क़ैस ज़ौनपुरी की लघुकथा - वजह

SHARE:

मैं एक वेटर हूं. 40 साल से लोगों को खाना परोसता हूं. लेकिन आज एक ऐसा ग्राहक आया जिसने मुझे कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया. मैंने नियम के मुता...

मैं एक वेटर हूं. 40 साल से लोगों को खाना परोसता हूं. लेकिन आज एक ऐसा ग्राहक आया जिसने मुझे कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया.

मैंने नियम के मुताबिक सबसे पहले एक गिलास पानी दिया. उसने दो घूंट पीने के बाद गिलास एक तरफ सरका दिया. वो हमारे रेस्‍टोरेण्‍ट को घूर कर देख रहा था. मैंने भी उसे पहले कभी नहीं देखा. शायद अभी नया आया है इस शहर में.

फिर मैंने उसके सामने होटल का मेन्‍यू बुक रख दिया. उसने दो चार पन्‍ने पलटने के बाद मुझे इशारे से अपनी ओर बुलाया.

“ये पूड़ी-सब्‍जी में कितनी पूड़ी रहेगी?” उसने पूछा.

“पांच“ मैंने उसे बताया.

“ठीक है. फिर पूड़ी-सब्‍जी ले आईये.“ उसने ऑर्डर दिया.

“कुछ और लेंगे साब?“ मैंने उससे पूछा.

“नहीं“ उसने जवाब दिया.

मैं बेमन से मालिक के पास आया.

“एक पूड़ी-सब्‍जी” मैंने अपने मालिक को बताया.

मालिक ने मुंह सिकोड़ते हुए उस ग्राहक को देखा और टोकन फाड़कर मुझे दिया.

अब वो ग्राहक कम पैसे खर्च कर रहा था तो मैं क्‍या करता. मगर मेरा मालिक तो मुझे ही जिम्‍मेदार समझ रहा था.

मेरे होटल में पूड़ी-सब्‍जी सुबह का नाश्ता है. लेकिन वो ग्राहक रात में खाना चाह रहा था. तब मेरे मालिक ने कहा था.

“दे दो. रात को ”पूड़ी-सब्‍जी” मांग रहा है. यूपी-बिहार से आया होगा.”

“लेकिन मालिक! इस समय तो बनाना पड़ेगा” मैंने अपने मालिक से कहा.

“देखो...सुबह का बचा होगा...दे दो...अब 40 रुपये में आटा थोड़े ही खराब करुंगा.”

मैंने अपने मालिक का मुंह देखा. मेरे मालिक ने मुझे देखा.

“क्‍या?” मेरे मालिक ने मुझसे पूछा.

“कुछ नहीं“ मैंने जवाब दिया और वापस किचन में आ गया.

आज उस ग्राहक की किस्‍मत खराब थी और मेरे मालिक की किस्‍मत में 40 रुपये ज्‍यादा लिखे थे.

हमने पूड़ियों को दुबारा गरम किया जिससे पता न चले कि “ये ठण्‍डी और सुबह की पूड़ियां हैं.“ सब्‍जी को हम गरम कर नहीं सकते थे क्‍योंकि सब्‍जी बची ही नहीं थी. मालिक के कहे मुताबिक हमने थोड़ा सा चोखा साथ में रख दिया.

लेकिन ये क्‍या? ग्राहक तो देख के खुश हो गया. उसने बड़े मन से खाया. मुझे बड़ा अफसोस हो रहा था. जब उसने पांचों पूड़ियां खतम कर लीं तब मैंने अपनी ड्‌यूटी के मुताबिक उससे एक बार फिर पूछा.

“कुछ और लाऊं साब?”

“नहीं. अब बिल लाइए.“

मैं अपने मालिक के पास बिल लेने गया. मालिक बोला.

“अच्‍छा...! तो साब को 40 रुपए का भी बिल चाहिए?“

मैं चुपचाप रहा. मालिक ने बिल फाड़कर दिया. मैंने बिल को सौंफ की प्‍याली के साथ ग्राहक को दिया. ग्राहक ने 50 का नोट बिल के साथ रख दिया.

मैंने बिल और नोट लेकर मालिक को दे दिया. मालिक ने 10 रुपए का नोट लौटाया जिसे मैंने वापस टेबल पर रख दिया. ग्राहक तब तक बची हुई सब्‍जी खतम कर रहा था.

मुझे टिप की उम्‍मीद नहीं थी इसलिए मैं अपने काम में लग गया.

ग्राहक ने टिश्यू पेपर से अपना हाथ पोंछा. मेरे मालिक को यहां भी तकलीफ हुई.

“अच्‍छा...! तो टिश्यू पेपर भी चाहिए...?“

वो ग्राहक उठा और हाथ धोने के लिए वाश-बेसिन की ओर बढ़ा. जहां उसे हाथ धोने के लिए साबुन भी नहीं मिला. क्‍योंकि साबुन खतम हो चुका था और मालिक आजकल-आजकल कर रहा था.

खैर... उसने पानी से ही हाथ धोया. वापस आते हुए बीच में उसे मैं मिल गया.

”सब्‍जी बहुत अच्‍छी बनी थी. इसका नाम ”पूड़ी-सब्‍जी” नहीं ”चोखा-पूड़ी” रखिए.”

ये बात उस ग्राहक ने कही थी. उसने मेरी पीठ पर अपना हाथ रखकर ये बात कही थी.

ये उसकी प्रतिक्रिया थी हमारे खाने के लिए. लेकिन उसकी इस प्रतिक्रिया ने हम सबको, मेरे मालिक को भी हैरान कर दिया. शिकायत के बजाए उसने तारीफ की थी.

वो 10 रुपए अभी भी टेबल पर पड़े थे. हम सबने सोचा अभी हाथ धोकर आने के बाद वो उठा लेगा. मगर उस ग्राहक ने वो 10 रुपये नहीं उठाए. और सीधा होटल से बाहर निकल गया.

उसने हमें उस 10 रुपए की टिप दी थी.

सबने आपस में कहा, ”क्‍या आदमी है यार? ऐसे आदमी रोज क्‍यूं नहीं आते?”

मेरे मालिक ने कहा, ”है कोई दिलदार आदमी.”

अपने मालिक के मुंह से ऐसी बात उस ग्राहक के लिए सुनकर मैं हैरान हो गया. अभी थोड़ी देर पहले ही जब वो ग्राहक हमारे रेस्‍टोरेण्‍ट में आया था. और जब उसने खाने का ऑर्डर दिया, तब यही मालिक कह रहा था,

“दे दो. रात को ”पूड़ी-सब्‍जी” मांग रहा है. यूपी-बिहार से आया होगा.”

बात पूड़ी-सब्‍जी की नहीं थी. बात थी कीमत की.

वो ग्राहक जब आया तो हम सबने उसे एक साधारण ग्राहक ही समझा था जैसा कि हम समझते हैं और इसके अलावा कुछ और समझने की हमारे पास कोई वजह नहीं होती है.

उसने मुझे पूरे 25 प्रतिशत टिप दी थी. ये मेरी जिन्‍दगी में अब तक का सबसे महंगा टिप था.

लेकिन उस ग्राहक ने हमारे साथ जो किया उसकी क्‍या वजह रही होगी?

'''''''''''''''

COMMENTS

BLOGGER: 5
  1. सच कह रहे हैं………………क्या वजह रही होगी?
    हर बात के पीछे कोई ना कोई वजह तो जरूर होती है तो शायद ये भी हो सकती है कि वो अपने आचरण से बता गया कि ग्राहक को कभी कम नही समझना चाहिये या फिर वो सादा जीवन जीने और उच्च विचार रखने मे विशवास रखता हो………………कारण तो बहुत से हो सकते हैं ……………सोचने को मजबूर करती कहानी।

    जवाब देंहटाएं
  2. nice mai kabhi itni lambi blog nahi padta par aj pata nahi kaise padta gaya

    जवाब देंहटाएं
  3. बेनामी9:38 pm

    अच्छी कहानी।
    वह कलाकार, समाज सुधारक जैसा कोई भी ऐसा व्यक्ति हो सकता है जो कुछ बड़ा काम करने की योग्यता धीरे धीरे इकट्ठा कर रहा है, या अध्यात्म की राह का साधक - अपने एटिट्यूड को हर हाल में धनात्मक बनाये रखने की प्रक्रिया की शोधन प्रक्रिया से गुजरता एक मानव।
    उसे आशा थी कि भोजनालय के मालिकादि की मानसिकता बदलेगी अच्छे व्यवहार से और नोट के लालच से तो बदलेगी ही बदलेगी।
    ग्राहक, जो मिला उसे प्रसाद समझ खुशी कुशी ग्रहण कर गया जबकि मालिक लालच और पूर्वाग्रहों से ग्रस्त होने के कारण उन क्षणों में भुनभुनाता रहा।
    पुराने काल में आस्तिकों के लिये गढ़ी गयी होती तो अंत में मालिक को पता चलता कि स्वयं भगवान के दूत आये थे और उसने अवसर खो दिया, उसे मिला सिर्फ दस का नोट।

    जवाब देंहटाएं
  4. कैस जौनपुरी उभरते हुए कथाकार कवि और न जाने क्या क्या है .....इनकी कोमल भावनाएं जिस सिद्दत से लघुता में वरिष्ठता तलाशने का माद्दा रखते है,वह सहज नहीं बल्कि उनकी उनकी पैनी दृष्टि है जो करीने से कला की तलाश में संलिप्त होती है .
    इतनी सुंदर रचना के लिए बधाई.
    डॉ.लाल रत्नाकर

    जवाब देंहटाएं
  5. aap sabhi ko dhanyawaad
    main bas apane andar ke kalakaar ka pet bharne ki koshish kar raha hoon
    qais jaunpuri

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: क़ैस ज़ौनपुरी की लघुकथा - वजह
क़ैस ज़ौनपुरी की लघुकथा - वजह
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2010/07/blog-post_15.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2010/07/blog-post_15.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content