गोवर्धन यादव का यात्रा संस्मरण : यात्रा अमरनाथ की

SHARE:

आपने अब तक अपने जीवन में अनगिनत यात्राएं की होगी,लेकिन किन्हीं कारणवश आप अमरनाथ की यात्रा नहीं कर पाएं है, तो आपको एक बार बर्फ़ानी बाबा के द...

clip_image002

आपने अब तक अपने जीवन में अनगिनत यात्राएं की होगी,लेकिन किन्हीं कारणवश आप अमरनाथ की यात्रा नहीं कर पाएं है, तो आपको एक बार बर्फ़ानी बाबा के दर्शनों के लिए अवश्य जाना चाहिए. दम निकाल देने वाली खडी चढाइयां, आसमान से बातें करती, बर्फ़ की चादर में लिपटी-ढंकी पर्वत श्रेणियां, शोर मचाते झरने, बर्फ़ की ठंडी आग को अपने में दबाये उद्द्ण्ड हवाएं,जो आपके जिस्म को ठिठुरा देने का माद्दा रखती हैं,कभी बारिश आपका रास्ता रोककर खड़ी हो जाती है,तो कहीं नियति नटि अपने पूरे यौवन के साथ आपको सम्मोहन में उलझा कर आपका रास्ता भ्रमित कर देती है, वहीं असंख्य शिव-भक्त बाबा अमरनाथ के जयघोष के साथ,पूरे जोश एवं उत्साह के साथ आगे बढते दिखाई देते हैं और आपको अपने साथ भक्ति की चाशनी में सराबोर करते हुए आगे,निरन्तर आगे बढ़ते रहने का मंत्र आपके कानों में फ़ूंक देते हैं. कुछ थोड़े से लोग जो शारीरिक रुप से अपने आपको इस यात्रा के लिए अक्षम पाते हैं, घोड़े की पीठ पर सवार होकर बाबा का जयघोष करते हुए खुली प्रकृति का आनन्द उठाते हुए,अपनी यात्राएं संपन्न करते हैं. सारी कठिनाइयों के बावजूद न तो वे हिम्मत हारते हैं और न ही जिनका मनोबल डिगता है, आपको निरन्तर आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करते हैं. रास्ते में जगह-जगह भंडारे वाले आपका रास्ता, बडी मनुहार के साथ रोकते हुए,हाथ जोडकर विनती करते है कि बाबा की प्रसादी खाकर ही जाईये. भंडारे में आपको आपके मन पसंद चीजें खाने को मिलेगीं. कहीं कड़ाहे में केसर डला दूध औट रहा है, तो कहीं अमरती सिंक रही होती है,बरफ़ी, पेड़ा, बूंदी, कचौडियां, न जाने कितने ही व्यंजन आपको खाने को मिलेगें, वो भी बिना कोई रकम चुकाए.

clip_image004

ऐसा नहीं है कि यह नजारा आपकॊ एकाध जगह देखने को मिले,आप अपनी यात्रा के प्रथम बिन्दु से चलते हुए अन्तिम पडाव तक, शिवभक्तों की इस निष्काम सेवा को अपनी आँखों से देख सकते है. हमारी बस को जब एक भंडारे वाले( अब नाम याद नहीं आ रहा है) ने रोकते हुए हमसे प्रसादी ग्रहण करने हेतु विनती की,तो भला हममे इतनी हिम्मत कहां थी कि हम उनका अनुरोध ठुकरा सकते थे. काफ़ी आतिथ्य-सतकार एवं सुसुवादू प्रसाद ग्रहण कर ही हम आगे बढ पाए थे. मन की आदत बात- बात में शंका करने की तो होती है. मेरे मन में एक शंका बलवती होने लगी थी कि ये भंडारे वाले,अगम्य ऊँचाइयों पर जहाँ आदमी का पैदल चलना दूभर हो जाता है,यात्रा के शुरुआत से पहले अपने लोगों को साथ लेकर अपने-अपने पंडाल तान देते है. रसॊई पकाने में क्या कुछ नहीं लगता, वे हर छोटी-बडी सामग्री ले कर इन ऊँचाइयों पर अपने पंडाल डाले यात्रियों की राह तकते हैं और पूरी निष्ठा और श्रद्धाके साथ सभी की खातिरदारी करते हैं. वे इस यात्रा के दौरान लाखों रुपया खर्च करते हैं,भला इन्हें क्या हासिल होता होगा? क्यों ये अपना परिवार छोडकर, काम-धंधा छोडकर यात्रा की समाप्ति तक यहाँ रुकते हैं? भगवन भोले नाथ इन्हें भला क्या देते होंगे?

मन में उठ रहे प्रश्न का उत्तर जानना मेरे लिए आवश्यक था. मैंने एक भक्त से इस प्रश्न का उत्तर जानना चाहा तो वह चुप्पी लगा गया. शायद वह अपने आपको अन्दर ही अन्दर तौल रहा था कि क्या कहे. काफ़ी देर तक चुप रहने के बाद उसने हौले से मुँह खोला और बतलाया कि वह एक अत्यन्त ही गरीब परिवार से है.रोजॊ-रोटी की तलाश में दिल्ली आ गया. छोटा-मोटा काम शुरु किया. सफ़लता रुठी बैठी रही. समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए? किसी शिव-भक्त ने मुझसे कहा-भोले भंडारी से मांगो. वो सभी को मनचाही वस्तु प्रदान करते हैं. बस, उसके प्रति सच्ची लगन और श्रद्धा होनी चाहिए. मैंने अपने व्यापार को फ़लने-फ़ूलने का वरदान मांगा और कहा कि उससे होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा वह शिव-भक्तों के बीच खर्च करेगा. बस क्या था,देखते-देखते मेरी किस्मत चमक उठी और मैं यहां आने लगा. मेरी कोई संतान नहीं थी. मैंने शिव जी से प्रार्थना की और आने वाले साल पर मेरी मनोकामना पूरी हुई. इतना बतलाते हुए उसके शरीर में रोमांच हो आया था और उसकी आँखों से अविरल अश्रुधारा बह निकली थी.

इससे ज्ञात होता है कि यहाँ आने वाले सभी शिव भक्तों को भोलेभंडारी खाली हाथ नहीं लौटाते. शायद यह एक प्रमुख वजह है कि यहाँ प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में शिवभक्त आते है. यह संख्या निरन्तर बढ़ती ही जा रही है. दूसरा कारण तो यह भी है कि बर्फ़ का शिवलिंग केवल इन्हीं दिनों बनता है और हर कोई इस अद्भुत लिंग के दर्शन कर अपने जीवन को कृतार्थ करना चाहता है. और तीसरी खास वजह यह भी है कि लोग अपने नंगी आँखों से प्रकृति का अद्भुत सौंदर्य देखना चाहते है. जो शिवभक्त हिम से बने शिवलिंग के दर्शन कर अपने जीवन को धन्य बनाना चाहते हैं, उन्हें जम्मू पहुँचना होता है. जम्मू रेलमार्ग-सड़कमार्ग तथा हवाई मार्ग से देश के हर हिस्से से जुड़ा हुआ है.

clip_image006

1-जम्मु से पहलगाम( २९७ कि.मी ) _

जम्मु से पहला पडाव पहलगाम है. यात्री टैक्सी द्वारा नगरोटा-दोमल-उधमपुर-कुद-पटनीटाप-बटॊट-रामबन-बनिहाल-तीथर-तथा जवाहर सुरंग होते हुए पहलगाम पहुँच है. पहलगाम नूनवन के नाम से भी जाना जाता है. यह एक अतयन्त सुन्दर –रमणीय स्थान है. जनश्रुति के अनुसार भगवाअन शिव ने माँ पारवती को अमरकथा का रहस्य सुनाने के लिए एक ऐसे स्थान का चयन करना चाहते थे,जहाँ अन्य कोई प्राणी उसे न सुन सके. ऐसे स्थान की तलाश करते-करते श्स्सिव पहलगाम पहुँचे थे. यह वह स्थान है,जहाँ उन्होंने अपने वाहन नंदी का परित्याग किया था. इस स्थान प्राचीन नाम बैलगाम था,जो क्षेत्रीय भाषा में बदलकर पहलगाम हो गया. यात्री यहाँ भण्डारे में भोजन कर रात्री विश्राम करते हैं

2-पहलगाम से चन्दनवाडी-(16कि.मी.)

यात्री सुबह चाय-पानी का टैक्सी द्वारा चन्दनवाडी पहुँचता है. चन्दनवाडी के बारे में मान्यता है कि भोलेनाथ ने अपने माथे का चन्दन यहां छोडा था. यहाँ से कुछ दूरि पर प्रकृति द्वारा निर्मित 100मीटर लंबा पुल है,जो लिद्दर नदी के ऊपर बना है. पर्वत श्रृंखलाएं यहां अपना रुप-रंग बदलती जाती है. आगे की यात्रा थोडी कठिन है,जिसे घोड़े द्वारा तय की जा सकती है. clip_image008

3- चन्दनवाडी से शेषनाग-(13कि.मी.)

चन्दनवाडी से शेशनाग के लिए यह रास्ता काफ़ी कठिन तथा सीधी चढाई वाला है. पिस्सु घाटी होते हुए लिद्दर नदी के किनारे-किनारे मनोहर दृष्यों को निहरते हुए यात्री शेषनाग पहुँचता है. यह स्थल झेलम नदी का उदगम स्थल है,जिसे शेषनाग सरोवर भी कहते हैं. पहली झलक में यूं प्रतीत होता है कि कोई विशाल फ़णीधर(शेषनाग) कुण्डली मारे बैठा हो. झील के पार्श्व में खडी ब्रह्मा-विष्णु-महेश नाम की तीन चोटियां प्रकृति का एक महान चमत्कार ही है. इस झील का पानी नीला है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने अपने गले का शेषनाग का यहां परित्याग किया था. इसी कारण इसका नाम शेषनाग झील पडा. चारों ओर बर्फ़ से ढंकी पहाडियॊं को निहार कर यात्री धन्य हो जाता है. झील से थोड़ा आगे यात्रियों को रात्रि विश्राम करना होता है. यहां जगह-जगह भण्डारे लगे होते हैं,जहां यात्री अपनी पसंद के सुस्वादु भोजन से तृप्त हो जाता है.

4- शेषनाग से पंचतरणी-(12.6कि.मी.)-

सुबह होते ही यात्री चाय-पानी-नाश्ता कर पंचतरणी की ओर प्रस्थान करता है. मार्ग में महागुनस पर्वत है जिसकी ऊँचाई 14500फ़ीट है. महागुनस पर्वत अपने आप में एक आश्चर्य है. हरे-भूरे,कभी-कभी सिन्दुरी रंग में दिखाई देने वाले इस विशाल पर्वत तथा उस पर जमी बर्फ़ की परतों से सूरज की किरणें परावर्तित होकर लौटती है तो यह किसी बड़े हीरे की तरह जगमगाता दिखता है. ऊँचाई पर होने की वजह से आक्सीजन की मात्रा मे कमी होने लगती है,जिससे यात्री को सांस लेने में कठिनाई होती है. एक कदम आगे बढ़ाना भी दुष्वार सा लगाने लगता है. अतः यात्री को चाहिए कि वह यहां बैठकर थोडा सुस्ता ले और अपने आप को सामान्य स्थिति में ले आए. कपूर की डली भी उसे पास में रखनी चाहिए. उसे सूंधने में राहत मिलती है. यहां जोर आजमाइश करने की जरुरत नहीं है.

भगवान भोलेनाथ ने यहां अपने पुत्र श्री गणेश को छोड दिया था. तभी से इसका नाम महागणेश जो कालान्तर में महगुनस हो गया. थोडा आगे चलने पर पंचतरणी नामक स्थान आता है. ऐसा कहा जाता है कि जब शिव मां पार्वती को अमरकथा सुनाने के लिए यहां से गुजर रहे थे, तब उन्होंने नटराज का रुप धारण कर नृत्य किया था. नृत्य करते समय उनकी जटा खुल गई थी जिसामें से गंगा प्रवाहित होते हुए पांच दिशाओं में बह निकली. ऐसी मान्यता है कि भोले ने यहां पंच महाभूतों का यहां परित्याग कर दिया था. यात्री यहां रात्रि विश्राम करता है तथा जगह-जगह लगे भण्डारों मे भोजन करता है

clip_image010

5-पंचतरणी से पवित्र गुफ़ा( 6 कि.मी)

पंचतरणी से 3कि.मी सर्पाकार पहाडियां चढकर 3कि.मी बरफ़ीली चट्टानॊं पर चलकर यात्री बर्फ़ से अठखेलियां करता, उत्साह के के साथ आगे बढता है, क्योंकि यहीं से वह दिव्य गुफ़ा के दर्शन होने लगते हैं. गुफ़ा को देखते ही यात्री की अब तक की सारी थकान काफ़ुर हो जाती है.

समुद्र सतह से 12730 फ़ीट की ऊँचाईं पर 60फ़ीट चौडी,25फ़ीट लंबी तथा15फ़ीट ऊँची गुफ़ा में यात्री की आँखें प्रकृति द्वारा निर्मित शिवलिंग को निहारकर धन्य हो उठती हैं. यहीं हिम से निर्मित मां पारवती के भी दर्शन होते हैं. गुफ़ा के ऊपर रामकुण्ड है, जिसका अमृत समान जल गुफ़ा मे प्रवेश करने वाले यात्रियों पर बूंद-बूंद टपकता है.

clip_image012

हजारों फ़ीट ऊपर से प्रकृति का अद्भुत नजारा देखकर काफ़ी प्रसन्नता का अनुभव होता है. गुफ़ा के पास ही हैलीपैड भी बना हुआ है,जहां से आप हेलिकाप्टर को पास से उतरता तथा आसमान में उडान भरते देख सकते हैं. वे यात्री जिनके पास समय कम है अथवा वे शारीरिक रुप से कमजोर हैं,इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं. आपकी यात्रा के शुरुआती बिन्दु से लेकर यात्रा के अन्तिम पड़ाव तक भारतीय फ़ौज के जवान दिन-रात आपकी सुरक्षा में तल्लीन रहते हैं. कभी-कभॊ घुसपैठिये इस यात्रा में विध्न उतपन्न करने से बाज नहीं आते. फ़ौज के रहने से आपको चिन्ता करने की तनिक भी आवश्यकता नहीं है.

भगवान अमरनाथ के दर्शन-पूजा-पाठ आदि के बाद यात्री अपनी यात्रा से वापिस लौटने लगता है. यहाँ से एक छोटा रास्ता नीचे उतरने के लिए बालटाल होकर भी जाता है.यदि आप इस काफ़ी उतार वाले रास्ते का चयन करते हैं तो आपको रास्ते मेंलेह-लद्दाख-कारगिल-सोनमर्ग-गुलमर्ग होते हुए श्रीनगर आया जा सकता है. यहां आकर आप शिकारे का आनन्द उठा सकते हैं. कश्मीर का यह पिछला हिस्सा सौंदर्य से भरपूर है. प्रकृति नटी का अनुपम नजारा आपको यहां देखने को मिलता है.

अमरनाथ की यात्रा यद्यपि कठिन अवश्य है,लेकिन मन में यदि उत्साह और उमंग है तो निःसन्देह इसमें आपको भरपूर मजा आएगा. यदि आपने प्रकृति के इस अद्भुत नजारे तो नहीं देखा तो सब बेकार है. अतः एकबार पक्का मन बनाइये और बर्फ़ानी बाबा के दर्शनों का लाभ उठाइये. यात्रा करने से पहले हमें क्या-क्या करना चाहिए और कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए, उस पर थोड़ा ध्यान दिए जाने की जरुरत है.

1-यात्री अपना नाम-पता-टेलीफ़ोन नम्बर-मोबाइल नम्बर आदि को अपनी जेब में अवश्य रखें और साथ ही अपने साथियों के नाम पते भी रखे,जो जरुरत पड़ने पर बडा काम आएगा.

(2) अपने साथ सूखे मेवे,नमकीन अथवा भूने चने तथा गुड अवश्य रख लें.

(3) सर्द हवा से चेहरे को बचाने के लिए वेसलीन,मफ़लर,ऊनी दास्ताने,बरसाती,मोजे,कोल्ड क्रीम साथ रखें ,क्योंकि यहां कभी भी बारिश अथवा बर्फ़ पड सकती है. खुला आसमान और खुली धरती के बीच आपको यहां रहना होता है. फ़िर यहां टैंटों के अलावा कोई शैड-वैड आपको देखने को भी नहीं मिलेगे

( 4) यदि आप पिट्टु या घोड़े वाले को साथ लेते हैं तो उनका रजिस्ट्रेशन -कार्ड अपने पास रख लें और यात्रा की वापसी में लौटा दें.

(5) रास्ता उबड-खाबड अथवा फ़िसलन भरा मिलेगा ही, अतः जूते वाटरप्रूफ़ तथा ग्रिप वाले ही पहनें.

(6) चढाई करते समय थक जाएं तो बीच-बीच में आराम करते चलें. अपने आपको ज्यादा थका देने का प्रयास न करें.

(7) आवश्यक दवाएं अपने पास रखें. हालांकि यहां पर पूरी व्यवस्था सरकार बना कर चलती है,फ़िर भी अपने पास दवाओं का किट रख लें.

(8) मुझे यह कहने मे तनिक भी संकोश नही हो रहा है कि हम भारतियों मे यहां-वहां कचरा फ़ेंक देने की बुरी आदत है. कृपया इससे बचें. अपनी खाली प्लास्टिक की बोतलें अथवा प्लास्टिक की थैलियां यहां –वहां न फ़ेके. जब गांव-शहर में ही समुचित सफ़ाई की व्यवस्था हम नहीं बना पाते तो पहाडॊं के दुर्गम स्थान पर कौन सफ़ाई करने की हिम्मत जुटा पाएगा. कई सज्जन लोग बोतल को आधी भरकर उसे नदी मे बहा देते हैं. पता नहीं, अनजाने में ही हम पर्यावरण का कितना नुकसान कर बैठते हैं.

(9) मेडिकल फ़िटनेस का सर्टिफ़िकेट यात्रा से पूर्व अवश्य बनवा लें.(

(10) भारत सरकार ने चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े बन्दोबस्त किए हैं. इसके अलावा आपकी निगरानी के लिए हेलीकाप्टर से भी नजर रखी जाती है. अतः सैनिकों के द्वारा दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन करे.

--

संपर्कः

103 कावेरी नगर ,छिन्दवाडा,म.प्र. ४८०००१
07162-246651,9424356400

COMMENTS

BLOGGER: 4
  1. अभी तक जा नहीं पाए हैं लेकिन मन में है, देखिये कब जाना हो पाता है| अच्छा लगा यात्रा वृतान्त|

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन उपयोगी लेख ! मेरा मन भी आपके सुंदर लेख को पढ़ने के बाद भगवान अमरनाथ के दर्शन को लालायित हो गया है । देखें भोलेनाथ कब बुलाते हैं अपने धाम ।

    जवाब देंहटाएं
  3. गोवर्धन यादव9:19 pm

    काफ़ी मनभावन एवं सुन्दर जगह है.भगवान के अलावा हिमालय की शोभा देखते ही बनती है.जरुर जाएं एक बार.मन में धारणा बना ले वे आपको अवश्य बुलवा लेगें.ध्न्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. गोवर्धन यादव9:29 pm

    मन मे यदि जाने का संकल्प ले लिया जाए तो भगवान बोलेनाथ अवश्य आपकी सुनेगे और आप जल्द ही वहां जा पहुँचेगे.आप को आलेख अच्छा लगा.द्धन्यवाद. धन्यवाद तो संपादक महोदय को भी दिया जाना चाहिए हिन्होने इसे आप तल पहुंचाया.पुनः ध्न्यवाद

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: गोवर्धन यादव का यात्रा संस्मरण : यात्रा अमरनाथ की
गोवर्धन यादव का यात्रा संस्मरण : यात्रा अमरनाथ की
http://lh6.ggpht.com/-hgOh6Yh1NXc/T-l7rRwrIeI/AAAAAAAAMrU/wM9HztlRh7U/clip_image002%25255B3%25255D.png?imgmax=800
http://lh6.ggpht.com/-hgOh6Yh1NXc/T-l7rRwrIeI/AAAAAAAAMrU/wM9HztlRh7U/s72-c/clip_image002%25255B3%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2012/06/blog-post_5859.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2012/06/blog-post_5859.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content