व्यंग्य - अपना-अपना लोकतंत्र

SHARE:

    शशिकांत सिंह 'शशि'           अंग्रेज हमें जो लोकतंत्र दे गये। उसे हमने संभाल कर रखा है। लोकतंत्र ही नहीं कायदे-कानून,फैशन, रीत...

image 


  शशिकांत सिंह 'शशि'


          अंग्रेज हमें जो लोकतंत्र दे गये। उसे हमने संभाल कर रखा है। लोकतंत्र ही नहीं कायदे-कानून,फैशन, रीति-रिवाज और दरबारी ठाठ सब सलामत है। लोकतंत्र को तो हवा भी नहीं लगने दी।  जस का तस संविधान में रख दिया। चुनाव के दिनों में निकाला प्राण प्रतिष्ठा की और फिर रख दिया  लाल कपड़े में लपेट कर। लाल कपड़े में लपेटने के अपने फायदे हैं। वह विषय तर्कातीत है जो लाल कपड़े में  लपेटी गई हो। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत में है। उसका आकार बढ़ता ही जा रहा है। एक सौ पच्चीस करोड़ लोगों का लोकतंत्र है । ईश्वर ने चाहा तो वह दो सौ पच्चीस करोड़ लोगों का हो जायेगा। बड़े आकार के कारण भी हमारे यहां लोकतंत्र तर्कातीत है। हमारे मिथकीय पात्र अपने आकार की वृद्धि के कारण भी पूजे जाते हैं। इतिहास गवाह है कि हनुमान जी और सुरसा जी में आकार की ही लड़ाई हुई थी। कृष्ण ने कौरवा सभा से लेकर कुरूक्षेत्र तक में लोगों को समझाने के लिए विराट रूप धारण कर लिया था। हमारे यहां आकार को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। मूल बात यह कि लोकतंत्र क्या है ? इस पर सेमिनार होते हैं जिसमें विद्वान हिस्सा लेते है। चाय-पकौड़ों के बाद भाषण होते हैं। अंधों के हाथी की तरह इसका रूप आजतक स्पष्ट नहीं हो सका। जिसके हाथ में लोकतंत्र का जो रूप आया उसे पकड़कर पूजने लगा। हमने भी अक्ल भिड़ाई और दो -चार हिस्से खंगाल कर लाया। जनहित में जारी है-


नेता का लोकतंत्र- चुनाव महापर्व है। वोट देना जनता का महाकर्त्तव्य है। यदि जनता चुनावों में हिस्सा  नहीं लेती तो वह देशद्रोह कर रही है। उन्हें अपनी बुनियादी सुविधाओं के लिए चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने का कोई हक नहीं है। उनको अपने मानवीय अधिकारों के लिए कभी भी चुनावों को ढ़ाल नहीं बनाना चाहिए। इससे लोकतंत्र खतरे में पड़ जाता है। वे चाहें तो नेता के सामने रोये-गिड़गिड़ायें रोड,पानी, बिजली के लिए। सुरक्षा तो कदापि ने मांगे। पुलिस तो नेताओं के पीछे संगीन ताने घूम रही है। गांव-मुहल्लों में कहां से आयेगी। लोकतंत्र को संभालकर रखना नेताओं का परम कर्त्तव्य हैं। इसके लिए जरूरी है कि चुनाव नियमित हों। सांसद और विधायक जीतते रहें। जीतने वाले नहीं चाहते कि कभी हारें। हारने वाले नहीं चाहते कि कोर्ई जीते

नेता चुनाव में उतरते है तो गीता का ज्ञान धारण कर लेते है। उनके लिए साधन का नहीं साघ्य का महत्व होता है। अपने सामने चाचा, ताऊ, मामा, दादा किसी को देखकर विचलित नहीं होते। ऐन चुनाव के वक्त भी कौरव दल के सैनिक पांडव दल में जा सकते हैं। किसी परिवार का मुखिया पांडव दल में होगा तो उसके शेष सदस्य कौरव दल में। कोई इस शर्त्त पर विपक्षी खेमें की मदद करेगा कि उसे हथियार उठाने के लिए न कहा जाये अर्थात उसका नाम उजागर नहीं होगा। संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर है । इसमें चुने गये भगवान रहते हैं। भगवान के आपस में लड़ने, जुत्तम-पैजार करने या संसद की कारवाई बाधित करने से लोकतंत्र पुष्पित-पल्लवित होता है। यदि किसी अन्ना हजारे ने कभी कोई टिप्पणी कर दी तो लोकतंत्र  बीमार हो जायेगा। खतरे में पड़ जायेगा। नेता के पास चुनावों का गणित होता है। राजपूत अमुक संसदीय क्षेत्र में बीस प्रतिशत हैं। बाभन हैं पंद्रह प्रतिशत, चमारों की संख्या अधिक है , लगभग चालीस प्रतिशत तो वही हैं। अर्थ स्पष्ट है कि चमार कैंडिडेट देना होगा।

 
जनता का लोकतंत्र- जनता गांवों में रहती हैं। गांवों का लोकतंत्र जमींदार साहब के दलान में रहता है। कोई भी प्रत्याशी आये उसे जमींदार साहब के दरवाजे पर हाजिरी देनी होती है। वहां वह लोकतंत्र के गले मिलता है। ग्रामीण भी वहीं आ जाते हैं। जमींदार साहब घोषणा करते हैं कि अमुक दल अत्यंत देशभक्त है। वोट उसी को देना है। ग्रामीण खुश हो जाते हैं कि सोचने से बच गये। जमींदार साहब खुश कि जेब में बीस हजार नकद आ गयें। मालिक की दलान में  जो नहीं आते ; उनकी सोच कुछ इस प्रकार की होती है। सड़क तो बन ही जाती लेकिन कुर्मी को जिताने का खामियाजा तो भुगतना ही पड़ेगा। उनकी संख्या ही कितनी है! दाल में नमक के बराबर। राजपूतों को आपस में लड़ने से ही फुर्सत नहीं है। गांव-गांव में मीटिंग करके कहा गया था कि रणबहादुर सिंह को ही वोट दिया जाये लेकिन ससुरे माने ही नहीं।  शूद्रों में एकता है एकमुश्त वोट दे दिये कुर्मी को। वह जीत गया। अब बनवा लो रोड और ले लो बिजली।

कलुआ नेताजी की जीप चलाता है । वह अपने परिवार समेत उन्हें वोट देगा। उसे उम्मीद है कि इस बार ब्लॉक में चपरासी की नौकरी उसके बेटे को मिल जायेगी। रधिया विधायक जी के घर झाड़ू-पोचा करती है। वोट तो उन्हें देगी ही उसे दस सालों से अपने लिए एक जमीन का टुकड़ा मिलने की उम्मीद है। आखिरकार उसका अपना भी मकान हो। रिक्शावाहक रामखेलावन बीड़ी पीते हुये सोच रहा है कि भोट तो किसी को भी डाल देंगे लेकिन उस दिन रिक्शा नहीं चला पायेंगे।  लाला सुंदरदास चुनावों का मजाक उड़ाते हुये तुलसी दास को कोट कर रहे हैं- कोऊ नृप होये हमें का हानि।।  सब लूट ही रहे हैं। ससुरे ईमानदार होते तो राजनीति में जाते ही क्यों।


अधिकारी का लोकतंत्र-कल्कटर सबसे बड़ा अधिकारी है। उसे यह अधिकार हासिल है कि किसी भी अपने नीचे के अधिकारी की मां-बहन कर सकता है। तू-तड़ाक करके छोड़ दे तो समझों साहब का मूड ठीक है। अधिकारी संसार में किसी से नहीं डरता सिवा कोर्ट के नोटिस के। जमाना गया जब अधिकारी नेताओं से डरते थे। एक बार यदि साब ने फाइल पर अंगद पांव रख दिया तो सिवा धन के किसी के नहीं सुनते। दिल्ली से चली फाइल हो या पटना से, रहेगी तो साहब के ही दराज में। यूं समझें कि लोकतंत्र साहब के दराज में रहता है। वहां  अतिथि की हैसियत से नहीं कैदी के तौर पर रहता है। मनरेगा हो या धन-जन साहब की मर्जी के बिना सांस भी नहीं ले सकता।

अंग्रेज गये तो अपने इस्पात की दीवार को छोड़ गये। आम आदमी क्या आम नेता,अभिनेता, गुंडा या उद्योगपति भी साहब के दर्शनों को तरस जाये। लोकतंत्र पर सरकार टिकी है और  सरकार टिकी है साहब के मूड पर। ऐसा नहीं कि अधिकारी अलोकतांत्रिक होते है। दरअसल उन्हें भूत-भविष्य और वर्त्तमान तीनों को पलक झपकते जान लेना होता है । उनसे उम्मीद की जाती है कि वे एवमस्तु किये और सारे काम हो गये। चुनाव के दिनों में तो महीनों तक मीटिंग लेते-लेते खाने-पीने की भी सुध नहीं  रहती। एक -एक बूथ की व्यवस्था करते-करते साहब का वजन आधा रह जाता है। जनतंत्र उनके लिए तो जी का जंजाल ही है।


बुद्धिजीवी का लोकतंत्र-लोकतंत्र मानव को मानव से जोड़ने वाली; असहायों को सहायता देने वाली एकमात्र विश्वसनीय शासन व्यवस्था है। बुद्धिजीवी आलेख, कहानियां, कविताएं, आदि लिखेगा। चित्र बनायेगा। रंगमंच पर लोकतंत्र के पक्ष में प्रस्तुति देगा लेकिन वोट नहीं देगा। वह दर्शन की मुद्रा में आकाश की ओर देखकर सोचता है कि नागनाथ हो या सांपनाथ बदलने वाला क्या है ? गुंडे-मवालियों को बोलबाला है राजनीति में , वोट दिया किसको जाये ? पॉलटिक्स इज ऐ डर्टी गेम। समाज को जागृत करना बुद्धिजीवी का कर्त्तव्य है कि चुनावों को महापर्व माने बूथ पर जाये। मतदान करे। समाज जाये ; उसे छोड़ दे घर में नई कविता लिखने के लिए। व्यवस्था को कोसने के लिए। वह घर मे बैठा कूढ़ेगा।               

  शशिकांत सिंह 'शशि'
        जवाहर नवोदय विद्यालय
   शंकरनगर,नांदेड़ 7387311701

 skantsingh28@gmail.com

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: व्यंग्य - अपना-अपना लोकतंत्र
व्यंग्य - अपना-अपना लोकतंत्र
http://lh3.googleusercontent.com/-Y_Ag4jV2RZE/VYUNQfNfwvI/AAAAAAAAkAk/S3epyn8rlHA/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
http://lh3.googleusercontent.com/-Y_Ag4jV2RZE/VYUNQfNfwvI/AAAAAAAAkAk/S3epyn8rlHA/s72-c/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2015/06/blog-post_25.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2015/06/blog-post_25.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content