नन्‍दलाल भारती की कहानी - पत्र ऐसा भी

SHARE:

मगनलाल मिठाई मंगाओ,तुम्‍हारा प्रमोशन आर्डर रहा है। विभागाध्‍यक्ष की खुशी को देखकर मगनलाल की खुशी का ठिकाना न रहा। वह परिचर को पांच सौ का नो...

nandlal bharati new

मगनलाल मिठाई मंगाओ,तुम्‍हारा प्रमोशन आर्डर रहा है। विभागाध्‍यक्ष की खुशी को देखकर मगनलाल की खुशी का ठिकाना न रहा। वह परिचर को पांच सौ का नोट देते हुए परिचर सोहन से बोला साहब की पसन्‍द की मिठाई ला दो भाई। सोहन आर्डर तो आ जाने दो। अरे सोहन क्‍यों डरता है,साहब की बात का मान रखना है,साहब कभी व्‍यक्‍तिगत्‌ तौर पर मिठाई खाने का जिक्र नहीं किये। मेरे प्रमोशन से साहब की खुशी का ठिकाना नहीं है। लो दो भाई डर क्‍यों रहे हो साहब कह रहे है तो आ जायेगा। इतने में काल-बेल बजी सोहन बोला ठीक है मगन साहब साहब की सुन लेता हूं तो मिठाई नाशता सब लेकर आता हूं। मगनलाल जो तुम्‍हारी मर्जी करें लाना भाई पैसे की चिन्‍ता ना करना। जाओ साहब की पहले सुन लो। सोहन साहब के सामने हाजिर हुआ। साहब बोले कहां जा रहे हो। सोहन बोला-मगन साहब मिठाई नाश्‍ता बुलवा रहे है। साहब मगन बाबू को बुलाओ। मगनलाल-जी सर।

सहब बोले-मगनजी मैं महीने भर ऐसी चीजे नहीं खा सकता मेरा परहेज चल रहा है। कल ही तो योगा शिविर से आया हूं। बाद में खायेंगे। आपकी खुशी में हमारी खुशी है। आपका प्रमोशन तो पन्‍द्रह साल पहले होना था। ख्‍ौर,देर आये दुरूस्‍त आये अब से भी आपकी नसीब बदल जाये हमें तो बहुत खुशी होगी। हां सर विभाग के सौतेले व्‍यवहार से मेरे कैरियर का जनाजा निकल गया है। उम्‍मीद पर जिन्‍दा हूं, आपकी दुआओं से मेरी नसीब जरूर बदलेगी। बाइस साल की नौकरी आप जैसा कोई बांस नहीं मिला। अधिकतर अफसरों ने रिसते जख्‍म पर खार डालकर अपना काम करवाया फिर कीक मार दिया।

साहब-मगनजी बिते को भूला दो। जितना यााद करो उससे अधिक दुःख होगा। आप जैसे प्रसिद्ध आदमी के साथ मुझे काम करना का मौंका मिला,अच्‍छा लगा।

मगनलाल-सर जो आपको मेरी अच्‍छाई लग रही है वही लोगो के लिये बुराई है। इसी वजह से हारता रहा हूं देश की इतनी बड़ी संस्‍था में।

साहब-हार नहीं जीत कहो मगनलाल।

मगनलाल-बार-बार की हार के बाद भी जीत की उम्‍मीद पर तो जिन्‍दा हूं। आपने मेरी उम्‍मीदों को उम्र दे दिया थैंक यू सर।

साहब-चिन्‍ता ना करो मगनजी आप आसमान जरूर छुओगे। आपकी दुआयें जरूर काम आयेगी कहते हुए घनघना रहे फोन को उठाने के लिये मगनलाल दूसरे कक्ष की ओर दौड़ पड़ा।

दिन बित गया,कुछ अधिकारियों के प्रमोशन आर्डर आ गया। दफतर बन्‍द होते -होते पता चला की स्‍टेट आफिस की फैक्‍स मशीन खराब हो गयी। कल मगनलाल का प्रमोशन आर्डर आ जायेगा। साहब और अन्‍य कर्मचरियों के साथ हंसी-खुशी मगनलाल भी दफतर से खर की ओर प्रस्‍थान किया। दूसरा दिन बित गया ममगनलाल साहब के सामने हाजिर हुआ। साहब देखते ही समझ गये। मगनलाल से मुखातिब होते हुए बोले मगनजी आपका आर्डर अभी तक नहीं आया। कल हेडआफिस आपके सामने बात हुई प्रमोशन हो गया है। प्रमोशन की सूची में आपका नाम है। बैठिये स्‍टेटआफिस से पूछता हूं फैक्‍स ठीक हुआ की नहीं। कहते हुए साहब ने फोन लगा दिया। स्‍टेट आफिस से पता चला कि मगनलाल फिर प्रमोशन से वंचित कर दिया गया है। यह सुनकर साहब को 440 बोल्‍ट का झटका लग गया। वे बोले सांरी मगनजी आपका प्रमोशन रूक गया।

मगनलाल-सर पन्‍द्रह साल से रूक रहा है।

साहब-क्‍या कह रहे हो ?आप इतना पढा-लिखा दो दर्जन से अधिक सम्‍मान प्राप्‍त व्‍यक्‍ति का मामूली सा विभाग में प्रमोशन क्‍या नहीं हो रहा है। मुझे तो आये साल भर भी नहीं हुए हैं इस बीच मैंने तो संस्‍थाहित में आपकी सेवाओं का एक्‍सलेण्‍ट पाया है। आपकी सी.आर भी बहुत अच्‍छी मैंने लिखी है,पहले की आपकी सी.आर.कैसी थी।

मगनलाल-सर बाइस साल से अपने कर्तव्‍यनिष्‍ठा और समय की पाबन्‍दी पर अडिग हूं। काम की अधिकता तो आप देख ही रहे है। काम के बारे में मैं क्‍या कहूं आपसे।

साहब-मगनलाल सब कुछ आपका एक्‍सलेण्‍ट है फिर आपके साथ अत्‍याचार क्‍यों.................?

मगनलाल-सच कहूं.....................

साहब-वही पूछ रहा हूं।

मगनलाल-सर अदरवाइज ना लीजियेगा।

साहब -कैसी बात कर रहे हो मगनजी..............?

मगन-मैं अनुसूचित जाति का अधिक पढा लिखा व्‍यक्‍ति हूं। इस स्‍वायतशासी विभाग में। कई बड़े अधिकारी तो यहां तक बोल चुके है कि तुम जो कर रहे हो उससे आगे का सपना मत देखो अपनी जाति वालों को देखो भर पेट खाने को भी नहीं मिल रहा है। तुम तो कई गुना बेहतर हो पंखे के नीचे बैठे हो तुम्‍हारे बच्‍चे अच्‍छे स्‍कूलों में पढ रहे है। इतनी ही बड़े पद की भूख है तो गले में पट्‌टी पहन लो बड़े पद की। एक साहब ने तो नौकरी से निकलवाने तक का प्रयास किया। एक साहब जो विभाग के बड़े पद से पैसठ साल के बाद रिटायर हुए है उन्‍होने तो प्रमोशन न होने देने की कसम तक खा लिया था। एल.एल.बी.कर लिया है तो वकालत कर रहा है,मुझसे देख लूंगा तेरी वकालत। एक बड़े अधिकारी ने व्‍यंगबाण छोड़ते हुए बोले कि तुम तो नेता हो गये,नेताओं की तरह कपड़ा पहनने लगे हो। उन्‍ही सब का नतीजा मेरा प्रमोशन न होने देना कैडर न बदलने देना मेरी अर्जियों को कूड़ेदान में डालना इसके अतिरिक्‍त कई दूसरे अत्‍याचार।

साहब-मगनजी आपके साथ अन्‍याय संविधान के खिलाफ है।

मगनलाल-सर आपसे एक राय लेना चाहता हूं।

साहब-पूछिये।

मगनलाल-कमीशन में अर्जी लगा दूं क्‍या ?

साहब-प्रबन्‍धन अधिक खिलाफ हो जायेगा। आप एम.डी.और डायरेक्‍टर साहब को एक औत पत्र्र लिखो।

मगनलाल-पहले भी लिख चुका हूं पर वहां तक पहुंच ही नहीं पाया बाइस साल में।

साहब-पहुंचेगा। मैं पहुंचाता हूं। पत्र लिखो उचित माध्‍यम से मैं फारवर्ड करूंगा। ये अत्‍याचार है,योग्‍य व्‍यक्‍ति के साथ अन्‍याय है।

मगनलाल-ठीक है सर लिखदेता हूं। हो सकता है आपका प्रयास से मृत श्‍ौय्‌या पर पड़े मेरे कैरियर को जीवन मिल जाये।

साहब-मगनजी आशावादी बने रहिये। आप कर्तव्‍यनिष्‍ठ,ध्‍ौर्यवान है। जानते है जिसका कोई नहीं उसका भगवान है। निराश मत होइये। एम.डी.और डायरेक्‍टर साहब के नाम पत्र लिख लाइये।

मगनलाल-कार्यालय के कामों को प्राथमिकता देते हुए लंच के समय में पत्र लिखने में जुट गया। सबसे पहले 1- श्रीमान्‌ प्रबन्‍ध निदेशक महोदय, 2- विपणन निदेशक महोदय को संबोधित करते हुए उचित माध्‍यम से पदोन्‍नत के सम्‍बन्‍ध में -अनुरोध पत्र का इस प्रकार लिखा। महोदय प्रणाम,सर्वप्रथम क्षमा का अनुरोध स्‍वीकारें। महोदय्‌ विगत्‌ 21 वर्षो से संस्‍था की सेवा,इर्मानदारी,कर्तव्‍यनिष्‍ठा एवं सम्‍पूर्ण समर्पण भाव के साथ कर रहा हूँ। संस्‍था की सेवा करते हुए उच्‍च श्‍ौक्षणिक एवं व्‍यावसायिक शिक्षा प्राप्‍ति के साथ कई कीर्तिमान भी स्‍थापित किया हूँ जिसके लिये मैं संस्‍था का ऋणी हूं। महोदय, विगत्‌ कई वर्षो से उल्‍लेखित श्‍ौक्षणिक एवं व्‍यावसायिक शिक्षा के आधार पर कैडर में बदलाव के लिए अनुरोध कर रहा हूँ। एम.ए.एल.एल.बी.,पोस्‍ट ग्रेजुएट डिप्‍लोमा इन ह्‌यूमन रिर्सोस डेवलपमेण्ट , इन श्‍ौक्षणिक एवं व्‍यावसायिक योग्‍यताओं केे अतिरिक्‍त मेरे श्‍ौक्षणिक एवं साहित्‍य योगदान के लिये निम्‍नानुसार 25 से अधिक पुरस्‍कार एवं सम्‍मान भी प्राप्‍त हो चुका है। महोदय, उपरोक्त श्‍ौक्षणिक,व्‍यावसायिक योग्‍यताओं एवं अन्‍य योग्‍यताओं के अतिरिक्‍त दूसरी बार आहूत डी.पी.सी. के बाद भी मेरी पदोन्‍नति नहीं हुई है। महोदय, ध्‍यानाकर्षण का विषय है कि विगत्‌ कई वर्षो के अनुरोध के बाद भी मेरे कैडर में बदलाव नहीं हु आ है और अब तो पदोन्‍नत से भी वंचित किया जा रहा हूँ। महोदय, विनम्रता एवं अदब के साथ अनुरोध करना चाहूंगा कि मेरे कैडर में बदलाव का न होना और अब तो पदोन्‍नत से वंचित किया जाना मेरे भविष्‍य की मौत है।

महोदय पुनः क्षमा चाहूंगा,कृपया अन्‍यथा न लें। महोदय, मैं दलित परिवार से हूं। स्‍कालरशिप के सहारे बी.ए.तक की शिक्षा प्राप्‍त कर रोजगार की तलाश में पहली बार शहर आया था। पांच वर्ष की लम्‍बी बेरोजगारी के बाद संस्‍था में टाइपिस्‍ट के पद पर सेवा का सौभाग्‍य प्राप्‍त हुआ। संस्‍था की सेवा में रहकर मैंने उज्‍जवल भविष्‍य की उम्‍मीद में कई दिक्‍कतों का मुकाबला करते हुए एम.ए.। समाजशास्‍त्र। एल.एल.बी.। आनर्स। पोस्‍ट ग्रेजुएट डिप्‍लोमा इन ह्‌यूमन रिर्सोस डेवलपमेण्ट तक की उच्‍च शिक्षा प्राप्‍ति के साथ दर्जन से अधिक किताबों का सृजन कर चुका हूं। आकाशवाणी से रचनाओं के प्रसारणों,देश-दुनिया की पत्र-पत्रिकाओं,ई -पत्र-पत्रिकाओं में स्‍थान मिलने के साथ, उपन्‍यास के प्रकाशनार्थ अनुदान प्राप्‍त हुआ। यह उपन्‍यास विगत्‌ वर्षो से धारावाहिक के रूप में प्रकाशित हो रहा है,जिसके एवज्‌ में एक पैसा नहीं ले रहा हूं। मेरे साहित्‍य पर श्‍ौक्षणिक एवं भाषा की दृष्‍टि से शोध किया जा रहा है। महोदय,मेरी उपरोक्‍त योग्‍यताओं एवं उपलब्‍धियों से यकीनन संस्‍था के स्‍वाभिमान में अभिवृद्धि हुई है। महोदय,दुर्भाग्‍य का विषय है कि उच्‍च योग्‍यताओं एवं उपलब्‍धियों के बाद भी संस्‍था में पदोन्‍नत नहीं हो रही है। अन्‍तोगत्‍वा करबद्ध निवेदन है कि मेरी योग्‍यताओं को देखते हुए मेरे अनुरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर मेरे कैडर में योग्‍यतानुसार बदलाव के साथ पदोन्‍नत प्रदान कर मेरी श्‍ौक्षणिक, व्‍यावसायिक योग्‍यताओं को जीवनदान प्रदान करने का कष्‍ट करें। महोदय आपश्री से निवेदन है कि अपने सम्‍मुख उपस्‍थित होकर मुझे अपनी स्‍थिति को स्‍पष्‍ट करने का अमूल्य समय प्रदान कर हमें अनुग्रहीत करें, मैं आपद्वय का सदा आभारी रहूंगा।

मगन लाल अपने लिखे पत्र को कई बार-पढा। खुद सन्‍तुष्‍ट होकर साहब के पास पहुंचा साहब पत्र के एक-एक शब्‍द को तौले फिर बोले मगनजी आप तो बहुत अच्‍छा लिखते है। लो मैं सिग्‍नेचर कर दिया। अब स्‍कैन कर पहले स्‍टेट आफिस,डायरेक्‍टर इसके एम.डी.साहब को मेल करो। मगनलाल वैसा ही किया। कुछ ही देर में साहब का फोन घनघनाने लगा। स्‍टेट आफिस के सीनियर अफसरों सहित दूसरे अफसर भी नेक और संस्‍थाहित में कार्य करने वाले साहब को आड़े हाथों लेने लगे यह कहकर कि आपने मगनलाल की अर्जी आगे क्‍यों बढाये।

साहब ने फोन पर जबाब दिया-मगनलाल एक प्रतिष्‍ठित व्‍यक्‍ति है,इस व्‍यक्‍ति ने संस्‍था का प्रचार प्रसार कर सम्‍मान दिया है। वह भी विभाग के बिना किसी खर्च किये। ऐसे व्‍यक्‍ति को तो उच्‍च पद पर सुशोभित होना चाहिये। विभाग के अहंकारी अधिकारियों ने सर्वश्रेष्‍ठ योग्‍य कर्मचारी के आगे बढने के रास्‍ते रोक दिये। विभाग में मात्र स्‍नातक बड़े से बड़े पदों पर विराजमान है।

कुछ दिनों में साहब का ट्रान्‍स्‍फर हो गया। मगनलाल का न तो प्रमोशन हुआ न कैडर बदला उपर से उसे काले पानी के सजा की धमकियां मिलने लगी। उपर सेे अनुशासनहीनता के अपराध का जुर्म कायम होने लगा। मगनलाल घबराया नहीं कर्तव्‍यनिष्‍ठा के साथ मौन जंग जारी रखा। मगनलाल के कर्तव्‍यनिष्‍ठा और सद्‌भावना के भाव ने देश-दुनिया के लाखों व्‍यक्‍तिों के साथ विभाग व्‍यक्‍तियों के दिलों पर दस्तख्‍त दे दिया परन्‍तु सामन्‍तवादी प्रशासकों के कान पर जू नहीं रेंगा और पक्‍की हो गयी मगनलाल के कैरियर मौत की सजा। इसके बाद भी मगनलाल की कलम थमीं नहीं। एक दिन मगनलाल की श्रेष्‍ठता सर्वमान्‍य तो हुई पर श्रम की मण्‍डी में उसके लम्‍बे अनुभवों बड़ी-बड़ी डिग्रियों को खामोश कर दिया गया सिर्फ जातीय आयोग्‍यत के नाम पर। इसके बाद प्रमोशन और कैडर में बदलाव के लिये मगनलाल एक और अनुरोध पत्र कभी नहीं लिखा और नहीं संस्‍थाहित में अपने कर्तव्‍यनिष्‍ठा से विमुख हुआ सेवाकाल के अन्‍तिम दिन तक भी। इसी दृढप्रतिज्ञ भाव ने मगनलाल को मिशाल बना दिया। वह इतना श्रेष्‍ठ बन गया कि उसके लिये सामन्‍तवादी श्रम की मण्‍डी का बड़ा पद भी बौना था देश-दुनिया के मानवतावादी लोगों की नजरों में।

-----

नन्‍दलाल भारती 20.09.2011

Email-nlbharatiauthor@gmail.com

http://www.nandlalbharati.mywebdunia.com

http;//www.nandlalbharati.blog.co.in/http:// nandlalbharati.blogspot.com

http:// www.hindisahityasarovar.blogspot.com/ httpp://nlbharatilaghukatha.blogspot.comwww.facebook.com/nandlal.bharati

जनप्रवाह। साप्‍ताहिक। ग्‍वालियर द्वारा उपन्‍यास-चांदी की हंसुली का धारावाहिक प्रकाशन

उपन्‍यास-चांदी की हंसुली,सुलभ साहित्‍य इंटरनेशल द्वारा अनुदान प्राप्त

लंग्‍वेज रिसर्च टेक्‍नालोजी सेन्‍टर,आई.आई.आई.टी.हैदराबाद द्वारा रचनायें श्‍ौक्षणिक एवं शोध कार्य।

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. संतोष सक्सेना7:20 pm

    मैंने आज तक कोई मगन लाल नहीं देखा.कितने ऐसे डिपार्टमेन्ट दिखा दूं जिसमें यह हालत तथाकथित सवर्णों की है. न जाने कितने ऐसे किस्से हैं कि दलित जूनियर तीन रैंक आगे पहुंच गया सवर्ण सीनियर से. और फिर भी दलित बनकर उसे के पुत्र-पुत्री आरक्षण का आनन्द उठा रहे हैं, जबकि उसी दलित बिरादरी के न जाने कितने लोग पेट भी नहीं भर पा रहे. रिक्शे वाले सवर्ण देखना चाहेंगे तो वह भी दिखा दूंगा/.

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: नन्‍दलाल भारती की कहानी - पत्र ऐसा भी
नन्‍दलाल भारती की कहानी - पत्र ऐसा भी
http://lh5.ggpht.com/-IpU8EKorSpQ/Tpk4stu58OI/AAAAAAAAKsU/pPHhMO6c1So/nandlal%252520bharati%252520new%25255B2%25255D.jpg?imgmax=800
http://lh5.ggpht.com/-IpU8EKorSpQ/Tpk4stu58OI/AAAAAAAAKsU/pPHhMO6c1So/s72-c/nandlal%252520bharati%252520new%25255B2%25255D.jpg?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2011/10/blog-post_809.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2011/10/blog-post_809.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content