आशुतोष दीक्षित ''आशु" की कविताएँ

SHARE:

संग्रह :-  अनाम बहन *1* भय कहते भय एक मनोभाव है एक रिसाव है जो रिसता है दिल दिमाग और उन आंखों में जिनमे कुछ अलग से ख़्वाब होते है...

image

संग्रह :-  अनाम बहन


*1*


भय
कहते
भय एक मनोभाव है
एक रिसाव है
जो रिसता है
दिल दिमाग और
उन आंखों में
जिनमे कुछ अलग से
ख़्वाब होते हैं
कुछ पूरे कुछ अधूरे
और कुछ ऐसे भी
जिनके देखने पर
पाबंदियाँ लगी है
बैठे है सख़्त पैहरे
विचार और अभिव्यक्ति पर
हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं
विकराल सन्नाटा
और करते हैं रंज
कि क्यों होता है ये सब
कैसे लग जाती है
आग
वहाँ जहाँ होता है बहुत पानी।


*2.*


ज्ञात मुझे है
टिम-टिम करते तारो को तुम तकते तकते
रात रात भर एकाकी यूं जगते जगते
तुम मुझको दे ही जाती हो ;
ये स्नेहिल सौगात
ज्ञात मुझे है
अंधियारी इस रात में तुम क्या सोच रही है
खुली आंख से जैसे सपना देख रही है
प्रणय रात की उस स्नेहिल बेला में
जब कहते कहते रोक लिया था ;
तुमने अपनी बात
ज्ञात मुझे है
सावन की उन रिमझिम रातों में
मै तुममें तुम क्यों खोती मेरी बातो में
कौंध रही है बार बार क्यो;
प्यार भरी वो रात
ज्ञात तुम्हें है
चिर विरह दंश से अभिशापित मैं विकल कोक
रात दिवस की इस पीड़ा से चीख रहा हूँ
जीवन की इस व्यथा कथा में
क्यो आप नहीं हो साथ।


*3.*


मां
एक स्त्री
जो दिखती है अनेक रूपों में
बिखरता हुआ अक्स
टूटती किरचों के बीच
बिछा देती है
दृश्यों के जाल
ममता के आंगन में
घोंट देती है गला
इरादों और सुनहरे भविष्य का
और दे देती है
शांत सुमधुर सपने
नव कोंपलो को
मिटाती अस्तित्व अपना
बेबसी के दौर में
क्योंकि वह एक
मां है


*4.*


एक लड़की
        जिसके जन्म लेते ही
       पसर जाती है खामोशियां
       लोग बाग देने लगते हैं सांत्वना
       कि लड़के लड़की में कोई फर्क नहीं है
      बशर्ते उन्हें भी दी जाय अच्छी शिक्षा
       फिर भी टाल दिया जाता है :
      बधाईयों का आदान प्रदान ;
      डाल दिया जाता है पानी :
      पटाखों फुलझड़ियों में ;
     रोक दिया जाता है :
     मिठाइयों का बनना ;
     लगा दी जाती है पाबंदी : 
      सोहर और ढोल की थाप पर ;
     मातमी सन्नाटे के बीच
     बूढी औरतें करती है खुसुर पुसुर
     ये कैसे हो सकता है :एक ने कहा
    बहू का बायां पैर ही बढ़ता था आगे
     उजियारे पाख मे ही तो धारण किया था गर्भ
    दूसरी ने कहा :
   अरे कुछ नहीं होता इससे
   सब बकवास है
   विधि का विधान भला कौन टाल सकता है
    हानि लाभ जीवन मरण यश अपयश विधि हाथ
   कहकर याद किये जाते हैं बाबा तुलसी
सब विचारमग्न
   गोया कि घट गया हो कुछ अघटित
   जन्म ले लिया हो कसी कृत्या ने
अन्ततः होता है निर्णय -
     कि यही मौका है जब लड़की को
     चटा दो ढेर सारा नमक
     याकि जला दो नन्हीं पोरों को
      जमोगो के नाम पर
     और कर लो पश्चाताप
     सोनोग्राफी मशीन डाक्टर
     और
     मां के झूठ का।


*5.*


क्यों
क्यों
जाते हैं बदल
मेरे मधुबन
मरघटो में
जहाँ जलकर चटकती हड्डियों
बहती हुई मज्जा से घिरा
मेरा मै
बनता है बैताल।
क्यो
बार बार पूछता है बैताल
तुम्हारे होने न होने के
अनगिनत सवाल
मैं बचना चाहता हूँ
भागता भागता
पार कर जाता हूँ
अनेक शहर गांव घर
बच्चे चीखते हैं
लोग पिल पड़ते हैं लाठियाँ लेकर
एक बार फिर मारा जाता हूँ
उन्माद भीड़ और तमाशाई
लगाते हैं कहकहा।
क्यों
फिर जगता है बैताल
फूंकता है कान में कोई मंत्र (सलाह)
चिहुंककर उठ बैठता हूँ
टटोलता हूँ अपनी जेबों को
जहाँ अब भी सुरक्षित है
तुम्हारी चूडी का टुकड़ा
रोप देता हूँ उसे
रक्त से गीली मिट्टी में
हल्के से सहलाता
एकाएक
सिहरन से भर गया शरीर
रोंगटे खड़े हो गए
कि जैसे तुमने छुआ है अभी।
मुझे पता है
यहाँ फिर अंकुरित होगा प्रेम
एक न एक दिन हो जाऊंगा मुक्त
सुन रहे हो बैताल।


*6.*


भूख है कि मिटती नहीं हमारी
भरसक निचोड़कर कर पी गया
मां के स्तनों को
साथ ही
स्नेह वात्सल्य
कर गया हजम
डकार भी नहीं ली
नोच डाला
शाक पात सभी
कर दिया नग्न
पृथ्वी के जघन को
टूट पड़ा
जो भी हुआ समक्ष
कर लिया विजित
फिर भी रहा भूखा
पर खुद को न देख सका
पौरुषवान होकर बन गया परुष
दया क्षमा शील से रहा परे
सभ्यता के चरम पर पहुंच मैं
बना रहा आदिम।


*7*.


अनाम बहन के प्रति
मै देख रहा हूँ
(यद्यपि घना अंधकार है)
उत्तप्त हृदय
उदिग्न मन की
विचार सारिणियों का अजस्र प्रवाह
उठती गिरती
लहरों में बह रहा हूँ
अचानक से चमक जाती है बिजली
प्रकाशित हो उठते हैं हृदय तट
ऊंचे नीचे होने लगते हैं
स्नेहिल बिम्बों के प्रसार
याद आता है :
तुम्हारा हथेली के बल घिसटना
आइत हय आइत हय कहते कहते
छपाक से दाल की कटोरी का उलट देना
जलने पर मुझे ही दोष देना
याद आता है :
मेरा स्कूल जाना
घर आंगन बरोठा कोठरी हाता सभी जगह
मुझे तुम्हारा खोजना
फिर
ऊब और एकाकी चिंता के साथ
बुआ दादी से कहना
( हमार भइया कहं गया)
याद आता है :
उस विकट रात में
तुम्हारा पढ़ते पढ़ते सोना
और जल जाना
तुम्हे देखना
डरना
मेरे आंसुओं का सूख जाना
क्या था ये
सामाजिक बंधन थे?
या नेह के अदृश्य तन्तु?
ज्ञात नहीं।
मुझे याद है :
तुम्हारा स्कूल जाना
लघु शंका के बहाने
दिन दिन खेतो में घूमना
रामदाना खाना
बथुआ उखाड़ कर अदृश्य अज्ञात के लिए रख देना
मुझे याद है :
तुम्हारा पढ़ना
लड़ना
किसी भी बात पर घण्टों बहस करना
रूठना मनाना
अवसाद ग्रस्त होना
बिखरना
और फिर खुद को सहेज लेना।
मुझे याद है :
तुम्हारा घर का कोतवाल बनना
हर बात को नियंत्रित करना
हावी होना
बात को मनवाने का प्रयास करना
कुतर्क करना
और नाराज होना।
कभी छोटे बच्चों को मात करना
तो कभी बन जाना महाज्ञानी।
मुझे याद है :
कभी कभी मेरे लिए दिन भर खटते
मेरी ही इच्छा के
ढेर सारे पकवान बनते
तभी किसी बात पर उग्र हो
मुझसे लड़ पड़ते।
किन्तु अफसोस कि
मेरे नेत्रों में अश्रु देख जो विचलित होते
उनकी स्मृति ही आज आंखें नम करती है
बातो और रिश्तों के धागे भी तोड़ चुके वो
मेरी पहली सर्वाधिक प्रिय बहन
बता दो बस इतना
क्या मेरी स्मृति अब नहीं आती
या मिटा दिया है
मेरा नम्बर
अपने फोन बुक से
स्नेहिल स्मृतियों से भी
                              तुम्हारा भाई

*8*.


मै देख रहा हूँ
आगत विगत
स्वप्नों का विस्तार
उत्ताल लहरों से तिल तिल कटकर
टूटते हुए कगार।
मै देख रहा हूँ
घटाटोप अंधकार
झंझावात
उमड़ते काले घनो के मध्य
एक कौंध को तरसती
बिद्युत की कातर पुकार
सुनकर बखूबी महसूस करता हूँ
हृदय का हाहाकार।
मै देख रहा हूँ
स्तब्ध चकित सशंकित
मै भाग रहा हूँ
खुद से
आप से
आस पास से
छिपाना चाहता हूं उसे
जिसे मैने जिया ही नहीं
और बताना चाहता हूँ
कि करने पर भी अथक परिश्रम
खत्म न होने वाली दुश्वारियों की कतार।
मै जी रहा हूँ
सवालों को
सलाहों को
फब्तियों को
कुटिल मुस्कराहटों को
लिजलिजी व्यवस्था को
जहाँ रोजगार विहीन होना
अयोग्यता का परिमाप है।

*9.*


शब्दों को चबा चबा कर
खबरों की जुगाली
करते हैं प्रस्तोता
और बताते हैं कि
टी आर पी के मायने
गुमटियो ;चाय की दुकानों के
इर्द-गिर्द
महकती चाय की चुस्कियों
प्रसारित ठहाकों के मध्य
पान की पीक को इधर-उधर
थूकने के साथ हम देते हैं निर्णय
(असल में प्रद्युम्न का हत्यारा है कौन)
आओ बैठ ले कुछ देर
कर ले विचार कि
क्या प्रद्युम्न का मरना
अगस्त सितम्बर में बच्चों का मरना है
वस्तुतः फासीवाद और पूंजीवाद का यह दुष्चक्र
जिसमे फंस ही जाता है
कोई न कोई मुर्दा खलासी
और ढंक देता है उन प्रश्नों को
जो इन हिंसक जानवरों को
करते हैं बेनकाब
और छुपा जाते वहाँ
चहलकदमी करती हुई लाशों
के रहस्य को
और ये जिंदा लाशें करती रहती हैं
गुपचुप तरीके से
भारत निर्माण
                     

*10.*


कुदुवा
जो मात्र सूचना पर
बिना बुलाए आते हैं
लगाते हैं मजमा
बनाते हैं खुद का तमाशा
वे पूडी शक्कर भरते हैं झोली में
ताकि आगे कुछ दिनों तक पेट भर सके
इस बात पर लोग बजाते हैं तालियां
लोग कसते हैं फब्तियां :
ये नीयतछुट है
मांगने वाली जाति है ये
अरे! इनकी बराबरी कौन करेगा
हम लोग क्या कमाते हैं
जरायमपेशा हैं साले
बेटियों से व्यापार कराते हैं
जिस्म का।
सही कहते हैं जिजमान
हम ज्यादा कमाते हैं
लेकिन क्या आप आ सकते हैं
हमारे घर
करने तमाशा भूख का
जगन्नाथ की बोलने जय
कर सकते हैं दक्षिणा के लिए
चिरौरी।

*11.*


चांद क्या है
एक रोटी है
जिसे सब खाना चाहते हैं
वो भी जिसका पेट बहुत बड़ा है
वो भी जिसका पेट पीठ से मिला है
बड़े पेट के पास पैसा है
बंदूक है
गोलियां हैं
चाभी है बातों की
वह खोलता है रोज - सपनों की दुकान
दिखाता है - हमारे भविष्य के सुनहरे सपने
बन जाता है हाक़िम
बैठता है शौक से सिंहासन पर
कीमती लिबास पहनकर।
और वो जिसकी पीठ पेट में है
उसके पास भी हैं
भूख
लाचारी
भात के लिए बिलखती
मरती नयी पीढ़ी
बेरोजगारी का दंश झेलते
अवसादग्रस्त हो
आत्महत्या करते नौजवान
खलिहान में फसलों की डेरी
जमा कर
पसीने से सनी हथेली में
चंद सिक्के दबाकर
बाजार से लौटता किसान
उसके पास एक लाठी भी है
जिसे वो तानाशाह पर नहीं तानता
अपितु खुद को ढोता है।


प्रेषक :-
नाम- आशुतोष दीक्षित
पता- ग्राम व पोस्ट बीबीपुर
जिला - बाराबंकी

COMMENTS

BLOGGER: 2
  1. अंतरात्मा की आवाज को झकझोर कर रख दिया।अति उत्तम,अप्रतिम।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति......बहुत बहुत बधाई......

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: आशुतोष दीक्षित ''आशु" की कविताएँ
आशुतोष दीक्षित ''आशु" की कविताएँ
https://lh3.googleusercontent.com/-jfO0J73HqHg/WqZqZZrCgeI/AAAAAAAA_cM/1er3v97YjxwlOXqAtG2LyZXdrRNgzeGcACHMYCw/image_thumb%255B1%255D?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-jfO0J73HqHg/WqZqZZrCgeI/AAAAAAAA_cM/1er3v97YjxwlOXqAtG2LyZXdrRNgzeGcACHMYCw/s72-c/image_thumb%255B1%255D?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/03/blog-post_52.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/03/blog-post_52.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content