दीपक आचार्य का आलेख - स्त्री विरोधियों को नहीं है नवरात्रि साधना का अधिकार

SHARE:

नवरात्रि मूलतः शक्ति उपासना का वार्षिक पर्व है जो शक्ति प्रति आदर-सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक है। यह पर्व शक्ति उपासना का सीधा और स्पष्ट सं...

image

नवरात्रि मूलतः शक्ति उपासना का वार्षिक पर्व है जो शक्ति प्रति आदर-सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक है। यह पर्व शक्ति उपासना का सीधा और स्पष्ट संदेश भी देता है, घनीभूत शक्ति साधना का विशिष्ट अवसर भी देता है और इस शाश्वत संदेश का प्राकट्य करता है कि शक्ति उपासना और श्रद्धा सहित स्वीकार्यता की यह परंपरा सनातन रूप से बरकरार रहे।

पूरी दुनिया चन्द्र-सूर्यात्मक और शिव-शक्ति आधारित है। इन्हीं के विभिन्न स्वरूप जगत में विद्यमान हैं। शिव और शक्ति के बिना सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती। इनमें भी सर्वत्र शक्ति के ही प्रभाव से जीवन्तता विद्यमान है और शक्ति के बिना सब कुछ जड़त्व को प्राप्त हो जाता है।

यहाँ तक कि शिव भी शक्ति के बिना शव ही है। इसीलिए कहा गया है - शक्ति विना महेशानि सदाहं शवरूपकः, शिवः शक्त्यायुक्तो यदि भवति शक्तः प्रभवितु ....। ई कार तत्व शक्ति का प्रतीक है और इसके अभाव में शक्तिहीनता, जड़ता और उदासीनता स्वाभाविक ही है।

शक्ति उपासना की दृष्टि से नवरात्रि सर्वोपरि वार्षिक उत्सव है जिसमें शक्ति आराधना के बहुविध स्वरूप हमें देखने को मिलते हैं। नवरात्रि सदियों से चली आ रही है जिसमें भिन्न-भिन्न प्रकार से दैवी उपासना का क्रम विद्यमान रहा है।

सभी लोग चाहते हैं कि उन पर दैवी कृपा बनी रहे और किसी भी प्रकार की कहीं कोई कमी नहीं रहे। नवरात्रि के दिनों में सभी स्थानों पर दैवी मन्दिरों में खूब भीड़ छायी रहती है, लाखों की संख्या में साधक दिन-रात साधनाएँ करते हैं, असंख्य लोग जप, अनुष्ठान, पदयात्राओं, यज्ञों, गरबा नृत्यों और जाने किन-किन उपासनाओं के माध्यम से दैवी उपासना में रमे हुए रहते हैं।

इन सभी प्रकार की हलचलों के बावजूद नवरात्रि साधना का न कहीं कोई प्रभाव क्षेत्र या देश में दिख पा रहा है, न दुनिया में। सभी प्रकार की मानवीय, क्षेत्रीय और प्राकृतिक आपदाओं से लेकर राक्षसी प्रभाव बरकरार है, दैवी मैया इतना सब कुछ करने के बाद भी खुश नहीं हैं, और न ही हम दिली सुकून या आत्मतोष का अहसास कर पा रहे हैं।

इसका मूल कारण क्या है, इसे समझने को न हम तैयार हैं, न किसी ने कोशिश की है। हम सभी लोग शक्ति उपासना को स्थूल रूप में लेकर मूर्तियों और कर्मकाण्ड में देवी मैया को तलाशने के लिए सारे जतन करते रहे हैं।

हमने शक्ति तत्व के जीवन्त व साक्षात स्वरूप को जानने-पहचानने और समझने की कभी कोई कोशिश नहीं की। इस मामले में हम सारे के सारे लोग नासमझ और निरे मूर्ख कहे जा सकते हैं।

शक्ति उपासना का अर्थ यह है कि देवियों की आराधना के माध्यम से हम स्त्री तत्व का आदर-सम्मान करें, उन्हें महत्त्व दें और उनके मनोनुकूल बर्ताव करते हुए उन्हें प्रसन्न रखते हुए उनके भीतर विद्यमान दैवी तत्व को जागृत करें और उसके माध्यम से जीवन को सहज, सुन्दर और सुनहरा स्वरूप प्रदान करते हुए आनंद भाव से रहें तथा पूरे जगत को भी आनंद ही आनंद प्रदान करें।

एक ओर हम शक्ति उपासना और नवरात्रि के नाम पर बहुत कुछ धूमधामी संस्कृति और उत्सव मनाते रहे हैं, दूसरी तरफ उनका अपमान करते हैं जिन्हें दैवी का मानवी अवतार माना जाता है।

हम कैसे देवी उपासक हैं जो कन्याओं को गर्भ में ही मार डालते हैं, स्त्रियों पर अत्याचार करते हैं, प्रताड़ित करते हैं, उनके जीवनयापन में रुकावटें पैदा करते हैं और स्त्रियों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानने जैसे घृणित कर्म करते हैं।

इससे सिद्ध होता है कि नवरात्रि के नाम पर हम जो कुछ करते हैं वह सिवाय ढोंग और पाखण्ड के कुछ नहीं है। नवरात्रि साधना में देवी के आत्मीय एवं संबंध सूचक स्वरूपों को लेकर हम गला फाड़-फाड़ कर दुर्गापाठ और दूसरी प्रकार की स्तुतियों का गान करते हैं लेकिन यथार्थ में हम देवी के मानवी स्वरूप क कितना ख्याल रख रहे हैं, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है।

संसार की समस्त स्त्रियों में मातृभाव का उद्घोष करते हुए हम यहां तक कह जाते हैं - मातृवत् परदारेषु , ........ स्ति्रयः समस्ताः सकला जगत्सु। आदि- आदि। लेकिन यथार्थ में आज भी हम इसके परिपालन से कोसों दूर हैं।

सच में देखा जाए तो उन लोगों को नवरात्रि या देवी उपासना का कतई अधिकार नहीं है जो स्त्रियों के प्रति हीनता भरा बर्ताव करते हैं, उन्हें भला-बुरा कहकर प्रताड़ित और दुःखी करते हैं, स्त्रियों को लेकर ताने कसते हैं, बुरी और अश्लील बातें करते हैं, स्त्रियों को बदनाम करने के लिए षड़यंत्र रचते रहते हैं, स्त्रियों के विरूद्ध व्यवहार करते हुए स्त्रियों के बारे में शिकायतें करते रहते हैं, नीचा दिखाते हैं और स्त्रियों पर हाथ उठाते हैं।

ऎसे लोगों को दैवी पूजा का कोई अधिकार नहीं है बल्कि यथार्थ यह भी है कि ऎसे लोग देवी पूजा या नवरात्रि के नाम पर जो कुछ नाटक करते हैं उसे देवी कभी स्वीकार नहीं करती बल्कि ऎसे लोगों पर कुपित होकर दण्ड देती है।

स्त्री मात्र में देवी की भावना रखते हुए जो लोग नवरात्रि पूजा करते हैं, स्त्रियों के प्रति हमेशा आदर-सम्मान और माधुर्यपूर्ण व्यवहार रखते हैं उन्हीं की देवी साधना फलीभूत होती है।

इससे भी आगे बढ़कर बात यह है कि स्त्री सम्मान का भाव रखने वाले साधकों को अत्यल्प साधना और बहुत कम परिश्रम से ही देवी की कृपा और वरदान प्राप्त होता है और वह भी शाश्वत और स्थायी आनंद एवं आत्मतोष देने वाला।

स्त्री को दूसरे दर्जे की मानते हुए अपने अहंकार दर्शाने और अपने आपको पुरुष कहलाने वाले लोग वास्तव में पुरुष हो ही नहीं सकते क्योंकि असली पुरुष न स्त्रियों का कभी अनादर करते हैं, न स्त्रियों को कभी प्रताड़ित या दुःखी होते देख सकते हैं।

स्त्री का अनादर करने वाले तथाकथित पुरुषों के प्रति सभी प्रकार के देवी-देवता भी नाराज रहते हैं क्योंकि हरेक देव साधना तभी सफल हो सकती है जबकि उनकी शक्ति को भी यथोचित सम्मान मिले। नवरात्रि में देवी पूजा तभी सफल हो सकती है जबकि हम संसार की सभी स्त्रियों के प्रति अन्तर्मन से सम्मान का भाव रखें।

बात केवल पुरुष मात्र के लिए ही लागू नहीं है बल्कि उन स्त्रियों के लिए भी उतनी ही लागू होती है जो दूसरी स्त्रियों से ईर्ष्या-द्वेष और शत्रुता के भाव रखती हैं। उनके प्रेम और दाम्पत्य का क्षरण करती हैं, दूसरों के प्रेमियों या पतियों को छीनकर प्यार की छीन-झपटी में विश्वास रखती हैं।

ऎसी स्त्रियों द्वारा की जाने वाली दैवी उपासना का भी कोई फल प्राप्त नहीं होता अपितु देवी मैया इनसे रुष्ट होकर इनके जीवन को अभिशप्त बना डालती हैं।

दैवी पूजा के नाम पर हम चाहे कुछ न करें, स्त्री मात्र के प्रति सम्मान रखें, स्त्रियों की समस्याओं के निराकरण और स्त्रियों को सहज, आसान, बेहतर एवं स्वाभिमानी जिन्दगी मुहैया कराने, विधवाओं और परित्यक्ताओं, निराश्रित और जरूरतमन्द स्त्रियों की हरसंभव मदद करने आदि के लिए प्रत्यक्ष कुछ करें, इससे दैवी बिना किसी साधना के प्रसन्न हो जाती है।

स्त्री के भीतर विद्यमान दैवी तत्व को जानें तथा समस्त स्त्रियों का आदर-सम्मान करें, तभी हमारी नवरात्रि साधना सफल है, अन्यथा हम जो कुछ कर रहे हैं वह पाखण्ड के सिवाय कुछ नहीं है।

यह ध्यान रखें कि जो स्त्री का अपमान करता है उसे देवी महिषासुर, शुंभ, निशुंभ, चण्ड-मुण्ड और रक्तबीज जैसे असुरों के बराबर ही मानती है और उसके संहार के सारे इंतजाम कर देती है, चाहे ऎसे लोग कितनी ही देवी साधना क्यों न कर लें।

 

---000---

दीपक आचार्य के प्रेरक आलेख inspirational article by deepak aacharya

- डॉ0 दीपक आचार्य

  dr.deepakaacharya@gmail.com

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: दीपक आचार्य का आलेख - स्त्री विरोधियों को नहीं है नवरात्रि साधना का अधिकार
दीपक आचार्य का आलेख - स्त्री विरोधियों को नहीं है नवरात्रि साधना का अधिकार
http://lh3.googleusercontent.com/-VHy_zG2kd0k/Vh-hz8CdLJI/AAAAAAAAn5U/UxHQBaJII9o/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
http://lh3.googleusercontent.com/-VHy_zG2kd0k/Vh-hz8CdLJI/AAAAAAAAn5U/UxHQBaJII9o/s72-c/image%25255B2%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2015/10/blog-post_43.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2015/10/blog-post_43.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content