राजीव का काशीराम जन्म दिवस 15 मार्च पर विशेष आलेख

SHARE:

जन्‍म दिवस 15 मार्च पर विशेष दमित वर्गों के लिए ः अगर बाबा साहब मैजीनी थे तो काशीराम गैरीबाल्‍डी पुस्‍तक दी चम्‍चा ऐज पर विशेष मैं कभी श...

जन्‍म दिवस 15 मार्च पर विशेष

दमित वर्गों के लिए ः अगर बाबा साहब मैजीनी थे तो काशीराम गैरीबाल्‍डी

पुस्‍तक दी चम्‍चा ऐज पर विशेष

मैं कभी शादी नहीं करूंगा, मैं कभी संपत्‍ति अर्जित नहीं करूंगा, मैं अपने घर कभी नहीं जाउंगा, मैं अपना शेष जीवन फूले-अम्‍बेदकर आंदोलन के लक्ष्‍यों को हासिल करने में समर्पित कर दूंगा। यह प्रण कोई और नहीं मान्‍यवर काशीराम जी ने लिया था और उन्‍होंने इस प्रण को जीवनपर्यन्‍त निभाया।

पंजाब के रमदसिया समुदाय के श्री हरि सिंह के घर में काशीराम जी का जन्‍म 15 मार्च सन्‌ 1934 को रोपर जिला के ख्‍वासपूर गांव में हुआ था। विज्ञान से स्‍नातक उत्तीर्ण होने के बाद सहायक वैज्ञानिक के रूप में डीआरडीओ, किरकी, पूणे में अपना योगदान सन्‌ 1957 में दिया जहां इन्‍हें पहली बार पीड़क जातिप्रथा का सामना करना पड़ा। जिस कारखाना में काशीराम जी कार्यरत थे वहां के प्रबंधन ने अम्‍बेदकर जयंती और बुद्ध जयंती के छुटि्‌टयों को रद्‌द कर दिया जबकि तिलक जयंती पर छुट्‌टी बरकरार रखी परंतु महाराष्ट्र के बाबा साहेब अम्‍बेदकर के अनुयायियों ने विरोध नहीं किया विरोध किया एक अनुसूचित जाति के दीना भाना ने, जिन्‍हें नौकरी से निलंबित कर दिया गया। काशीराम जी को प्रबंधन का यह असमान व्‍यवहार बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्‍होंने दीना भाना के लिए कानूनी लड़ाई लड़ा जिसके परिणामस्‍वरूप न सिर्फ दीना भाना को पुनः नौकरी पर रखा गया बल्‍कि अम्‍बेदकर जयंती और बुद्ध जयंती पर छुटि्‌टयों को भी मान लिया गया। उक्‍त घटना ने काशीराम जी में एक जागरूकता को जन्‍म दिया क्‍योंकि इससे पहले उन्‍हें कभी असामान सामाजिक व्‍यवस्‍था और अस्‍पृश्‍यता से रूबरू होने का मौका नहीं मिला था। पंजाबी दलित समाज के शिक्षित परिवार में जन्‍में काशीराम जी को कभी व्‍यक्‍तिगत रूप से अस्‍पृश्‍यता का सामना नहीं करना पड़ा था। अपने नौकरी के दौरान असमान सामाजिक व्‍यवस्‍था को जब उन्‍होंने महसूस किया और देखा तब उन्‍होंने बाबा साहब लिखित शास्‍त्रीय पुस्‍तक ‘दी आननिहिलेशन अॉफ कास्‍ट' जाति का विनाश को पढ़ने की जरूरत महसूस किया और उनपर इस पुस्‍तक का प्रभाव इस कदर पड़ा कि एक रात में उन्‍होंने तीन मर्तबा इस पुस्‍तक को पढ़ डाला। तत्‍पश्‍चात काशीराम जी ने ज्‍योतिबा फूले, पेरियर और बाबा साहब के सभी पुस्‍तकों को पढ़ा और तब उन्‍होंने अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़ी जातियों एवं अल्‍पसंख्‍यक के कल्‍याण के लिए कई संस्‍थाओं की स्‍थापना किया।

काशीराम जी का मानना था कि सामाजिक समानता कभी भी राजनीतिक शक्‍ति के बिना हासिल नहीं की जा सकती है। उन्‍होंने इस तथ्‍य को बहुजन को समझाने का प्रयास किया कि 15 प्रतिशत सवर्ण जातियां 85 प्रतिशत बहुजन पर क्‍यों शासन कर रही है और इसके जबाव में उन्‍होंने नारा दिया कि ‘‘वोट हमारा, राज तुम्‍हारा, नहीं चलेगा, नहीं चलेगा।''

काशीराम जी न तो बाबा साहब भीमराव अम्‍बेदकर की तरह उद्‌भट विद्वान थे और न ही कुशल वक्‍ता परंतु काशीराम जी एक कुशल रणनीतिकार अवश्‍य थे। उन्‍हें भारतीय असमान सामाजिक व्‍यवस्‍था का अंतर्शनात्‍मक ज्ञान और संगठित करने की अपार शक्‍ति के कारण बड़ी संख्‍या में उन्‍हें अनुसरण करने वाले मिलते गए जिन्‍हें काशीराम जी ने शक्‍तिशाली बहुजन आंदोलन में बदल दिया। काशीराम जी ने बाबा साहब के सैद्धांतिक परंपरा को व्‍यवहारिक तौर पर आगे बढ़ाया इस दृष्‍टिकोण से अगर बाबा साहब को इटली के एकीकरण के इतिहास का मैजीनी कहा जाए तो काशीराम जी को गैरीबाल्‍डी की संज्ञा दी जा सकती है। काशीराम जी ने अपने राजनीतिक रणनीति में दलित आंदोलन को बहुजन आंदोलन कहकर प्रयोग में लाया। उन्‍होंने ‘दलित' शब्‍द को अपनी राजनीतिक संघर्ष में कभी जगह नहीं दी बल्‍कि भारतीय राजनीति में बहुजन शब्‍द का प्रयोग का श्रेय इन्‍हीं को जाता है। उन्‍होंने कहा कि दलितों को रोते रहने व भिखारी की तरह मांगते रहने की आदत को छोड़ना होगा। सामाजिक उत्‍थान का मूलमंत्र काशीराम जी ने राजनीतिक रूप से बहुजन एकता को बताते हुए कहा कि दबे-कुचले लोगों को ‘दलितवाद' त्‍यागना होगा। बाबा साहब के ‘साधन और साध्‍य' के सिद्धांत में काशीराम जी ने साध्‍य को महत्‍वपूर्ण मानते हुए किसी तरह के साधन को अपनाने पर जोर दिया। लक्ष्‍य प्राप्‍ति लक्ष्‍य प्राप्‍त करने के साधन को न्‍यायोचित्‍य बना देता है। जबकि बाबा साहब ने लक्ष्‍य प्राप्‍ति के लिए नैतिक साधनों पर विशेष बल देते थे।

बाबा साहब ने महात्‍मा फूले की शिक्षा संबंधी सोच को परिवर्तन की राजनीति के केन्‍द्र में रख कर संघर्ष किया और आने वाली नस्‍लों को जाति के विनाश का एक ऐसा मूलमंत्र दिया जो सही अर्थों में सामाजिक परिवर्तन का वाहक बना। बाबा साहब ने महात्‍मा फूले द्वारा ब्राहणवाद के खिलाफ शुरू किए गए अभियान को विश्‍वव्‍यापी बनाया। बाबा साहब के जीवनकाल में किसी ने यह नहीं सोचा था कि ‘अम्‍बेदकर के सिद्धांत' को आधार बनाकर सता भी हासिल की जा सकती है लेकिन यह कार्य कर दिखाया काशीरामजी ने जिनकी शिष्‍या सुश्री मायावती ने पिछले वर्ष तक उतर प्रदेश की सता पर काबिज रही थी। यद्यपि यह पड़ताल का विषय है कि सता का सूख भोगने वाली मायावती सरकार ने बाबा साहब के सबसे महत्‍वपूर्ण सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए कुछ किया भी या नहीं।

बाबा साहब की प्रसिद्ध पुस्‍तक जिसे ‘बहुजनों का बाइबल' कहा जा सकता है वह है ‘जाति का विनाश', पुस्‍तक के रूप में कैसे आया इसका भी एक रोचक इतिहास रहा है। दरअसल हुआ यह था कि लाहौर के जातपात तोड़क मंडल नामक संस्‍था ने डा. अम्‍बेदकर को जाति प्रथा पर भाषण देने को आमंत्रित किया था। भाषण देने के पहले डा. अम्‍बेदकर ने अपने पढ़े जाने वाले भाषण को लिखकर भिजवा दिया था परंतु जातपात तोड़क मंडल के ब्राहणवादी कर्ताधर्ता ने भाषण को विरोध करते हुए उसे संपादित कर पढ़ने की बात डा. अम्‍बेदकर से कही जो डा. अम्‍बेदकर को मंजूर न था। डा. अम्‍बेदकर ने अपने भाषण सामग्री को पुस्‍तक रूप देकर छपवा दिया जो ‘दी आननिहिलेशन अॉफ कास्‍ट' के रूप में आज हमारी ऐतिहासिक धरोहर है। विश्‍व में शायद ही इतना लंबा भाषण कोई और रहा होगा।

काशीराम जी ने इस पुस्‍तक को एक रात में तीन बार पढ़ डाला और इसका प्रभाव यह हुआ कि काशीराम जी ने भी एक महत्‍वपूर्ण पुस्‍तक ‘दी चम्‍चा ऐज' ‘एन एरा अॉफ स्‍टूजेज' लिखा जो 24 सितंबर 1982 को पूना पेक्‍ट के 50वीं वर्षगांठ पर प्रकाशित किया गया था। इस पुस्‍तक को वैदिक मुद्राणालय, 3957, पहाड़ी धीरज, दिल्‍ली ने मात्र 10 रूपए मूल्‍य पर प्रकाशित किया था। इस पुस्‍तक के प्रस्‍तावना में लेखक काशीराम जी ने कहा है कि शताब्‍दियों से ब्राहणवादी संस्‍कृति के शिकार रहे शूद्र और अतिशूद्र जिन्‍हें अब पिछड़ी जातियां कहा जाता है, काले युग से गुजर रही है। सन्‌ 1848 ई. में ज्‍योतिराव फूले ने ब्राहमणवादियों के खिलाफ जो आंदोलन चलाया वो 20वीं शताब्‍दी के शुरूआत में संपूर्ण भारत में दमित जातियों द्वारा आगे बढ़ाया जाने लगा और 1920 ई. से दमित जातियां भाग्‍यशाली साबित हुयी कि उनलोगों को डा. अम्‍बेदकर का योग्‍य नेतृत्‍व मिला और 17 अगसत 1932 को काम्‍यूनल एवार्ड की घोषण की गयी जो गांधीजी और उनके कांग्रेस को बर्दाशत नहीं हुआ क्‍योंकि काम्‍यूनल एवार्ड के माध्‍यम से पिछडे जातियों को पहचान और अधिकार दोनों हासिल हुआ था और इसलिए गांधीजी 20 सितंबर 1932 को आमरण अनशन पर चले गए जिसके परिणामस्‍वरूप पूना पेक्‍ट अस्‍तित्‍व में आया जिसके तहत दमित वर्गों के लोगों पर सेपरेट इलेक्‍द्रोट के बदले ज्‍वाइंट इलेक्‍द्रोट थोप दिया गया जिसका परिणाम यह हुआ कि दमित वर्गों के लोग सही अर्थ में प्रतिनिधि न बनकर सिर्फ नाममात्र के प्रतिनिधि रह गये थे। काशीराम जी ने ज्‍वांइट इलेक्‍द्रोट के परिणामस्‍वरूप जो राजनीतिक व्‍यवस्‍था दमित वर्गों के लिए अस्‍तित्‍व में आयी उसे चम्‍चा ऐज से इंगित किया है। काशीराम जी अपनी पुस्‍तक में कहते है कि जब चम्‍चा ऐज पचास वर्षों का हो गया तब संपूर्ण भारतवर्ष में पूना पेक्‍ट के बहिष्‍कार करने के उद्‌देश्‍य से इस पुस्‍तक को लिखा गया। सर्वप्रथम 50 पन्‍ने का चम्‍चा ऐज के नाम से बुकलेट फार्म में छापा गया था, बाद में इसे पुस्‍तक रूप में लिख जाना जरूरी समझा गया। इस पुस्‍तक को लिखने के पीछे दलित-शोषित समाज के लोगों को जगाना व जागरूक करना तथा साथ में अगाह करना मुख्‍य उद्‌देश्‍य रहा है। पुस्‍तक को इस तरह लिखा गया है कि दमित शोषित लोग फर्जी और सही नेतृत्‍व में अंतर कर सकें। जिन्‍हें यूगों से चले आ रहे असमान सामाजिक व्‍यवस्‍था को बदलना है उन्‍हें यह मालूम होना चाहिए कि वे किस युग में रह रहें है। ‘दी चम्‍चा ऐज' से इस तथ्‍य की जानकारी मिलती है। पुस्‍तक को सुलभ व उद्‌देश्‍यपूर्ण बनाने के लिए चार भागों व 17 अध्‍यायों में बांटा गया है। पहले व दूसरे भाग में पूर्व संघर्ष की झांकी है, तीसरे भाग में वर्तमान समय को दर्शाया गया है तथा चौथे भाग में संघर्ष के भविष्‍य में अपनाये जाने वाले प्रक्रियाओं की विस्‍तार से चर्चा की गयी है। इस तरह पूरी पुस्‍तक भूत, वर्तमान और भविष्‍य की रूपरेखा प्रस्‍तुत करती है। जिसे बाबा साहब लिखित ‘जाति के विनाश' पढ़ने के बाद पढ़ना आवश्‍यक है।

राजीव

मो. 9471765417

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. बेनामी10:46 pm

    kashiram ji ne dalito ke liye jo sapna dekha aaj uske shisy use bhol gye hai aur unki nam ki kamae ka satta ka sukh bhog rahe hai

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: राजीव का काशीराम जन्म दिवस 15 मार्च पर विशेष आलेख
राजीव का काशीराम जन्म दिवस 15 मार्च पर विशेष आलेख
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2013/03/15.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2013/03/15.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content