कहानी लेखन पुरस्कार आयोजन -109- कैस जौनपुरी की कहानी : मेरी मां

SHARE:

कहानी मेरी मां कैस जौनपुरी मे री मां बड़ी सुन्दर है. उसे सुन्दर बने रहने का बड़ा शौक है. मेरी मां अपने शरीर का बहुत खयाल रखती है. मेरी मां को...

कहानी

मेरी मां

कैस जौनपुरी

मेरी मां बड़ी सुन्दर है. उसे सुन्दर बने रहने का बड़ा शौक है. मेरी मां अपने शरीर का बहुत खयाल रखती है. मेरी मां को सबसे अपनी तारीफ सुनना बहुत पसन्द है. मेरी मां को अपने फिगर की बड़ी फिक्र रहती है. मेरी मां खाने-पीने में जरा सी भी लापरवाही नहीं बरतती. फूंक-फूंक कर कदम रखती है. कहीं ये खाने से वो मोटी न हो जाए, कहीं वो खाने से चर्बी न बढ़ जाए. अपने फिगर की हिफाजत के लिए उसने मुझे कभी अपना दूध भी नहीं पिलाया. मैं तरसता ही रह गया लेकिन मुझे अपनी प्यारी मां का दूध पीने का सौभाग्य नसीब न हुआ.

मेरी बड़ी इच्छा थी कि मैं अपनी मां के पास रहूं. लेकिन ऐसा भी न हुआ. मेरी मां ने कभी मुझे अपने पास नहीं रखा. मेरी कितनी इच्छा थी कि मेरी मां मुझे लोरी गाके सुलाए. जब मुझे भूख लगे तो अपने हाथों से मुझे खाना खिलाए. मुझे कपड़े पहनाए. नहलाए, धुलाए. हर वो काम करे जो एक मां अपने बच्‍चे के लिए करती है.

मेरी मां ने तो कुछ भी न किया. कुछ भी नहीं. ना तो वो मेरे पेशाब किए हुए गीले बिस्तर पे सोई. ना तो वो मेरी तकलीफ पे रोई. ना तो उसने मुझे प्यार किया, ना ही उसने मुझे कभी अपने सीने से लगाया.

एक बच्‍चा और क्‍या चाहता है...? एक मां उसे अपने सीने से लगा ले, बस और क्‍या...? एक बच्‍चे को भला और क्‍या चाहिए...? बच्‍चा अपनी मां के सहारे ही इस दुनिया में आता है. मगर मेरी मां मेरा सहारा न बनी. मेरी कितनी इच्छा थी कि मेरी मां मेरी उंगली पकड़ के मुझे चलना सिखाए. मैं लड़खड़ाऊं तो मुझे संभाल ले. मुझे चोट लगे तो मुझे संभाल ले. लेकिन मेरी मां ने मुझे अपनी आंखों से दूर ही रखा.

मुझे और किसी बात का उतना अफसोस नहीं जितना इस बात का है कि मेरी मां ने मुझे अपने सीने से लगाकर नहीं रखा. मुझे अपना दूध नहीं पिलाया. सिर्फ इस वजह से कि उसका फिगर खराब हो जाएगा. मैंने तो सुना है दूध पिलाके मां को तसल्‍ली मिलती है. मगर मेरी मां को क्‍या हुआ था...?

मुझे इस बात का भी अफसोस है कि मैंने अपनी मां को नहीं देखा. मैं ये भी नहीं देख पाया कि मेरी मां दिखने में कैसी है....? मैं सोचता था कि जब मैं उसके सामने आऊंगा तो देखूंगा कि उसकी नाक तो मेरे ही जैसी होगी. उसकी आंखें भी मेरे ही जैसी होंगीं. उसकी उंगलियां भी मेरी तरह होंगीं. उसका सब कुछ मेरी ही तरह होगा क्‍यूंकि मैं उसका हिस्सा जो हूं. मगर ऐसा तो कुछ भी मुझे देखने को न मिला.

पता नहीं क्‍यूं मेरी मां ऐसी है कि उसे अपने शरीर से इतना प्यार है...? अच्छा है, लेकिन एक छोटे से बच्‍चे की क्‍या गलती है इसमें...? मेरी क्‍या गलती है इसमें...? कोई मुझे बताए...!

मैं अपनी मां से ही पूछता हूं...मां...! तुमने ऐसा क्‍यूं किया...? क्‍यूं तुमने मुझे खुद से दूर किया....? क्‍या मैं इतना बुरा था....? क्‍या तुम्हें मेरी बिल्कुल भी जरूरत नहीं थी...? मां...! तुम कैसी मां हो...? क्‍या तुम्हारा कलेजा मेरे लिए दुखी नहीं होता...? मां...! क्‍या तुम्हें मेरी याद नहीं आती...?

मां...! आज अगर मैं तुम्हारे पास होता तो तुम्हारी बाहों में झूलता...तुम्हारे आगे-पीछे दौड़ता. तुम्हारे मुंह को चूमता. तुम्हें प्यार से अपनी छोटी सी बाहों में भर लेता. तुम मुझे देखती तो मैं हंस देता. तुम मुझे डांटती तो मैं भाग जाता.

मां...! मैं तुम्हारे पास होता तो कितना अच्छा होता ना...! हम-तुम साथ-साथ खेलते...तुम मुझे खिलौने दिलाती...मैं और खिलौनों की जिद करता...तुम मुझे प्यार से समझाती तो मैं मान भी जाता...जिद नहीं करता...लेकिन तुमने कुछ करने का मौका ही नहीं दिया मुझे. मां...! मेरी मां...! मेरी प्यारी मां...!

मैं रह-रह के अपनी मां से ये सारे सवाल करता हूं मगर मेरी मां कोई जवाब नहीं देती. वो खामोश ही रहती है जैसे मैं उसका कुछ लगता ही नहीं हूं. और फिर उसे मेरी फिक्र हो भी क्‍यूं...? मैं उसके पास होता तो उसकी नजर मुझपे होती. अभी तो उसकी नजर मुझपे हो ही नहीं सकती क्‍योंकि मैं उससे दूर हूं. अब मैं खुद तो अपनी मां के पास जा नहीं सकता. ये मेरे बस में नहीं. अगर ये मेरे बस में होता तो मैं खुद चलकर अपनी मां के पास पहुंच जाता. मगर ऐसा भी नहीं हो सकता.

मैं सोचता हूं मेरी मां को मेरी याद आए. मगर हैरानी की बात है कि मेरी मां को मेरी जरा भी याद नहीं आती. मेरी मां आज भी जिम जाने में यकीन रखती है. चुस्त कपड़े पहनती है. उसे अपने शरीर की बनावट पे बहुत नाज है.

मेरी मां जहां रहती है वहां किसी चीज की कमी नहीं है. अगर मैं अपनी मां के पास होता तो मुझे किसी चीज की कमी नहीं रहती. ना तो खाने की, ना तो पहनने की. मेरी मां का घर जरूरत की हर चीज से भरा है. बस, मेरी मां को मेरी जरूरत महसूस नहीं होती.

मेरी मां का एक आलीशान घर है. अगर मैं अपनी मां के पास होता तो एक अमीर घर का बच्‍चा होता. मगर मुझे ना तो मेरी मां मिली ना ही मुझे मेरी मां की नज़दीकी नसीब हुई. मुझे समझ में नहीं आता मेरी मां ने ऐसा क्‍यूं किया...?

एक अच्छी खासी सोसाईटी में रहती है मेरी मां. सबकुछ तो है उसके पास. फिर उसे क्‍या चिन्ता थी...? क्‍यों उसने मुझे अपने पास नहीं आने दिया...?

मैं देखता हूं बच्‍चे अपनी मां से हमेशा लिपटे रहते हैं. उनकी दुनिया उनकी मां ही होती है. मैं भी ऐसा ही चाहता था. मगर मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ.

मेरी मां के पास कार है. वो कार में घूमती है. अगर मैं उसके पास होता तो वो मुझे अगली सीट पे बैठाती और मैं कार में आगे बैठके खुशी से बाहर की दुनिया देखता. और अपनी मां को कार चलाते हुए देखके खुश होता. मेरी मां कार में गाने भी सुनती है. ये सब खुशियां मेरे नसीब में न आ सकीं.

मेरी मां के घर में टीवी भी है, बड़ा सा. घर भी बड़ा सा है मेरी मां का. मैं सब सोचके बैठा था कि ये सब मेरा है. मेरा ही होगा एक दिन. इस बड़े से घर में मैं खूब खेलूंगा. टीवी पे कार्टून भी देखूंगा. बड़े से घर में जब मैं हसूंगा तब सबकी नजर मुझपे होगी. मगर इस वक्‍त मैं सबकी नजर से दूर हूं. मैं अपने घर में नहीं हूं. वो सब कुछ नहीं है मेरे पास. मेरे पास तो कुछ भी नहीं है. और मुझे तो इन सब चीजों की जरूरत भी नहीं थी. मैं तो खुश था कि मैं अपनी मां के पास रहूंगा तो ये सब है. ये सब रहेगा, जहां मुझे रहना है. मगर मैं वहां रह न सका.

मेरी मां को लोगों से बात करने का बहुत शौक है. जब मैं उसके पास होता तो लोग जब पूछते कि ये कौन है..? तब मेरी मां सबको बताती कि ये मेरा बच्‍चा है. तब मैं अपनी मां के पैर से लिपट जाता. उसके पीछे छिप जाता. कितना कुछ सोचा था मैंने. ऐसा तो कुछ भी न हुआ. ऐसा कुछ क्‍यूं न हुआ...? मेरी मां ने मुझे इन सब बातों को जीने का मौका क्‍यूं नहीं दिया...?

मेरी मां को सेहत कैसे बनाके रखें बहुत अच्छी तरह पता है. इसीलिए तो वो इतनी फिट रहती है. मैं आज भी इन्तजार में हूं कि मेरी मां मुझे अपना ले. मैं उसका फिगर नहीं बिगाडूंगा. एक अच्छा बच्‍चा साबित होऊंगा.

मेरी कितनी इच्छा थी कि मैं अपनी मां की गोद में रहूं. मेरी मां मुझे अपने सीने से लगाके रखे. दुनिया से बचाके रखे. मैं तो अपनी मां के सीने से भी न लग सका. मां के सीने की गर्मी से बच्‍चा पलता है. मां की गोद दुनिया में सबसे हिफाजत की जगह होती है. वहां कोई खतरा नहीं है. मगर मेरे साथ ये भी न हुआ. मैं सोचता था जब मैं अपनी मां की गोद में रहूंगा तो मां का दूध पीने के बाद जब मेरा पेट भर जाया करेगा तब मैं धीरे से अपना छोटा सा हाथ मां के गले में डालके आराम से सो जाऊंगा. मैं सोचता था मैं अपनी मां के सीने से लग के सोऊंगा. मां के सीने से लगके सोने में जो आराम है वो दुनिया में कहीं नहीं. बच्‍चे की जन्‍नत मां की गोद में होती है. बच्‍चों वाली कोई भी हरकत तो मैं कर नहीं पाया.

मैंने शरारत में ये भी सोचा था कि जब मैं अपनी मां का दूध पिऊंगा तब अपना एक हाथ उसके दूसरे दूध पे रखूंगा और खेलूंगा. तब मेरी मां कहेगी... “हट बदमाश...!”

और भी बहुत कुछ सोचा था मैंने...मैंने सोचा था जब मेरी मां मुझे अपनी अपनी गोद में लेगी तब मैं उछल के अपनी मां के गले से लगके उसका चेहरा अपने छोटे से हाथ में ले लेता और उसके माथे को चूम लेता. उसकी नाक से खेलता. उसकी आंखों में खुद को देखता और भूत की तरह आंखें बनाके अपनी मां को डराता. मैं अपनी मां के मुंह पे अपना मुंह रखता और उसे कसके चूमता. कितना कुछ सोचा था मैंने मगर कुछ भी तो न हुआ. मैंने ये भी सोचा था कि अपनी मां के कन्धे से लटककर उसकी पीठ पे चढ़ जाता, फिर कहता, “मुझे घुमाओ...!”

मेरी मां जब कहीं जाती तो मैं उसके पैरों से लिपट जाता कि, “मुझे भी साथ ले चलो.” जब मेरी मां मान जाती तब मैं उसके गाल को चूमके कहता, “मेरी अच्छी मां...!”

रात को सोते वक्‍त मैं अपनी मां से कहानी सुनाने के लिए कहता. कहानी सुनने के बाद अपनी मां के सीने से चिपक कर सो जाता. मैं ये सब सोचता था. इसमें बुरा क्‍या है...?

आज ऐसा है जैसे मेरी मां मुझे जानती ही नहीं. जैसे उससे मेरा कभी कोई वास्ता ही नहीं था. सच ही तो है. मेरी मां को खुद को फिट रखना था और इसी वजह से उसने मुझे दुनिया में आने ही नहीं दिया. मैं अपनी मां के पेट में तो आया. मगर मेरी मां ने मुझे दुनिया ही नहीं देखने दी. फिर ये सब बातें होतीं कहां से...? ये सब तो तब होता जब मैं दुनिया में आता.

कैस जौनपुरी

qaisjaunpuri@gmail.com

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: कहानी लेखन पुरस्कार आयोजन -109- कैस जौनपुरी की कहानी : मेरी मां
कहानी लेखन पुरस्कार आयोजन -109- कैस जौनपुरी की कहानी : मेरी मां
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2012/10/109.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2012/10/109.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content