परिवर्तन का संदेश पर्व मकर संक्रान्ति / आलेख / दीपक आचार्य

SHARE:

हर बार की तरह आज फिर आ गई मकर संक्रान्ति। आम तौर पर हर संक्रान्ति परिवर्तन का कोई न कोई संदेश लेकर आती है, बदलाव का संकेत आरंभ कर देती है ...

image

हर बार की तरह आज फिर आ गई मकर संक्रान्ति। आम तौर पर हर संक्रान्ति परिवर्तन का कोई न कोई संदेश लेकर आती है, बदलाव का संकेत आरंभ कर देती है और साफ-साफ दर्शा देती है कि प्रकृति करवट ले रही है, परिवेश की रंगत बदलने लगी है, हवाओं का रुख परिवर्तित होने लगा है, और प्रकृति से लेकर पिण्ड तक सब कुछ बदलाव की हद में आ चुका है।

कोई सहजता से स्वीकार ले तो ठीक है, वरना असहज होकर भी स्वीकारना तो पड़ेगा ही। हर संक्रमण काल कुछ न कुछ नयापन लेकर आता है, हमें संदेश देता है कि कुछ-कुछ  बदलने की प्रक्रिया आरंभ कर लो, अपने आपको जानों और प्रकृति के संकेतों को समझ कर साथ-साथ बढ़ो, ताकि पिण्ड और ब्रह्माण्ड की तरंगों में समानान्तर सामन्जस्य बना रह सके।

मकर संक्रान्ति भी पूरे वर्ष की बड़ी और निर्णायक संक्रान्ति है जो लोक में प्रचलित उत्तरायण का आगाज करती है और हर पिण्ड का सूरज के साथ संबंध जोड़ कर इन्द्रधनुषी रोशनी के साथ जीवन के सुनहरे पलों का आगाज करती है।

कोई सूरज को मात्र ग्रहों का राजा या स्थूल प्राकृतिक ग्रह मानता हुआ संक्रमण काल के महत्व को न समझे, तो दोष किसी और का नहीं उसका ही है। बहुत सारे लोग सूरज से शरमा कर ऎसे रहने लगे हैं जैसे कि सूरज की निगाह पाते ही सौंदर्य छीन जाएगा, लावण्य बह जाएगा और पसंद करने वाले लोग छिटक जाएंगे।

कुछ दशकों से हम लोग साल भर आते रहने वाले उत्सवों, पर्र्वों, संक्रान्तियों और विशिष्ट अवसरों को यों ही हल्के रूप में लेकर या तो भार उतार रहे हैं, औपचारिकताओं का निर्वाह भर कर रहे हैं अथवा औरों को दिखाने के लिए ही सारी माथापच्ची कर रहे हैं।

न हमें अपने तिथि-पर्व और उत्सवों की जानकारी है, न हमारी नई पीढ़ी को। इसी अज्ञानता और जानबूझकर की जा रही सांस्कृतिक उपेक्षा का फायदा उठाकर धर्म के नाम पर धींगामस्ती करने वाले सांसारिकता और भोग-विलास में ईश्वर को तलाशने वाले ठेकेदारों और बाबाओं को धर्म की वास्तविकताओं से कोई सरोकार नहीं रहा।

दूसरी ओर बाजारवाद के भूत-पलीतों, नर पिशाचों और राक्षसों ने हमारी पर्व-परंपरा से सनातन और शाश्वत वैज्ञानिक आधारों से जुड़ी हुई सारी परंपराएं छीन ली हैं, शुचिता भंग कर दी है, मूल मर्म से भटका कर हमारे तमाम आयोजनों को धूमधड़ाके, कानफोडू शोरगुल और बाजारवाद की भेंट चढ़ा दिया है जहाँ किसी भी पर्व-त्याहोर और उत्सव का संबंध मन के आनंद से नहीं बल्कि रुपए-पैसों से जोड़ दिया गया है। 

पैसा है तो मजा आएगा वरना ठन-ठन गोपाल। इस दौर ने सारे धार्मिक, सामाजिक और परिवेशीय उत्सवों का इतना अधिक कबाड़ा करके रख दिया है कि गरीब और अल्प आय के लोगों के लिए इन उत्सवों का न ऎकान्तिक आनंद रहा है न सार्वजनीन।  फिर पैसों के आधार पर बिकने वाले बाजारी त्योहारों का आकर्षण ही अब बचा रह गया है, भीतर से उमंग भरी आत्मा गायब हो चली है।

जबकि भारतीय परंपरा में हर उत्सव-पर्व और त्योहार में न पैसे का महत्व रहा है, न इसके आधार पर आनंद में न्यूनाधिकता का। हर इंसान की इन आयोजनों में बराबर की भागीदारी रही है। उत्सवी मंच पर न कोई छोटा-बड़ा, न कोई ऊँचा-नीचा, न कोई प्रभावशाली है, न सामान्य। क्योंकि इन सभी आयोजनों में प्रधान तत्व ईश्वर रहता है जिसके सान्निध्य में सब बराबर हैं।

जब तक यह भाव बना रहा तब तक भारतीय जनमानस का हर उत्सव, पर्व और त्योहार सार्वजनीन आनंद का पर्याय बना रहा। जैसे ही इन सामुदायिक मूल्यों का क्षरण होना आरंभ हो गया, तभी से हमारे उत्सव, पर्व और त्योहार, संक्रांति काल आदि सभी का महत्व घटता चला गया। और अब जो कुछ हो रहा है वह केवल दिखावा, पाखण्ड, पैसा पानी की तरह बहाने और कमाने, लूट-खसोट और मात्र औपचारिकता निर्वाह होकर ही रह गया है।

अब इसमें बाजारवाद और पूंजीवाद हावी है। जनमानस की भावनाओं और मूर्खताओं को भुनाने के लिए बड़े-बड़े सौदागर और साम्राज्यवादी विदेशी ताकतें हमें उल्लू बनाने के लिए आधुनिकताओं भरे फैशन और लुभावने लालच जोड़ती चली जा रही हैं। और हम मूर्ख और आडम्बरी लोग उनके नापाक इरादों से अनभिज्ञ होकर या किसी निजी स्वार्थ में डूबे होकर जानबूझकर उनके मोहपाशों में अपने को जकड़ते जा रहे हैं।

चाहे चाईनीज मांझा हो या दूसरे खिलौने। मकर संक्राति  उत्सव के नाम पर अब केवल पतंगबाजी की धमाल और कानफोड़ शोरगुल ही बचा है, बाकी सब कुछ गायब है जो अतीत में पूरी विशिष्टता और आकर्षण के साथ विद्यमान रहकर सर्वत्र आनंद और उल्लास की वृष्टि करता था।

अब न परिवेश में उमंग दिखाई दे पा रही है, न हमारे हृदय में उत्साह है। त्योहार, पर्व और उत्सव आकर चले जाते हैं पर कहीं कोई हलचल नहीं होती, कोई बदलाव नहीं आ पाता इंसान की जिन्दगी, स्वभाव और व्यवहार में। जीवन से अतृप्त और वासनात्मक मनोरंजन के भूखे लोगों के लिए लोकानुरंजन का माध्यम होकर रह गए हैं ये आयोजन।

उत्सवों के नाम पर बाजारी हलचलें जरूर उछालें मारती रहती हैं, पूंजीपतियों को सुकून देती रहती हैं और आम आदमी ठगा सा रहकर उत्सव जाने के बाद मायूस हो जाता है।

मकर संक्रांति जैसा पर्व छह माह के उत्तरायण का आगाज पर्व है। बावजूद इसके अब केवल पतंगबाजी और आतिशबाजी ही दिखती है।  भिखारियों की परिक्रमा,  करुण भाव से भीख मांगते हुए अपने खड़िये और झोले भरना, धर्म और पुण्य के नाम पर भीख जमा करने तक ही सीमित हो गया है और हम हैं कि अपने आपको कर्ण जैसा दानी मानी कर आत्म मुग्ध होते हुए अगले दिन से पापों में रम जाते हैं।

हमें पता है कि भिखारियों को पुण्य करने से पाप खत्म हो जाएंगे। इसी महानतम भ्रम में बहुत बड़े-बड़े और महा कृपण लोग भी नरक की यातना से भयभीत होकर दान-पुण्य कर लिया करते हैं।  लोग साल भर गायों और मवेशियों पर डण्डे उछालते रहेंगे, इन पशुओं को कत्लखानों में ले जाते हुए चुपचाप देखते रहेंगे, गौहत्यारों के साथ खाएंगे-पीएंगे, काम करेंगे, उनकी चरणवंदना करते रहेंगे और उनका साथ देते रहेंगे, और मकर संक्रान्ति के दिन इतना चारा और खाद्य सामग्री सड़कों पर डाल देंगे कि बस।

धरती पर जीवों से पुण्य कमाने के फेर में इतना सारा दान-पुण्य और आसमान में परिन्दों की निर्मम हत्या के लिए सारे घातक काम करने में पीछे नहीं। पतंगों को ऊँचाई देने और खुद के अहंकार को पुष्ट करने दूसरों की पतंग काटने के फेर में चाईनीज और धात्विक माँझे का तगड़ा नेटवर्क पूरे आसमान में पसरा दिया करते हैं, इनमें फंस कर पक्षियों की जो दुर्गति होती है, वह हम सनातनियों, परम अहिंसकों और जीवदया का ढोंग करने वालों को नहीं दिखती।

और तो और बड़े सवेरे से लेकर रात तक  डीजे पर गीत-संगीत, आतिशबाजी की घातक गूंज और प्रदूषित हवाओं से आनंद पाने के चक्कर में हम पक्षियों को कहीं का नहीं रहने देते।  इस मामले में हम सब पाखण्डी, धूर्त और दुराचारी हैं जो खुद के आनंद के लिए औरों के डेरे बर्बाद कर रहे हैं, शांति भंग कर रहे हैं।

मकर संक्रान्ति के नाम पर हम सारे लोग जिस तरह बेशर्म होकर उधममस्ती और नालायकियों के साथ अपने आसुरी भावों का नंगा नाच कर रहे हैं उसे देख कर यही कहा जा सकता है कि हम लोग उत्सवों के नाम पर जमाने भर को हैरान-परेशान करने के लिए ही पैदा हुए हैं।

तकरीबन हर उत्सव में हम अपनी मर्यादाहीन धींगामस्ती का परिचय देकर जिस आनंद को  पाने के लिए व्याकुल होते हैं, वह आनंद नहीं बल्कि राक्षसी ताण्डव ही है। मकर संक्रान्ति के मूल मर्म को आत्मसात करें और भारतीय संस्कृति की सनातन परंपराओं का अवलम्बन करें, तभी आज के दिन का महत्व है।

सभी को मकर संक्रमण पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ....

---000---

दीपक आचार्य के प्रेरक आलेख inspirational article by deepak aacharya

- डॉ0 दीपक आचार्य

dr.deepakaacharya@gmail.com

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: परिवर्तन का संदेश पर्व मकर संक्रान्ति / आलेख / दीपक आचार्य
परिवर्तन का संदेश पर्व मकर संक्रान्ति / आलेख / दीपक आचार्य
https://lh3.googleusercontent.com/-8WtZEPkt07I/Vpi3H5dtJUI/AAAAAAAAqRc/qc3S-Wqd35s/image_thumb%25255B5%25255D.png?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-8WtZEPkt07I/Vpi3H5dtJUI/AAAAAAAAqRc/qc3S-Wqd35s/s72-c/image_thumb%25255B5%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/01/blog-post_37.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/01/blog-post_37.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content