कहानी // सरकारी लाल // जितेंद्र आनंद

SHARE:

सड़क बनाना सरकार का बहुत ही जरूरी कार्य है। सड़क है तो हर काम है, घर तक सामान लाना हो या ऑफिस जाना हो, स्कूल हो या फिर सब्जी मण्डी। और फिर बार...

image

सड़क बनाना सरकार का बहुत ही जरूरी कार्य है। सड़क है तो हर काम है, घर तक सामान लाना हो या ऑफिस जाना हो, स्कूल हो या फिर सब्जी मण्डी। और फिर बारात भी तो सड़क पर ही निकलती है।

विनोद कुमार जी बचपन से ही बहुत विद्वान थे, पिता कुशल प्रताप सरकार के सड़क निर्माण विभाग में कार्यपालक अभियन्ता के पद से सेवानिवृत्त हुए और बहुत ईमानदार स्वभाव के परिचायक थे। कुशल जी के बारे में दूर दूर तक चर्चा थी की कमीशन की वजह से आज तक कभी किसी भी ठेकेदार की बिल नहीं रोका, भगवान की कृपा से उन्हें पत्नी मधु भी सुयोग्य मिली और जीवन को आराम से निकाल दिया। शिक्षा का साथ विनोद कुमार को बचपन से मिल गया और बस न जाने कैसे आईएएस की परीक्षा भी पास हो गयी। समझदार पिता ने विनोद जी की शादी अपने जैसे सरकारी ऑफिसर की बेटी सुनीता कुमारी से करवा दी। गाँव-गाँव में विकास के कार्य कराते हुए एक दिन शहरी विकास मंत्रालय के सचिव पद पर आसीन हो गए। दिल्ली में उनका बिहार प्रदेश के कलेक्टर जैसा रुतबा तो न था लेकिन सरल स्वभाव की विरासत उन्हें कहीं परेशान न होने देती।

कहानी आसान है, सरल है और ये सड़क की चर्चा के बीच में अचानक कैसे आ गयी .....चलिये हम आपको अलग दिशा में ले चलते हैं, हुआ यूँ की विनोद कुमार जी के आईआईटी पास कर आईआईएम अहमदाबाद के उज्ज्वल भविष्य वाले बेटे शरद कुमार को न जाने कैसे आईएएस बनने का भूत सवार हो गया और विनोद कुमार जी दिन रात की नींद न जाने कहाँ उड़न छू हो गयी, वह समझ नहीं पा रहे थे कि उनकी शरद के परवरिश में कहाँ कमी रह गयी।

राजनीति उतनी बड़ी चीज नहीं जितनी वो दूर से नज़र आती है। यह बात विनोद जी कि समझ में दिल्ली आ कर ही आई। हर रोज अपने देश के मोबाइल नेटवर्क कंपनी के मैनिजिंग डाइरेक्टर के घर के सामने से निकलते हुए महसूस होने लगा था कि पूरी पढ़ाई और सारी सरकारी नौकरी में बनाई रद्दी को अगर सबसे महंगे कबाड़ी को बेच दें तो नई दिल्ली के इलाके में एक गमला रखने कि जगह भी न ले पायेंगे। एक बार जब वो बक्सर के कलेक्टर थे और सारी दुनिया उनके आस पास घूमती थी, तो दिल्ली में अपने जिले में बेहतरीन कार्य के लिए केन्द्रीय मंत्री से पुरुस्कार लेने आए थे। बहुत अच्छा लगा, बस गलती से ज़ोर बाग में एक घर कि कीमत जानने के लिए अपनी सरकारी कार रोक ली। ड्राईवर समझदार निकला, उसने बात तुरन्त संभाल ली और ज़ोर बाग के बाजार में एक चाय पिला कर विनोद कुमार जी बिहार भवन छोड़ आया।

ये सड़क भी न जाने किन किन रास्तों से निकल जाती है, सारे रास्ते देश के गरीबों के घर चले जाते तो ठीक था, जब ये किसी ऐसे देशवाशी के घर के सामने से निकाल जाएँ जो इन पढ़े लिखों को ही नौकरी पर रखता है तो बड़ी फजीहत है। कलेक्टर को तो गरीबों कि जय – जय कार के नारों से फुर्सत नहीं और कहाँ अमृता शेरगिल मार्ग पर बने बँगले। फिर एक दिन विनोद कुमार जी ने सुना कि 31 जनवरी लेन में भी एक घर बिक गया। फिर एक बार जिज्ञासा जागी, आखिरकार बक्सर के सबसे नामी पते पर रहते थे, और चाहे एमपी हों या एमएलए, रोज दरवाजे पर कोई न कोई मिल ही जाता। बिहार के मुख्यमंत्री तो जैसे उनकी पूजा ही करते रहते, हर मीटिंग में विनोद जी के चर्चे। मुख्यमंत्री हमेशा बाकी ऑफिसर को मिसाल देते न थकते। आखिरकार पता चल ही गया कि 31 जनवरी लेन में बिका घर उनके जिले में चल रही प्रदेश कि सारी सरकारी योजनाओं के कुल बजट से भी बहुत ज्यादा था।

उन्हें बात भूलने में बहुत ज्यादा समय न लगा, आखिर कार फुर्सत कहाँ ? एक दिन सुनीता जी ने गुजरात घूमने का मन बना लिया। साहेब बहुत दिनों बाद कहीं घूमने निकले, हर तरह का इंतज़ाम हो चला, आखिर कार ये रुतबा किस दिन काम आएगा। हालत और सम्मान ये कि बिहार के मुख्यमंत्री ने खुद फोन करके गुजरात के मुख्यमंत्री को विनोद कुमार जी के बारे में बताया, गुजरात का प्रशासन चकरा गया कि आखिर कोई कलेक्टर आ रहा है। जाने भी दो, बस यात्रा शुरू हुई। हर जगह वाहन उपलब्ध, साथ में कोई न कोई ऑफिसर।

फिर न जाने क्या हुआ , हुआ ये कि सोमनाथ के मन्दिर में एक बुजुर्ग सज्जन पुरुष ने न जाने एक जिज्ञासा कर दी। विनोद कुमार जी के साथ चल रहे ऑफिसर उनकी कुछ जान पहचान के लगे। विनोद कुमार जी ने बता दिया कि बक्सर के कलेक्टर हैं और उन्होने बता दिया कि गुजरात के मुख्य सचिव से सेवानिवृत्त हैं। बात परिवार तक पहुँच गयी, विनोद जी ने आखिर कार संज्ञान ले ही लिया, बेटा क्या करता है और क्या कभी उसको आईएएस बनाने का ख्याल नहीं आया। एक अनजानी मुलाक़ात में अनजान सेवानिवृत्त मुख्य सचिव का जवाब उनके मन को आहत कर गया। आखिरकार वह अपने बेटे का बुरा तो नहीं चाहते थे कि उसके आईएएस बनने के कामना करते।

एक बिहारी के जीवन का सम्मान लगता हो जैसे टूट गया हो, जीवन भर कि साधना, माँ – बाप की महानता और प्यार, समाज का सम्मान, ये रुतबा ये ...। बिहार कोई इंडस्ट्रियल राज्य तो नहीं जो कोई अपने संघर्ष को बिल गेट्स बना दे, अगर संघ लोक सेवा आयोग हर साल नौकरी न निकाले, तो लाखों के जीवन के उद्देश्य का क्या होगा ? समय नहीं था विनोद कुमार जी के पास, अब तक दिन में बीस फोन आ चुके थे, बड़े गंभीर मसले, एमपी साहब कई बार पूंछ चुके कि कब आयेंगे और एमएलए साहब तो लगता था कि अब बचे ही नहीं ....और फिर गरीब महिलाओं का पूरा हजूम उनके दफ्तर के सामने धरना लेकर बैठा था। इतनी दूर आकर, सफर का आनन्द किरकिरा हो गया। अपनी प्रिय सुनीता को समझा लिया कि बहुत जरूरी कार्य आ पड़ा, पर्यटन छोटा हो गया। विनोद जी ने वेरावल से ही टूर समाप्त कर दिया। सुनीता अपने पति का चेहरा देखती रह गयीं, चेहरे पर बसा अभिमान आज टूट गया है। आज के बाद अब विनोद अब वह विनोद नहीं।

खामोशी से चलता वह सरकारी गाड़ियों का दस्ता आज बहुत भारी हो चला। सफर है कि खत्म होने का नाम ही नहीं लेता, सुनीता ने अपनी आँखें बन्द कर ली हैं, अब कहने को क्या बचा है समझ नहीं नहीं आ रहा। जरा सी बात और ये भी कोई बात हुई, पर आज बात बिगड़ गयी है ये समझ में आ गया है।

एक सप्ताह बाद विनोद जी अपने मुख्य सचिव को दिल्ली जाने का आवेदन दे दिया। शायद इस शहर में जो जीवन का अब तक ध्येय रहा उसको भूल जाने की कोशिश कामयाब रहे। सड़क ही तो है न जाने कहाँ ले आई और न जाने कहाँ ले जायेगी।

आखिरकार विनोद जी ने शहरी विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव की नियुक्ति पा ही ली। गाँव – गाँव के विकास में कमाया हुआ नाम आखिर शहर के विकास में काम आ ही गया , फर्क कहाँ हुआ उनके चयन में ये आज तक उन्हें समझ में नहीं आया। शहर में स्मार्ट सिटी था और गाँव में मनरेगा। जाने भी दो इतनी रिसर्च जरूरी नहीं, आखिरकार कैबिनेट सचिव महोदय भी जो बिहार ही के थे ...वही आईएएस हर जगह, कोई महाराष्ट्र, गुजरात, नागालैंड, केरल या अरुणाचल से नहीं। सभी एक जैसे, और सभी या तो उत्तर प्रदेश से या फिर बिहार से... बड़ी त्रासदी, बड़ी आपदा कोई देशव्यापी आपदा प्रबंधन नहीं।

बस यहीं तमाशा हो गया, जहाँ बक्सर में हर काम आसानी से हो जाता, वहीं अब हर कागज बनाने के लिए दस बार पठन करना पड़ता। पढ़े लिखे बाबुओं की भीड़ में इज्जत बचानी मुश्किल हो गयी। एक से एक काबिल लगा हुआ था, कोई कंसल्टेंट बन कर तो कोई ऍडवाइजर बन कर। झमेला ही झमेला और मीटिंग का मेला ही मेला। लोग दिल्ली की पोस्टिंग क्यों चाहते हैं यह रहस्य आखिरकार कैबिनेट सचिव जी की सलाह से खुल ही गया, आखिर वो अपने दोनों बच्चों को अमेरिका भेजने में कामयाब जो हो गए। अगले दिन विनोद जी पहुँच गए कालू सराय और बेटे का आईआईटी की कोचिंग के लिए एड्मिशन करा दिया। उद्देश्य बदल गए, जिंदगी बदल गयी और कसम खाली की अब बेटे को सरकारी नौकरी की तरफ रुख न करने देंगे।

समय का पता न चला पहले आईआईटी फिर आईआईएम, होनहार पिता के काबिल बेटे ने आसानी से शिक्षा हासिल कर ली, चलो गाँव गाँव टोयलेट तो नहीं बनवाता डोलेगा। इतना कठिन परीक्षा देकर लगता है कि कोई विशाल मुकाम हासिल हो गया है पर वही बदबूदार कमरे, कुर्सी पर पड़ी तौलिया, कॉरीडोर में लटके हुए तार, चाहे बिहार सचिवालय हो या नई दिल्ली का शास्त्री भवन।

न जाने ये फितूर आया कैसे, बेटे को क्या तरकीब बताएँ। यूपीएससी भी कभी ये नहीं बताती कि कैसे घर मिलेंगे, कैसा ऑफिस होगा, आस पास के लोग कैसे होंगे और क्या काम करना पड़ेगा। सालों बाद जब समझ में आता है तो निकम्मापन ही बच जाता है, अब तो अक्ल लगाकर भी कुछ नहीं मिलेगा इस लिए लोग नौकरी में चलते ही रहते हैं, लेकिन बेटे को कैसे बचाएँ ...

तरकीब भी आखिर एक उपसचिव बता ही गए। साहिब जी बेटे को कुछ दिन देशाटन पर भेज दो और कुछ कलेक्टर से मिलवा दो, अपने आप ही अक्ल आ जाएगी। शायद, विनोद जी को यह विचार ठीक ही लगा, अगर यूपीएससी भी ऐसी कोई सुविधा देती कि परीक्षा से पहले काम का अनुमान हो जाता तो वो भी शायद जीवन ऐसे न गुजारते। आखिरकार बेटा सात राज्यों में तीस कलेक्टर साहबों से मिला, चार सयुंक्त सचिवों से और दो सेवानिवृत्त मुख्य सचिवों, अगले दिन शरद ने कैम्पस से मिली जॉब को तीस लाख साल के पैकेज पर जॉइन कर लिया।

जिस सड़क ने उन्हें भटका दिया वही सड़क बेटे शरद को सही राह पर ले आयी।

जितेंद्र आनंद – एक परिचय

जन्म : 21 अगस्त 1970 को अलीगढ़ में। मालवीय क्षेत्रीय अभियांत्रिकी विद्यालय, जयपुर से स्नातक व रुड़की विश्वविद्यालय, रुड़की से स्नातकोत्तर डिग्री।

हिन्दी में लेखन के लिए लगाव हमेशा से रहा। संयोगवश देर से बात बनी। अपने आस पास के लोगों की जीवन जीने की लिए की जाने वाली दिन रात की मेहनत ही प्रेरणा बन गयी है। कठिन देश और परिवेश में आशा बनाए रखना भी बहुत दुष्कर कार्य है।

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: कहानी // सरकारी लाल // जितेंद्र आनंद
कहानी // सरकारी लाल // जितेंद्र आनंद
https://lh3.googleusercontent.com/-QFqDHXnEFzg/WtrNkpI2t0I/AAAAAAABA0s/TNQveuWAeqsUPHwvavZYV4Fh6vFRz1rHACHMYCw/image_thumb%255B4%255D?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-QFqDHXnEFzg/WtrNkpI2t0I/AAAAAAABA0s/TNQveuWAeqsUPHwvavZYV4Fh6vFRz1rHACHMYCw/s72-c/image_thumb%255B4%255D?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/04/blog-post_21.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/04/blog-post_21.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content