चुटकुला # 0225 दर्शन... एक व्यक्ति अपने दार्शनिक मित्र के साथ प्रकृति का आनंद लेने जंगल में गया। रात को टेंट लगाकर दोनों सो गए। आधी रात को उ...
दर्शन...
एक व्यक्ति अपने दार्शनिक मित्र के साथ प्रकृति का आनंद लेने जंगल में गया। रात को
टेंट लगाकर दोनों सो गए। आधी रात को उस व्यक्ति ने दार्शनिक को जगाया और
बोला- मित्र, तुम्हें कुछ दिखाई दे रहा है?
दार्शनिक ने कहा- 'मुझे आकाश में सुंदर चाँद और लाखों तारे दिखाई दे रहे हैं, ठंडी बयार चल रही है...।
मित्र- 'और क्या देख रहे हो?
दार्शनिक- 'और देख रहा हूँ कि ईश्वर कितना दयालु है। उसने हमारे लिए कितनी सुंदर
प्रकृति बनाई है...।
मित्र- 'अरे यार, तुम्हें यह दिखाई नहीं देता कि हमारा टेंट चोरी हो गया है।
चुटकुला # 0226
दूरदर्शी...
एक पत्रकार ने फिल्म निर्माता से पूछा- 'आपकी फिल्म कॉमेडी है या ट्रेजडी।
निर्माता ने जवाब दिया- 'अगर बॉक्स ऑफिस फुल गया तो कॉमेडी वरना ट्रेजडी।
चुटकुला # 0227
साहित्य सेवा...
एक दोस्त दूसरे से- 'यार, आजकल मैं साहित्य सेवा कर रहा हूँ।
दूसरा दोस्त- 'तो क्या आप साहित्य लिख रहे हैं?
पहला दोस्त- 'नहीं यार, आजकल मैं पुस्तकों पर जिल्द चढा रहा हूँ।
चुटकुला # 0228
हाय रे ईमानदारी...
दो सहेलियाँ बस में सफर कर रही थीं। पहली ने कहा- 'टिकट नहीं लेते हैं।
दूसरी बोली- 'नहीं, इंसान को ईमानदार रहना चाहिए, ईश्वर उसका भला करता है। (भीड में कंडक्टर को उसने दो टिकट के 5 रुपए दिए, लेकिन कंडक्टर ने गलती से 1 रु. की जगह 6 रुपए वापस कर दिया।)
दूसरी- 'देखा, मैंने कहा था न कि ईमानदार का ईश्वर भी भला करता है।
चुटकुला # 0229
अति व्यस्त...
एक आदमी हाथ में साइकल पकडे भाग रहा था।
दूसरे आदमी ने उससे कहा- 'अरे भाई साइकल पर क्यों नहीं बैठ जाते।
उस आदमी ने जवाब दिया- 'अभी फुर्सत नहीं है, मुझे जल्दी जाना है।
चुटकुला # 0230
तीर्थयात्रा...
एक बार एक आदमी रेलगाड़ी से यात्रा कर रहा था, तभी टिकट चेकर आया और उसने टिकट माँगा। आदमी ने जवाब दिया- 'टिकट नहीं है।
टिकट चेकर ने पूछा- 'कहाँ जाना है?
यात्री- 'जहाँ श्रीराम का जन्म हुआ था।
टिकट चेकर- 'अब चलो मेरे साथ।
यात्री- 'कहाँ?
टिकट चेकर- 'वहीं, जहाँ श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
चुटकुला # 0231
बात पते की...
भिखारी- 'साहब दो रुपए दे दीजिए, चाय पी लूँगा।
चाय पीने के बाद भिखारी बोला- 'साहब भूख लगी है, एक समोसा भी खिला
दीजिए।
राहगीर- 'तुम्हें एक बार में ही माँग लेना चाहिए।
भिखारी- 'ठीक है साहब, तो 100 रुपए का एक नोट दे दीजिए।
चुटकुला # 0232
ऍंधेरे में तीर...
अध्यापक (रोहन से)- 'आई डोन्ट नो का हिन्दी में अनुवाद करो।
रोहन- 'सर, मुझे नहीं पता।
अध्यापक- 'बहुत अच्छा, बैठ जाओ।
चुटकुला # 0233
मोबाइल...
ऑपरेशन खत्म ही हुआ था कि सर्जन के मोबाइल की घंटी बजी। उसने इधर-उधर जेब
में हाथ डाला, मोबाइल नहीं मिला। अचानक सर्जन को कुछ याद आया और वह
बोला- 'सिस्टर, फिर से ऑपरेशन की तैयारी करो, मोबाइल तो अंदर ही छूट गया है।
चुटकुला # 0234
आश्चर्य...
सुरेश (महेश से)- 'यार तुझे आश्चर्य नहीं होता कि मुर्गी के अंडों से ये चूजे निकलते
कैसे हैं?
महेश- 'आश्चर्य तो होता है, लेकिन मैं सोचता हूँ कि चूजे अंडों में घुसते कैसे हैं?
चुटकुला # 0235
जवाब नहीं...
भूगोल के शिक्षक ने कक्षा में एक छात्र से प्रश्न पूछा- 'सूरज रात में कहाँ चला जाता
है?
छात्र ने जवाब दिया- 'सर, सूरज रात में कहीं जाता तो नहीं है, बस ऍंधेरे के कारण
हम उसे देख नहीं पाते।
चुटकुला # 0236
कुम्भकर्ण...
क्लास रूम में मास्टरजी अपनी आदत के अनुसार बच्चों को रामभरोसे छोड़कर टेबल
पर सो गए। मास्टरजी गहरी नींद में थे कि चपरासी ने जगाकर बताया- 'मास्टरजी,
स्कूल के निरीक्षण के लिए उच्चाधिकारियों की टीम आई है और वह अब आपकी
कक्षा की ओर ही आ रही है। मास्टरजी तनिक घबराए, लेकिन फिर कुछ सोचकर
निश्चिंतता से बोले- 'ठीक है, आने दो और फिर सो गए। जैसे ही निरीक्षण टीम
दरवाजे पर आई, मास्टरजी उबासी लेते हुए उठे और कहा- 'हाँ, तो बच्चों कुम्भकर्ण
कैसे सोता था।
निरीक्षण टीम यह देखकर खुश हो गई कि यहाँ तो बच्चों को हर चीज प्रैक्टिकल करके
बताई जाती है।
चुटकुला # 0237
सीट...
एक बार एक व्यक्ति चोट लगने पर गले पर हाथ रखे हुए घर पहुँचा तो उसकी पत्नी ने
पूछा- 'कैसे लगी।
व्यक्ति ने कहा- 'जिस नगरसेवा में बैठा था, वहाँ एक कील बाहर थी, उससे लगी।
पत्नी- 'तो किसी से सीट बदल लेते।
व्यक्ति ने कहा- 'किससे बदलता, पूरी नगरसेवा तो खाली थी।
चुटकुला # 0238
अजनबी...
रेलवे स्टेशन पर खड़े शर्माजी ने एकाएक अपनी पेंट की जेब में किसी का हाथ महसूस
किया। वे हाथ डालने वाले से बोले- 'यह क्या कर रहे हो।
वह बोला- 'जरा माचिस ले रहा था।
शर्माजी नाराज होकर बोले- 'मुझसे माँग नहीं सकते थे?
उसने जवाब दिया- 'मैं अजनबियों से बात नहीं करता।
चुटकुला # 0239
खयाल...
जज (गवाह से)- 'तुम्हारा क्या खयाल है, यह आदमी कैसे मरा?
गवाह- 'हुजूर, यह बचपन से ही बहुत भुलक्कड किस्म का आदमी था। मेरा खयाल है
कि यह साँस लेना भूल गया होगा।
चुटकुला # 0240
विकास...
राम (श्याम से)- 'यार, तुमने जो पौधा मेरे घर के गमले में लगाया था वह अभी तक
बढा ही नहीं।
श्याम- 'तुम्हें कैसे पता चला?
राम- 'क्योंकि मैं उसे रोज उखाडकर देखता हूँ।
चुटकुला # 0241
मुहूर्त...
एक ज्योतिषी के घर में चोर घुसे तो ज्योतिषी की पत्नी ने कहा कि शोर मचाओ। इतने
में ज्योतिषी बोला- 'अभी मुहूर्त नहीं है, शोर कैसे मचाएँ।
छ: महीने बाद जब वह शुभ मुहूर्त आया तो ज्योतिषी ने शोर मचाया- 'चोर...
चोर...। मोहल्ले के लोग दौडे आए और उन्होंने पूछा कि चोर कहाँ है तो ज्योतिषी
का जवाब था- 'चोर तो छ: महीने पहले ही भाग गए थे। लोगों ने पूछा- 'तो अब
क्यों शोर मचा रहे हो? ज्योतिषी का जवाब था- 'मुहूर्त आज का ही था।
चुटकुला # 0242
कटौती...
भिखारी- 'क्या बात है साहब, पहले आप सौ रुपए देते थे, बाद में पचास, फिर
पच्चीस और अब दस रुपए देते हैं।
दानी- 'पहले मैं कुँवारा था तब सौ, फिर मेरा विवाह हो गया तो पचास, एक बच्चा
हो गया तो पच्चीस और अब दो बच्चे हो गए इसलिए दस रुपए देने लगा।
भिखारी- 'वाह साहब, आपके पूरे परिवार का खर्चा तो मेरे रुपयों से ही चल रहा है।
चुटकुला # 0243
तुलसीदासजी ...
नीरज ने अपने मित्र से कहा- 'अगर तुलसीदासजी आज जीवित होते तो एक अद्भुत व्यक्ति होते।
'हां, चार-पांच सौ वर्ष का व्यक्ति अद्भुत तो होता ही है। मित्र ने उत्तर दिया।
चुटकुला # 0244
निरक्षर ...
एक चौराहे पर टंगे बोर्ड पर लिखा था- अगर आप निरक्षर हैं तो साक्षर बनने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के पास लिखे।
चुटकुला # 0245
मिट्टी...
एक सरकारी विद्यालय में निरीक्षण के लिए आए इंस्पेक्टर ने एक अध्यापक से पूछा- 'यह मिट्टी का ढेर कहां से आया? बहुत बुरा लग रहा है।
माली ने बीच में कहा, 'हुजूर, कुछ पौधे लगाने के लिए एक गङ्ढा खोदा गया था। यह उसी की मिट्टी है।
'ऐसा करो। एक गङ्ढा खोदो और यह मिट्टी उसी गङ्ढे में डाल दो। इंस्पेक्टर ने कहा।
चुटकुला # 0246
पत्नी और प्रेमिका...
दो दोस्त रास्ते में खड़े-खड़े बातें कर रहे थे, तभी सामने से दो सुंदर युवतियां आती हुई दिखाई दीं।
एक ने कहा- 'गजब हो गया। मेरी पत्नी और प्रेमिका दोनों साथ-साथ आ रही हैं।
दूसरा बोल उठा- 'कितनी अजीब बात है, मैं भी यही कहने वाला था।
चुटकुला # 0247
सजा
नैना - मम्मी, हमारी बिल्ली ने मेरी एक पुस्तक चबा ली।
मम्मी - जरा डंडा लाना, उस शैतान को अभी मैं मजा चखाती हैूहूं।
नैना - नहीं मम्मी, सजा तो मैं उसे दे चुकी।
मम्मी - वह कैसे?
नैना - उस के प्याले में रखा दूध मैं ने पी लिया।
चुटकुला # 0248
चिडियाघर
एक बच्चे को उसके मां-बाप चिडियाघर लेकर गए।
वहां बच्चे ने पहले हाथी को नहाते हुए देखा। अगले पिंजरे में शेर दहाडता हुआ दिखाई दिया। उसके बाद आगे बंदर दर्शकों का मनोरंजन कर रहे थे।
इससे आगे चले तो बच्चे ने जिंदगी में पहली बार ऊंट देखा।
ऊंट को देखते ही बच्चा बोला - 'क्या हाल कर दिया कमीनों ने घोडे का।
चुटकुला # 0249
जवानी
एक अधेड अभिनेत्री ने ठंडी सांस लेते हुए अपनी सहेली से कहा-
जब मुझे अपनी जवानी के दिन याद आते हैं तो मुझे अपने आप से नफरत होने लगती
है।
सहेली- क्यों ऐसा क्या हुआ था उन दिनों?
अभिनेत्री ने उदास होकर जवाब दिया- इसी बात का ही तो रोना है कि कुछ हुआ ही
नहीं।
चुटकुला # 0250
खिड़की के सामने
एक डॉक्टरके बेडरुम की खिड़की के सामने एक आदमी रोज आकर बैठ जाता था।
उसकी इस हरकत से तंग आकर डॉक्टर की नई-नवेली दुल्हन ने अपने पति से उस
आदमी की शिकायत की। डॉक्टर को अपनी पत्नी की बात सुनकर बहुत गुस्सा आया।
अगले दिन उसने आदमी को बुलाकर फटकार लगाते हुए कहा- तुमको शर्म नहीं
आती, इस तरह यहां आकर रोज बैठ जाते हो। अगर कल आए तो थाने में रिपोर्ट कर
दूंगा। इसपर आदमी ने बडे ही भोलेपन से जवाब दिया- क्यों नाराज होते हो डॉक्टर
साब, आप ही ने तो इस खिड़की पर जो बोर्ड लगा रखा है, उस पर लिखा है 'मिलने
का समय सुबह 9.00 से 12.00 बजे तक और शाम 4.00 से 6.00 बजे तक।
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