फ्रेंक्‍वाइस सागा की कहानी - मैदान के किनारे

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फ्रेंक्‍वाइस सागा की कहानियाँ मैदान के किनारे बारहवें 'होल' के बाद सिरिल डबल स्ट्रीट को मितली सी आने लगी। डिट्रायट कन्ट्री क्लब पर...

फ्रेंक्‍वाइस सागा की कहानियाँ

मैदान के किनारे

बारहवें 'होल' के बाद सिरिल डबल स्ट्रीट को मितली सी आने लगी। डिट्रायट कन्ट्री क्लब पर सूरज जोरों से धुनाई किए जा रहा था और हालांकि सिरिल की देह जल रही थी। भीतर से वह बर्फ जैसा ठंडा महसूस कर रहा था। इसके बावजूद वह स्वस्थ है उसके प्रोफेशनल डॉक्टर ने कुछ दिनों पहले ही आश्वस्त किया था। उसकी वास्तविक बीमारी थी उसकी आयु पचपन। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिससे वह चिड़चिड़ा रहता था, क्योंकि न तो डेविड बोहन और उसकी नई प्रमिका ज्वाएनर जरा सा भी सांस को ले परेशान दिख रहे थे। स्वाभाविक भी है वे बत्तीस और अठ्‌ठाईस वर्षीय है। प्रत्येक को अनचाहे सच को स्वीकारना ही पड़ता है ''प्रत्येक कोअतंस्थायी नाडियो की आयु'' शैया दह कहा करता है वह तो डरावने रूप से व्यक्ति की वास्तविक आयु के बराबर ही होती है। कुछ भी हो तब में होल के बाद जवान बोहेन उसकी ओर नजरें चुराकर अनुत्तर भावों से देख रहा, इसमें कोई शक नही कि वह अपनी महात्वाकांक्षा की पूर्ति में कितनी दूर हैः बूढ़े कुत्ते सिरिल में छुटकारा पाने में वह भी राउंड पूरा होनक के पहले उसे दौड़ से बाहर जाना, हमेशा-हमेशा के लिए, उस ज्वायस के दांव पर। यदि सिरिल डबल स्टूटे के मन में जरा भी सफलता का प्रयास जब वह उसमें पहली बार मिला या तो उसे यह स्वीकार लेना चाहिए कि आज भी सुबह वह शून्य है। लेकिन उसे पिछले कुछ समय में अहसास था कि उसके पास कोई मौका है नहीं।

पिछले पांच वर्षों से उसे फ्लर्ट करने के पहले स्टेज के बाद आगे बढ़ने की कोई आशा ही नहीं रही है। उसने सफलता के बारे में सोचना ही बंदकर दिया है। यह उसकी पिछली सफलताओं की तुलना में पर्याप्त पतन था, लेकिन फिलहाल उसने अपने आप ही पूरी तरह छोड़ दिया है और रह गया है, वो आकर्षक सिरिल डबलस्ट्रेट जो कितना हेंडसम हुआ करता था।

भूतकाल ही बचाया उसके लिए बिना किसी नाराजगी उपहास (खिल्लीउड़ाए) वर्तमान और भविष्य का प्रक्ताहंवा गुम चुका था। नहीं वह नहीं था और न कभी हो सकेगा ज्वायस का प्रेमी। स्वाभाविक है जवान बोहेन को इस बिना बुलाए दृढ़ निश्चय के बारे में अंदाज नही है, लेकन सिरिल को युवक की तेजी शाकिंग लगी। वे तीनो इसके पहले भी शाम को बाहर गए हैं, सारा के साथ, ज्वाइस की मित्र के साथ और पांच बजे सुबह तक नही लौटे। वहां शैंपनची शोर था, अल फुरफुरे उठना पर अवश्य कष्ट शमो थी सिरिल ने युवक की मजाक उड़ाती आवाज की परवाह नही की थी जो उसने उसे आते देख शुरू कर दी थी। क्या? अभी से उठ गए? आप तो चमत्कारी ही है। ज्वाइस ने जरूर उसको और सद्‌भावना भरी नजरें फैंकी थी।

अब उसकी टर्न थी। मुस्कराते हुए सिरिल ने अपना क्लब ऊपर उठाया और पूरी ताकत से बाल को मारा जो एक पल को बोहेन के सिर जैसा लगा था।

नाइस शाट प्रसन्नता के साथ कहा ज्वाइस झुकी ओर मुड़ी थी। उसने उसके ब्लांड बालों नीली आंखो, ताजे लाल ओठों, उसकी छरहरी धूप खाते देह को देखा ािा। उसने यह सब देखा और अपने को सिकुडते महसूस किया. वह उसकी प्रशंसा सौन्दर्यशास्त्र के अनुसार कर रहा था एक पुरूष द्वारा स्त्री की प्रशंसा वह न थी। ज्वाइस ने अवश्य ही उसके इस पलायन को अनुभव किया होगा और उसकी आंखों में पछतावा देखा होगा। इसलिए वह उसे देख मुस्कराती रही और उनके कंधे पर हाथ रख झुक गई। उसके पास अचूक अंतदृष्टि थी और विशाल ऊष्मा याि मिल था, उसकी जवाबी उदार थी उस जल्दबाज डेविड की तरह नहीं थी।

डेविड ने अभी-अभी प्यारा सा शॉट मारा था और आगे चल दिया था। सिरिल धीमी सी सीटी बजाते उसके पीछे चल दिया उसके पैर कांप रहे थे, उसका दिल जोर से धड़क रहा था और तेरहवें होल क ेबाद उसे मितली महसूस होने लगी। जैसे ही उसने बाल को मारने के लिए हाथ उठाया उसे चक्कर सा आ गया। मैदान का पूरा चक्कर नही लगा पायेगा उसने डरते हुए सोचे। वह कौनसा बहाना सोच सकता है? अर्जेन्ट टेलीफोन कॉल करना है- वह भी शनिवार को? कोई भी उसकी बात का विश्वास नहीं होगा, वह हमेशा से सुस्त आकर्षक सिरिल रहा है जो यदि कोई मैट ;ऐजेस्टमेंटद्ध भूल जाता था तो व दूसरे दिन फूल भेज दिया करता था, जिसने जिंदगी में ऐसा कोई काम नहीं किया जो उसकी इच्छा के अनुरूप नही और साथ ही उसने अपने असंव में किसी भी गंभीर गंभीरत को इसी बाधा नहींपहुंचाने दी।

मीलों फैला गोल्फ का मैदान उसे बीमारो की तरह हाथ से इशारा कर रहा था। उसे चमकदार हरी घास अंधा करने वाली लग रही थी और हैंडसम मुंछ व जवानों के काले बाल मृत्यु दूत की याद दिला रहे थे। स्वाभाविक है वह अपनी बाल गलत दिशा में दूर तक मारकर फेंक सकता था। लेकिन वह जानता था केदो जो ढूंढ लायेगा, बहरहाल हमसे उसे मात्र कुछ देर का आराम ही मिल सकेगा।

सिरिल डबलस्ट्रेट के शिकार की आंखों सामने के लैंडस्केप को दो गोल्फ कोपे के किनारे पर बने मकान की खिड़की तीन सौ गज दूर पर चमक रही थीं उसने एक स्त्री कोपूरी खिड़की खोल, सामने कुछ सुबह की हवा फेफड़ों में भरते और फिर भीतर जाते देखा। उसके सिरपर कुछ गुलाबी बंधा था। वह गुलाबी सा प्यारा शेड था ओर इस कोमल रंग ने उसे समस्या का हल सुझा दिया । उसके क्लब ने में मोज थी, दोनों जवान एक साथ चीखे बाल शान में उड़ते हुए पीछें खिड़की के अंदर चली गई।

''हे भगवान!'' सिरिल ने कहा- क्या गधा हूं मै... मैं स्लिप होगया था मैं... ज्वाइस हंस पड़ी, उधर केडी समझा सका उसकी ओर देखने लगा था, लेकिन सिरिल ने अपनी शरारत भरी आवाज मेंकहा- नहीं मुझे ही जाना चाहिए क्षमा मांगनेऋ कम से कम इतना तो मुझे करना ही चाहिए। क्यो न तुम मेरे बिना ही आगे बढ़ जाओं? कहते उसने दाहिने ओर की ढाल की ओर राहत महसूस करते बढ़ गया। भले ही कैसा ही स्वागत हो, उनके पास पर्याप्त समय होगा यह समझने कि वह सौजन्यता से भरा था। उसे कम से कम तीन चौथाई बेटा मिलेंगे अपने युवा साथियों से फिर में मिलने के बीच।

''क्या हम तुम्हारा रास्ता देखें! बोहेन ने जोर से कहा- सिरिल ने मुस्कराते हुए इन्कार में हाथ हिलाया अचानक वह उत्साह से भर गया, यही नही उस पिंक स्कार्फ से ढंके चेहरे को देखने की उत्सुकता बढ़ गई। शायद अपूर्व सुदंरी? शायद खिड़की वाली स्त्री उतनी ही मोहक और व्यभिचारिणी हो उस मैडी क्रिस्टर जैसे, जिस स्त्री की उसे याद आई जिसे यह रंग बेहद पसंद था। शायद दो उसे पीली, ढेर सारी जिन पीने का आग्रह करे जिसके बारे में वह पिछले दस मिनिट से सोच रहा है?

उसने उस घर भी घेरी जो डिट्राश की दूर सीमा पर बने दूसरे मकानों जैसा ही दिखता था स्वाभाविक है उसेन शर्ट पैंट में ठीक से दबा लिऐ और अपने बालों को उंगलियों से संवार लिया था दरवाजा खुला लेकिनआधे-अंधेरे में उसे स्पष्ट कुछ दिखलाई नही दिया। उसने स्त्री की आवाज पहले सुनी और फिर उसे देखा। क्योंकि वह इतनी आजाद, कच्ची और प्रसन्नता भरी थी कि मजे एक पल यह समझने में लगा कि यह वही स्त्री थी जिसे उसने खिड़की पर देखा था शायद घर की नौकरानी।

''शर्त लगा सकती हूँ कि यह आपकी ही है, गेंद उसे देते उसने कहा, आइए प्लीज भीतर आइए।''

मुझे क्षमा कीजिएगा मैं बेहद शर्मिंदा हूँ सिरिल से दहलीज पर कदम रखते कहा ''मैं तो यह देखने आया था कि कही आपके घर में कुछ टूट गया हो।''

उसने जल्दी से पीछे मुड़कर देखा वहां दूर बहुत दूर वे दोनों उसी की ओर देख रहे थे, भले ही वे उसे न देख रहे हो, वे आपसी में उसे देख सकते थे। वह जल्दी से भीतर आ गया यह निश्चय दूर कि वह इस स्त्री से कम मे हम इस मिनिट अवश्य करेगा।

''मुझे उम्मीद है मैंने कुछ तोड़े नही है?''

अजी नही, तोडा है एक गंदा सा बेस्ट फ्लावर था। आइए भीतर आकर देखिए न ?

वो उसके आगे गुनगुनाती हुइ सीढ़ियां चढ़ रही थी, वे एक चोकरीदार कमरे में पहुंच गए, उसने उस खिड़की को पहचान लिया और ठिठक कर रूक गया जैसे ही उसने टुकड़ोंको देखा जो कभी मयलक बेज रहा होगा।

''ओह, दिया! उसने ऊपर देखते कहा-'' मुझे दरअसल बहुत दुख है।

और तभी उसने स्त्री के चेहरे को अच्छी तरह देखा। वो 45 के आसपास होगी, काल बाल और मजाकिया मुस्कराहट और एक गंभीर, कोमल चेहरा, ऐसा ही कुछ सिरिल ने सोचा।

मेरी समझ में नहीं आ रहा आपने इतनी दूर फैंकी कैसी? बिना ही शुगुना के मख के उसने पूछा। प्रायः गेंद दूसरी ओर तक ही आती है।

मैं फिसल सिरिल ने शुरू किया फिर रूक गया। उसे अचानक अहसास हुआ कि वह स्त्री को सच ही बोलेगा। उसकी आंखों में सहनशीलता भरी प्रसन्नता थी, जिससे झूठ बोलना संभव नही था पर फिर उस पर यही प्रभाव उस चेहरे का पड़ा था।

''मैं बेहद थक गया था। उसने कहा- सच यह है कि इतनी भरी हरियाली मेरे लिए अपच्य हो उठ था और मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं खेल से छुटकारा कैसे पाऊँ, इसलिए मैंने खिड़की को लिया का बनाया ओर ऐसा हुआ।

तुमने तो मुझे मार ही डाला था, उस स्त्री ने हंसते हुए कहा, वह कतई आश्चर्यचकित नहीं लग रही थी। क्या तुम शर्मिंदा तो नहीं कर रहे हो। बोलते वो वहीं बैठ गई और शिष्टाचार से बैठने को कह वह राहत की सांस लेते हुए तुरंत बैठ गया। यदि इस घर का मालिक अभी लौट आएँ तो उसने दोस्त तो मैं भला कैसा लूंगा। क्लब हाथ में लिए नौकरानी से स्ट्रो के बारे में बातें करते।

स्त्री ने जरूर अपका लगा सिर्फ कि होगा कि वह क्या सोच रहा है, क्योंकि उसे आवश्यक करने के लिए वो हंसने लगा।वे लोग तो फलाडाये है मैं तो हफ्ते में एक दिन आती हूँ, वह हवा को निकालने का। आप भाग्य ना लौटे एक दिन पहले पर बाद में तो आपने खिड़की ही तोड़ दी होती। आपका कया विचार है क्या वह महंगी होगी।

अरे नहीं सिरिल ने उत्तर दिया और टुकड़े हाथ मं इक्ट्ठे करने लगा। तुम्हें पता है मैं ऐसी का इक्ट्ठे कर लूगां इतना कह अपने अंत में दयानदा में काह। यह तो इतना बकखण व ऊपर हुटा कि उन्होंने तोड़ने के लिए अच्छी खासी रकम ही होना ।

स्त्री हंसने लगी ऊपर जेसे ही उसने अपना सिर हिला काले बालों पर पड़ा और आंखों पर पड़ा जो हल्की भूरी थी एक प्रकार से शंख जैसी। एक पूर्ण स्त्री सिरिल ने सोचा, पर जो कभी सुंदर थी अच्छा खासा विचित्र सा काम है यह। यदि वह मेरी नौकरानी होती, उसने मित्रता के साथ निर्णय लिया, तो उसने उसे अपनी रखैल बना लिया होता और उसे रहने की व्यवस्था कर ही देता। वह सीधे तनकर बैठ गया और अपनी मर्दानिक मोहक मुस्कान बिखेर दी वह हैंडसम नही था लेकिन उसके पचास वर्षों में यह स्त्री उसे पसंद करती है और वह जानता था कि कैसे व्यवहार किया जाए।

तुम क्या चाहोगे मुझसे? उसने पूछा, क्या मैं अपना कार्ड छोड़ जाऊं, मेरा पता दिया एक पत्र मालिको के लिए? हे भगवान! क्या बकवास है? जैसे ही उसने परिपाज सका को ध्यान से देखना परखना शुरू किया और हर वस्तु नकली थी, चिपेन्डेल, सस्ते पूर्वी गलीचे, और गंदी नश्लें।

क्या तुम कुछ पीना पंसद करोगे? स्त्री ने इतनी महाश्यता से पूछा कि सिरिल तुरंत उठ खड़ा हुआ, हल्के से झुका और अपना परिचय दिया, मुझे क्षमा करें, मेरा नाम है सिरिल डबलस्ट्रेट मैंने शुरूआत तो यहीं से करनी चाहिऐ थी।

मेरा नाम मोना है उसने कहा- ओर उठकर पिछले कमरे में चली गई। आप क्या लेते? कुछ टमाटो जूस होगा या शायद कुछ हो बोदका।

क्या तुम्हारे विचार से तुम्हारे मालिक ने मुझ तोड़ने के बदले में ड्रिंक दी होती? सिरिल ने हंसते हुए कहा-

कतई नहीं, उन्होंने तो पहले पुलिस को फोन कर दिया होता।

सिरिलउसके पीछे किचन में चला गया। उसने उसके स्तनों के कसाव देखे, कठोर गर्दन, शांतिपूर्ण शक्ति का परिचायक थी। उसे अहसास हुआ कि पवित्रता और कुछ शर्म के साथ वह उसे सौंदर्यता की दृष्टि से नहीं वह एक पुरूष की आंखों से देख रहा था। मोना, अपने पिंक स्कार्प, टेन ब्लाउज और म्यूआन के साथ सुदंर छरहरी, ज्वाइस से भी अधिक उत्तेजक थी।

मकान आधा बंद, छांव से भरा और ठंडा था सिरिल ने अपने दिल की तेज धड़कनों को महसूस किया लेकिन वह युवक के ध्यान में असमर्थ वह थकान की परिणीति नही थी वरन्‌ दूसरी ही गति थी। एक पूर्व परिचित धड़कन उसने सोचा, जिसके बारे में वह भूल चुका था।

उसके दाहिने हाथ में अंगूर का जूस था लेकिन वो कभी-कभी मुस्काराये जा रही थी। उसके चितंब इसके ध्येय और वो उसे विचार मग्न ऊष्मा भरे मुख से देख रही थी।

भला यह मुस्करा क्यों रही है? वो किसे बना रही है सिरिल ने परेशान हो सोचा। उसने उसे सुन्दर तपे हाथ को अपने हाथ में ले लिया वो एक तदुंरूस्त हाथ था, गर्म और भरा हुआ, एक वास्तविक स्त्री का हाथ, एक हाथ जो उसके हाथ पर इस रहा था और उसकी मुस्कराहट सिरिल के चेहरे के पास धुंधला रही थी कैसे? सिरिल उसके चेहरे पे जा रहा था।

एक घंटे बाद, सिरिल डबलस्ट्रीट ने अपने युवा साथियों के क्लब के बारे में पकड़ लिया वे नोर्टनम, वेस्टबुडय और क्रामर्पन के साथ बैठे थे, सभी ने प्रसन्नता स उसका स्वागत किया।

फिर तुमने किया क्या? वो महिला थी भैया बोहन ने मजाक करते पूछा उसकी आवाज में अजीब सी आयी थी।

वो ऐसी तो जरूर रही होगी कि उसने तुम्हें इतनी देर तक रोके रखे? ज्वाइस ने उलाहना भरे स्वर में कहा।

सिरिल ने बैठते हुए कुछ भी नहीं कहा उसे आश्चर्य हुआ कि ये यदि वाक्या को फन उसे जो तक जैसे वे उपयुक्त नहीं। उसे याद आया कैसे किशोरवस्था से वह अपनी विजयी डींगे भरात रहा है। अपनी जिंदगी में पहली बार कुछ शर्मिंदा था। भला वह कैसे मोना से कल मिलेगा, उसके साथ हंस सकेगा फिर वह हम लोगों को इस तरह कहने देगा।

गेंद बाथरूम में गिर गई थी उसने मुस्कारते हुए कहा मुझे प्लान ही नहीं करती पड़ी थी गेंद निकालने भाग्य से लड़कों बच्चों ने मेरी सहायता की उसने जोड़ा।

बोहन ज्वाइस दूर देखने लगी और उसके दोस्त अपनी अपवाहों में मगन हो गए, अब वो चर्चा के केन्द्र में नहीं थां लेकिन कुछ दूर रही उस खिड़की को देख सकता था। और सूरज की रोशनी में वो उसे आंख नहीं रही थी।

अनुवाद -

इन्द्रमणि उपाध्याय

489 नारायण नगर, गढ़ा,

जबलपुर (म.प्र) 482003

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रचनाकार: फ्रेंक्‍वाइस सागा की कहानी - मैदान के किनारे
फ्रेंक्‍वाइस सागा की कहानी - मैदान के किनारे
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