एस. के. पाण्डेय का व्यंग्य - एक और वाक इन

SHARE:

एक और वाक इन...... जो प्रसन्नता मयूरी को आकाश में बादल छाते देखकर होती है। चकोर को चाँद देखकर होती है। समुन्द्र को पूर्ण चन्द्र देखकर होती ...

एक और वाक इन......

जो प्रसन्नता मयूरी को आकाश में बादल छाते देखकर होती है। चकोर को चाँद देखकर होती है। समुन्द्र को पूर्ण चन्द्र देखकर होती है। प्रेयसी को प्रियतम को देखकर होती है। वैसी ही प्रसन्नता बेरोजगार युवक-युवतियों को विज्ञापन देखकर होती है। भले ही अंत में निराशा ही हाथ क्यों न लगे ? लेकिन विज्ञापन देखकर नयी स्फूर्ति आ जाती है। नई आशा का संचार हो जाता है। किसी ने सच ही कहा है कि आशा ही जीवन है। बिना आशा के सिर्फ निराशा में कोई कितने दिन जीवित रह सकता है।

एक लड़के ने अभी हाल में ही आशा से निराश होकर आत्महत्या किया है। सुसाइड नोट में लिखा कि सिर्फ बेरोजगारी और आशा ही हमारी थी। अब आशा भी नहीं रही। तब सिर्फ बेरोजगारी के साथ कैसे जीवित रहूँ ?

एक संस्था ने एमएससी में पढ़ाने हेतु एक पद के लिए 'वाक इन इंटरव्यू' का विज्ञापन निकाला । बेरोजगार युवक-युवतियों ने हमेशा की तरह इसे हाथों-हाथ लिया। बेरोजगार एक-दूसरे को सूचित करते हुए कह रहे थे कि पेपर मे देखा कि नहीं ‘एक और वाक इन...’ है। वैसे ख़ुफ़िया सूचना के अनुसार मनोरमा देवी को पहले ही इस पद के लिए योग्य माना जा चुका था । उन्होंने किसी तरह जुगाड़ बैठा लिया था। नगदेश्वर के भी अहम रोल को नकारा नहीं जा सकता। फिर भी सिर्फ विज्ञापन की रस्म पूरा करने के लिए 'वाक इन इंटरव्यू ' आयोजित किया जाना था। साथ ही इसी माध्यम से कुछ आमदनी कर लेने की भी योजना थी।

विज्ञापन में छपी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना जरूरी है। पहली थी कि सभी शैक्षणिक योग्यताओं तथा बायोडाटा की कम से कम १५ प्रतियाँ अवश्य लायें। कई विज्ञापनों में तो इससे भी अधिक मांग लेते हैं। मैंने खुद भी भेजा है। लेकिन तब इसका कारण और आवश्यकता नहीं समझ पा रहा था। दूसरी थी कि इंटरव्यू की फीस जो २५० रूपये है, जमा करने के बाद ही इंटरव्यू में प्रवेश दिया जायेगा। तीसरी थी कि सभी शैक्षणिक योग्ताओं व दावों के लिए प्रमाणपत्र के बिना अभ्यर्थी को अयोग्य माना जायेगा। चौथी थी कि नेट अथवा पीएचडी न होने पर इंटरव्यू में सम्मिलित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इंटरव्यू के दिन सुबह से ही युवक-युवतियों की भीड़ जमा होने लगी। समय तो दस बजे का दिया गया था। लेकिन कहीं देर न हो जाये। इसी चक्कर में लोग साढ़े आठ बजे से ही जुटने लगे थे। समय किसके रोके रुका है। कब शुरुआत हुयी। कब समाप्त होगा। आज के वैज्ञानिक भी नहीं समझ सके। खैर दस भी बज गया। लेकिन अभी कोई कारगुजारी शुरू नहीं की गयी। शायद प्रतीक्षा में थे कि भूला-चूका, लेट-लतीफ कोई हो तो वो भी आ जाय। कहीं ऐसा न हो कि यह खबर मिलते ही कि इंटरव्यू शुरू हो गया है। यहाँ तक आये ही न। और हाथ में आने वाली लक्ष्मी रूठकर चलीं जाएँ।

कुछ भी हो ग्यारह बजते-बजते एक व्यक्ति को फीस और एक व्यक्ति को सर्टिफिकेट आदि इकट्ठा करने के लिए बैठा दिया गया। एक लड़के ने प्रमाणपत्र इकट्ठा करने वाले व्यक्ति से पूछा- सर, विज्ञापन में शैक्षणिक योग्यताओं की कम से कम १५ प्रतियाँ लाने को कहा गया था। निर्धारित संख्या तो लिखी नहीं गयी थी। इसलिए मैं बीस प्रतियाँ ले आया हूँ। सर बोले कोई बात नहीं जितना लाये हो सब यहाँ जमा कर दो। जो लोग कम लाये हों अथवा और अधिक जमा करना चाहते हों। वे लोग बगल से फोटो प्रति करा सकते हैं। एक पृष्ठ का तीन रूपये लगता है। एक दूसरे लड़के ने पूछा सर मेरे पास नेट का प्रमाणपत्र नहीं है। लेकिन मैंने परीक्षा दी थी। अभी रिजल्ट नहीं आया है। सर ने कहा कि इसका कोई प्रमाणपत्र है कि तुमने परीक्षा दिया था। फीस जमा करने वाले सर ने पूछा फीस है कि वो भी नहीं है। लड़का बोला फीस तो है। तब फीस वाले सर ने कहा कि एक सादे कागज पर लिखकर दे दो कि तुमने परीक्षा दिया था। सादा कागज पाँच रूपये जमा करके ले सकते हो। इसके बाद फीस जमा कर दो। तुम्हारा भी इंटरव्यू हो जायेगा।

अभ्यर्थियों की संख्या अनुमानित संख्या से भी अधिक देखकर सभी लोग खासा प्रसन्नचित थे। इंटरव्यू फीस के रूप में ही हजारों रूपये मिल जाने का आंकड़ा लगाया जा रहा था। चूंकि अभ्यर्थी अधिक हो गये थे। इसलिए कई कमरों में इंटरव्यू चालू कर दिया गया। जो विषय के जानकर थे उन्हें भी तथा जो नहीं थे उन्हें भी इंटरव्यू लेने के लिए बैठा दिया गया। यहाँ तक कि चपरासी भी इंटरव्यू लेने लगे। संकेत था कुछ भी पूछो। उल्टा सीधा जो मन में आ जाये। लेकिन जिस ब्रांच में कोई पीएचडी हो अथवा उसके पसंद की ब्रांच से, यदि तुम्हें पता हो तो भी कुछ नहीं पूछना है। सभी अभ्यर्थी को ऐसा संदेश जाना चाहिये कि या तो वह सही जबाब नहीं दे सका अथवा उसके पास आवश्यक प्रमाणपत्रों की कमी थी। ध्यान रहे सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे। मतलब इंटरव्यू भी हो जाये और कोई भी अभ्यर्थी खुद को पद के लिए फिट ना पा सके ।

इंटरव्यू कमेटी के एक सदस्य ने एक अभ्यर्थी से कहा कि जवाब अंग्रेजी में दो। अभ्यर्थी बोला "सर ! आप लोग तो प्रश्न हिंदी में ही पूछ रहे हैं। इसलिए ..."। सदस्य बोला " आप हम लोगों का इंटरव्यू लेने आयें हैं या फिर अपना इंटरव्यू देने। आप बतायेंगे कि हम लोगों को क्या और कैसे पूछना है ? आप जा सकते हैं।

दूसरे अभ्यर्थी से पूछा जाता है कि मुकेश आप का ही नाम है ? अभ्यर्थी बोला " यस सर" ! सदस्य बोला "क्या आपको हिंदी नहीं आती ?" अभ्यर्थी बोला " आती है श्रीमानजी "। सदस्य ने आगे कहा तब हिंदी में पूछे गये प्रश्न का जबाब अंग्रेजी में देकर अपनी काबिलियत दिखा रहे हो । इतना भी पता नहीं कि जिस भाषा में प्रश्न किया जाय उसी भाषा में उसका उत्तर देना चाहिये। और इंटरव्यू देने चले आये। नेक्सट वन । अभ्यर्थी मायूस बाहर निकल आया।

एक अभ्यर्थी से पूछा गया कि राजीव आपका ही नाम है ? अभ्यर्थी बोला " हाँ

श्रीमानजी।" सदस्य ने सवाल किया कि इसका क्या प्रमाण है कि राजीव आपका ही नाम है ? अभ्यर्थी आश्चर्य से देखता रह जाता है। किसी तरह बोला सर ! मुझे बचपन से ही सब इसी नाम से पुकारते हैं। राजीव ही मेरा नाम है। सदस्य बोला लगता है आपने विज्ञापन ठीक से पढ़ा नहीं था। यहाँ हर दावे के लिए प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है। अभ्यर्थी वहाँ से निकलकर मैनेजर के पास गया। बोला सर जी मुझे सिर्फ इसलिए इंटरव्यू से निकाल दिया गया क्योंकि मेरे पास यह प्रमाणपत्र नहीं है कि राजीव ही मेरा नाम है।

मैनेजर बोला आपको प्रमाणपत्र लाना चाहिये था। इसमें मैं आपकी कोई मदद नहीं कर सकता हूँ। आपको शायद पता नहीं की प्रमाणपत्र के अभाव में आज जीवित आदमी को जीवित तक नहीं माना जाता। अभी हाल में एक बृद्ध की पेंशन रोक दी गयी। कार्यालय में गया तो क्लर्क बोला कि आपने अपने जीवित होने का प्रमाणपत्र जमा नहीं किया है। बूढ़ा चिल्लाने लगा कि मैं तो जिन्दा तुम्हारे सामने खड़ा हूँ। इससे बड़ा और क्या प्रमाण हो सकता है ? बूढ़ा रुआंसा हो गया कि जो हाल घर में वही बाहर भी। क्लर्क बोला बिना प्रमाणपत्र के मैं नहीं मान सकता हूँ कि आप जिन्दा हैं। प्रमाणपत्र लेकर आइये।

आगे बताया कि एक आदमी मरा हुआ सड़क के किनारे पड़ा था। लेकिन पुलिस आई और उसे जिन्दा कहकर चली गयी। कारण उसके जेब में जीवित होने का प्रमाणपत्र था। एक आदमी बोला कि यह जिन्दा नहीं मरा है। तो उसे साथ ले गयी। झूठा बयान देने तथा कानून के आँख में धूल झोकने के आरोप में वह जेल में बंद है। अब आप ही बताइए कि जब प्रमाणपत्र के अभाव में जिन्दे को मुर्दा माना जाता है। तथा प्रमाणपत्र होने पर मुर्दे को जिन्दा। तब इस स्थिति में कैसे मान लिया जाय कि राजीव आपका ही नाम है ?

इंटरव्यू ले रहे चपरासी ने एक अभ्यर्थी से पूछा कि क्या यह तुम्हारा ही प्रमाणपत्र है ? अभ्यर्थी बोला हाँ ! श्रीमानजी यह मेरा ही प्रमाणपत्र है। चपरासी बोला क्या आपके पास इसका प्रमाणपत्र है ? अभ्यर्थी भौचक्का रह गया। मुंह से निकला प्रमाणपत्र का प्रमाणपत्र ! सर ! मैं कुछ समझा नहीं आप किस प्रमाणपत्र की बात कर रहे हैं। चपरासी बोला इसी से तो बेरोजगार हो। अगर बात समझ में ही आती तो अब तक रोजगार नहीं मिल गया होता। कितने इंटरव्यू दे चुके हो। अभ्यर्थी बोला दस। चपरासी बोला देते रहो। मेरा मतलब है कि आपके पास हाई स्कूल परीक्षा का एडमिट कार्ड होता तो उसे देखकर पता चल जाता कि यह प्रमाणपत्र तुम्हारा ही है। उसमें परीक्षा का नाम, तुम्हारा नाम, परीक्षा वर्ष, तुम्हारा फोटोग्राफ सब कुछ होता न। अभ्यर्थी बोला सर मुझे हाई स्कूल पास किये हुए दस वर्ष हो गये। प्रवेश पत्र रखना मैंने जरूरी नहीं समझा। चपरासी बोला अभी मैं अपने आठवीं वाला प्रवेश पत्र सुरक्षित रखे हूँ। ठीक है आप जाइये।

इसी तरह एक-एक करके सभी को निपटा दिया गया। सभी मुंह लटकाए वापस लौटने लगे। किसी दूसरे विज्ञापन की प्रतीक्षा में। जो सोच कर आये थे कि इस बार तो मेरा हो ही जायेगा। वे बेचारे थोड़ा ज्यादा परेशान थे।

खैर अभ्यर्थी बाहर निकल रहे थे और दो ठेले वाले अंदर आ रहे थे। शायद प्रिंसिपल साहब कह रहे थे कि कुन्टलों रद्दी भी इकट्ठा हो गयी । तभी किसी चपरासी ने आवाज दिया कि मैनेजर साहब हिसाब ठीक करने के लिए आपको बुला रहे हैं।

---------

डॉ. एस. के. पाण्डेय,

समशापुर (उ.प्र.)।
ब्लॉग: श्रीराम प्रभु कृपा: मानो या न मानो

URL1: http://sites.google.com/site/skpvinyavali/

*********

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. Akhilesh Chandra Srivastava7:34 am

    pandeyaji aapne aaj ke walkin interview ki pole hi khol kar rakh di hai ,vastav me bina source sifaras nagdi ke koi ghas bhi nahi dalta aur is prakar ke walk in berojgaron ko thagne ke madhyam ban chuke hain aur badi sankhya me dhoort log berogaron naukari ke jarooratmando ka shoshan kar rahen hai

    Itne mahatav ke vishya par aur itna sunder likhne par hardik badhaiee

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: एस. के. पाण्डेय का व्यंग्य - एक और वाक इन
एस. के. पाण्डेय का व्यंग्य - एक और वाक इन
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2013/07/blog-post_142.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2013/07/blog-post_142.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content