"कृषि विज्ञान में करियर" -डॉ दीपक कोहली- भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत में कृषि कई वर्षों से की जा...
"कृषि विज्ञान में करियर"
-डॉ दीपक कोहली-
भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत में कृषि कई वर्षों से की जा रही है। कृषि के क्षेत्र से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 64 प्रतिशत लोग जुड़े हुए हैं। कृषि केवल पारम्परिक किसनों के लिए ही नहीं है बल्कि इस क्षेत्र से आजकल युवा भी अपना करियर बना सकते हैं। इस क्षेत्र में रोजगार के लिए आप नए व आधुनिक तरीके से फसलों की खेती करके कृषि उत्पादों की मार्केटिंग करके भी अपना बेहतर भविष्य बना के अच्छी सैलरी कमा सकते हैं।
कृषि विज्ञान, विज्ञान की ही एक प्रमुख विधा है, जिसमें कृषि उत्पादन, खाद्य पदार्थों की आपूर्ति, फार्मिंग की क्वालिटी सुधारने, क्षमता बढ़ाने आदि के बारे में बताया जाता है। इसका सीधा सम्बन्ध बायोलॉजिकल साइंस से है। इसमें बायोलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स के सिद्धान्तों को शामिल करते हुए कृषि क्षेत्र की समस्याओं को हल करने का प्रयास किया जाता है। प्रोडक्शन टेक्निक को बेहतर बनाने के लिए रिसर्च एवं डेवलपमेंट को इसके सिलेबस में शामिल किया गया है। इसकी कई शाखाएँ जैसे प्लांट साइंस, फूड साइंस, एनिमल साइंस व सॉयल साइंस आदि है, जिनमें स्पेशलाइजेशन कर इस क्षेत्र का जानकार बना जा सकता है।
कृषि विज्ञान में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों को बॉटनी, फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स की जानकारी होना बहुत जरूरी है। ऐसे कई अंडरग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, डिप्लोमा व डॉक्टरल कोर्स हैं, जो एग्रीकल्चर साइंस की डिग्री प्रदान करते हैं। इसके बैचलर कोर्स (बीएससी इन एग्रीकल्चर) में दाखिले के लिए साइंस स्ट्रीम में 50 प्रतिशत अंकों के साथ 10+2 पास होना जरूरी है। कोर्स की अवधि चार वर्ष है। दो वर्षीय मास्टर प्रोग्राम के लिए बीएससी अथवा बीटेक की डिग्री आवश्यक है। मास्टर डिग्री (एमएससी/एमटेक) के बाद पीएचडी की राह आसाना हो जाती है। कई ऐसे संस्थान हैं, जो पीजी डिप्लोमा कोर्स कराते हैं। कृषि विज्ञान में निम्नलिखित कोर्स किए जा सकतेे हैं:
- बीएससी इन एग्रीकल्चर (ऑनर्स)
- एमएससी इन एग्रीकल्चर
- एमएससी इन एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग
- इन एग्रीकल्चर (बायोटेक्नोलॉजी)
- एमएससी इन एग्रीकल्चर (बायोकेमिस्ट्री/इकोनॉमिक्स)
- एमटेक इन एग्रीकल्चर वॉटर मैनेजमेंट
- पीएचडी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स
- पीजी डिप्लोमा इन एग्री बिजनेस मैनेजमेंट
- पीजी डिप्लोमा इन एग्री मार्केटिंग मैनेजमेंट
- पीजी डिप्लोमा इन एग्री वॉटर मैनेजमेंट
कृषि विज्ञान के क्षेत्र में प्रोफेशनल्स की वेतन उनकी योग्यता, संस्थान और कार्य अनुभव पर निर्भर करती है। सरकारी क्षेत्र में कदम रखने वाले ग्रेजुएट प्रोफेशनल्स को प्रारम्भ में 20-25 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं। कुछ साल के अनुभव के बाद यह राशि 40-50 हजार रुपए प्रतिमाह हो जाती है, जबकि प्राइवेट सेक्टर में प्रोफेशनल्स की स्किल्स के हिसाब से वेतन दिया जाता है। यदि आप अपना फर्म या कंसल्टेंसी सर्विस खोलते हैं तो आमदनी की रूपरेखा फर्म के आकार एवं स्वरूप पर निर्भर करती है। टीचिंग व रिसर्च के क्षेत्र में भी पर्याप्त सेलरी मिलती है। कृषि विज्ञान में डिग्री / डिप्लोमा कोर्स करने के पश्चात निम्नलिखित पदों पर नियुक्ति प्राप्त हो सकती है -
- एग्रीकल्चर एक्सटेंशन ऑफिसर
- रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर
- फील्ड ऑफिसर
- एग्रीकल्चर क्रेडिट ऑफिसर
- एग्रीकल्चर प्रोबेशनरी ऑफिसर
- प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर
- सीड प्रोडक्शन ऑफिसर
- एग्रीकल्चर असिस्टेंट/टेक्निकल असिस्टेंट
- प्लांट पैथोलॉजिस्ट
इसके सभी कोर्सों में दाखिला प्रवेश प्रक्रिया के बाद मिलता है। प्रवेश परीक्षाएँ सम्बन्धित संस्थान, यूनिवर्सिटी अथवा इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आईसीएआर), नई दिल्ली द्वारा कराई जाती है। कुछ चुनिंदा संस्थान आईसीएआर के अंक को आधार बनाकर प्रवेश देते हैं। आईसीआर पोस्टग्रेजुएट के लिए फेलोशिप भी प्रदान करता है।
कृषि वैज्ञानिक बनने के लिए छात्रों के पास विज्ञान की अच्छी समझ होनी चाहिए। उसे फसलों, मिट्टी के प्रकार, प्रमुख केमिकल्स के बारे में जानकारी नही चाहिए। साथ ही उसके पास तार्किक दिमाग, धैर्य, शोध का गुण, घंटों काम करने का जज्बा, लिखने-बोलना का कौशल, कम्युनिकेशन स्किल, प्रजेंटेशन क्षमता आदि गुणों का होना जरूरी है। आजकल इस सेक्टर में भी बायोलॉजिकल केमिकल, प्रोसेसिंग कट्रोल करने व डाटा आदि निकालने में कम्प्यूटर का प्रयोग होने लगा है, इसलिए कम्प्यूटर का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
वैश्विक समस्या का रूप ले रहे खाद्यान्न संकट ने इस क्षेत्र को शोध संस्थाओं की प्राथमिकता का केन्द्र बना दिया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सहित देश की तमाम कृषि शोध संस्थाएँ कृषि उत्पादकता बढ़ाने वाली तकनीकें और फसलों की ज्यादा उपज देने वाली प्रजातियाँ विकसित करने में जुटी हैं। निजी क्षेत्र की कई कम्पनियाँ कृषि उत्पादों का ज्यादा समय तक उपभोग सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर फूड प्रोसेसिंग शुरू कर चुकी हैं। डिब्बाबंद जूस, आइसक्रीम, दुग्ध उत्पाद और चिप्स जैसे उत्पाद प्रोसेस्ड फूड के उदाहरण हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कृषि विज्ञान में करियर बनाने के अच्छे विकल्प मौजूद हैं।
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लेखक परिचय
*नाम - डॉ दीपक कोहली
*जन्मतिथि - 17 जून, 1969
*जन्म स्थान- पिथौरागढ़ ( उत्तरांचल )
*प्रारंभिक जीवन तथा शिक्षा - हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट की शिक्षा जी.आई.सी. ,पिथौरागढ़ में हुई।
*स्नातक - राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पिथौरागढ़, कुमायूं विश्वविद्यालय, नैनीताल ।
*स्नातकोत्तर ( एम.एससी. वनस्पति विज्ञान)- गोल्ड मेडलिस्ट, बरेली कॉलेज, बरेली, रुहेलखंड विश्वविद्यालय ( उत्तर प्रदेश )
*पीएच.डी. - वनस्पति विज्ञान ( बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश)
*संप्रति - उत्तर प्रदेश सचिवालय, लखनऊ में उप सचिव के पद पर कार्यरत।
*लेखन - विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 1000 से अधिक वैज्ञानिक लेख /शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
*विज्ञान वार्ताएं- आकाशवाणी, लखनऊ से प्रसारित विभिन्न कार्यक्रमों में 50 से अधिक विज्ञान वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।
*पुरस्कार-
1.केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद नई दिल्ली द्वारा आयोजित 15वें अखिल भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार, 1994
2. विज्ञान परिषद प्रयाग, इलाहाबाद द्वारा उत्कृष्ट विज्ञान लेख का "डॉ .गोरखनाथ विज्ञान पुरस्कार" क्रमशः वर्ष 1997 एवं 2005
3. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ,उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा आयोजित "हिंदी निबंध लेख प्रतियोगिता पुरस्कार", क्रमशः वर्ष 2013, 2014 एवं 2015
4. पर्यावरण भारती, मुरादाबाद द्वारा एनवायरमेंटल जर्नलिज्म अवॉर्ड्, 2014
5. सचिवालय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति, उत्तर प्रदेश ,लखनऊ द्वारा "सचिवालय दर्पण निष्ठा सम्मान", 2015
6. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा "साहित्य गौरव पुरस्कार", 2016
7.राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ,उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा "तुलसी साहित्य सम्मान", 2016
8. पर्यावरण भारती, मुरादाबाद द्वारा "सोशल एनवायरमेंट अवॉर्ड", 2017
9. पर्यावरण भारती ,मुरादाबाद द्वारा "पर्यावरण रत्न सम्मान", 2018
10. अखिल भारती काव्य कथा एवं कला परिषद, इंदौर ,मध्य प्रदेश द्वारा "विज्ञान साहित्य रत्न पुरस्कार",2018
11. पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा वृक्षारोपण महाकुंभ में सराहनीय योगदान हेतु प्रशस्ति पत्र / पुरस्कार, 2019
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डॉ दीपक कोहली, पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उत्तर प्रदेश शासन,5/104, विपुल खंड, गोमती नगर लखनऊ - 226010 (उत्तर प्रदेश )
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