प्राची - दिसंबर 2016 - प्रस्तर युग में सरकती कश्मीर घाटी / जवाहरलाल कौल

SHARE:

आलेख प्रस्तर युग में सरकती कश्मीर घाटी जवाहरलाल कौल ज ब भी जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में ठहराव आने लगता है तो उसे तोड़ने क...

आलेख

प्रस्तर युग में सरकती कश्मीर घाटी

जवाहरलाल कौल

ब भी जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में ठहराव आने लगता है तो उसे तोड़ने के लिए किसी ऐसा नेता की हत्या करने की योजना बनती है जो लोकप्रिय हो. बरसों पहले जब अलगाववादी नेताओं में पुनर्विचार होने लगा और आतंकवादी गुटों के लिए पांव जमाना मुश्किल हो गया तो मीरवाइज मौलवी फारुक की रहस्यमय हत्या करवा दी गई. रहस्य इसलिए रखना आवश्यक था कि इस का दोष सेना और भारत सरकार पर थोपा जा सके. इस से आतंकवादी लहर तेज हुई और आतंक का एक लम्बा दौर चल पडा. जब इस आतंक का प्रभाव आम जनता से हटने लगा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया जोर पकड़ने लगी तो एक और कद्दावर नेता अब्दुल गनी लोन की हत्या कर दी गई. अब जब भारत में नए तरह की सरकार टिक गई और जम्मू कश्मीर में भी दो ऐसे दलों के बीच सरकार बनाने का गठबंधन हो गया जिस की कल्पना कुछ वर्ष पहले तक कोई नहीं कर सकता था तो आतंकवादियों के लिए ही नही, गैर हथियारबंद अलगाववादी गुटों के लिए भी यह खतरे की घंटी थी. नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समरोह में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री के शामिल होने के पश्चात मोदी नवाज शरीफ मित्रता की हवा बहने से पहले ही पाकिस्तानी राजनीति पर हावी वर्ग यहां तक आरोप लगाने लगे कि नवाज शरीफ ने भारत के प्रधान मंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में हाजिरी देकर उपमहाद्वीप पर भारत की प्रभुता को ही स्वीकार कर लिया. नवाज मोदी सम्बंधों को शत्रुता में बदलने में उन्हें अधिक देर नही लगी. तभी से कश्मीर में हालात बिगाड़ने की तरकीबें सोची जाने लगीं. यह मौका उन्हें मुफ्ती मोहम्मद सईद की मुत्यु और फिर सरकार बनाने में दो महीने के अनिश्चय से मिल गया. महबूबा मुफ्ती को एक कमजोर नेता मानते हुए कश्मीर सरकार को अस्थिर करने के लिए भी किसी आजमाए हुए नुस्खे की तलाश थी जो एक नौजवान बुरहान वानी ने मुहैय्या कर दिया. नेट और सोशल मीडिया के शौकीन बुरहानी में उस के पाकिस्तान नियंत्रकों को संभावनाए दिखाई दीं. नेट पर उस की छवि चमकाने के लिए आवश्यक था कि उसे कोई अहम पद दिया जाए और वह हिज्बे मुजाहिद्दीन आतंकवादी गुट का कमांडर बना दिया गया. ऐसे व्यक्ति की अगर हत्या हो जाए तो अपने पांव जमाने की कोशिश कर रही महबूबा सरकार के लिए स्थिति सम्भालना असंभव नही तो बहुत कठिन तो होगा ही. लगे हाथों मृतप्राय हिजबुल मुजाहिद्दीन में भी नई जान फूंक दी जाएगी. बुरहान की हत्या के लिए किसी रहस्यमय योजना की आवश्यकता ही नहीं थी. वह खुल कर अपनी दूरदर्शनीय छवि बना रहा था. देर सवेर सुरक्षा बलों का उस तक पहुंचना कोई असाधारण घटना नहीं थी.

[ads-post]

एक नायक की मौत पर, भले ही वह केवल छाया नायक ही क्यों न हो, विरोध और आवेश पैदा करने के लिए कई महीने का समय आवश्यक था जो उन्हें मुफ्ती की मौत के बाद मिल गया. इस के लिए पहले से परीक्षित समरनीति को अपनाने का ही फेसला किया गया. पत्थरबाजी और कम उम्र के बच्चों का इस्तेमाल...दोनों का उपयोग जब पहली बार हुआ था तब भी प्रशासन लगभग बेबस हो गया था और केंद्र सरकार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर केवल बचावी स्थिति में आ गया था. आज भी पहले कुछ सप्ताह तक वही बेबसी कश्मीर प्रशासन और भारत सरकार में दिखाई दी. अपने विरोधियों पर पत्थर मारना कश्मीर में कोई नई बात नहीं, लेकिन पत्थरबाजी को सुरक्षा बलों के खिलाफ एक प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की समरनीति 2008 के बाद ही विकसित हुई. तब के मुख्यमंत्री ने इसे नेतृत्त्व विहीन जमात कहा था. लेकिन आज वह नेतृत्त्वहीन नहीं है. उसे कही से निर्देश मिलते हैं, कहीं से वित्तीय सहायता मिलती है. कोई भी बंद कुछ दिनों के पश्चात ही आम जनता के लिए असह्य हो जाता है. लोग उसे समाप्त करने के प्रयास आरम्भ करते हैं, चाहे वह आंदोलनकारियों की हडताल हो या फिर सरकार का लगाया कर्फ्यू. श्रीनगर में भी लोगों को जीने के लिए दिन प्रतिदिन की आवश्यकताएं पूरी करनी होती हैं. उन में अपने ही घरों की कैद से बाहर आने की छटपटाहट पैदा होती है. लेकिन अगर दो महीने पश्चात भी लोग कुछ सरकारी प्रतिबंधों के कारण और कुछ आत्मबंधन के कारण जी रहे हैं तो यह आवश्यक है उन्हें कहीं से सहायता मिल रही है. लेकिन जिन लोगों का व्यवसाय इस बात पर निर्भर है कि बाजार खुले रहें और लोग सुरक्षित घूम फिर सकें, यातायात उपलब्ध हो, उन मजदूरों, नाव वालों, होटल वालों और टैक्सी वालों की हानि की भरपाई कोई अदृश्य ताकत नहीं कर सकती है.

जब भी प्रशासन को इस प्रकार की स्थिति का सामना करना पडता है उस की दलील यही होती है कि यह समस्या राजनैतिक है केवल आर्थिक सहायता से शांति नहीं आ सकती है. यही 2009 में उमर अब्दुल्ला ने दी थी और यही महबूबा भी दे रही है. लेकिन दूसरी और यह दलील भी दी जाती है कि बच्चे इसलिए सडकों पर पत्थरबाजी के लिए आते हैं कि वे बेरोजगार है, शिक्षित होने पर भी उन के पास अपनी शिक्षा का कोई उपयोग नही है. यह सच हो सकता है. लेकिन अगर कश्मीरी शिक्षित युवकों के पास काम नहीं, वे आर्थिक शक्ति बनते हुए भारत की प्रगति का हिस्सा बनना चाहते हैं लेकिन नहीं बन पा रहे हैं तो उन्हें यह भी समझ लेना होगा कि आज की दुनिया में सरकारी नौकरियों पर ही सारा रोजगार निर्भर नहीं रह सकता है. आज रोजगार देने में निजी उद्योगों की भूमिका सब से अधिक है. लेकिन उन्हें यह पूछना चाहिए कि कश्मीर में, जहां उद्योगों के लिए आवश्यक पानी, बिजली और जमीन की कमी नहीं है, उद्योग क्यों नहीं लगते. किसी दूसरे राज्य के पूंजीपति को कश्मीर में उद्योग लगाने के लिए जमीन नही मिलती, तो उद्योग कहां से लगेंगे? रोजगार कहां से आएगा? राजनीति तो आर्थिक विकास के ही लिए मार्ग बनाती है, लेकिन यहां तो राजनीति ही आड़े आती है तो फिर शिकायतों का हल कहां से आएगा? कश्मीर के अलगाववादी नेता कश्मीरी युवकों को एक ऐसे चक्रव्यू में फंसाते जा रहे हैं जिस से निकलने का मार्ग उन्हें नहीं आता.

कश्मीर घाटी में छोटे छोटे गुटों और जमातों का चलन नया नहीं है जो किसी न किसी विदेशाी शक्ति के नियंत्रण में रहे हैं. दुर्भाग्य से आज तक पूरे राज्य का कोई प्रभवशाली नेता सामने नहीं आया है. पूरे राज्य के किसी मान्य नेतृत्त्व के अभाव में अनेक गुटों में बंटी कश्मीर की राजनीति में अलगाववाद उन का व्यावसाय बन गया है. इसलिए वे कभी स्वाधीन नहीं रहे, सारी राजनीति विदेशी ताकातों के इशारे पर ही चलती रही है. आजादी से पहले भी कश्मीर का आंदोलन लाहौर से चलता था और आजादी के बाद भी पाकिस्तान से चलता है. जाने अनजाने भारत सरकारें भी इस स्थिति को बनाए रखने में सहायक ही सिद्ध हुई हैं. जब मोदी सरकार हुरियत नेताओं के खचरें में कटौती की बात करने लगी तब अधिकतर लोगों को पहली बार पता चला कि अलगाववाद और भारत विरोध को वित्तीय सहायता भारत सराकर के खजाने से भी जाती है.

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: प्राची - दिसंबर 2016 - प्रस्तर युग में सरकती कश्मीर घाटी / जवाहरलाल कौल
प्राची - दिसंबर 2016 - प्रस्तर युग में सरकती कश्मीर घाटी / जवाहरलाल कौल
https://lh3.googleusercontent.com/-STpFKZGODH0/WHnFggxhvLI/AAAAAAAAyKM/_QBuTwCDJkY/image_thumb%25255B2%25255D.png?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-STpFKZGODH0/WHnFggxhvLI/AAAAAAAAyKM/_QBuTwCDJkY/s72-c/image_thumb%25255B2%25255D.png?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2017/01/blog-post_57.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2017/01/blog-post_57.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content