिर वह राह पकड़ता है,
हड़ताली बच्चों के संग में उसकी भी हुई धुनाई है,
मेरे नाबालिग लड़के पर भी, सदी इक्कीसवीं आयी है॥3॥
कहता है अंग्रेजी टफ है, गणित शून्य कर देता है
मिसेज फिर भी है खुश उससे, कहती है प्यारा बेटा है,
पर इतना सब कुछ होने पर, मिसेज ने आस जगायी है।
मेरे नाबालिग लड़के पर भी, सदी इक्कीसवीं आयी है॥4॥
पाण्ड्स लक्स पियर्स सभी साबुन वह रोज रगड़ता है,
छोटी छोटी सी बातों पर पापा से रोज झगड़ता है,
कहता है- पापा का गया जमाना अब, अब मेरी बारी आयी है,
मेरे नाबालिग लड़के पर भी, सदी इक्कीसवीं आयी है॥5॥
जब रात के साढे़ सात बजे वह कुम्भकर्ण बन जाता है,
इलू इलू का गाना वह सपने में रोज सुनाता है,
डिंपल की लड़की टिवंकल पर हप्ते भर फूल चढ़ायी है।
मेरे नाबालिग लड़के पर भी, सदी इक्कीसवीं आयी है॥6॥
दूधवाले
कहीं दूधवालों के नखरे बहुत हैं कभी हैं हंसाते कभी हैं रूलाते।
कभी दूध खुद ही यहां ला के रखते, कभी अपने घर पर हैं हमको बुलाते।
अभी तक तो हमने धवल रंग में ही, सदा दूध पीया सदा दूध पाया।
जलाकर कड़ाहों में बीबी के संग में, कई बार हमने है खोया बनाया।
न जाने है क्या दूध में आज भगवन, कि अब थक गया हूं जलाते जलाते॥1॥
मेहमान घर पर दिखाई दिये तो, इस दिन वे निश्चित बहाना बनाते।
समय जब यहां चाय की बीत जाये, स्वयं दूध देरी से अपने वे लाते।
कहते हैं हंस, भैंस अब दूध दी है, उसे थक गयी मैं मनाते मनाते॥2॥
पहले तो प्रिय दूध की ज्यादती में, मिलाते थे थोड़ा सा कुछ कम ही पानी।
मगर आज कल तो हुआ दूध दुर्लभ, गिराते हैं उसमें वे बाल्टी से पानी।
जिन्हें यमपुरी का टिकट मिल गया है, वे भी बेचारे हैं पानी मिलाते॥3॥
जितना था सम्भव मिलाया था हमने, मगर मेरी मम्मी गोशाले से आयी।
वर्षा का जल था टपकता जो छत से, उसी जल को मम्मी भी फिर से मिलायी।
हमको सदा डॉट पड़ती ही रहती, मगर मम्मी पापा हैं अच्छा मिलाते॥4॥
गरम करते करते बिताते हैं घण्टों, मगर न दिखाई दे थोड़ा सा छाली।
लीटर से बस नापकर दूध को ही, बताती थी मुझको मेरे घर की वाली।
यहां नित्य कम दूध आता है साजन, मैं थक गयी हूं बताते बताते॥5॥
अगर आपके घर भी हो गाय भैंसें, तो अपने भी सुन लो औ सबको सुनाना।
भले भूख से मरना भी पड़ गया तो, वह भी है अच्छा न पानी मिलाना।
यमराज के दूत पीटेंगे तुझको, औ जनता थकेगी चिढ़ाते चिढ़ाते॥6॥
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डॉ0 महेन्द्र प्रताप पाण्डेय ‘‘नन्द‘‘
राजकीय इण्टर कॉलेज द्वारा हाट अल्मोड़ा उत्तराखण्ड
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जीवन परिच;
1. नामः- महेन्द्र प्रताप पाण्डेय ‘‘नन्द''
2. जन्म तिथिः- 05-मई-1965
3. जन्म स्थानः- ग्राम- गोबराई, पोस्ट- बड़हरा,
जिला- देवरिया, (उ0 प्र0)
4. पारिवारिक परिचयः-
पिता- डा0 विश्वनाथ प्रसाद पाण्डेय (होम्योपैथिक चिकित्सक)
माता- श्रीमती विद्यावती पाण्डेय (गृहिणी)
5. शिक्षाः- एम0ए0 (हिन्दी), एम0एड0
6. लेखन की विधाएःँ- कविता, नाटक, कहानी, वार्ता, उपन्यास
7. प्रकाशित कृतियों का विवरण तथा प्रकाशन वर्षः-
§ ‘‘अमृता'' काव्य संग्रह प्रकाशन वर्ष 2007
विमोचनः- पद्मश्री डा0 श्याम सिंह ‘शशि' (पूर्व निदेशक, प्रकाशन विभाग भारत सरकार), पद्म श्री ललित पाण्डेय (उत्तराखण्ड सेवानिधि), डा0 हरि सिंह पाल (आकाशवाणी दिल्ली), डा0 चक्रधर नलिन (रायबरेली), डा0 ऊषा यादव (आगरा), डा0 हीरालाल बाछोतिया (छब्म्त्ज् दिल्ली), डा0 एन0एन0 खान (प्राचार्य के0 ई0 सी0 द्वाराहाट), क्षेत्रीय विधायक श्री पुष्पेश त्रिपाठी के कर कमलों द्वारा बाल प्रहरी साहित्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह 2007 में।
§ ‘‘बुड़मशाण चालीसा'' प्रकाशन वर्ष 2007
विमोचनः- प्रधानाचार्य रा0 इ0 का0 द्वाराहाट तथा मंदिर निर्माण समिति के पदाधिकारी गण
द्वाराहाट द्वारा रा0 इ0 का0 द्वाराहाट अल्मोड़ा में।
§ स्वाधीनता संग्राम में कुमायूँ मण्डल की नारियों का योगदान (काव्य में) (अप्रकाशित)
§ कहानी संग्रह (अनाम) 7 कहानियाँ आकाशवाणी गोरखपुर से प्रसारित
§ उपन्यासः- 1. उपेक्षिता 2. अपहृता प्रणय (प्रकाशनाधीन)
§ नाटकः- 1. प्यार और फाँसी 2. दानवीर मयंक 3. एक टुकड़ी रोटी
4. माई के प्यार 5. धर्म का पलड़ा (सभी मंचित)
§ बाल कविता संग्रहः- (प्रस्तावित नाम उद्भव) अप्रकाशित
§ डाक्यूमेन्ट्री फिल्म का निर्माण- मौसम वेधशाला और द्वाराहाट का मौसम
1- 5 जून 2010 को गोविन्द बल्लभ पन्त पर्यावरण एवं विकास संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा के निदेशक डॉ एल. एम. एस. पालनी, डॉ. आर. एस. रावल वैज्ञानिक, मेजर बी. सी. सती और खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वाराहाट श्री एस. एल. आर्या के द्वारा।
2- ‘‘कजरा'' इण्टरनेशनल फिल्म्स समिति गोण्डा के प्रोड्यूसर श्री राजेश निगम और उमराव जान फिल्म के निर्देशक मुजफ्फर अली के हाथों साहित्य एवं सांस्कृतिक अकादमी वहराइच में।
3- यूट्यूबडॉट कॉम पर यूप्रोब नाम से फिल्म उपलब्ध।
सुन्दर कविता और सुन्दर परिचय.
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