प्राची - सितम्बर 2016 : हास परिहास, व्यंग्य - सितम्बर के शुभाकांक्षी / दिनेश बैस

SHARE:

यहां वहां की सितम्बर के शुभाकां क्षी दिनेश बैस मे रे एक मित्र सितम्बर महीने को लेकर बहुत भावुक थे. कहते थे कि साल में सितम्बर का महीना न...

यहां वहां की

सितम्बर के शुभाकांक्षी

image

दिनेश बैस

मेरे एक मित्र सितम्बर महीने को लेकर बहुत भावुक थे. कहते थे कि साल में सितम्बर का महीना नहीं होता तो समस्त पृथ्वी की रचना व्यर्थ हो जाती. प्रभु की लीला अपरम्पार है. उसने सितम्बर के महीने का सृजन किया. अपितु वर्ष भर सितम्बर ही बना रहता, तब इस महान सृष्टि का अनुपम कल्याण हो जाता, वे भावनाओं में बहने लगते. बहने के मामले में उन्हें नदी की तेज धार की तुलना में भावनाओं में बहना अनुकूल लगता था. वह भावुक होते थे तो संस्कृतनिष्ठ हिंदी पर सवार हो जाते थे. भावुक होने के दौरे उन पर प्रायः पड़ते ही रहते थे. हिंदी के शिक्षक थे. हालांकि वे अपना परिचय शिक्षक के रूप दिया जाना पसंद नहीं करते थे. कोई उन्हें हिंदी का शिक्षक कहता तो वे दीन-हीन की मुद्रा में आ जाते. और अधिक भावुक हो उठते- मां शारदे का अकिंचन सेवक कहो, मित्र. शिक्षक कह कर हमारा अपमान मत करो-

सितम्बर महीने के प्रति भावुक होना वे इसलिये अपना कर्तव्य मानते थे कि इस महीने में अचानक उनका सम्मान बढ़ जाता था. उन सरकारी कार्यालयों में जहां हिंदी लिखना पढ़ना असभ्यता माना जाता था, सितम्बर के महीने में अचानक हिंदी के उत्थान के लिये वहां व्याकुलता पैदा हो जाती थी. वे हिंदी के कल्याण के लिये उन्हें आमंत्रित करना आरम्भ कर देते. उनसे दीप प्रज्वलित करवा कर कार्यालय की किसी सुदेहा के कर कमलों से पुष्प-गुच्छ- इस प्रकार के आयोजनों में बुके या गुलदस्ता कहना वर्जित माना जाता है- भेंट करवाते. शाल-श्रीफल अर्पित कर, उन्हें हिंदी के पुरोधा बता कर, राजभाषा के उत्थान पर व्याख्यान देने का अनुरोध करते. वे हिंदी के विकास के प्रमाण में बताते कि पहले हम केवल हिंदी दिवस मनाते थे, आज हिंदी माह मना रहे हैं. आप देखेंगे कि हिंदी इसी प्रकार उत्तरोत्तर पुष्पित-पल्लवित होती जायेगी. एक दिन वह आयेगा जब हम हिंदी वर्ष मनायेंगे. कार्यालयी मजबूरियों के कारण आयोजन में बैठे श्रोताओं की प्रतीक्षा की घड़ी चाय-समोसों के आगमन से समाप्त होती. वे उन्हें नष्ट करने का कष्ट करते. कार्यक्रम की सफलता स्वीकारते हुये यह कह कर निकल लेते कि चलो, हो गया हिंदी का तर्पण.

एक अन्य परिचित किन्हीं अलग कारणों से सितम्बर माह का सम्मान करते थे. उनके सम्मान का कारण संस्कारगत् रहा है. वे तेरहीं प्रबंधन का व्यसाय करते थे. श्मशान, संगम, तेरहीं समारोह के साथ स्वर्ग प्रेषण तक का पैकेज लिया करते थे. उनकी प्रतिष्ठा सफल तेरहीं प्रबंधकों के रूप में स्थापित हो चुकी थी. कोई भी जरूरतमंद उनसे कभी भी सम्पर्क कर सकता था. उनके विजिटिंग कार्ड का संदेश था- एक बार सेवा का अवसर अवश्य दें. संतुष्ट हों तो सबसे कहें. शिकायत हो तो हमसे कहें-

वे इस सीमा तक उदार रहे हैं कि कहा करते थे कि भगवान, हमें नहीं चाहिये सितम्बर तीस दिन का. तू इसे पंद्रह दिन का कर देगा तो भी कोई आपत्ति नहीं है. पितृ-पक्ष तो पंद्रह दिन में ही निबट लेता है. इतना ही बहुत है. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि उनके निजी पिता को बिना भोजन तथा बिना दवाइयों के ही रवानगी डालनी पड़ी थी. उनके संस्कार इस मद में व्यय करने की अनुमति नहीं देते थे. लेकिन इससे क्या है. यह उनके घर का निजी मामला था. किसी को किसी के निजी मामले में चोंच अड़ाने का क्या अधिकार है. सार्वजनिक मामला यह रहा है कि वे पूर्वजों का बहुत आदर करते हैं. पितृ-पक्ष पूर्वजों को समर्पित होता है. वे किसी के भी पूर्वजों के तर्पण हेतु सदैव तत्पर पाये जाते हैं. जजमानों की सुविधा के लिये उनके पास बाकायदा लिस्ट होती है. वे फोन पर अग्रिम सूचना दे देते थे कि जजमान आपके पिता श्री अमुक तिथि को सिधारे थे. और कि श्राद्ध वाले दिन वे समय पर अवतरित हो जायेंगे. उस सपने का वर्णन कर देते जिसमें पारलोकीय पिता श्री ने श्राद्ध वाले दिन क्या खाने की इच्छा व्यक्त की है. उनका संकल्प होता था कि केवल दोपहर को ही भोजन करेंगे. शेष समय भोजन को अपान वायु में परिवर्तित करने में व्यय करेंगे. ऐसा वह उस पुरखे के स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर करते थे कि कहीं उसे अपच न हो जाये.

हालांकि इस फुल प्रूफ व्यवस्था में कभी-कभी व्यवधान भी पैदा हो जाता था. एक बार एक क्लाइंट से वे पूर्व में सम्पर्क नहीं कर पाये. निश्चित तिथि पर उसके घर श्राद्ध करने पहुंचे तो क्लाइंट ने सूचना दी कि अम्मा बता रही थीं कि पीता श्री जिस दिन सिधारे, उस दिन उनका निर्जला व्रत था. उनकी आत्मा की शांति हेतु महाराज को भी वैसे ही श्राद्ध करना होगा. इस घटना से उन्होंने सबक लेते हुये माना कि सावधानी घटी और दुर्घटना घटी. गलती फिर न हो, इस उद्देश्य से जजमान को ब्लैक लिस्टिड कर दिया. एक और जजमान को उन्हें ब्लैक लिस्टिड करना पड़ा था- वे जजमान के दादा का श्राद्ध करके लौटे थे. घर आते-आते पेट ने बगावत शुरू कर दी. पूरा दिन शौचालय प्रवास में बीता. तभी मुक्ति प्राप्त हुई जब अस्पताल में बोतल लटका कर उनकी नसों में पानी भरा गया तथा पेट की बाढ़ की रोक थाम के प्रबंध किये गये. अस्पताल में जजमान उनकी मिजाजपुर्सी के लिये आये थे. बोले- आप नाहक परेशान हैं. दादा जी ने आप से सपने में सम्पर्क करने का प्रयास किया था, लेकिन सारे चैनल व्यस्त चल रहे थे. हार कर उन्हें सीधे हमारे सपने में आना पड़ा. बता रहे थे कि बेटा और तो सब यहां कुशल है मगर पेट में कब्जियत बहुत है. श्राद्ध में कुछ ऐसा उपाय करना कि पेट साफ हो जाये. इसलिये दादा जी का कष्ट दूर करने के लिये खीर में तनिक कब्ज निवारक वस्तुओं का प्रयोग किया गया था. दादा जी की आत्मा की प्रेरणा से आपने मन लगा कर खीर खाई. वे आपको आशीर्वाद दे रहे होंगे.

उन्हें अफसोस हुआ कि जजमान की नादानी से अगले चार दिन वे किसी अन्य के पुरखों का तर्पण करने की स्थिति में नहीं रहे. घर की खिचड़ी पर अपनी आत्मा को ही व्यवस्थित करते रहने के लिये विवश हो गये. उन्होंने यह सोच कर धैर्य धारण किया कि जीवन है तो दुर्घटना भी होगी ही. इससे सितम्बर का महत्व थोड़े ही कम हो जायेगा.

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: प्राची - सितम्बर 2016 : हास परिहास, व्यंग्य - सितम्बर के शुभाकांक्षी / दिनेश बैस
प्राची - सितम्बर 2016 : हास परिहास, व्यंग्य - सितम्बर के शुभाकांक्षी / दिनेश बैस
https://lh3.googleusercontent.com/-B-K8kSu9GaY/V_eNJ0dcZhI/AAAAAAAAwXQ/MUriGg7f8Us/image_thumb%25255B1%25255D.png?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-B-K8kSu9GaY/V_eNJ0dcZhI/AAAAAAAAwXQ/MUriGg7f8Us/s72-c/image_thumb%25255B1%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/10/2016_58.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/10/2016_58.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content