चुटकुला # 0251 बहरे आदमी एक बार एक बहरा आदमी बस स्टेंड पर खड़े होकर दूसरे बहरे आदमी से पूछता है- भाईसाहब, क्या यह बस दिल्ली जाएगी? ...
चुटकुला # 0251
बहरे आदमी
एक बार एक बहरा आदमी बस स्टेंड पर खड़े होकर दूसरे बहरे आदमी से पूछता है-
भाईसाहब, क्या यह बस दिल्ली जाएगी?
इस पर दूसरे बहरे आदमी ने जवाब दिया-नहीं, यह बस दिल्ली जाएगी।
पहला बहरा आदमी- अच्छा, मैं सोच रहा था कि यह बस दिल्ली जाएगी।
चुटकुला # 0252
हाथी और चूहा
एक बार चूहा हाथी के मोहल्ले में प्यार कर रहा था। तो उसे देखकर हाथी ने चूहे को
धमकाया- ऐ चूहे की औलाद, मेरे मोहल्ले में ये प्यार करना छोड़ दे वर्ना मैं तुझे बहुत
मारुंगा। हाथी की बात सुनकर चूहे ने जवाब दिया- अपने मोहल्ले मैं तो कुत्ता भी शेर
होता है। मेरे मोहल्ले में आना तो बताऊंगा। हाथी बोला- ठीक है ऐसा ही करके देख
लेते हैं। जब हाथी चूहे के मोहल्ले में गया तो तमाम चूहे तीर कमान लिए हुए बैठे थे।
कुछ पेड़ पर भी चढे हुए थे। हाथी को देखकर उनका नेता बोला- मारो! मारो! चूहे की
ललकार सुनकर हाथी ने कई चूहों को अपने पैर के नीचे कुचल कर मार डाला।
हाथी ने पेड़ पर चढे चूहों को गिराने के लिए पेड़ पर टक्कर मारी तो एक चूहा छिटक
एक उसकी पींठ पर गिर गया। उसे पींठ पर गिरे देखकर दूसरे चूहे ने उसमें जोश भरते
हुए कहा- कुचल दे साले को। बच के ना जाने पाएएएएएए!
चुटकुला # 0253
मोटी पत्नी
तीन मित्र अपनी-अपनी पत्नियों के बारे में बातें कर रहे थे।
पहला मित्र : मेरी पत्नी तो इतनी मोटी है कि यदि वह तांगे में बैठे तो तांगे के पहिये
टूट जाते हैं।
दूसरा मित्र : मेरी पत्नी इतनी मोटी है कि वह रिक्शे में बैठे तो रिक्शा वाला चलाने से
इन्कार कर देता है।
इस पर दोंनों की बातें सुन रहा तीसरा मित्र बोला: अरे मित्रों! क्या छोटी-मोटी बातें कर
रहे हो। मेरी पत्नी तो इतनी मोटी है कि मैं उसका पेटीकोट लेकर धोबी के पास जाता
ुहूं तो वह यह कहकर धोने से इन्कार कर देता है कि यहां पर तम्बू नहीं धोए जाते।
चुटकुला # 0254
कवि
एक दो कवि बीच बाजार में लड पड़े।
वहां पर डयूटी कर रहे हवलदार उन्हें देखा तो अपना बेंत जमीन में मारते हुए कडक
आवाज में बोला-ये क्या हो रहा है? क्यों झगड रहे हो तुम दोनों?
इस पर पहला कवि बोला- हवलदारजी, इसने मुझे सरेआम झिंझोडा।
दूसरा कवि- नहीं, इसने मुझे नीबू की तरह निचोडा।
पहला कवि- इसने मेरा मुंह तोडा।
दूसरा कवि- इसने मेरा सिर फोडा।
उनकी बातें सुनकर झुंझलाकर हवलदार बोला- हे भगवान! जाओ मैंने तुम दोनों को
छोडा।
चुटकुला # 0255
भाई-बहिन
एक संगीतकार का बच्चा (एक अभिनेत्री के बच्चे से) : मेरे एक भाई और दो बहनें
हैं। तुम्हारे कितने भाई-बहिन हैं।
अभिनेत्री का बच्चा: मेरे भाई-बहिन तो नहीं हैं। हां, लेकिन मेरी माँ से सगे पापा और
सगे पापा से चार मम्मियां जरुर हैं।
चुटकुला # 0256
उल्लू
बेटा अपनी मां से- मम्मी रात को कैसी आवाजें आ रही थीं?
मां- बेटा, रात को आवाजें मत सुना करो, रात को उल्लू बोलता है।
बेटा- मम्मी रात में आप कहां चली जाती हैं मुझे बहुत डर लगता है।
मां- उल्लू को मारने, बेटा।
मैं शेर हूं
एक आदमी दूसरे आदमी से अकडते हुए बोला मैं शेर हूं।
इस पर दूसरा आदमी पलटकर बोला हां, वो तो ठीक है लेकिन यह तो
बताओ कि शेर तेरे घर आया था या तेरी मां जंगल गई थी।
चुटकुला # 0257
अश्लील साईट
रवि : क्या तुमने इन्टरनेट में कोई अश्लील साईट देखी है?
राजू : नहीं, लेकिन तुम यह क्यों पूछ रहे हो !
रवि : तब तो ठीक है, मैं डर रहा था कि कहीं तुमने मेरी साईट तो नहीं देख
ली।
चुटकुला # 0258
तीन महिलाएं
एक बार तीन अंधी, लंगडी और गंजी महिलाएं बात कर रही थीं।
अंधी महिला बोली- देखो बहन, कितना अच्छा फूल खिला है।
उसकी बात सुनकर लंगडी महिला बोली- वाह! क्या तोड के लाऊं ।
इस पर गंजी महिला बोली- हां, मुझे बालों में लगाना है।
चुटकुला # 0259
कैसा भूत !
दो मित्र कहीं जा रहे थे। एक मकान के निकट से गुजरे, तो एक मित्र ने दूसरे से कहा - सुना है इस मकान में भूत रहते हैं।
दूसरा बोला - सुना तो मैंने भी है। आओ, चलकर देखें।
उन्होंने दरवाजा खटखटाया तो थोडी देर बादएक व्यक्ति बाहर निकला और उसने पूछा - जी फरमाइए।
उन्होंने कहा - हमने सुना है कि इस घर में भूत रहते हैं।
वह व्यक्ति बोला - मुझे क्या मालूम? मुझे तो मरे हुए ही दस साल हो चुके हैं।
चुटकुला # 0260
डिप्लोमा का राज !
एक गांव में एक लड़का ऐसा था जिसे लोग 'डिप्लोमा के नाम से पुकारते थे। एक बार वहां पर शहर से एक सज्जन आया और लड़के का अजीबो-गरीब नाम सुनकर सरपंच से पूछने लगा, 'सरपंचजी, इसका नाम डिप्लोमा क्यों रखा गया है?
सरपंच ने अपना माथा पटककर उत्तर देते हुए कहा, ' मेरी छोरी कुछ महीने पहले गांव से शहर गई थी। कहती थी कि शहर से डिप्लोमा लेकर आएगी। कुछ महीनों बाद इसे ले आई!
चुटकुला # 0261
संगीत प्रेमी !
ट्रेन में दो लडकियां आपस में बातचीत कर रही थीं।
पहली लड़की - 'क्या तुम्हें संगीत का शौक है?
दूसरी - 'बेहद! आई लव म्यूजिक।
पहली - 'अच्छा, तुम कौन-सा वाद्य बजाती हो?
दूसरी- 'ट्रांजिस्टर।
चुटकुला # 0262
भिखारी
एक भिखारी दूसरे भिखारी से - यार! संसद में भीख मांगने मत जाना।
दूसरा भिखारी - लेकिन क्यों?
पहला भिखारी - क्योंकि वहां हमसे भी बडे भिखारी मौजूद हैं।
- देवेन्द्र कुमार
चुटकुला # 0263
अथक मेहनत!
एक व्यक्ति ने सड़क पर दो मजदूरों को काम करते देखा।एक मजदूर दो-तीन फुट गहरा गङ्ढा खोदता है और आगे बढ़ जाता है। दूसरा पीछे से आकर उसी गङ्ढे को भर देता है। व्यक्ति आश्चर्य में पड़ गया। उसने उनसे पूछा कि आप लोग क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग सरकारी कर्मचारी हैं और अपना काम कर रहे हैं।
लेकिन आप तो एक गङ्ढा खोदते हैं और दूसरा उसे भर देता है। यह कौन सा काम हुआ?
मजदूर ने बताया 'आप नही समझेंगे।दरअसल हमारी तीन लोगों की गैंग है। मैं गङ्ढा खोदता हूं, दूसरा उसमें पौधा रख देता है और तीसरा उसे भर देता है। आज पौधे रखने वाला छुट्टी पर है।
चुटकुला # 0264
आंग्ल ज्ञान !
शिल्पी (सुनीता से) - मेरे भाई ने अंग्रेजी के केवल दो ही अक्षर सीखे हैं और वह आज करोडपति है।
सुनीता - 'क्या थे वे अक्षर?
शिल्पी - 'हैंड्स अप।
चुटकुला # 0265
कैसा न्याय?
सत्यपाल और मलिक के बीच मुकदमा चल रहा था। मलिक मुकदमा निबटाने से पूर्व अपने वकील से यह कहकर चला गया कि वह एक आवश्यक कार्य से बाहर जा रहा है, मुकदमे के निर्णय के बारे में उसे तार द्वारा सूचित कर दिया जाए।
दो दिन बाद उसे तार मिला - सत्य की विजय हुई।
उसने एकदम तार दिया - हाईकोर्ट में एकदम अपील दायर कर दो।
चुटकुला # 0266
पाक कला !
महिलाओं के एक क्लब में एक महिला ने अपने भाषण के दौरान कहा, अपने हाथ से
रसोई बनाने में काफी बचत होती है।
आप ठीक कह रही हैं। जब से मैंने अपने हाथ से खाना बनाना शुरू किया है, तब से
राजू के पापा की खुराक आधी हो गई है। श्रोताओं में बैठी एक महिला ने कहा।
चुटकुला # 0267
पाक कला !
महिलाओं के एक क्लब में एक महिला ने अपने भाषण के दौरान कहा, अपने हाथ से
रसोई बनाने में काफी बचत होती है।
आप ठीक कह रही हैं। जब से मैंने अपने हाथ से खाना बनाना शुरू किया है, तब से
राजू के पापा की खुराक आधी हो गई है। श्रोताओं में बैठी एक महिला ने कहा।
चुटकुला # 0268
बीवी प्रेशर !
डॉक्टर ने सलाह दी महाशय जी, यदि आप चाहते हैं आपका ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाए, तो तनाव को अपने से दूर रखिए।
महाशयजी बोले, मान ली आपकी बात ! आज ही मैंने अपनी बीवी से मायके जाने को कहता हूं।
चुटकुला # 0269
अजीबो- गरीब वधु !
एक पत्रिका के वधू चाहिए स्तम्ब में प्रकाशित विज्ञापन के जवाब में कोई पत्र नहीं आया।
दरअसल विज्ञापन में लिखा था।
'पच्चीस वर्षीय युवक के लिए एक ऐसी वधू चाहिए, जो विवाह के बाद भी सुसंस्कृत, सुशील, मिलनसार और मृदुभाषी बनी रहे।
चुटकुला # 0270
विरासत !
दो बो आपस में बातें करते हैं । एक डींग मारकर बोलता है, ''जब मेरे दादाजी मरे थे तब उन्होंने एक करोड रुपए हमारे लिए छोड़कर कूच कर गए थे।
इस पर दूसरे ने उत्तर दिया, ''बस इतना ही ! मेरे दादाजी जब मरे थे तब उन्होंने पूरी दुनिया ही हमारे लिए छोड़ दी थी।
चुटकुला # 0271
दुनिया सिर पर !
दो दोस्त आपस में बातें कर रहे थे । एक ने दूसरे से लंबी सांस लेते हुए कहा, 'क्या बताएं, आजकल दुनिया सिर पर चढी है । देखते-देखते गंजा हो गया !
दूसरे मित्र ने जवाब दिया, 'बस इतनी सी बात । सिर पर तेल लगाना शुरू कर दो । दुनिया आप-की-आप सिर से फिसल जाएगी ।
चुटकुला # 0272
चमत्कारी गोली !
एक युवक को लन्दन में ऐसी चमत्कारी गोलियां मिलीं, जिसके सेवन से मनुष्य की उम कम हो जाती थी। उसने उन गोलियों का सेवन किया और एक शीशी भरकर अपनी मां के पास हिन्दुस्तान में भेज दीं। साथ में उसने चिट्ठी लिखी, 'मां मैं तुझे ये गोलियां भेज रहा हूं। एक गोली खाने पर तू फिर से युवती दिखने लगेगी।
कुछ महीनों बाद युवक लौटकर हिन्दुस्तान आया। वह घर पहुंचा। घर पर उसने अपने युवती में बदली हुई मां को देखा और पहचान लिया कि यह मेरी मां है। पर मां की गोद में लेटे बालक को वह पहचान नहीं पाया। पूछा, 'मां तेरी गोद में कौन सो रहा है ?
माँ ने बताया, 'बेटे, ये तेरे पिताजी हैं ..... इन्होंने गलती से दस गोलियां खा ली थीं।
चुटकुला # 0273
पागल और सज्जन !
एक पागल आदमी कुए के अन्दर झांककर चिल्लाता रहता है, ''पच्चीस ..... पच्चीस ....पच्चीस ....
एक सज्जन उसे बहुत समय तक देखता रहता है । उसे पागल व्यक्ति के ''पच्चीस..... पच्चीस कुछ समझ में नहीं आ रहे थे । वो उस व्यक्ति के पास जाता है । उसने पूछा, ''भाई ये कुए में झांककर पच्चीस-पच्चीस क्या चिल्ला रहे हो ? पागल उसे बोलता है, ''आप यहाँ आकर कुए में देखो तो आपको पता लग जाएगा।
सज्जन पास आता है और कुए में झांकते हुए झुक जाता है । पागल झट से उसको पीछे से लात मारकर कुए में ढकेल देता है। बाद में चिल्लाने लगता है, ''छब्बीस ...... छब्बीस ....... छब्बीस .....
चुटकुला # 0274
पसंद अपनी-अपनी !
राकेश पुस्तक मेले में गया । मेले में चुटकुले की किताब की तलाश में उसने सभी स्टाल छान मारे परन्तु उसे अपनी पसन्द की पुस्तक नहीं मिली ।
तभी मेले का आयोजक उसके पास आया और बोला,''जनाब, यहाँ पर इतनी अच्छी चुटकुले की पुस्तकें हैं कि सुनकर मुर्दा भी हँस पड़े ।
राकेश ने उत्तर दिया,'' साहब यही तो समस्या है । यदि मैं इसे खरीदकर अपनी सास को दूँ तो वह मेरा घर छोड़ने का नाम ही नहीं लेगी । कुछ ऐसी सास-दामाद पर चुटकुले की किताब बताओ जिससे पढ़कर वो तुरंत अपने घर लौट जाए !
चुटकुला # 0275
वैज्ञानिक और मकडी !
एक भारतीय वैज्ञानिक ने मकडी की एक टाँग तोडकर कहा, ''चल ।
मकडी चल पड़ी।
उसने मकडी की दूसरी टाँग तोडकर कहा, ''अब चल।
मकडी फिर से चल पड़ी।
अन्त में वैज्ञानिक ने मकडी की सभी टाँगें तोडकर कहा, ''चल।
मकडी अपनी जगह से टस-से-मस नहीं हुई।
वैज्ञानिक ने निष्कर्ष निकाला कि मकडी की सभी टाँगें तोड देने पर वह बहरी हो जाती है !
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