" कोविड-19 को नियंत्रित करने हेतु ताइवान मॉडल " -डॉ दीपक कोहली- भारत में जहां 'भीलवाड़ा मॉडल' को कोव...
" कोविड-19 को नियंत्रित करने हेतु ताइवान मॉडल "
-डॉ दीपक कोहली-
भारत में जहां 'भीलवाड़ा मॉडल' को कोविड-19 को नियंत्रित करने का एक आदर्श माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर विश्व में 'ताइवान मॉडल 'चर्चा का विषय बना हुआ है। वर्तमान में जब विश्व के लगभग सभी देश कोविड-19 से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं, परंतु इस दौरान ताइवान में कोविड-19 संक्रमण के मामले विश्व के अन्य देशों की तुलना में काफी कम हैं। अपनी बेहतर स्वास्थ्य प्रणाली और तीव्र तथा निवारक कार्यवाही के माध्यम से ताइवान ने इस महामारी से निपटने का एक महत्त्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत किया है।
कोविड-19 के मुख्य केंद्र चीन से 150 किमी. से कम की दूरी पर स्थित ताइवान में पिछले महीनों में कोविड-19 के मामलों की संख्या कमी आई है और इसके संक्रमण की दर में भी गिरावट देखी गई है। ताइवान में मामलों में कमी का एक कारण चीन में शुरूआती मामलों कोविड-19 के मिलने के साथ ही ताइवान सरकार द्वारा देश में की गई त्वरित और सुरक्षात्मक कार्रवाई है। साथ ही इस दौरान कोविड-19 के नियंत्रण और मरीज़ों तथा स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिये ताइवान के अस्पतालों द्वारा अपनाए गए तरीकों का इस वायरस से निपटने में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
1. स्वास्थ्य कर्मियों के छोटे समूह:
इसके तहत शुरुआत से ही आवश्यकता के अनुरूप एक समूह/यूनिट में कम-से-कम स्वास्थ्य कर्मियों को रखा गया।
अस्पताल के किसी भी भाग में कोविड-19 का एक भी संक्रमण उस हिस्से में कार्यरत सभी स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य मरीज़ों की सुरक्षा के लिये एक बड़ा खतरा हो सकता है।स्वस्थ्य कर्मियों के छोटे समूहों के माध्यम से अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 मरीज़ों से स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण के सामुदायिक प्रसार के खतरे को कम करने में सहायता मिली।
इस पहल के परिणामस्वरूप अधिकांश अस्पतालों में एक यूनिट में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों में दो-तिहाई (2/3) की कमी की गई, हालाँकि इस दौरान उपचार की गुणवत्ता और मरीज़-डॉक्टर अनुपात में कोई गिरावट नहीं आई।
2. अस्पतालों में आवाजाही पर नियंत्रण:
ताइवान के ‘केंद्रीय महामारी कमान केंद्र’ (Central Epidemic Command Centre) के एक अधिकारी के अनुसार, कोविड-19 के संक्रमण को कम करने के लिये अस्पतालों में सभी मरीज़ों (बहिर्रोग विभाग, दुर्घटना, आपातकालीन मामले आदि) को लाने तथा ले जाने के लिये अलग-अलग मार्गों की व्यवस्था की गई। इस प्रक्रिया में अस्पतालों में हवाई-अड्डों जैसी सुरक्षा व्यवस्था स्थापित की गई जिसमें अस्पताल में प्रवेश के लिये पहचान-पत्र दिखाने की अनिवार्यता, शारीरिक तापमान मापने के लिये चेकपॉइंट आदि की व्यवस्था की गई तथा अस्पतालों के आस-पास स्वच्छता और विसंक्रमण के नियमों को अधिक कड़ा कर दिया गया।
3.अस्पताल बेड-प्रति व्यक्ति का उच्च अनुपात:
वर्तमान में विश्व के बहुत से देशों ने पाया है कि उनके पास कोविड-19 जैसी अत्यधिक संक्रामक बीमारियों के मरीज़ों की देखभाल के लिये पर्याप्त बेड नहीं हैं।हालाँकि ताइवान में मामलों की संख्या अन्य देशों की तुलना में कम रही है परंतु फिर भी ताइवान की सरकार किसी भी समय मामलों में तीव्र वृद्धि से निपटने के लिये तैयारी थी।
ताइवान के ‘रोग नियंत्रण केंद्र’ के उप-निदेशक के अनुसार, देश में इस चुनौती से निपटने के लिये लगभग एक हज़ार ‘निगेटिव प्रेशर आइसोलेशन रूम’ की उपलब्धता के साथ ही किसी भी स्थिति में ऐसे कुछ और कमरे बढ़ाए जाने की क्षमता उपलब्ध है। ताइवान की आबादी की तुलना में इतनी बड़ी संख्या में ‘आइसोलेशन रूम’ का होना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है और यह देश के उन्नत चिकित्सा तंत्र तथा कोविड-19 से निपटने में ताइवान सरकार की तैयारी की पुष्टि करता है। संक्रमण के मामलों के बढ़ने की स्थिति में स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य मरीज़ों के बीच संक्रमण के सामुदायिक प्रसार को रोकने में ‘आइसोलेशन रूम’ की भूमिका बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।
4.उन्नत स्वास्थ्य नीति और समन्वित कार्ययोजना:
कोविड-19 पर नियंत्रण में ताइवान में केंद्रीय सरकार और देश के अस्पतालों के बीच बेहतर समन्वय की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है। ताइवान की राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली के तहत देश के सभी नागरिकों को एक कंप्यूटर चिप लगा हेल्थ कार्ड प्रदान किया जाता है, जिसमें उस व्यक्ति की पहचान और उसके स्वास्थ्य से जुड़ी पूर्व की सारी जानकारी दर्ज़ होती है। इसके माध्यम से ताइवान के अस्पताल जल्दी और कुशलतापूर्वक मरीज़ों के दाखिले को नियंत्रित करने, उनके लक्षणों को दर्ज़ करने तथा इन जानकारियों को देश के मुख्य चिकित्सा केंद्रों से साझा करने में सफल रहे हैं।
भारत के संदर्भ में ‘ताइवान मॉडल’ का महत्त्व:
कोविड-19 से निपटने में ‘ताइवान मॉडल’ की सफलता का सबसे बड़ा श्रेय ताइवान और इसके अस्पतालों द्वारा पहले ही दिन से की गई तैयारी को जाता है। वर्तमान में भले ही भारत में ताइवान की तुलना में देश के दूरस्थ क्षेत्रों तक उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच का अभाव है परंतु तकनीकी के प्रयोग और सरकार तथा अस्पतालों के बीच समन्वय से बेहतर परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं। कोविड-19 पर नियंत्रण का सबसे सफल उपाय इसके प्रसार को रोकना है ऐसे में अधिक-से-अधिक संभावित कोविड-19 संक्रमित लोगों की जाँच कर और अन्य लोगों में इसके प्रसार को रोकने के प्रयास तेज़ किये जाने चाहिये।
_____________________________________________
लेखक परिचय
*नाम - डॉ दीपक कोहली
*जन्मतिथि - 17 जून, 1969
*जन्म स्थान- पिथौरागढ़ ( उत्तरांचल )
*प्रारंभिक जीवन तथा शिक्षा - हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट की शिक्षा जी.आई.सी. ,पिथौरागढ़ में हुई।
*स्नातक - राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पिथौरागढ़, कुमायूं विश्वविद्यालय, नैनीताल ।
*स्नातकोत्तर ( एम.एससी. वनस्पति विज्ञान)- गोल्ड मेडलिस्ट, बरेली कॉलेज, बरेली, रुहेलखंड विश्वविद्यालय ( उत्तर प्रदेश )
*पीएच.डी. - वनस्पति विज्ञान ( बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश)
*संप्रति - उत्तर प्रदेश सचिवालय, लखनऊ में उप सचिव के पद पर कार्यरत।
*लेखन - विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 1000 से अधिक वैज्ञानिक लेख /शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
*विज्ञान वार्ताएं- आकाशवाणी, लखनऊ से प्रसारित विभिन्न कार्यक्रमों में 50 से अधिक विज्ञान वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।
*पुरस्कार-
1.केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद नई दिल्ली द्वारा आयोजित 15वें अखिल भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार, 1994
2. विज्ञान परिषद प्रयाग, इलाहाबाद द्वारा उत्कृष्ट विज्ञान लेख का "डॉ .गोरखनाथ विज्ञान पुरस्कार" क्रमशः वर्ष 1997 एवं 2005
3. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ,उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा आयोजित "हिंदी निबंध लेख प्रतियोगिता पुरस्कार", क्रमशः वर्ष 2013, 2014 एवं 2015
4. पर्यावरण भारती, मुरादाबाद द्वारा एनवायरमेंटल जर्नलिज्म अवॉर्ड्, 2014
5. सचिवालय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति, उत्तर प्रदेश ,लखनऊ द्वारा "सचिवालय दर्पण निष्ठा सम्मान", 2015
6. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा "साहित्य गौरव पुरस्कार", 2016
7.राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ,उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा "तुलसी साहित्य सम्मान", 2016
8. पर्यावरण भारती, मुरादाबाद द्वारा "सोशल एनवायरमेंट अवॉर्ड", 2017
9. पर्यावरण भारती ,मुरादाबाद द्वारा "पर्यावरण रत्न सम्मान", 2018
10. अखिल भारती काव्य कथा एवं कला परिषद, इंदौर ,मध्य प्रदेश द्वारा "विज्ञान साहित्य रत्न पुरस्कार",2018
11. पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा वृक्षारोपण महाकुंभ में सराहनीय योगदान हेतु प्रशस्ति पत्र / पुरस्कार, 2019
--
डॉ दीपक कोहली, पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उत्तर प्रदेश शासन,5/104, विपुल खंड, गोमती नगर लखनऊ - 226010 (उत्तर प्रदेश )
COMMENTS