तेजेन्द्र शर्मा विशेष : सूर्यबाला का संस्मरण - ‘है किसी दोस्‍त/दुश्‍मन के बूते की बात!'

SHARE:

   (तेजेंद्र शर्मा - जिन्होंने हाल ही में अपने जीवन के 60 वर्ष के पड़ाव को सार्थक और अनवरत सृजनशीलता के साथ पार किया है. उन्हें अनेकानेक बध...

   (तेजेंद्र शर्मा - जिन्होंने हाल ही में अपने जीवन के 60 वर्ष के पड़ाव को सार्थक और अनवरत सृजनशीलता के साथ पार किया है. उन्हें अनेकानेक बधाईयाँ व हार्दिक  शुभकामनाएं - सं.)

है किसी दोस्‍त/दुश्‍मन के बूते की बात!'

किस्‍सा कोताह तेजेन्‍द्र शर्मा'

- सूर्यबाला

यह एक हकीकत है कि तेजेन्‍द्र सा खिलंदड़ा, तेजेन्‍द्र सा जुझारू, तेजेन्‍द्र सा अलमस्‍त और तेजेन्‍द्र सा जीवट वाला इंसान मैंने आज तक नहीं देखा। परेशानी यह है कि ऊपर गिनाये विशेषण या कह लीजिए खूबियाँ, उसके नाम के साथ चस्‍पा होने के साथ ही अपने डाइमेन्‍शन में इजाफा करने लगती हैं। मसलन, खिलंदड़ा है तो बेफिक्री की किस सीमा तक और जुझारू है तो क्‍या सिर्फ अपने लिये? सफलता का सेहरा सिर्फ अपने सिर बाँधना या बंधवाना चाहता है वह या दूसरों की कामयाबियाँ भी लोगों के सामने ले जाने के लिये भी बेहिचक आगे आता है ? बेशक दोस्‍त दुश्‍मनों (होंगे ज़रूर ... ) के जवाब और बातें अपने खाते में दर्ज होती रहेंगी लेकिन अपनी तरफ से मुझे इतना अवश्‍य जोड़ना है कि डॉयलाग अदायगी के तेजेन्‍द्र के दो-टूक अंदाज़ से लेकर उसके अड़ियलपन तक की मैं तहेदिल से कायल हूँ। जो कहेगा, डंके की चोट पर और जो ठान लेगा अच्‍छा या बुरा, उससे उसे डिगा पाना किसी दोस्‍त दुश्‍मन के बूते की बात नहीं। ....

कोई आज से ? हर्गिज नहीं। बीसेक साल तो हुए ही होंगे। पत्‍नी के निधन के बाद, उसके नाम से ‘इंदू शर्मा कथा पुरस्‍कार' की खबर सुनी तो कोई खास हलचल नहीं हुई। होने की बात भी नहीं। अपने आत्‍मीयजनों की स्‍मृति में पुरस्‍कारों की स्‍थापना जैसी परंपरा नई नहीं। जैसे इतने पुरस्‍कार, वैसे ही एक और। सो हो गई घोषणा। छप गए निमंत्रण-पत्र। लेकिन आये दिन आने वाले निमंत्रण पत्रों से सर्वथा अलग, कलात्‍मक और सुरूचिपूर्ण। पुरस्‍कार भी किसी नेता, अभिनेता टाइप द्वारा नहीं बल्‍कि वरिष्‍ठ कवि, कथाकार, धर्मयुग के पूर्व संपादक डॉ. धर्मवीर भारती के हाथों... जो ऐसे समारोहों में कभी आते-जाते ही नहीं...चलो, अनुनय विनय से मनावनी कर ली होगी.... बहरहाल कयास लग रहे थे, चर्चाओं की चिंदियां जहाँ-तहाँ बिखरी नज़र आती थीं और वक्‍तव्‍यों का फुटकरिया बाजार गर्म था।....

लेकिन निश्‍चित दिन, निर्धारित समय, एयर इन्‍डिया के सभागार में शुरू हुए और गरिमापूर्वक सम्‍पन्न हुए इस आयोजन की भव्‍यता लोगों के लिये एक स्‍थायी स्‍मृति छोड़ गई। दुःखों को ग्‍लोरीफाई क्‍या ‘ग्‍लैमरीफाई' तक करने जैसे छुपे आरोपों के बावजूद, तेजेन्‍द्र के तरीके से लोगों को भला क्‍यों गुरेज होगा अगर वह यह काम सलीके से कर ले जाता है और लोगों को दाँतों तले उंगलियाँ दबानी पड़ जाती हैं। तो तेजेन्‍द्र को काम करने का सलीका आता है।

इंदू शर्मा कथा-पुरस्‍कार से ही जुड़ी, दूसरे वर्ष की बात है। सुबह की पूजा से उठते-उठते तेजेन्‍द्र का फोन आता है और अपने विशिष्‍ट लहजे में वे जो कुछ कहते हैं उसका आशय यह कि चूँकि इस वर्ष धीरेन्‍द्र अस्‍थाना को मिलने वाले पुरस्‍कार-समारोह के सिर्फ गिने चुने दिनों पहले, निदा साहब अपने आने को लेकर असमर्थता और अनिश्‍चितता ज़ाहिर कर रहे हैं, इसलिए क्‍या मैं निदा साहब की जगह धीरेन्‍द्र की कहानियों पर बोलने की तकलीफ उठा सकती हूँ ? मैंने तेजेन्‍द्र के असमंजस को खत्‍म करते हुए स्‍वीकृति दी और अपनी समझ से बड़ी सदाशयतापूर्वक कह दिया कि मैं धीरेन्‍द्र के कथासंग्रह पर बोल तो दूँगी ही, निदा साहब की जगह भी मंच पर सुरक्षित रखो, मैं हॉल में बैठ लूंगी और अपनी बारी आने पर बोल आऊंगी।

लेकिन तेजेन्‍द्र को उस शुरूआती दौर से ही अपने बूते पर, पूरे इत्‍मीनान और बेलौसी से निर्णय लेने की आदत है। उनके तरीके में किसी ढीलमढाल की गुंजाइश नहीं रहती, न ऐसी छोटी-मोटी सदाशयता सहूलियतों के साये में काम करने की आदत। इसलिए बगैर किसी द्वंद्व-विधा के और बगैर जरा भी खुश हुए उन्‍होंने सपाट लहजे में कहा कि.... ‘जी, ऐसा है कि जिस कमा के लिए जो कुर्सी तय है वह तो वहीं से होना है। मैं एक एक्‍स्‍ट्रा चेयर क्‍यों खर्च करूँ ? बैठने की व्‍यवस्‍था में किसी रद्दोबदल की गुंजाइश मैं बिल्‍कुल नहीं देखता।......

यह निर्भीकता तेजेन्‍द्र के पोर-पोर में धंसी हुई है इसीलिये वह हमेशा बेलौस, बेखौफ दीखता है।

एकदम शुरू में उसके इस लहज़े मुझे थोड़ा चौंकाया था। भौंहें खिंचने-खिंचने को हो गई आई थीं। पहला-पहला फोन आया था उसका। कुल जमा एक, अर्थात अपने पहले कथासंग्रह ‘काला सागर' के युवा कथाकार, तेजेन्‍द्र शर्मा का। फोन पर वह उसी इत्‍मीनान से अपना परिचय दिए जा रहा था कि अभी दिल्‍ली में उसके इस कथा संग्रह पर गोष्‍ठी हुई थी जिसमें जैनेन्‍द्र और नरेन्‍द्र कोहली जैसे लेखकों ने शिरकत की थी। मैं शायद जल्‍दी में थी। थोड़ी बेसब्री में बोली थी - जहाँ तक आप अपनी पुस्‍तक पर मुझसे बुलवाना चाहते हैं, मुझे कोई आपत्ति नहीं। अच्‍छा लगेगा, लेकिन एक बात मैं आपसे पहले ही कह देना पसंद करूंगी कि पुस्‍तक मुझे जैसी लगेगी वैसी ही बोलने की पूरी छूट चाहती हूँ मैं....... यदि आप मात्र प्रशंसा की अपेक्षा रखते हैं तो.....

‘जी ऐसा है कि प्रशंसा तो मैं बेशक चाहूँगा' , आश्‍चर्य ! उसकी आवाज में जरा भी कंपन नहीं था- ‘लेकिन साफ नीयत के साथ की गई आलोचना भी मेरे हक में ही जाएगी, यह भी जानता हूँ।....

‘एक बात और भी मेरे घर से संगोष्‍ठी-स्‍थल तक मुझे ले जाने और ले आने की ज़हमत भी आपको ही उठानी होगी मैं ज्‍यादा इन रास्‍तों की जानकार नहीं।'

‘जी बिलकुल.... मैं निश्‍चित दिन, निश्‍चित समय स्‍वयं सभागार चलते वक्‍त आपको साथ ही लेता चलूँगा।'

आज तक हिंदी के किसी एक कथासंग्रह के कद वाले कथाकार की आवाज में इतना पुख्‍तापन मैंने नहीं पाया था।

निश्‍चित दिन बेल बजाने पर बाहर निकली तो उसकी लाल मारूति में एक बेहद सजीला चेहरा झाँक रहा था। ‘मेरी पत्‍नी इंदु! .... मुझे अच्‍छा लगा, रास्‍ते में कार रोक कर पिलाया गया जूस भी... जिसका जिक्र मैंने अपने वक्‍तव्‍य में भी किया था। बहरहाल आज से बीसेक वर्ष पहले किसी लेखक की पहली पुस्‍तक पर हुई इतनी गहमागहमी भरी वीडिओ रिकॉर्डिंग से लैंस गोष्‍ठी मैंने पहली बार देखी थी। लेकिन आश्‍वस्‍ति का वास्‍तविक अहसास तब हुआ जब उक्‍त संगोष्‍ठी के आठ दस दिनों बाद तेजेन्‍द्र का फोन आता है और उसकी पुस्‍तक पर हुई इतनी सफल संगोष्‍ठी पर मेरे बधाई देने पर वह कहता है कि संगोष्‍ठी में बोलनेवाले वक्‍ताओं की रिकार्डिंग सुनते हुए मैं आपके वक्‍तव्‍य के उस अंश को बड़े ध्‍यान से सुनाता रहा जहाँ आपने कहा है कि.... ‘कहानियाँ बेशक पठनीय और दिलचस्‍प है..... मर्मस्‍पर्शी भी... लेकिन कहानी का रोल क्‍या इतने पर समाप्‍त हो जाता है ? नये कथाकार के लिये इस पर सोचने की बहुत ज़रूरत है'...

तेजेन्‍द्र के कथाकार पर मेरा एतबार उसी दिन गहरा आया था। भरोसा जमा था कि यह सिर्फ हवा में फिकरें उड़ाने वाला युवा लेखक नहीं है धुन कर काम करने की मंशा भी रखता है।

सचमुच ग़जब की ऊर्जा है उसमें। अंदर बाहर दोनों की ताकत से लबरेज़। बाहर की ताकत, जवाँ मर्दो वाला डीलडौल होने के बावजूद, कई बार धक्‍के खाने के बाद अपना अंदरूनी ताकत के बूते पर धूल झाड़ कर उठ खड़ी हुई है।

मुंबई के नानावती अस्‍पताल में बीसियों दिन एडमिट रहने वाला तेजेन्‍द्र आप बीती यों सुनाता है (फोन पर ) जैसे किसी और के साथ गुज़रा आँखों देखा वाकया बयान कर रहा हो -- ‘वो यों हुआ जी कि लंदन में सब-वे की अपनी ड्‌यूटी से निकल कर आता मैं लम्‍हे भर को ब्‍लैक आउट हो वहीं रोल किये पाइप पर गिरा रह जाता हूँ.... और जब यही हादसा दुहराता तिहराता है... यानी ब्‍लैक आउट, यानी ब्‍लड-प्रेशर, कंधों का दर्द पुरानी स्‍पॉन्‍डिलाइटिस... तो सोचा, अब इन सबकी शिनाख्‍़त जरूरी है.... और आ गया यहाँ परसों रिपोर्ट आनी है... फोन करूँगा आपको....

सिर्फ तन पर ही नहीं, मन पर भी गुज़री थी, बहुत कुछ। कुछ शारीरिक अक्षमता के कारण ‘सब-वे' (लोकल) की ड्राइवरी के अयोग्‍य मानकर नौकरी तक जाती रही थी। लेकिन हार मानकर बैठ जाये, वो तेजेन्‍द्र शर्मा कैसा ? सो बाकायदे डटा रहा मोर्चे पर कि ट्रेन का सारा महकमा सिर्फ ड्राइवरी ही तो नहीं करता, अगर मैं ड्राइव करने के लिये अक्षम माना जा रहा हूँ तो नौकरी लेने की जगह दूसरा काम क्‍यों न दिया जाए ?

बात हक और असूल की थी। कहाँ तक गलत ठहराई जाती।

यूँ भी जितना कुछ मैंने देखा, बहुत थोड़ा ही सही पर अंदाज तो लग ही जाता है और उस अंदाज के आधार पर मैंने कभी किसी डर या सकपकाहट को तेजेन्‍द्र के आसपास फटकते नहीं देखा। मस्‍त दिखता है तो रहता भी ज़रूर होगा। क्‍योंकि खूब काम करने वाला ही इतना खुश रह सकता है।

काम की कहें तो -- कहानी, कविता, गीत, गज़ल के साथ-साथ मुंबई से लेकर लंदन तक के कहानीकारों की रचनाओं का चयन, संचयन, कथाकार सूरज प्रकाश के सहयोग से। इंदु शर्मा कथा सम्‍मान तथा ब्रिटेन के किसी कथाकार को दिये जाने वाले ब्रह्मानंद कथा पुरस्‍कार आदि की चयन-प्रक्रिया और आयोजन से जुड़ी तमाम सारी गतिविधियों को अंजाम देना तथा सबसे बढ़ कर हाउस ऑफ लॉर्ड्स जैसे सभाग्रह में किया जाने वाला आयोजन मज़ाक नहीं हुआ करते। प्रशंसा दस की मिलेगी, गालियाँ बाकी नब्‍बे की। वह भी पीठ पीछे।

लेकिन पीछे मुड़ कर देखने का तेजेन्‍द्र के पास टाइम कहाँ है ? समय उसका हाथ छुड़ा कर भागना चाहता भी है तो तेजेन्‍द्र अपने रोबीले अंदाज में रोक कर रखता है समय को। अपना काम करवा कर ही जाने देता है। और, जो चाहा है, ‘समय' से करवाया है उसने। हाथ बाँधे खड़ा रहता है समय जिन्न की तरह उसके सामने। जिंदगी का कोई उधार बकाया रखने में विश्‍वास नहीं करता तेजेन्‍द्र। वह शेष साहित्‍य-जगत की तरह सिर्फ भावना विचार और कल्‍पना में विचरने की जगह, ठोस ज़मीन पर अपने स्‍वप्‍न को साकार करने का माद्दा रखता है और दूसरों के लिये भी सोचता जरूर है वरना कैसे लिखता कि मैं ही मैं हूँ, चलो सोच ऐसी दफन करें.. हर एक को दाद मिले और कोई बात बने।

डॉ. सूर्यबाला

बी-504 रूनवाल सेंटर

गोवंडी स्‍टेशन रोड, देवनार,

मुबई-400 088,

--

साभार-

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: तेजेन्द्र शर्मा विशेष : सूर्यबाला का संस्मरण - ‘है किसी दोस्‍त/दुश्‍मन के बूते की बात!'
तेजेन्द्र शर्मा विशेष : सूर्यबाला का संस्मरण - ‘है किसी दोस्‍त/दुश्‍मन के बूते की बात!'
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgfsGMncVRpBgAWPTDXV9f-71eSse3LEYJMqMxm0IxOH1FUTllwlQgnSV1VLUIQ1osGRlirF3_nugnFuUf2z40y9553MpMICi_WZVoZLxNhdTLE-DjjlaxIQ1SXgPSgAPVihFHd/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgfsGMncVRpBgAWPTDXV9f-71eSse3LEYJMqMxm0IxOH1FUTllwlQgnSV1VLUIQ1osGRlirF3_nugnFuUf2z40y9553MpMICi_WZVoZLxNhdTLE-DjjlaxIQ1SXgPSgAPVihFHd/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2012/10/blog-post_1940.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2012/10/blog-post_1940.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content