पाठकीय // पाठकों के पत्र // प्राची - फरवरी 2018

SHARE:

आपने कहा है प्रसार संख्या बढ़ाने की बेचैनी के दौर में ’प्राची’ का नव-वर्ष प्रवेशांक मिला। पत्रिका के मुख पृष्ठ से ही अंक ने प्रभावित करना शुर...

आपने कहा है

प्रसार संख्या बढ़ाने की बेचैनी के दौर में

’प्राची’ का नव-वर्ष प्रवेशांक मिला। पत्रिका के मुख पृष्ठ से ही अंक ने प्रभावित करना शुरू कर दिया। पत्र-पत्रिकाओं की प्रसार संख्या बढ़ाने के लिये बेचैनी के इस दौर में, ’प्राची’ ही सम्भवतः वह पत्रिका है जो स्पष्ट घोषणा करती है कि रचनाओं के प्रकाशन की शर्त उनकी उकृष्टता है। रचनाकार का पत्रिका का सदस्य बनना आवश्यक नहीं है। क्योंकि प्रबंधन यह रहस्य जानता है कि सामग्री रोचक होगी तो प्रसार तो बढ़ेगा ही। अन्यथा अब यह शर्त लगभग अनिवार्य हो चली है। अनेक प्रतिष्ठित प्रकाशन तो पारिश्रमिक के तौर पर सदस्यता ही थोपने लगे हैं। कुछ को छोड़ कर अधिकांश सरकारी स्तर पर प्रकाशित होने वाली पत्र-पत्रिकायें भी इस राह पर चलने लगी हैं।

आपका सम्पादकीय, ‘खुश रहो कि हम आजाद हैं’ हमारे एक सौभाग्य का संकेत करता है तो किसी स्वतंत्र व्यंग्य की तरह आजादी का दुरुपयोग करने के विरुद्ध चेतावनी भी है। हम सब को याद रखना चाहिये कि आजादी का मतलब निरंकुशता तथा मनमानापन हर्गिज नहीं है। आजादी का अर्थ है अपने अधिकार तथा कर्तव्यों के प्रति सजग रहने के साथ ही, दूसरों के अधिकारों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध होना। यह भारत है। विविधता में एकता ही इसकी संस्कृति है। संवैधानिक स्थिति भी है। देश का यह रूप बनाये रखने का दायित्व हम सब का है।

पत्रिका के प्रधान सम्पादक, भारत यायावर पर, विजय केसरी द्वारा प्रस्तुत आलेख ‘एक प्रेरक व्यक्तित्व’ अंक का विशेष आकर्षण माना जा सकता है। विलुप्त साहित्य पर शोध प्रवृत्ति तथा वर्तमान पर पैनी नजर रखना उनके व्यक्तित्व की विशेषता कही जा सकती है। रतन वर्मा की आत्मकथा ‘अनचाहा सफर’ अंक दर अंक रोचक तथा जिज्ञासा पूंर्ण होती जा रही है। वह बताती है कि एक रचनाकर्मी की सृजन-यात्रा के मध्य कैसे-कैसे अवसर तथा त्रासदी हो सकते हैं। वही उसकी थाती होते हैं।

कहानी सनत कुमार जैन की हो या रामबाबू नीरव, नीरजा हेमेंद्र, निरंजन धाुलेकर, डॉ. शुभा श्रीवास्तव, राकेश भ्रमर, राजा चौरसिया, अमित शर्मा की हों, सबके अपने-अपने संदेह हैं। रोचकता जैसी अनिवार्यता सब में विद्यमान है। सत्य शुची, रेणु शर्मा, संदीप तोमर, राजेश माहेश्वरी, डॉ. संगीता गांधाी, राकेश भ्रमर की लघुकथायें भी ‘देखन में छोटे लगें, घाव करें गम्भीर’ की तरह हैं। सूर्य नारायण गुप्त ‘सूर्य’, सतपाल ‘स्नेही’, अरविंद अवस्थी, ऋषिपाल धीमान ‘ऋषि’, अभिनव अरुण, अविनाश ब्यौहार, केदारनाथ सविता, कृपाशंकर ‘अचूक’, डॉ. सी बी भारती की क्षणिकाओं, गजल, कविता, गीतों का चयन सजग है।

‘प्राची’ में राजेन्द्र कुमार की समीक्षायें लगातार पढ़ने को मिल रही हैं। समीक्षाओं को पढ़कर उनकी अध्येयतावृत्ति की गहराई को समझा जा सकाता है। बड़ी बात यह है कि वे बिना किसी शोर-शराबे, साहित्यिक दम्भ के अपने कर्म में लीन हैं। आचार्य भगवत दुबे के सम्बंध में कुछ कहना मेरे लिये धृष्टता होगी। निसंदेह, अशोक ‘अंजुम’ तो हिंदी गजल के स्थापित पुरोधा तथा मर्मज्ञ काव्य समीक्षक हैं ही। सनातन कुमार वाजपेयी ‘सनातन’, श्याम सुन्दर मिश्र, डॉ. मधुर नज्मी के आलेख भी उनकी चिंतन प्रवृत्ति के परिचायक हैं।

अंत में, अपने व्यंग्य स्तम्भ, ‘यहाँ वहाँ की’ के लिये कुछ लिखना मेरे लिये अनुचित होगा। यह दायित्व सुधी पाठकों की कसौटी पर ही है।

-दिनेश बैस, झांसी (उ.प्र.)



आपने कहा है

प्राची का जनवरी, 2018 अंक मिला. पत्रिका में प्रकाशित रचनाओं की गुणवत्ता निश्चय ही स्तरीय व पठनीय है. सही अर्थों में प्राची सामयिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विचारों का पोशक व संवाहक है. संपादकीय में विकृत आजादी का चित्रण है, जिसे हम देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं. सरकारी या गैर सरकारी चल-अचल संपत्ति का दोहन आम बात हो गई है. राजनीतिक रसूख के चलते कुछ भी किया जा सकता है. कानून का भय नहीं है. न्यायपालिका में भी सब ठीक नहीं चल रहा है. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधाीश भी मनपसंद वादों को सुनना चाहते हैं. एक तरह की यूनियन बनाकर प्रेस कान्फ्रेंस कर मुख्य न्यायाधाीश पर दवाब बनाते हैं और विपक्षी दल राजनीति करते हैं.

अंक में छः कहानियां हैं. ‘संतगीरी’ में तथाकथित सफेदपोश और सब्जी बेचने वाली महिला को लेकर कहानी लिखी गई है, जिसमें महिला मेहनत और सादगी को संवादों द्वारा प्रभावी ढंग से कहा गया है. ‘औरत न होने का दर्द’ एक मार्मिक व लंबी कहानी है. महिला किन्नर के दर्द को शेखर के माध्यम से कहा गया है कि लड़का, लड़की या किन्नर का जन्म मां-बाप के वश में नहीं है. उनके लिए सभी बच्चे समान और ममता के हकदार हैं. लेकिन समाज का दवाब और पारिवारिक क्लेश सब सुखा देता है. बचते हैं केवल अपमान व आंसू. इस कहानी के विस्तार को कम करके ज्यादा प्रभावी और कसा जा सकता था. ‘छुपकर रोने वाली वो लड़की’ महिला के संघर्श और सफलता की प्रेरक कहानी है. निम्न व मध्यम वर्गीय समाज की बड़ी होती लड़की निशा की कहानी है, जो अन्य लड़कियों की तरह ससुराल के सपने देखती है, किंतु निष्ठुर आतयायी पति की मारपीट से तंग आकर मां-बाप के घर लौट आती है और माथे पर ससुराल से भागी हुई लड़की का कलंक सहते हुए मायके में शरण नहीं पाती. यहीं से उसका संकल्प, उसे नए व्यक्तित्व की ओर ले जाता है. भारतीय पुलिस सेवा में चयन के बाद निशा नागपाल का आत्मविश्वास नई ऊंचाई तक जाता है. वान्या का साथ पाकर वह धन्य हो जाती है. एक प्रेरणादायक कहानी के लिए लेखिका को साधुवाद.

‘आखिरी हंसी’ गांव के सामाजिक और राजनैतिक गठजोड़ की कहानी है. जिसमें सरपंच ही सबकुछ है. लेकिन बिरजू और कजरी के माध्यम से सरपंच की खुशी तिरोहित होने को कहानीकार ने अंत को संवार दिया है. ‘संपूर्णता’ पति-पत्नी के संबंधों को लेकर बुनी गई मार्मिक कहानी, जो एक अलग संसार में ले जाती है. विवाह का अर्थ केवल सप्तपदी है, जो कि जन्मों के बंधन में बांधती है. लेकिन अगर शरीरिक मिलन न हो, पति एड्स से पीड़ित हो, तो पत्नी की कामनाएं और शरीर की मांग के कारण लतिका निष्पक्ष हो जाती है और अपने को व्यस्त रखने के लिए किताबों, पत्रिकाओं की दुकान खोलती है. पति का मौन सहयोग और प्रेमी सिद्धान्त से मिलने के बाद नायिका सामान्य जीवन की ओर जाकर पुनः वैवाहिक बंधन में बंधती है. ‘अनुत्तरित’ तीन पीढ़ियों की कहानी है, जिसमें गिरधारी, उसके बेटे संजीव और पोते अजय के परस्पर संबंधों को भावनात्मक स्तर पर ले जाकर यथार्थ के खुरदरे धरातल पर लाकर पटकती है. गिरधारी बेटे को यथा सामर्थ्य पढ़ाकर ग्रामीण रीतिरिवाज से विवाह कर देता है, वहीं पत्नी प्रभा और पुत्र अजय को छोड़कर शहर जाकर नौकरी करता है और सबको भूलकर शहरी जीवन जीता है. पोते के आग्रह पर जब गिरधाारी शहर में पिता-पुत्र को आमने-सामने खड़ा करता हे तो पोते का कथन- ‘मेरा बाप मर चुका है’, छोटे बच्चे के समय से पहले मानसिक रूप से परिपक्व हो चुके समाज/परिवार में बिखराव की समझ को भ्रमर जी ने रचना कौशल से अविस्मरणीय बना दिया है.

अंक की सभी कहानियां कुछ-न-कुछ संदेश देने में सफल हैं. अंक के गीत व गजलें भी भावपूर्ण हैं. डॉ. सी.बी. भारती की कविताएं सामाजिक असमानता और भेदभाव को स्पष्ट रूप से कहती हैं. जो भी प्रकृति ने दिया है, उस पर सबका समान अधिकार है. लघुकथाएं और व्यंग्य भी ठीक हैं.

रतन वर्मा का ‘अनचाहा सफर’ एक लेखक के संघर्ष और ईमानदारी से जिए गए जीवन को कागज पर उकेरना निश्चय ही दुरूह कार्य है. रतन वर्मा को साहित्य जगत में स्थापित करने में श्री भारत यायावर जी का योगदान अविस्मरणीय है, जिसे उन्होंने स्वीकारा है. हजारीबाग में ही नहीं, उसके बाहर भी अनेक छोटे-बड़े लेखकों को भी श्री भारत यायावर जी का मार्गदर्शन और आशीर्वाद रहा है. अंक में समीक्षा, साहित्य समाचार, पुस्तकें/पत्रिकाएं मिलीं स्तंभ भी सराहनीय हैं.

विजय केशरी का आलेख ‘एक प्रेरक व्यक्तित्व’ श्री भारत यायावर के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डालता है. श्री भारत यायावर के व्यक्तित्व और कृतित्व का आकलन असंभव है. रेणु जी के रचना संसार को प्रामाणिक रूप में खोजना और प्रकाशित करवाना उनके ही वश की बात थी. एक कठिन और श्रमसाध्य कार्य! आज हमें रेणु का जो साहित्य उपलब्ध है, उसके लिए पाठक श्री भारत यायावर के हमेछाा ऋणी रहेंगे. मैं व्यक्तिगत रूप से श्री यायावर जी से नहीं मिला हूं, पर मोबाइल पर उनका मार्गदर्शन और आशीर्वाद सहज उपलब्ध है. मुझ जैसे नवोदित लेखक के लिए यह गर्व की बात है. श्री यायावर जी की कुछ पुस्तकें पढ़ने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ है, जिनसे मैं लाभान्वित हुआ हूं. उनके लेखनकर्म और लगन को कोटिशः प्रणाम्! प्रेरणा के स्रोत और साहित्य-आराधक श्री यायावर जी को शतायु हों, ऐसी कामना है.

राजेंद्र कुमार, नगरा, झाँसी- 284003



लघुकथाओं पर केन्द्रित अंक अच्छा बन पड़ा है

‘प्राची’ के दिसंबर, 2017 की प्रति कल ही मिली है. लघुकथाओं पर केन्द्रित यह अंक बहुत अच्छा बन गया है.

बधाई! इस अंक में मेरी दो लघुकथाएं ‘सरकार और पत्नी’ तथा ‘स्पीडमनी’ प्रकाशित करने के लिये धन्यवाद.

‘प्राची’ के प्रधाान संपादक में श्री भारत यायावर का नाम देख रहा हूं. ये तो हजारीबाग में थे. अब जबलपुर में रहते हैं क्या? इनसे तो तीन दशक पुराना संबंध है.

‘प्राची’ के किसी अन्य विशेषांक या दूसरे अंकों के लिये रचनात्मक सहयोग कभी भी लिया जा सकता है. शुभकामनाओं के साथ!

अंकुश्री, रांची (झारखंड)

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: पाठकीय // पाठकों के पत्र // प्राची - फरवरी 2018
पाठकीय // पाठकों के पत्र // प्राची - फरवरी 2018
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh7g8pNc1F54tQyUrhNk-iwGuMmzBry61lFRAuknJYJ2yPLVngBte8QLZhWYdH3846ZXYZArbEXI1z-MxWuoOfItw735j8JKHYaRJ6Bni-c3FD7mRLUgeaHI95OHOlIWCcjx_68/?imgmax=400
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh7g8pNc1F54tQyUrhNk-iwGuMmzBry61lFRAuknJYJ2yPLVngBte8QLZhWYdH3846ZXYZArbEXI1z-MxWuoOfItw735j8JKHYaRJ6Bni-c3FD7mRLUgeaHI95OHOlIWCcjx_68/s72-c/?imgmax=400
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/03/2018_6.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/03/2018_6.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content