हिन्दी के दोहे (हिन्दी महिमा) हिन्दी मे गुण बहुत है, सम्यक देती अर्थ। भाव प्रवण अति शुद्ध यह, संस्कृति सहित समर्थ॥1॥ वैयाकरणि...
हिन्दी के दोहे
(हिन्दी महिमा)
हिन्दी मे गुण बहुत है, सम्यक देती अर्थ।
भाव प्रवण अति शुद्ध यह, संस्कृति सहित समर्थ॥1॥
वैयाकरणिक रूप में, जानी गयी है सिद्ध।
जिसका व्यापक कोश है, है सर्वज्ञ प्रसिद्ध॥2॥
निज भाषा के ज्ञान से, भाव भरे मन मोद।
एका लाये राष्ट्र में, दे बहु मन आमोद॥3॥
बिन हिन्दी के ज्ञान से, लगें लोग अल्पज्ञ।
भाव व्यक्त नहि कर सकें, लगे नहीं मर्मज्ञ॥4॥
शाखा हिन्दी की महत्, व्यापक रूचिर महान।
हिन्दी भाषा जन दिखें, सबका सबल सुजान॥5॥
हिन्दी संस्कृति रक्षिणी, जिसमे बहु विज्ञान।
जन-जन गण मन की बनी, सदियों से है प्राण॥6॥
हिन्दी के प्रति राखिये, सदा ही मन में मोह।
त्यागे परभाषा सभी, मन से करें विछोह॥7॥
निज भाषा निज धर्म पर, अर्पित मन का सार।
हर जन भाषा का करे, सम्यक सबल प्रसार॥8॥
देश प्रेम अनुरक्ति का, हिन्दी सबल आधार।
हिन्दी तन मन में बसे, आओ करें प्रचार॥9॥
हिन्दी हिन्दी सब जपैं, हिन्दी मय आकाश।
हिन्दी ही नाशक तिमिर, करती दिव्य प्रकाश॥10॥
हिन्दी ने हमको दिया, स्वतंत्रता का दान।
हिन्दी साधक बन गये, अद्भुत दिव्य प्रकाश॥11॥
नहीं मिटा सकता कोई, हिन्दी का साम्राज्य।
सुखी समृद्धिरत रहें, हिन्दी भाषी राज्य॥12॥
हिन्दी में ही सब करें, नित प्रति अपने कर्म।
हिन्दी हिन्दुस्थान हित, जानेंगे यह मर्म॥13॥
ज्ञान भले लें और भी, पर हिन्दी हो मूल।
हिन्दी से ही मिटेगी, दुविधाओं का शूल॥14॥
हिन्दी में ही लिखी है, सुखद शुभद बहु नीति।
सत्य सिद्ध संकल्प की, होती है परतीति॥15॥
वृद्ध
बड़े हमारे पूज्य हैं, वही हमारी शान।
घर में इज्जत हो सदा, सदा करें सम्मान॥1॥
वृद्ध संग अनुभव मिले, अद्भुत ज्ञान अपार।
वृद्ध वृहद गुण पुंज हैं, करिये सब सत्कार॥2॥
जिस घर वृद्ध दुःखी रहे, अधम जानिये आप।
दान धर्म सब क्षीण हो, कलियुग का यह माप॥3॥
हो बुजुर्ग हित कामना, मन में सेवा कर्म।
मन की इच्छा पूर्णकर, पूर्ण करें सब धर्म॥4॥
अगर कष्ट हो वृद्ध को, मन में हो सन्ताप।
सुफल पुण्य होते नहीं, लगता मन को पाप॥5॥
इज्जत, सेवा भाव से, मिलता है आशीष।
कुल कुटुम्ब मे हर्ष हो, खुश रहते है ईश॥6॥
पूजित रक्षित सब करें, वृद्ध देव का रुप।
कर्म अलौकिक जानिये, सम्यक सबल अनूप॥7॥
गुण, अनुभव अर्जित करे, ज्ञान निधि को जान।
अगर किये सम्मान तो, मिलेगा बहु सम्मान॥8॥
वृद्ध सदा देते रहे, कुल को धन मन ज्ञान।
केवल वह है ढूंढ़ते, हमसे बस सम्मान॥9॥
उनके मत को मत करें, कभी आप प्रतिकार।
अहंभाव निज मारकर, कर सेवा सत्कार॥10॥
सच्चाई
मैंने स्वप्न अनूठा देखा, जग को जग से रूठा देखा।
चढ़े देवताओं पर जल औ, पुष्प दुग्ध की बात कहे क्या
मंदिर से जो मिलते अमृत, सब प्रसाद को जूठा देखा।
मैंने स्वप्न अनूठा देखा, जग को जग से रूठा देखा॥1॥
लोगों का मन खाली इतना, छेद भरे है दिल के अन्दर
पर ऊपर का हृदय आवरण, सज्जित बूटा बूटा देखा।
मैंने स्वप्न अनूठा देखा, जग को जग से रूठा देखा॥
मान न पाता सत्य को मानव, जो असत्य है सत्य लगा
हठ के वश मे नाच वृषभ अस, बंधा हुआ एक खूंटा देखा।
मैंने स्वप्न अनूठा देखा, जग को जग से रूठा देखा॥
जितना लूटा किया इकट्ठा, पर पीड़ा की बात न सोची
लेकिन ‘नन्द' छिना जब जिसका, उसी को हमने लूटा देखा।
मैंने स्वप्न अनूठा देखा, जग को जग से रूठा देखा॥
वाह विधाता
मानव का वश तब तक चलता, जब तक उसका जीवन है।
दम्भ भरा है तब तक उसमें, जब तक उसके संग धन है।
ईश वन्दना, अर्थ कल्पना, पूरक बन जाते उसके।
माया का जंजाल सताता, स्वार्थ हृदय आते जिसके।
पर जीवन हित सोच न पाया, यह जीवन का खेल रहा।
दुःखी जनो से दूर हुआ, न किसी से कोई मेल रहा।
विस्मृत था कि हमे अवस्थाऐं भी कभी न जकड़ेगी।
दारूण दुःख भी कभी न होगा, विपदा कभी न पकडेगी।
चला समय का झोंका ऐसा, तन का बल भी क्षीण हुआ।
लगा कि ऐसा सूना होगा ,सजा सजाया नीड़ हुआ।
ईश्वर का आराधन केवल, एक मार्ग आया मन में।
धन का अहंभाव भी टूटा, सत्पथ अपनाया तन में।
शेष जीवनी शक्ति को कैसे, सेाचा अपनाना होगा।
कितनी मृदुल भाव सेवा के, मन में अब लाना होगा।
वाह विधाता तेरी दुनिया, की है कैसी रीति निराली।
झुके सदा तेरे आगे है, कैसे - कैसे बलशाली॥
पूर्णिमा
हीरक नीलाम्बर आवेष्टित,
विहॅस रही राका बाला।
शुभ सुहाग सिन्दूरी टीका,
सोहत है मंगल वाला॥1॥
अलंकृता कल कला प्रेय संग,
पहुँची मानो मधुशाला।
छिन्न भिन्न छकि छकि क्रीड़ा में,
विखरत मोती की माला॥2॥
परदेशी
मोहक अनुरागी अनपरिचित,
दूर देश के वासी।
मायिक आकर्षित तन्त्री की,
बांधे ग्रीवा फॉसी॥1॥
अतिथि अनिश्चित वास तुम्हारा,
अन्तिम अमित उदासी।
परदेशी जाना है निश्चित,
प्रीति न कर उपहासी॥2॥
प्राण एवं जीव
हे व्यथित प्राण हे विकल प्राण, मत कर चिन्ता मत हो मलान।
इसको ही जीवन कहते हैं, मानव ही सब दुःख सहते हैं,
जो सबको एक समझते हैं, सब कहते हैं उसको महान॥
हे व्यथित प्राण हे विकल प्राण, मत कर चिन्ता मत हो मलान॥1॥
दुःख भी सुख की पतली रेखा, है जन्म मरण जीवन लेखा,
सत असत जग में जो देखा, मिल गया उसी को पूर्ण ज्ञान,
हे व्यथित प्राण हे विकल प्राण, मत कर चिन्ता मत हो मलान॥2॥
यह जग ही है दो का समास, यदि है विकास तो है विनाश,
मत हो आसी मत हो निराश, यदि है सन्ध्या तो है विहान,
हे व्यथित प्राण हे विकल प्राण, मत कर चिन्ता मत हो मलान॥3॥
बसन्त “एक दूत”
हे पतझड़ तुम जाते जाते, विपदा घन को लेते जाना।
श्याम सरोरूह शिव शंकर को, पूछे तब तुम याद दिलाना।
कहना कि कलियुग के युग में, आज बसेरा असुर बनाते,
अशुभ अधर्म कुमारग पथ को, सदा सर्वथा है अपनाते,
कही राजनेता बनकर के, कोई धाक जमाता है,
स्वार्थ और पद लोलुपता में, नाता तोड़ बहाता है,
हे पतझड़ बसन्त आने से पहले, तुम सन्देश दे जाना।
हे पतझड़ तुम जाते जाते, विपदा घन को लेते जाना॥1॥
मेरे जो सहयोगी बन्धु, उनका नाम बसन्त पड़ा,
वह ऋतुराज मधुप को लेकर, आज न जाने कहां अड़ा,
साथ स्नेहरस का रस लेकर, के वह भूला है आना।
हे पतझड़ तुम जाते जाते, विपदा घन को लेते जाना॥2॥
अंग स्फुरण मन लालायित, देख सुमन को होता है,
हम स्वागत करते हैं उसका, मन लालायित होता है,
जब अनंग से अंग मिले तो, बात यही तुम भी दुहराना।
हे पतझड़ तुम जाते जाते, विपदा घन को लेते जाना॥3॥
मेरी इन बातों को जाकर, ना तुम उन्हें सुनाओगे,
तो समझो इस शून्य जगत में, निन्दक माने जाओगे,
”नंद“ के नन्दित मन में ”नंदा“ को जाकर मेरी याद दिलाना।
हे पतझड़ तुम जाते जाते, विपदा घन को लेते जाना॥4॥
अनमना
है प्रेम रोता कक्ष में,
प्रीतम बिना प्रियतम बने।
अन्तर्निहित शशि उरसि तल है
नखत गणमाला बने॥1॥
है आज अम्बर ध्रूम्रघन,
युग मकर में सावन बसा।
अकथनीया है कथा,
विपरीत संकुल शब्द सा॥2॥
सतत होगी क्या यहॉ,
यह कष्टदा श्यामा अमा।
मुकुलित न होगी पुनि पियूषी,
सरस प्रिय अनूपमा॥3॥
भ्रमर
भ्रामी भ्रमर बताओ तो, तू क्यों उपवन में रमते हो।
कुंता कीर्णित सुमन न तेरे, जिनमें विधि नित रमते हो॥1॥
इन सौरभ से सुन्दरता से यह, कैसी तेरी ममता है।
शंकर जी के विष कराल से, इन दोनों की समता है॥2॥
अतः अनिल झकझोर झोर के, इनका मस्तक मोड़ रहा।
बार बार हठि झटक झटक के, पंखुड़ियों को तोड़ रहा॥3॥
मनमोहक मुद्रा ही उर्वसि, मंथन सबका करता है।
प्रबल काष्ठभेदी हो तुम भी, गुन गाता दम भरता है॥4॥
-----डॉ0 महेन्द्र प्रताप पाण्डेय ‘‘नन्द''
रा0 इ0 का 0 द्वाराहाट अल्मोड़ा उत्तराखण्ड
दूरभाषिका- 09410161626/05966.244243
e-mail - mp_pandey123@yahoo.co.in
जीवन परिचय
1. नामः- डॉ0 महेन्द्र प्रताप पाण्डेय ‘‘नन्द''
2. जन्म तिथिः- 05-मई-1965
3. जन्म स्थानः- ग्राम- गोबराई पोस्ट- बड़हरा
जिला- देवरिया (उ0 प्र0)
4. पारिवारिक परिचयः-
पिता- डा0 विश्वनाथ प्रसाद पाण्डेय (होम्योपैथिक चिकित्सक)
माता- श्रीमती विद्यावती पाण्डेय (गृहिणी)
5. शिक्षाः- एम0ए0 (हिन्दी), एम0एड0
6. लेखन की विधाएँः- कविता, नाटक, कहानी, वार्ता, उपन्यास
7. प्रकाशित कृतियों का विवरण तथा प्रकाशन वर्षः-
§ ‘‘अमृता'' काव्य संग्रह प्रकाशन वर्ष 2007
विमोचन - पद्मश्री डा0 श्याम सिंह ‘शशि' (पूर्व निदेशक, प्रकाशन विभाग भारत सरकार), पद्म श्री ललित पाण्डेय (उत्तराखण्ड सेवानिधि), डा0 हरि सिंह पाल (आकाशवाणी दिल्ली), डा0 चक्रधर नलिन (रायबरेली), डा0 ऊषा यादव (आगरा), डा0 हीरालाल बाछोतिया (NCERT दिल्ली), डा0 एन0एन0 खान (प्राचार्य के0 ई0 सी0 द्वाराहाट), क्षेत्रीय विधायक श्री पुष्पेश त्रिपाठी के कर कमलो द्वारा बाल प्रहरी साहित्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह 2007 में।
§ ‘‘बुड़मशाण चालीसा'' प्रकाशन वर्ष 2007
विमोचन - प्रधानाचार्य रा0 इ0 का0 द्वाराहाट तथा मंदिर निर्माण समिति के पदाधिकारी गण द्वाराहाट द्वारा रा0 इ0 का0 द्वाराहाट अल्मोड़ा में।
§ स्वाधीनता संग्राम में कुमायूँ मण्डल की नारियों का योगदान (काव्य में) (अप्रकाशित)
§ कहानी संग्रह (अनाम) 7 कहानियाँ आकाशवाणी गोरखपुर से प्रसारित
§ उपन्यास - 1. उपेक्षिता 2. अपहृता प्रणय (प्रकाशनाधीन)
§ नाटक - 1. प्यार और फाँसी 2. दानवीर मयंक 3. एक टुकड़ी रोटी
4. माई के प्यार 5. धर्म का पलड़ा (सभी मंचित)
§ बाल कविता संग्रह - (प्रस्तावित नाम उद्भव) अप्रकाशित
§ डाक्यूमेन्ट्री फिल्म का निर्माण- मौसम वेधशाला और द्वाराहाट का मौसम
1- 5 जून 2010 को गोविन्द बल्लभ पन्त पर्यावरण एवं विकास संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा के निदेशक डॉ एल. एम. एस. पालनी, डॉ. आर. एस. रावल वैज्ञानिक, मेजर बी. सी. सती और खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वाराहाट श्री एस. एल. आर्या के द्वारा।
2- ‘‘कजरा'' इण्टरनेशनल फिल्म्स समिति गोण्डा के प्रोड्यूसर श्री राजेश निगम और उमराव जान फिल्म के निर्देशक मुजफ्फर अली के हाथों साहित्य एवं सांस्कृतिक अकादमी वहराइच में।
3- यूट्यूबडॉट कॉम पर यूप्रोब नाम से फिल्म उपलब्ध।
8. प्राप्त सम्मान/पुरस्कार आदि का विवरणः-
· काव्य श्री 2007 ः- बालप्रहरी द्वारा- डा0 राजेन्द्र डोभाल (निदेशक विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी परिषद् देहरादून), डा0 बानो सरताज (महाराष्ट्र) तथा सम्पादक उदय किरौला।
· काव्य गौरव 2007 ः- डा0 फारूख कप्तानगंजवी प्रमुख निदेशक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानोपाधि संस्थान, कप्तानगंज कुशीनगर द्वारा वर्ष 2007 में।
· युवा प्रतिभा सम्मान 2007 ः- 15वाँ अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य समारोह गाजियाबाद द्वारा वर्ष 2007 में श्री मुकेश्वर चुन्नी (भारत में माँरीशस के उच्चायुक्त), श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी (पूर्व राज्यपाल केरल व कर्नाटक) तथा डा0 रत्नाकर पाण्डेय (राज्यसभा सांसद एवं मुख्य संरक्षक)।
· साहित्य श्री 2008 ः- पुष्पगंधा प्रकाशन कवर्धा छत्तीसगढ़ द्वारा वर्ष 2008 में श्री सन्तोष गुप्ता (अध्यक्ष नगर पालिका निगम कवर्धा), डा0 सुनील गुप्ता ‘तनहा' (साहित्यकार/प्रकाशक राजमहल चौक कवर्धा), श्री सुहास गोविन्द पोल (हाईकोर्ट अधिवक्ता/साहित्यकार बेमेतरा, दुर्ग छत्तीसगढ़)।
· भारत गौरव 2008 ः- ऋचा प्रकाशन कटनी मध्य प्रदेश द्वारा वर्ष 2008 में श्री आशा रायजादा (अध्यक्ष) तथा श्री ओम रायजादा (निदेशक)।
· काव्य कल्पज्ञ 2008 ः- अखिल भारतीय साहित्य संगम आयड़ उदयपुर द्वारा वर्ष 2008 में श्री ओम पारदर्शी संस्थापक/संरक्षक।
· मधुपर्क सम्मान पत्र 2008 ः- अखिल भारतीय समाचार पत्र लेखक परिषद् देवनगर कानपुर द्वारा वर्ष 2008 में श्री विजय प्रकाश त्रिपाठी (राष्ट्रीय अध्यक्ष) तथा डा0 सम्पूर्णानन्द पाण्डेय (महामन्त्री)।
· भाषाई समाचार पत्र सम्मान 2008 ः- श्री भगत सिंह कोश्यारी (पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराख्ण्ड), श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक' (स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखण्ड) के मुख्य आतिथ्य में श्री प्रकाश पन्त (मंत्री उत्तराखण्ड), श्री ओंकार भावे (समारोह अध्यक्ष) तथा श्री राजेन्द्र तिवारी (संयोजक इनसाइट एक्सप्रेस) देहरादून एवं सुरभि लोक संस्था द्वारा।
· युवा प्रतिभा सम्मान 2008 ः- हम सब साथ साथ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बाल, युवा एवं प्रतिभा प्रदर्शन व सम्मान समारोह 2008 में मुख्य अतिथि डा0 श्याम सिंह ‘शशि', डा0 सरोजनी प्रीतम (टी0वी0 सीरियल निर्मात्री), श्री उमाशंकर मिश्र (सम्पादक), श्री विनोद बब्बर (सम्पादक राष्ट्र किंकर), श्री प्रवीण आर्य (प्रोड्यूसर साधना टी0 वी0 चैनल), श्री किशोर श्रीवास्तव के हाथों प्राप्त।
· सृजन श्री 2008 ः- बाल प्रहरी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बालसाहित्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह 2008 में डा0 राष्ट्रबन्धु (संपादक, बाल साहित्य समीक्षा), डा0 लक्ष्मण सिंह बिष्ट ‘बटरोही' (निदेशक, महादेवी वर्मा सृजनपीठ, नैनीताल), डा0 कुवंर बेचैैन, डा0 प्रतीक मिश्र, श्री उदय किरौला (सम्पादक)।
· बालवाटिका अभिनन्दन पत्र 2008 ः- बालवाटिका द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बालसाहित्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह 2008 भीलवाड़ा राजस्थान में प्रो0 के एम0 नुवाल (मुख्य संरक्षक) तथा डा0 भैरूँलाल गर्ग (समारोह संयोजक तथा सम्पादक)।
· भारतीय गौरव रत्न 2008 ः- शबनम साहित्य परिषद सोजत सिटी राजस्थान के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डा0 अब्दुल समद राही द्वारा राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान 2008 में प्रदत्त।
· प्रशस्ति पत्र 2008 ः- 16वाँ अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन हिन्दी भवन गाजियाबाद उ0प्र0 द्वारा।
· महानुभाव ग्रंथोत्तेजक पुरस्कार 2008 ः- अमृता काव्य संग्रह पर महानुभाव विश्वभारती अमरावती महाराष्ट्र द्वारा।
· उत्तराखण्ड रत्न सम्मान 2008 ः- जैमिनी अकादमी पानीपत द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जन्म शताब्दी स्मृति अ0 भा0 सम्मान एवं विमोचन समारोह 2008 द्वारा।
· हास्य श्री सम्मान 2009 ः- राष्ट्र किंकर समाचार पत्र दिल्ली द्वारा आयोजित अखिल भारतीय हास्य कवि प्रतियोगिता 2008 में पद्म विभूषण सोनल मान सिंह तथा संपादक श्री विनोद बब्बर द्वारा प्राप्त।
· विश्व साहित्यकार संदर्शिका नामांकन 2009 ः- डा0 ओम प्रकाश बरसैया (झांसी) द्वारा प्रकाशित विश्व हिन्दी साहित्यकार संदर्शिका के सप्तम खण्ड में नामांकन।
· बाल प्रहरी साहित्य सृजन सम्मान 2009 ः- पद्म श्री यशोधर मठपाल (उत्तराखण्ड) , डॉ0 चिनोद चन्द्र पाण्डेय ‘विनोद' (लखनऊ) डॉ0 राष्ट्रबन्धु (कानपुर), डॉ0 हरि सुमन बिष्ट (दिल्ली), बाल प्रहरी सम्पादक उदय किरौला के हाथों भीमताल (नैनीताल) में।
· हिन्दी साहित्य सम्मान 2009 ः- डॉ0 रवि कान्त खरे (बाबा जी), डॉ0 विनोद चन्द्र पाण्डेय ‘विनोद' रामचन्द्र शुक्ल एवं डॉ चक्रधर नलिन के हाथों स्वामी रामतीर्थ प्रतिष्ठान अलीगंज लखनऊ में अखिल भारतीय वैचारिक क्रान्ति मंच निराला नगर लखनऊ द्वारा।
· आदर्श शिक्षक सम्मान (मौसम) 2008 ः- पं0 गोविन्द वल्लभ पन्त पर्यावरण एवं विकास संस्थान द्वारा आयोजित रा0 इ0 का0 हवालबाग में डा0 उपेन्द्र धर (निदेशक), श्री अम्बाराम आर्य (जिला शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा) तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी हबालबाग के द्वारा (यू0 प्रोब) आदर्श शिक्षक सम्मान का प्रथम पुरस्कार वर्ष 2008।
· उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान (मौसम बेधशाला) 2009 ः- डॉ0 एल0 एम0 एस0 पालनी निदेशक, एवं यू0 प्रोब अन्वेषक आर0 एस0 रावल (गोविन्द बल्लभ पन्त पर्यावरण एवं विकास संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा) द्वारा आयोजित राजकीय इण्टर कॉलेज धौलछीना में।
· साहित्य वाचस्पति 2009 ः- साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगत अकादती परियावां प्रतापगढ़ उ0प्र0 के अध्यक्ष शिव नारायण मिश्र एवं सचिव वृन्दावन त्रिपाठी रत्नेश द्वारा पूर्व जज रामचन्द्र शुक्ल और सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव के हाथों प्राप्त।
· सुश्री0 सरस्वती सिंह स्मृति सम्मान 2009 ः- साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगत अकादमी परियावां प्रतापगढ़ उ0प्र0 के अध्यक्ष शिव नारायण मिश्र एवं सचिव वृन्दावन त्रिपाठी रत्नेश द्वारा पूर्व जज रामचन्द्र शुक्ल और सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव के हाथों प्राप्त।
· काव्य कलश सम्मान ः- हिन्दी भाषा सम्मेलन पटियाला (पंजाब) द्वारा हर्ष कुमार हर्ष, के हाथो भाषा भवन में 24 मई 2009 को प्राप्त।
· संस्कृत सम्मान पत्र 2009 ः- संस्कृत विद्यापीठ परिषर में गीता जंयति पर श्री श्री 108 रामगिरी जी महाराज एवं उपजिलाधिकारी रानीखेत द्वारा।
· कुमाऊॅनी लोक साहित्य सम्मान पत्र 2009 ः- पप्साग्राम्स संस्थापक विशनदत्त जोशी ‘‘श्ौलज'' एवं श्री श्री 108 रामगिरी जी महाराज एवं उपजिलाधिकारी रानीखेत द्वारा।
· ई0 मैगजीन अनुभूति में रचना प्रकाशित 2009 ः- 6 मई 2009 और 2 नवम्बर 2009, मार्च 2010
· उत्तरा पोर्टल डॉट इन ः- उत्तराखण्ड की साहित्य एवं संस्कृति संरक्षण में अमृता और बुड़ मशाण चालीसा
· समय दर्पण डाट कॉम पर रचना ः- साहित्य उपल्बध
· स्वर्गविभा डाट कॉम पर रचना ः- साहित्य उपल्बध
· भोजपुरिया डाट कॉम पर रचना ः- साहित्य उपल्बध
· विद्यावाचस्पति (पी. एच.डी.) 2009 ः- विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर (बिहार) के कुलाधिपति डॉ लारी आजाद कुलपति डॉ तेजनारायण कुशवाहा एवं कुलसचिव डॉ देवेन्द्र नाथ साह के द्वारा।
· आलेख वाचन 2009 ः- विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर (बिहार) में चतुर्दश महाधिवेशन सह सम्मान समारोह में जनपदीय भाषा हिन्दी पर आलेख।
· साधना टी.वी. पर काव्य पाठ 2010 ः- सतमोला कवियों की चौपाल के लिए 9-01-2010 को काव्य पाठ।
· हिन्दी गरिमा सम्म्मान 2010 ः- हिन्दी भाषा सम्मेलन पटियाला (पंजाब) द्वारा आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंजाबी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जसपाल सिंह, सचिव पंजाब सरकार श्रीमती ऊषा आर. शर्मा, कमिश्नर श्री गुरेन्दर सिंह गरेवाल तथा डा. राजा आनन्द सिंह सुमन के हाथो।
· पं0 बृज बहादुर पाण्डेय स्मृति सम्मान 2010 ः- शिक्षा साहित्य कला विकास समिति बहराइच (उ0प्र0) में फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली, आकाशवाणी लखनऊ के कार्यक्रम अधिकारी अनामिका सिंह, आयुवर्ेदिक चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री उ0 प्र0 सरकार तथा प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अशोक पाण्डेय ‘गुलशन' से प्रदत्त।
9. दायित्व ः-
Ø संपादन - भारत ज्ञान विज्ञान समिति द्वाराहाट द्वारा हस्तलिखित पत्रिका ‘‘नयी उड़ान'' का प्रधान सम्पादन।
विमोचन - श्री काशी सिंह ऐरी विधायक कनालीछीना तथा श्री पुष्पेश त्रिपाठी के हाथों।
Ø संरक्षक - भारत ज्ञान विज्ञान समिति इकाई द्वाराहाट अल्मोड़ा वर्ष 2004-2008 तक।
Ø अध्यक्ष - भारत ज्ञान विज्ञान समिति द्वाराहाट इकाई का वर्ष 2008 से।
Ø ब्लाक समन्वयक - राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस - वर्ष 2005 से 2008 तक।
Ø जिला संयुक्त सचिव - राष्ट्रीय बाल विज्ञान आयोजन समिति वर्ष 2006-07
Ø प्रशस्ति पत्र - भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा शांतिकुंज हरिद्वार - वर्ष 2002 से 2004 तक।
Ø मार्गदर्शक शिक्षक सम्मान - राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस उत्तरांचल के वर्श 2007 में
‘‘जैव विविधता प्रकृति बचायें भविश्य संवारे'' विशय पर रा0 इ0 का0 रानीखेत से प्राप्त।
Ø नोडल टीचर - (एड्स) किशोरावस्था यौन शिक्षा कार्यक्रम 2008 रा0 इ0 का0 द्वाराहाट में नोडल टीचर।
Ø टी0 एल0 एम0 प्रतिस्पर्धा - सर्वशिक्षा अभियान द्वारा आयोजित जिला शिक्षा मेला 2007-08 में तृतीय स्थान।
Ø मौसम वेधशाला प्रभारी (यू0 प्रोब0) - रा0 इ0 का0 द्वाराहाट में विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग भारत सरकार द्वारा स्थापित। 15 नवम्बर 2009 से ई.टी.वी. उत्तर प्रदेश/उत्तराखण्ड पर मौसम तापमान की जानकारी।
10. अन्य प्रस्तुति ः-
o आकाशवाणी गोरखपुर से वर्ष 1983 से 1996 तक युवा जगत व देस हमार कार्यक्रम में हिन्दी तथा भोजपुरी कविता/कहानियों का प्रसारण।
o आकाशवाणी अल्मोड़ा से वर्ष 1996 से अद्यतन हिन्दी कार्यक्रम में काव्य पाठ का प्रसारण।
o आकाशवाणी अल्मोड़ा से ‘‘राजभाषा हिन्दी हमारी स्वाभिमान की भाषा'' विषय पर हिन्दी दिवस पर विष्ोश आलेख प्रस्तुति।
o जैन टी.वी. से काव्य पाठ वर्ष 2007
o राष्ट्रस्तरीय काव्य पाठः- गान्धी शान्ति प्रतिष्ठान (दिल्ली) वर्ष 2008, हिन्दी भवन लोहियानगर गाजियाबाद (उ0 प्र0) वर्ष 2007, कुमायूँ इंजीनियरिंग कालेज द्वाराहाट अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) वर्ष 2007, अनासक्ति आश्रम कौसानी बागेश्वर (उत्तराखण्ड) वर्ष 2008, गजाधर मान सिंह धर्मशाला भीलवाड़ा (राजस्थान) वर्ष 2008 तथा आकाशवाणी अल्मोड़ा द्वारा आयोजित विष्ोश कवि सम्मेलन में मूर्धन्य एवं प्रतिष्ठित साहित्यकारों संग काव्य पाठ।
o संचालन - राष्ट्रस्तरीय बाल साहित्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह 2007 में ‘‘बाल साहित्य एवं बाल अधिकार'' विषय तथा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन 2007 का संचालन।
o आलेख प्रकाशन - देव पुत्र, लोट-पोट, धोधर बाबा सरजू सागर मेल, साहित्यांचल, कंचनलता, बाल वाटिका, बाल प्रहरी, ज्ञान विज्ञान बुलैटिन, हम सब साथ साथ, यू0 एस0 एम0, शब्द सरोकार, प्रेरणा अंशु, पंखुड़ी, वात्सल्य जगत, हिन्दी ज्योति विम्ब, काव्याजलि, राष्ट्र किकंर, सच का साया, सरस्वती सुमन, साहित्य त्रिवेणी, इनसाइट एक्सप्रेस, जयतु हिन्दू विश्व, हिमा पर्यावरण, यू0 प्रोब0 न्यूजलेटर, दैनिक जागरण, अमर उजाला, उत्तर उजाला आदि में अनेक आलेख प्रकाशित।
o राष्ट्रीय काव्य संग्रह में कविता प्रकाशनः- दूर गगन तक (सं. सुनील गुप्ता ‘तनहा'), देवसुधा (सं. शशांक मिश्र ‘भारती') आदि
11. सम्प्रति ः- सहायक अध्यापक रा0 इ0 का0 द्वारा हाट अल्मोड़ा उत्तराखण्ड
12. सम्पर्क ः- रा0 इ0 का0 द्वारा हाट अल्मोड़ा पिन-263653
फोन नम्बर -- 05966-244243 / 09410161626
E-mail - mp_pandey123@yahoo.co.in
बहुत बढ़िया प्रस्तुती
जवाब देंहटाएंek madhur sparsh. a massege to new generation.
जवाब देंहटाएंनिज भाषा के ज्ञान से भाव भरे मन मोद
जवाब देंहटाएंएका लाए राष्ट्र में दे बहु मन आमोद
बहुत सुंदर रचना
सुन्दर दोहे
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