ललित गर्ग का प्रेरक आलेख - कीर्तिमान गढ़ने में उम्र बाधक नहीं

SHARE:

सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। अपने कार्य के प्रति समर्पण और उसके प्रति प्यार-ये दो ऐसे प्रमुख कारण हैं जो किसी भी व्यक्ति को सफल बना सकते...

image

सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। अपने कार्य के प्रति समर्पण और उसके प्रति प्यार-ये दो ऐसे प्रमुख कारण हैं जो किसी भी व्यक्ति को सफल बना सकते हैं। सफलता और पुरस्कार ही जीवन की सार्थकता नहीं हो सकती। हां, इनका महत्व इतना जरूर है कि ये दोनों चीजें जीवन में आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करती हैं।  प्रायः सभी के मन में विकास करने की तमन्ना रहती है। हरेक व्यक्ति के मन में वार्तमानिक स्थिति से ऊपर उठकर कुछ नया सृजन और नया निर्माण करने की ललक रहती है। इस हेतु वह प्रयास भी करता है और कुछ अंशों में सफल भी होता है। कुछ व्यक्ति ऐसे भी देखे जाते हैं, जो प्रयास तो करते हैं किंतु सफल नहीं हो पाते। इसका मूल कारण संकल्प का अभाव, पुरुषार्थ की तीव्रता में कमी, समर्पण एवं लक्ष्य के प्रति एकाग्रता और तन्मयता की अल्पता को माना गया है। इसी संदर्भ में भगवान महावीर ने सफल जीवन का निचोड. रखते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति अपना वर्तमान और भविष्य उज्ज्वल, श्रेष्ठ देखना-पाना चाहे वह जीए जाने वाले प्रत्येक क्षण के प्रति सावधान रहे। इसीलिये 'समयं गोयम! मा पमायए' का बोधि स्वर गूंजा। बस, यही क्षण जीवन का सार्थक है, जिसे उम्र की परवाह किए बिना हमें पूरी जागरूकता से जीना चाहिए और यही जागती आंखों का सच है जिसे पाना हमारा मकसद होना चाहिए।


यदि हममें दृढ़ विश्वास है, कुछ कर गुजरने की ललक है, कुछ पाने की तमन्ना है, सकारात्मक सोच है और 'ना' या 'असंभव' शब्द का जीवन में स्थान नहीं है तो ही हम अपने जीवन को सफल एवं सार्थक बना सकते हैं। हमारी सोच इस प्रकार हो कि हम हारते हैं जो जीतते भी हम ही हैं। असफल होते हैं तो सफल भी होते हैं, मृत्यु है तो जीवन भी है, निराशा है तो आशा भी है। अनूठे और विलक्षण कहलाने वाले लोगों की सोच सामान्य व्यक्तियों से बिल्कुल हटकर होती है। उन्हें निराशा की राह नहीं आशा की किरणें दिखायी देती हैं, उनके मन में दृढ़ इच्छाशक्ति होती है लक्ष्य प्राप्ति की, सफलता की और उन्नत जीवन की। वे विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों को समझने की पर्याप्त क्षमता रखते हैं और विपरीत परिस्थितियों को अपने पक्ष में मोड़ लेने की उनमें क्षमता होती है। यदि मंजिल प्राप्त किये बिना ही यह सोचकर दबे पांव आगे बढ़ रहे हैं कि शिखर पर पहुंच पाऊंगा या नहीं तो मन में डर, निराशा, घबराहट, आदि जैसे द्वंद्व संभव होने वाले कार्य को भी असंभव बना देते हैं। ऐसे द्वंद्वों को त्याग कर हिम्मत से काम लेना चाहिए। साथ ही उदासी त्यागकर मन को प्रफुल्लित बनाना चाहिए। उम्र एक छोटा-सा भाव है जो अनेक गलतियों के रास्ते खोल देता है। भीतर-ही-भीतर शंका, ईर्ष्या,उत्तेजना, विद्रोह की भीड़ उमड़ पड़ती है। एक क्षण भी यह सोचने का अवकाश नहीं होता कि 'मैं भी कुछ हूं।' इसके वितरीत कुछ लोग है जिनमें कुछ होने अहसास होता है और जो दृढ़ संकल्प और कर्म में सातत्य बनाकर चलते हैं।


संस्कृत के प्रसिद्ध विद्वान दामोदर सातवेलकर साठ वर्ष की उम्र तक एक पाठशाला में ड्राइंग पढ़ाते रहे। रिटायर होने के बाद उन्होंने संस्कृत सीखी और संस्कृत भाषा के क्षेत्रा में इतना काम किया कि देखने वाले दंग रह गए। वेदों का शुद्ध पाठ तैयार करने से लेकर भारतीय संस्कृति का प्रगतिशील स्वरूप प्रतिपादित करने तक के क्षेत्र में उन्होंने इतनी सफलता अर्जित की कि आज भी जहां संस्कृत के संबंध में कहीं कोई मतभेद उठता है तो उसके समाधान एवं निराकरण के लिए सातवेलकर के ग्रंथों को ही आधार माना जाता है। महात्मा गांधी 45 वर्ष की उम्र के बाद ही एक क्रांतिकारी संत के रूप में उभरकर सामने आए थे।


दादा भाई नौरोजी साठ वर्ष की उम्र में पहली बार बम्बई कॉन्शिल के सदस्य चुने गए और इकसठ वर्ष की उम्र में कांग्रेस के सभापति बने। राजनीति के क्षेत्रा को छोड़कर अन्य क्षेत्रों का अवलोकन करने पर यह तथ्य स्पष्ट हो रहा है कि विकास उम्र से प्रतिबद्ध नहीं है। यूनानी नाटककार साफाप्लाज ने 90 वर्ष की उम्र में अपना प्रसिद्ध नाटक 'आडीपस' लिखा था। अंग्रेजी के प्रसिद्ध कवि मिल्टन 44 वर्ष की उम्र में अंधे हो गये थे। अंधा होने के बाद उन्होंने अपना सारा ध्यान साहित्य रचना पर केन्द्रित किया और पचास वर्ष की उम्र में अपनी प्रसिद्ध कृति 'पैराडाइज लास्ट' लिखी। 62 वर्ष की उम्र में इनकी एक और प्रसिद्ध कृति 'पैराडाइज रीजेण्ड' प्रकाशित हुई। जर्मन कवि गेटे ने अपनी प्रसिद्ध कृति 'फास्ट' 80 वर्ष की उम्र में लिखी थी। 92 वर्षीय अमेरिकी दार्शनिक जानडेवी अपने क्षेत्र में अन्य सभी विद्वानों से अग्रणी थे। उन्होंने 60 वर्ष की उम्र में दर्शन के क्षेत्र में प्रवेश किया


कई बार व्यक्ति थोड़ा पुरुषार्थ करके ही निराश हो जाता है और वह सोचने लगता है कि जवानी गई अब बुढ़ापे में क्या किया जा सकता है? यह सोचकर वह थककर बैठ जाता है लेकिन वृद्धावस्था किसी भी स्थिति में प्रगति में बाधक नहीं है। सफलता और प्रगति का उम्र से कोई अनुबंध नहीं है, किसी भी उम्र में आदमी प्रगति कर सकता है। भगवान महावीर ने कहा था कि प्रत्येक व्यक्ति की आत्मा समान है। न कोई बड़ा है और न कोई छोटा। सबकी आत्मा ज्ञान, श्रद्धा, चरित्र और शक्ति-सम्पन्न है। इसलिये विकास करने के लिये उम्र कोई बाधा नहीं है। इस दुनिया में बहुत ऐसे व्यक्ति भी हुए हैं, जिन्होंने अपनी यौवन अवस्था को अत्यंत सामान्य सी स्थिति में बिताया और उसके बाद में उनके मन में उन्नति करने की उदग्र आकांक्षा ने जन्म लिया और अपने प्रखर प्रयत्नों से विकास के अंतिम बिन्दु तक पहुंच गए। इन्फोसिस के संस्थापक श्री नारायण मूर्ति का उदाहरण हमारे सामने है, एक ऐसा कर्मयोगी जो केवल सोचता और बात ही नहीं करता बल्कि हमेशा अपने विचारों को कार्यरूप में परिणित करता हुआ दिखाई देता है। उम्रदराज होकर उन्होंने जो सफलता के मानक गढ़े वे सचमुच उनके उत्साह एवं जीवन के प्रति लगाव का परिचायक हैं।


जॉर्ज बर्नाड-शा 93 वर्ष की अवस्था में इतना लिखते थे कि 40 वर्ष की उम्र में भी इतना नहीं लिखा। दार्शनिक वैनदित्तो क्रोचे 80 वर्ष की अवस्था में भी नियमित रूप से दस घंटे लगातार काम करते थे। 85 वर्ष की उम्र में उन्होंने दो महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं जिनकी चर्चा विश्व साहित्य में होती है। माटिस मैटर लिंक का देहांत 88 वर्ष की उम्र में हुआ, अपनी मृत्यु के कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने अपनी अंतिम पुस्तक पूरी की थी। उस पुस्तक का नाम था 'द एवार्ट ऑफ सेतु आल'-यह पुस्तक उनकी सर्वोत्कृष्ट रचना समझी जाती है। दार्शनिक कांट को 74 वर्ष की अवस्था में उनकी एक रचना के आधार पर दर्शन के क्षेत्र में प्रतिष्ठा मिली।


ये आंकड़े इस तथ्य को पुष्ट कर रहे हैं कि उत्साह, लगन, संकल्प और पुरुषार्थ बना रहे तो किसी भी उम्र या स्थिति में युवा रहा जा सकता है। यौवन अथवा सक्रियता का आयु विशेष से संबंध नहीं, वह वृद्धावस्था में भी अक्षुण्ण रह सकती है। कई बार यह क्षमता और सक्रियता बचपन में ही आश्चर्यजनक रूप से विकसित होती देखी गई है। आचार्य तुलसी ने सही कहा है कि जहां उल्लास और पुरूषार्थ अठखेलियां करे, वहां बुढापा कैसे आए? वह युवा भी बूढा होता है, जिसमें उल्लास और पौरुष नहीं होता। यही कारण है कई ऐसी विभूतियां भी हुई हैं, जिन्होंने खेलने व खाने की उम्र में ही अद्वितीय उपलब्धियां अर्जित कर लीं। मुगल सम्राट अकबर 14 वर्ष की उम्र में ही गद्दी पर बैठे और 18 वर्ष की उम्र में बैरम-खां को हटाकर स्वतंत्र रूप से कार्यभार संभाल लिया। सम्राट अशोक जब सिंहासन पर आसीन हुआ तब मात्र 20 वर्ष की उम्र थी। छत्रपति शिवाजी ने 19 वर्ष की उम्र में तोरण का किला जीता था। महाराजा रणजीतसिंह जी ने 19 वर्ष की उम्र में लाहौर पर विजय प्राप्त की थी। आचार्य तुलसी 22 वर्ष की उम्र में विशाल धर्मसंघ के आचार्य बने। विश्व-विजय के अभियान पर निकलते समय सिकंदर की उम्र मात्र 20 वर्ष की थी। जूलियस सीजर ने 24 वर्ष की उम्र में एक भयंकर डाकू गिरोह को गिरफ्तार किया था


वृद्धावस्था में युवकों जैसी सक्रियता और अल्पायु में प्रौढ़ों जैसी परिपक्वता का परिचय देने वाले इन उदाहरणों से यह सिद्ध हो रहा है कि विकास से आयु का कोई तालमेल नहीं है। आयु न तो कार्यक्षमता को मंद बनाती है और न ही उत्तेजित करती है। कार्यक्षमता व्यक्ति की सुव्यवस्थित योजना, दूरगामी सोच, सकारात्मक दृष्टिकोण और सघन प्रयास से निरंतर बढ़ती रहती है। अतः जीवन में सफलता के सुमन खिलाने की मानसिकता हो तो व्यक्ति को निष्ठापूर्वक क्रियाशील बने रहना चाहिए।


(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कुंज अपार्टमेंट
25 आई॰ पी॰ एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: ललित गर्ग का प्रेरक आलेख - कीर्तिमान गढ़ने में उम्र बाधक नहीं
ललित गर्ग का प्रेरक आलेख - कीर्तिमान गढ़ने में उम्र बाधक नहीं
http://lh3.googleusercontent.com/-4EieUt2nPrk/VjzdrRWmniI/AAAAAAAAoYI/ebkI1GhOyCo/image%25255B3%25255D.png?imgmax=800
http://lh3.googleusercontent.com/-4EieUt2nPrk/VjzdrRWmniI/AAAAAAAAoYI/ebkI1GhOyCo/s72-c/image%25255B3%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2015/11/blog-post_56.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2015/11/blog-post_56.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content