प्रमोद यादव की कहानी - दहेज का दानव

SHARE:

दहेज का रहस्य/ प्रमोद यादव जब से अखिल से मिलकर लौटी हूँ,बेहद उलझ गयी हूँ.कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि अखिल के कौन से रूप को सही मानूं. उसका...

दहेज का रहस्य/ प्रमोद यादव

clip_image002

जब से अखिल से मिलकर लौटी हूँ,बेहद उलझ गयी हूँ.कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि अखिल के कौन से रूप को सही मानूं. उसका एक रूप सामाजिक बुराईयों और रूढ़ परंपराओं के विरोधी तथा आधुनिक विचारों और सजग चेतना के प्रतीक युवक का है तो दूसरा रूप एक ऐसे इंसान का है जिसका आदर्श महज दिखावा है,महज ढोंग है. वैसे मन कहता है कि अखिल ढोंगी नहीं है. उसका आदर्श सिर्फ दिखावा नहीं है मगर उसके जिस व्यावसायिक रूप को मैंने आज अपनी आँखों से देखा, उसे झुठलाना भी सहज नहीं है. एक अनास्था का काँटा सा चुभ गया है मन में.

अखिल मीता का मंगेतर है और मीता मेरी अभिन्न सहेली है. दोनों एक-दूसरे को बहुत चाहते हैं. दो साल बाद अखिल डाक्टर बन जाएगा और तब वह मीता से शादी करके अपने सपनों को पूरा करेगा.वह इसी शहर के मेडिकल कालेज में डाक्टरी पढ़ रहा है और अक्सर ही मीता के घर आता-जाता रहता है. उसके घरवाले नैनपुर में रहते है.मीता के घर में उनके बाबूजी,माँ और दो छोटे भाई हैं.एक भाई सतीश सातवीं में पढ़ता है तथा दूसरा भाई मनीष मेट्रिक का विद्यार्थी है. बाबूजी का सपना मनीष को डाक्टर बनाने का है. वे एक शासकीय कार्यालय में अच्छे पद पर हैं तथा आठ हजार रूपये मासिक वेतन पाते हैं.मीता की माँ बेहद सीधी-साडी धर्म-परायण महिला है.अच्छा खाता-पीता सुखी परिवार है. आज सुबह मीता मेरे पास आई तो बहुत उदास थी.मेरे कारण पूछने पर उसने बताया कि बाबूजी के पास नैनपुर से अखिल के पिता की चिट्ठी आई है कि अखिल की शादी में वे पचास हजार रूपये नगद दहेज के रूप में चाहते हैं और उनकी इस फरमाइश की पूर्ति बाबूजी के लिए कठिन सी है.

मैं मीता के घर की स्थिति अच्छी तरह जानती हूँ इसलिए मुझे स्थिति की गंभीरता समझने में देर न लगी.मैं मीता के बाबूजी के स्वभाव से अच्छी तरह परिचित हूँ. वे बेहद फिजूल-खर्च इंसान है..माँ उन्हें समझाते-समझाते हार जाती है मगर उनकी यह आदत नहीं जाती. वरना उनका परिवार इतना बड़ा भी नहीं कि वे कुछ बचा न पायें. चाहते तो धीरे-धीरे करके अब तक काफी रकम इकट्ठी हो सकती थी. मीता ने उदासी भरे शब्दों में बताया कि इस फरमाइश से माँ व बाबूजी बहुत चिंतित हो गए हैं. उनकी नजर में अब सिर्फ एक ही उम्मीद की किरण है और वह है-अखिल...अखिल के माता-पिता कभी उसके निर्णय का विरोध नहीं करते और अखिल दहेज जैसी सामाजिक कुप्रथा को प्रोत्साहित नहीं करेगा, बस इसी उम्मीद से माँ व बाबूजी कुछ आश्वस्त हैं.

मीता की बातें सुन मुझे भी लगा कि माँ-बाबूजी ठीक ही सोचते हैं.अखिल कभी दहेज नहीं स्वीकार करेगा.यही ख्याल मीता का भी था. मैंने उसे समझाया कि तुम बेकार ही दुखी मत होओ क्योंकि अखिल नए विचारों का युवक है और वह तुम्हें बेहद चाहता है. तुम उससे बात कर लेना. मगर मीता मेरे पीछे पड़ गयी कि यह बात अखिल से मैं करूँ. कमबख्त दलील दे रही थी कि मैं “ फ्रीली” बात नहीं कर सकूंगी,इसलिए तू करना. मुझे उसकी इस अनोखी दलील के आगे झुकना पड़ा और मैं अखिल से मिलने के लिए तैयार हो गयी. और अब, जब उससे मिलकर लौटी हूँ तो मन में अखिल की बातें गूंज रही है. उससे भेंट होने पर कुछ इधर-उधर की बातें करके जब मैं विषय को दहेज की प्रथा की ओर ले गयी तब उसने बहुत तीव्रता से विरोध किया था.उसने कहा कि दहेज-प्रथा समाज के माथे पर कलंक के टीके के समान है.सुनकर मैं बहुत खुश हुई थी.तब मैंने उसे बताया कि नैनपुर से उसके पिताजी का खत आया है जिसमें पचास हजार रूपये नगद दहेज की मांग की गयी है. सुनकर अखिल जैसे कहीं खो गया. उसके होठों पर एक विचित्र मुस्कान आई जो उलझाने वाली थी.मैं कुछ समझ न पाई. मैंने उसको बताया कि मीता के बाबूजी,माँ और खुद मीता बहुत परेशान हैं और उनकी आशाओं का केंद्र अब सिर्फ वही है.

सुनकर अखिल मौन रहा.फिर वही रहस्यमय मुस्कान होठों पर लाकर कहने लगा कि वह पिताजी के फैसले के खिलाफ कोई निर्णय नहीं लेगा. अगर यही बात वह सहज मुस्कान के साथ कहता तो मैं इसे एक मजाक मान लेती किन्तु उसकी उस समय की मुस्कान में चाहे जो रहा हो,मजाक बिलकुल नहीं था. सुनकर मुझे लगा जैसे किसी ने मुझे अँधेरे कुँए में धक्का दे दिया हो. फिर भी मैंने साहस करके आदर्शों की याद दिलाई. कुछ देर पहले कही गयी बातों का जिक्र किया.वह मौन रहा. मैं अच्छी तरह जानती कि अखिल के माता-पिता उसको बेहद चाहते हैं और उसकी किसी भी बात को टालते नहीं इसलिए मैंने उससे अनुनय के स्वरों में कहा कि यदि वह चाहे तो अपने पिताजी के फैसले को बदल सकता है मगर अखिल ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि वह इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा..पिताजी जो करते हैं,उसे रोककर मैं उनका दिल नहीं तोड़ सकता..

अखिल का वह रूप देखकर मन में विरक्ति सी समा गयी.आज उससे मिलने के बाद मीता से मिलने की इच्छा नहीं हुई.सच तो यह है कि मुझमें अखिल के फैसले को मीता को सुनाने का साहस नहीं हो रहा है.मगर सोचती हूँ कि आखिर कब तक बचूंगी. कल ही सुबह मीता पहुँच जायेगी और बड़ी-बड़ी आँखें जिनमें अखिल के लिए विशवास और प्यार है, मेरी आँखों में डाल कर पूछेगी कि बता- क्या कहा मेरे अखिल ने ? और तब मैं कैसे कहूँगी कि अखिल ..सिर्फ ‘उसका’ अखिल आदर्शों का ढोंग रचता है..उसका आदर्श सिर्फ दिखावा है..उसे सामाजिक बुराइयों पर केवल भाषण देना आता है.

आज मीता की शादी है.मेहमानों की भीड़ है घर में.सभी के चेहरों पर उल्लास है..सभी के चेहरों पर रौनक है..घर बेहद भरा-भरा लग रहा है लेकिन जब बीते दो सालों को याद करती हूँ तो मन में जैसे खरोंच सी लग जाती है. इस भीड़ में भी मन जैसे अकेला हो जाता है.ढेर से कामों में उलझे हुए बाबूजी व मा को देख रही हूँ जिनके चेहरों पर एक परम संतोष का भाव है.

उस दिन कितना नहीं रोई थी मीता जब मैंने उसे बड़ी मुश्किल से साहस संजोकर अखिल का निर्णय सुनाया था. वही हाल मीता के बाबूजी व मा का हुआ था जब अखिल का रुख उनके सामने स्पष्ट हुआ था. वे बुझ से गए थे परन्तु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी थी. वे अखिल को किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहते थे क्योंकि उसके उजले भविष्य के प्रति उनकी आस्था शेष थी. वैसे एक बात जरूर आश्चर्यजनक थी कि अखिल इन सबके बावजूद भी नहीं बदला था. वह हमेशा की तरह मीता के यहाँ आता-जाता जैसे कुछ हुआ ही नहीं. उसके व्यवहार में जाने क्या था कि उसने माँ , बाबूजी व मीता को कभी महसूस नहीं होने दिया कि उसने भी मौन रूप से दहेज की मांग के लिए अपने पिताजी का समर्थन किया है. फिर बाबूजी उसे चाहते भी बहुत थे.पचास हजार रूपये की चिंता से जब वे बहुत अधिक परेशान हो जाते तो यही सोचकर अपने आपको तसल्ली दे लेते कि अखिल आखिर उनके बेटे की तरह है, रूपया किसी पराये को तो नहीं देना है. इन दो सालों को मीता ने भी बहुत अजीबो-गरीब ढंग से जिया था. अखिल के लिए वह सब कुछ सह सकती थी.प्यार ने उसे विवश सा कर दिया था. अखिल को उसने अपना देवता माना था. अतः वह उसकी इच्छा के आगे विवश सी हो गयी थी.उसका व्यवसायिक सा रूप भी उसके सपनों को तोड़ नहीं सका था.

कमरे की उमस से बचने के लिए मैं खिड़की खोलती हूँ तो आँगन में मंडप की रौनक नजर आती है. एक क्षण के लिए ठिठक सी जाती हूँ. देखती हूँ, मीता के बाबूजी ने अखिल के पिताजी से कुछ कहा और वे मंडप से उठकर मीता के बाबूजी के साथ इधर ही आने लगे हैं. मैं समझ जाती हूँ कि वे अब इसी कमरे में आयेंगे और अनुमान लगाती हूँ कि उनमें क्या बातें होंगी. वे कमरे में आते हैं तो मैं बाहर जाने लगती हूँ मगर मीता के बाबूजी कहते हैं- ‘ अरे बेटी..तुम्हें बाहर जाने की आवश्यकता नहीं...अपना काम करो...’ और मैं फिर मेहमानों के लिए पान लगाने बैठ जाती हूँ.मेरे कान उनकी बातों की ओर लग जाते हैं.मीता के बाबूजी कह रहे हैं- ‘ समधीजी..दहेज की रकम तैयार है..मैंने सोचा कि आप से पूछ लूँ कि रकम आप अगर सबके सामने न लेना चाहें तो...’

सुनकर अखिल के पिता हँस पड़ते हैं. बाबूजी और मैं चौंक जाते हैं.आखिर उनकी हँसी रूकती है और वे मुस्कुराकर कहते हैं- ‘ समधीजी...दहेज की मांग तो सिर्फ एक नाटक था जो मैंने अखिल के कहने पर खेला वरना दहेज की लालच न मुझे है और ना ही अखिल को...’

‘ क्या...? बाबूजी पुनः चौंक पड़ते हैं, मैं भी कुछ समझ नहीं पाती.

‘ हाँ...मैं ठीक कह रहा हूँ...’ वे बोलते हैं- ‘ अखिल ने आपकी फिजूलखर्ची रोकने के लिए मुझसे वह पत्र लिखवाया था वरना आपमें कभी बचत की प्रवृत्ति नहीं आ पाती...अखिल को मालुम है कि आप किसी के आगे हाथ फैलाना या कर्ज लेना अपना अपमान समझते हैं..’

‘ मगर समधीजी...’ बाबूजी सुखद आश्चर्य भरे शब्दों में कहते हैं- ‘ रकम इकट्ठी हो गयी है..इसे तो आप स्वीकारिये...’

‘ नहीं भई...’ अखिल के पिताजी कहते हैं- ‘ मैंने और अखिल ने इस रकम का उपयोग सोच लिया है..’

‘ क्या उपयोग सोचा है समधीजी ? ‘ बाबूजी के स्वरों में उत्सुकता है.

‘ इसे आप मनीष को डाक्टरी पढाने में खर्च करेंगे..’

बस...इससे आगे मैं नहीं सुनती...दौड़कर मीता के कमरे में पहुँच जाती हूँ. अब मेरी समझ में अखिल के उस दिन की विचित्र मुस्कान का रहस्य समझ में आता है जब वह कह रहा था कि वह पिताजी की मांग का विरोध नहीं करेगा.

मैं जल्दी-जल्दी मीता को सब बातें बताती हूँ.मीता खुशी से मुझसे लिपट जाती है.

xxxxxxxxxxxxxxxxxxx

प्रमोद यादव

दुर्ग, छत्तीसगढ़

COMMENTS

BLOGGER: 2
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: प्रमोद यादव की कहानी - दहेज का दानव
प्रमोद यादव की कहानी - दहेज का दानव
http://lh5.ggpht.com/-6DZZ9WbOsG4/UpGWLN8Lo4I/AAAAAAAAW0w/cziqQ7ZzLKM/clip_image002%25255B3%25255D.jpg?imgmax=800
http://lh5.ggpht.com/-6DZZ9WbOsG4/UpGWLN8Lo4I/AAAAAAAAW0w/cziqQ7ZzLKM/s72-c/clip_image002%25255B3%25255D.jpg?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2013/11/blog-post_4583.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2013/11/blog-post_4583.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content