क्या पॆड़-पौधों और वनस्पतियों में संवेदनाएँ होती हैं ? / आलेख / गोवर्धन यादव

SHARE:

  क्या पेड़-पौधों और वनस्पतियों में संवेदनाएँ होती हैं ? क्या वे मनुष्य जाति से बात-चीत कर सकते हैं? तो इसका उत्तर होगा हाँ. हाँ वे मनुष्य ...

image

 

क्या पेड़-पौधों और वनस्पतियों में संवेदनाएँ होती हैं ? क्या वे मनुष्य जाति से बात-चीत कर सकते हैं? तो इसका उत्तर होगा हाँ. हाँ वे मनुष्य जाति से बातचीत कर सकते हैं . मनुष्य द्वारा स्थापित किए गए सजीव संपर्क की ढेरों घटनाओं का उल्लेख मिलता है. आयुर्वेद शास्त्र के पितामह कहलाए जाने वाले चरक मुनि के सम्बन्ध में विख्यात है कि उन्होंने अपने छोटे-से-छॊटॆ जीवन में हजारों जड़ी-बूटियों के गुण-धर्म मालूम किए तथा कौन-सी जड़ी किस रोग में कैसे प्रयोग की जानी चाहिए ?. उन्होंने इसका विस्तृत विधि-विधान खोजा. आजकल वैज्ञानिक एक रोग की दवा खोजने में अथवा दवा का परीक्षण करने में अपना संपूर्ण जीवन खपा देते हैं तो एक व्यक्ति द्वारा अपने छॊटॆ-से-जीवन में हजारों औषधियों का अध्ययन विवेचन कैसे संभव है ? विश्वास नहीं किया जाता.

आयुर्वेद की रचना करने वाले चरक जंगल में एक-एक झाड़ी और वनस्पति के पास जाते तथा उससे उसकी विशेषता पूछते. वनस्पति स्वयं अपनी विशेशताएँ बता देतीं. इसी आधार पर हजारों वर्षों या हजार वैज्ञानिकों का कार्य एक अकेले व्यक्ति द्वारा सम्पन्न किया जा सका. इस कार्य को कभी संदिग्ध तो कभी हास्यास्पद समझा जाता रहा,. परन्तु अब, वनस्पति जगत में हुई अधुनातन खोजों के आधार पर वैज्ञानिक यह कहने लगे हैं कि पेड़-पौधों से न केवल सम्वाद संभव है वरन उनसे इच्छित कार्य भी कराया जा सकता है.

मात्र एक छॊटी सी घटना से प्रेरित होकर हमारे देश के वैज्ञानिक जगदीशचन्द्र बसु ने यह सिद्ध किया कि पेड़-पौधों में भी जान होती है. वे भी अनुभव करते है. उनमें भी अनुभूति और भावनाएँ मौजूद रहती है. वे भी मनुष्यों और जानवरों की तरह दुख-सुख का अनुभव करते हैं. उन्होंने “आप्टिकल लीवर” नामक एक यंत्र बनाया, जिसके माध्यम से पेड़-पौधों के स्पन्दन ,और सम्वेदनाओं का अध्ययन किया गथा था. पेड़ की पत्तियाँ तोड़ने में उसे पीड़ा होती है. आप्टिकल लीवर ने उसे पकड़ा और बताया, इसी तरह की कई बातें, प्रतिक्रियाएँ “आप्टिकल लीवर” से देखी जा सकी.

सर जगदीशचन्द्र बसु के बाद से अब तक विज्ञान ने काफ़ी तरक्की कर ली है और उसी तरह वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में हुई नई-नई शोधों ने वनस्पति संसार के नये रहस्य खोलकर रख दिए हैं. पेड़ पौधे मनुष्य के संकेतों को समझते हैं. यदि उन्हें प्रेरित किया जाए तो सम्मोहित व्यक्ति की तरह उन पर आचरण भी करते है.

पियरे पाल साविन ने यही तो किया. उन्होंने घोषित प्रदर्शन के पूर्व बिजली के एक स्विच को गैल्वोनोमीटर से लगाया. इस गैल्वेनोमीटर का सम्बन्ध एक पौधे के साथ जोड़ा गया था. साविन वहाँ बैठे-बैठे संकेत देते और पौधा विद्युत ट्रेन के परिपथ के साथ उलटा सम्बन्ध स्थापित करता, जिससे ट्रेन पीछॆ की ओर चलने लगती. इस प्रयोग को अमेरिका के टेलीविजन पर बताया गया. लोग दंग रह गए यह देखकर कि पौधा भी इतना आज्ञाकारी हो सकता है !. पियरे पाल साविन का तो यहाँ तक कहना है कि चोरों से घर की सुरक्षा के लिए भी भविष्य में पेड-पौधों का इस्तेमाल किया जा सकेगा. उसके लिए किसी भी पौधे का सम्बन्ध दरवाजे के साथ जोड़ दिया जाएगा और मकान मालिक जब उस पौधे के पास जाकर खड़ा हो जाएगा तो पौधा अपने मालिक को पहचानकर दरवाजा खोल देगा. उसने तो यहाँ तक कहा है कि पेड़-पौधे न केवल मनुष्यों की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हैं बल्कि उन्हें मानव कोशाओं की मृत्यु पर बोध होता है तो वे उस पर भी अपनी सम्वेदना व्यक्त करते हैं. उसने एक अभिनव प्रयोग किया. जिस पौधे को प्रयोग के लिए चुना था वह एक अनुसंधान केन्द्र में अस्सी मील की दूरी पर स्थित था. फ़िर उसने अपने शरीर को बिजली के झटके दिए. अस्सी मील दूरी पर स्थित पौधे पर प्रतिक्रिया नोट की गई जबकि दोनों के बीच कोई सम्बन्ध नही था सिवाय इसके कि जब साविन के शरीर को बिजली के झटके दिए जा रहे थे तो वह कल्पना में उस पौधे का ध्यान कर रहा था.

इतने पर भी साविन को यह विश्वास नहीं हुआ कि पौधे उसके शरीर पर लगने वाले झटकों पर ही प्रतिक्रिया व्यक्त करते थे. उसने विचार किया कि सम्भव है पौधे अपने आस-पास की दूसरी किसी घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हों. अतः अब एक पौधे के स्थान पर तीन-तीन पौधे लिए गए और तीनों को अलग-अलग कमरों में रखा गया. हर कमरे का माहौल दूसरे के माहौल से बिल्कुल भिन्न था तथा तीनों पौधे एक ही विद्युत पथ से जुड़े हुए थे. उधर अस्सी मील दूरी पर स्थित साविन ने अपना प्रयोग आरम्भ किया. न कोई सम्पर्क, न कोई सम्बन्ध सूत्र. केवल विचार शक्ति का उपयोग करना था, जब उसने अपना प्रयोग आरम्भ किया तो तीनों पौधों पर एक समान प्रतिक्रिया हुई. अब इसमें कोई सन्देह नहीं था कि पौधे अस्सी मील दूर बैठे साविन की अनुभूतियों, सम्वेदनाओं को ग्रहण कर अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त कर रहे थे.

जापान के मनोविज्ञानी डा.केन.हाशीमोतो ने “लाइडिटेक्टर” के माध्यम से इस बात का पता लगाया. “लाइडिटेक्टर एक ऎसा यंत्र है जो अपराधियों की झूठ पकड़ने के काम आता है. उसका सिद्धांत है कि व्यक्ति जब कोई बात छुपाता है या झूठ बोलता है तो उसके शरीर में कुछ वैद्युतिक परिवर्तन आ जाता है और वह उन परिवर्तनों को अंकित कर लेता है और बता देता है कि व्यक्ति झूठ बोल रहा है अर्थात मनुष्य की भावनात्मक स्थिति में आने वाले परिवर्तनों को लाइडिटेक्टर बता देता है. उसने एक पौधे को मशीन से जोड़ा और यंत्र चालु कर दिया, यंत्र ने बड़ी तेजी से कम्पन अंकित करना शुरु कर दिया. हाशीमोतो ने इन कम्पनों को ध्वनि-तरंगों में बदलने के लिए कुछ विशेष इलेक्ट्रानिक यंत्रों का सहारा लिया. इन यंत्रों की मदद से कम्पनों के ध्वनि- तरंगों में परिवर्तित किया और उन्हें सुना गया तो लयात्मक स्वर सुने गए. जो स्वर सुने गए उनमें कहीं हर्ष का आवेग था तो जहीं भय की भावना.

हाशीमोतो ने कैक्टस के पौधों पर इतने प्रयोग किए कि उसे गिनती तक सीखा दिया. कैक्टस का पौधा हाशीमोतो की आज्ञा पाकर एक से बीस तक गिनती गिनने लगता और यह पूछने पर कि दो और दो कितने होते हैं, तो वह स्पष्ट उत्तर देता चार. फ़िर उसने प्रश्न पूछा कि बारह में से चार घटाने पर कितने बचते हैं? कैक्टस ने उत्तर दिया –आठ. डाक्टर हाशीमोतो ने उसे ध्वनि-तरंगों के रूप में परिवर्तित करके दिखाया. ध्वनि-तरंगों को जब हैडफ़ोन पर सुना गया तो स्पष्ट उत्तर सुनाई दे रहा था-आठ .इन प्रयोगों और निष्कर्षों को लेकर जापान ही नहीं संसार के वनस्पति विज्ञान में एक नयी हलहल पैदा हो गई.

अब इसमें कोई सन्देह नहीं रह जाता कि चरक ने कभी जड़ी-बूटियों से प्रश्न किया हो और जड़ी बूटियों ने बताया हो कि हम अमूक रोग का उपचार करने में समर्थ हैं.

बच्चों--उपरोक्त तथ्यों के आधार पर हम कह सकते हैं कि पेड़-पौधे तथा वनस्पतियाँ हमारी संस्कृति के विभिन्न अंग रहे हैं. प्रकृति औढ़र दानी है. उसके पास बड़ा ही वैविध्य पूर्ण खजाना है ,जिसमें तरह-तरह के पौधों की प्रजातियाँ, फ़ल-फ़ूल तथा अनेक प्रकार के पदार्थ हमें मिलते हैं. पहली बारिश के बाद ही धरती पर भृंगराज, भटकटैया जैसे अनेक पौधे बड़ी मात्रा में ऊग आते हैं जो हमारे जीवन को सहज-सरल और निरोग बनाने में योगदान देते हैं. बस जरुरत इस बात की है कि हम उन्हें पहचाने और उनका उपयोग करना सीख लें.

गोवर्धन यादव
103,कावेरी नगर,छिन्दवाडा (म.प्र.) 480001
07162-246651,9424356400

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: क्या पॆड़-पौधों और वनस्पतियों में संवेदनाएँ होती हैं ? / आलेख / गोवर्धन यादव
क्या पॆड़-पौधों और वनस्पतियों में संवेदनाएँ होती हैं ? / आलेख / गोवर्धन यादव
https://lh3.googleusercontent.com/-pWlnKV9hnco/Vp8uqBPZFUI/AAAAAAAAqdQ/yidjP0ZoUiE/image_thumb%25255B4%25255D.png?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-pWlnKV9hnco/Vp8uqBPZFUI/AAAAAAAAqdQ/yidjP0ZoUiE/s72-c/image_thumb%25255B4%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/01/blog-post_40.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/01/blog-post_40.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content