"आखिर क्यों चर्चा में है वेंटीलेटर" -डॉ दीपक कोहली- कोरोना वायरस ( कोविड-19) के संक्रमण काल में आजकल समाच...
"आखिर क्यों चर्चा में है वेंटीलेटर"
-डॉ दीपक कोहली-
कोरोना वायरस ( कोविड-19) के संक्रमण काल में आजकल समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, टीवी आदि में प्रत्येक स्थान पर वेंटीलेटर का नाम देखा या सुना जा सकता है । तो सभी को यह जानने की उत्सुकता है कि आखिर यह वेंटीलेटर क्या होता है और यह कोविड -19 से लड़ने में इतना मददगार क्यों माना जाता है? तो आइए आपको वेंटिलेटर के बारे में बताते हैं।
वेंटिलेटर (Ventilator) एक ऐसी मशीन है जो उन रोगियों की मदद करती है जो किसी भी कारण से अपने आप ठीक से सांस नहीं ले पाते हैं। वेंटिलेटर दो महत्वपूर्ण कार्य करता है: फेफड़ों में अधिक ऑक्सीजन पहुंचाता है और कार्बन डाइऑक्साइड को वहां से बाहर निकालता है। इसे अन्य नामों के रूप में भी जाना जाता है जैसे - ब्रीदिंग मशीन या रेस्पिरेटर या मैकेनिकल वेंटिलेटर आदि। एक मध्यम स्तर के वेंटिलेटर की कीमत (ventilator costs in India) लगभग 4.75 लाख रुपये है, जबकि मध्यम स्तर के आयातित वेंटिलेटर में लगभग 7 लाख रुपये खर्च होते हैं। एक हाई क्वालिटी के आयातित वेंटिलेटर की लागत लगभग 12 लाख रुपये होती है। COVID-19 से प्रभावित व्यक्ति को साँस लेने में दिक्कत होती है. COVID-19 फेफड़ों को प्रभावित करता है और गंभीर फेफड़ों के संक्रमण जैसे निमोनिया और तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम से लोगों को मारता है।
वेंटिलेटर यांत्रिक श्वास मशीन हैं जो रोगियों को सांस लेने में मदद करती हैं और फेफड़ों को डैमेज होने से रोकती हैं।यह मशीन सांस के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन को फेफड़ों में भेजने के लिए दबाव का उपयोग करती है और फेफड़ों से कार्बन डाइऑक्साइड को वापस लेती है। इस दबाव को सकारात्मक दबाव के रूप में जाना जाता है।रोगी आमतौर पर अपने दम पर साँस छोड़ते हैं, लेकिन वेंटिलेटर रोगियों को आराम से सांस लेने में सहायता करता है। एक वेंटिलेटर को विशिष्ट दर पर सांस लेने के लिए सेट किया जा सकता है और प्रत्येक रोगी की आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति को समायोजित किया जा सकता है।इसका उपयोग गंभीर श्वसन संक्रमण वाले लोगों के लिए किया जाता है, जैसे COVID-19, मौसमी इन्फ्लूएंजा और निमोनिया। जब अमायोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) जैसे रोग से तंत्रिका और मांसपेशियों को नुकसान होता है, और स्ट्रोक, और ऊपरी रीढ़ की हड्डी में चोट से रोगी को साँस लेने में दिक्कत होती है, तो वेंटिलेटर रोगी को सांस लेने में मदद करता है।
जहां वेंटीलेटर के प्रयोग के लाभ हैं वहीं दूसरी ओर इसके प्रयोग में कई प्रकार के जोखिम भी होते हैं:
1.बहुत अधिक दबाव होने पर ऑक्सीजन विषाक्त हो सकती है और फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।
2. इन्टूबेशन (intubation) के दौरान बैक्टीरिया फेफड़ों में प्रवेश कर सकता है और वेंटीलेटर से जुड़ा निमोनिया रोग हो सकता है।
3. वेंटीलेटर से ऑक्सीजन देते समय इस बात के चांस होते हैं फेफड़ों से हवा रिसकर फेफड़ों और छाती की दीवार के बीच की जगह में रह जाये जिससे मरीज की छाती में दर्द हो सकता है और फेफड़े भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
तो इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि COVID-19 से लड़ने के लिए वेंटीलेटर का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन यह भी स्पष्ट किया जाना है कि वेंटिलेटर का प्रयोग अत्यंत सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।
_____________________________________________
लेखक परिचय
*नाम - डॉ दीपक कोहली
*जन्मतिथि - 17 जून, 1969
*जन्म स्थान- पिथौरागढ़ ( उत्तरांचल )
*प्रारंभिक जीवन तथा शिक्षा - हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट की शिक्षा जी.आई.सी. ,पिथौरागढ़ में हुई।
*स्नातक - राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पिथौरागढ़, कुमायूं विश्वविद्यालय, नैनीताल ।
*स्नातकोत्तर ( एम.एससी. वनस्पति विज्ञान)- गोल्ड मेडलिस्ट, बरेली कॉलेज, बरेली, रुहेलखंड विश्वविद्यालय ( उत्तर प्रदेश )
*पीएच.डी. - वनस्पति विज्ञान ( बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश)
*संप्रति - उत्तर प्रदेश सचिवालय, लखनऊ में उप सचिव के पद पर कार्यरत।
*लेखन - विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 1000 से अधिक वैज्ञानिक लेख /शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
*विज्ञान वार्ताएं- आकाशवाणी, लखनऊ से प्रसारित विभिन्न कार्यक्रमों में 50 से अधिक विज्ञान वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।
*पुरस्कार-
1.केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद नई दिल्ली द्वारा आयोजित 15वें अखिल भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार, 1994
2. विज्ञान परिषद प्रयाग, इलाहाबाद द्वारा उत्कृष्ट विज्ञान लेख का "डॉ .गोरखनाथ विज्ञान पुरस्कार" क्रमशः वर्ष 1997 एवं 2005
3. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ,उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा आयोजित "हिंदी निबंध लेख प्रतियोगिता पुरस्कार", क्रमशः वर्ष 2013, 2014 एवं 2015
4. पर्यावरण भारती, मुरादाबाद द्वारा एनवायरमेंटल जर्नलिज्म अवॉर्ड्, 2014
5. सचिवालय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति, उत्तर प्रदेश ,लखनऊ द्वारा "सचिवालय दर्पण निष्ठा सम्मान", 2015
6. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा "साहित्य गौरव पुरस्कार", 2016
7.राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ,उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा "तुलसी साहित्य सम्मान", 2016
8. पर्यावरण भारती, मुरादाबाद द्वारा "सोशल एनवायरमेंट अवॉर्ड", 2017
9. पर्यावरण भारती ,मुरादाबाद द्वारा "पर्यावरण रत्न सम्मान", 2018
10. अखिल भारती काव्य कथा एवं कला परिषद, इंदौर ,मध्य प्रदेश द्वारा "विज्ञान साहित्य रत्न पुरस्कार",2018
11. पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा वृक्षारोपण महाकुंभ में सराहनीय योगदान हेतु प्रशस्ति पत्र / पुरस्कार, 2019
--
डॉ दीपक कोहली, पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उत्तर प्रदेश शासन,5/104, विपुल खंड, गोमती नगर लखनऊ - 226010 (उत्तर प्रदेश )
COMMENTS