संवेदना दुग्गल का आलेख - स्‍त्री-पुरुष संबंध यानी विश्‍वास-अविश्‍वास का खेल!

SHARE:

दूसरी दुनियाः स्‍त्री-पुरुष संबंध यानी विश्‍वास-अविश्‍वास का खेल! स्‍त्री-पुरुष संबंध एक ऐसा सत्‍य है जिसे सत्‍य मानो तो झूठ लगता है। झूठ म...

दूसरी दुनियाः

स्‍त्री-पुरुष संबंध यानी विश्‍वास-अविश्‍वास का खेल!

स्‍त्री-पुरुष संबंध एक ऐसा सत्‍य है जिसे सत्‍य मानो तो झूठ लगता है। झूठ मानो तो सत्‍य। पूरा संबंध ही विरोधाभासों से भरा हुआ है। पति-पत्‍नी हों या प्रेमी-पे्रमिका, सिर्फ दोस्‍त हों या ब्‍यायफ्रेंड-गर्ल-फ्रेंड, मां-बेटा, भाई-बहन हों या बाप-बेटी, किसी भी सामाजिक-पारिवारिक संबंधों में बंधे हुए हों हम, हमारा हर संबंध शक और संदेहों से घिरा हुआ है। परस्‍पर अविश्‍वास की बुनियाद पर खड़ा हुआ है। उड़ीसा के जगन्‍नाथ पुरी में थी उस वक्‍त। टूरिस्‍ट बस में कुछ खास जगहों की यात्रा करनी थी--चिल्‍का झील, भुवनेश्‍वर, कोणार्क वगैरह। बस में एक गाइड भी चल रहा था जो टूटी-फूटी काम चलाऊ अंग्रेजी में हमें रास्‍ते के गांवों, कस्‍बों, स्‍थानों की सूचना देता हुआ वहां की खासियतें बताता चल रहा था।

रास्‍ते के गांवों के बारे में बताया--यहां गरीबी-भुखमरी हमेशा फैली रहती है। लोगों पर काम-धंधा नहीं है। औरतों के दलाल अक्‍सर यहां चक्‍कर लगाते रहते हैं। मां-बाप अपने बच्‍चों को बेचते रहते हैं। जैसा गाहक पट जाए। एक मुश्‍त रकम के बदले या बंधुआ मजदूरी-नौकरी के लिए। यहां मूड़ी के साथ चाय बहुत अच्‍छी मिलती है, अगर आप लोग चाहें तो बस रोकी जा सकती है। सबने हामी भर ली। बस की ज्‍यादातर सवारियां तो मूड़ी-चाय खाने-पीने में जुट गईं। मैं गाइड के साथ उस गांव में भीतर निकल गई। ज्‍यादातर औरतों के पास मैली-कुचैली मात्र एक धोती थी जिसे वह किसी तरह बदन को ढकने के लिए लपेटे थी फिर भी हडि्‌डयों का ढांचा नुमा उनका बदन बाहर झलक रहा था।रंग पक्‍का सांवला। आदिवासी जातियों का गांव। घर नहीं कहे जा सकते थे वे। फूसों को बांस से साध कर छा लिया गया था। झोंपड़ी में कुछ टूटे-फूटे घड़ों के खपरे थे। कोने में चूल्‍हा। चूल्‍हे पर वही खपरे नुमा बर्तन रख कर कुछ पका लिया जाता था। भाषा समझ से परे थी। उनकी बातों का मतलब गाइड ही बताता चलता था। वहां से लड़के को नौकर रखने के लिए आसानी से लिया जा सकता था। लड़की को भी। मैंने पूछा--अगर कोई व्‍यक्‍ति लड़की को खरीद ले जाए और नौकर रखने की बजाय धंधे में डाल दे तो? उस लड़की की मां ने कहा--यहां से ले जा कर वह कुछ भी करे। हमें पीसा दे जाए! बच्‍चों, लड़के-लड़कियों को नौकरी पर रखवाने के लिए या देह के धंधे के लिए, खुद मां-बाप या सगे सबंधी सौदा करते मिले। मन बेहद विचलित हुआ। देश में यह क्‍या हो रहा है? संबंधों का क्‍या कोई मतलब गरीबी में नहीं रह गया? भुखमरी इतनी दारुण अवस्‍था है कि किसी तरह का संबंध यहां झूठा दिखाई देता है? सारे संबंध एक तरह से बेमानी प्रतीत होते हैं।

कचल्‍का झील समुद्र का एक घिरा हुआ विशाल जलागार था जिसमें जैव विविधता बहुत थी। विज्ञान की प्रयोगशालाओं को म्‍यूजियम के लिए जीव-जन्‍तुओं की सप्‍लाई करने वाले व्‍यापारी वहां अक्‍सर आते रहते थे। जीव-जन्‍तुओं को ओने-पोने में खरीद ले जाते और दूर-दराज के शहरों में स्‍कूल-कालेजों की प्रयोगशालाओं को मन माने दामों पर बेचा करते हैें। एक व्‍यापारी ने बताया, जानवरों की कीमत पर यहां लड़के-लडकियां भी खूब मिलते हैें मेडम। जैसी चाहें वैसी लड़की। जैसा चाहें वैसा लड़का। ले जा कर उन्‍हें अपनी भाषा काम चलाने के लिए सिखा लें फिर चाहे जो सलूक करें, नौकर रखें या उनके अंग निकाल कर बेच लें। गुर्दे, लीवर, पेन्‍क्रियाज, आंख की पुतली, कुछ भी निकाल कर बेच लेते हैं लोग! ये बेचारे न वापस भागते हैं, न यहां आ सकते हैं। न कुछ जानते-समझते हैं।

सारे टूर में बेहद उदास रही। यह कहों आ गई मैं! अजब रूप है यह जिंदगी का। हालात न हमें हसंने देते हैं, न रोने। हर तरह के संबंधों पर से विश्‍वास उठ जाता है। गाइड ने एक जगह बताया--टूरिस्‍ट लोग यहां से जवान लड़कियां ले जाते हैं। जितने दिन इस क्षेत्र में घूमते हैं, अपने संग रखते हैं। होटलों में अच्‍छा खिलाते-पिलाते हैं और उनके साथ . . .! पता नहीं किस शायर का श्‍ोर याद आता रहा--दिल में मोहब्‍बत की दहकती आग रखना/ जमीर लेकिन अपना बेदाग रखना! मैं न होऊं तो मुहब्‍बत की बसर रखना/तुम न हो तो बेवफाइयों की गुजर रखना! ळम अपने घरों-परिवारों में, सीरियलों-फिल्‍मों में कितनी झूठी जिंदगी देखते और जीते हैं। जिंदगी की सच्‍चाइयां तो इस देश में हर कहीें बिखरी हुई टूटे कांचों की किरचों की तरह हमारी आंखों में चुभती-गड़ती है। स्‍त्री-पुरुष संबंधों का काला रूप हमें देश में घूमने पर पता नहीं कहां-कहां देखने को मिलता है।

मराठी के प्रसिद्ध नाटककार विजय तेंदुलकर का एक नाटक है--कमला। उस नाटक पर हिन्‍दी में फिल्‍म भी बनी थी। शबाना आजमी और दीप्‍ति नवल थीं उस फिल्‍म में। दीप्‍ति नवल को एक पत्रकार धौलपुर के एक गांव में लगने वाले लड़कियों के बाजार से खरीद कर दिल्‍ली लाया था--नाम था कमला। दीप्‍ति नवल कमला बनी थी। पत्रकार की पत्‍नी शबाना आजमी से दीप्‍ति नवल पूछती है--तुम्‍हें इस आदमी ने कितने पैसे में खरीदा है? शबाना आजमी हड़क जाती हैं--क्‍या मतलब है तुम्‍हारा? मेरी इनसे शादी हुई है। मैं बीवी हूं इनकी। दीप्‍ति नवन भोलेपन से हंसती हैं--बीवी-सीवी क्‍या होती है? सीधे-सीधे बताओ, कितने में बिकी हो तुम? जिंदगी का यह कडव़ा रूप नहीं है तो क्‍या है? संबंधों की कड़वी सचाई नहीं है तो क्‍या है?

--डॉ संवेदना दुग्‍गल

COMMENTS

BLOGGER: 6
  1. गरीबी के आगे कोई रिश्ता नहीं ठहरता.

    जवाब देंहटाएं
  2. abilkul sahi kaha aaap ne. main bhee ek bar gaya tha vahan per. jo vastr dale the un ko aage piche kar ke hi shreer saf kar lete the log

    जवाब देंहटाएं
  3. यह सार्वकालिक एवं सार्व-देशीय तथ्य है कोई भी टिप्पणी अपर्याप्त ही रहेगी ...

    जवाब देंहटाएं
  4. Akhilesh Chandra Srivastava10:03 pm

    sawal stree purushon ke sambandon ka nahi gareebi aur berojgari ka hai varna kaun apni
    aulad benchega yeh jan ne ke baad ki bikne ke baad unka bhavishya aur jeevan dono hi asurkshit hai ..pet ki aag se badhkar kuch nahi hota unhe ye lagta hai ki ek to ek khane wala sadasya kam hua aur doosra shayad hamare bachchon ko aage se kuch khana pet bharne ko milega

    kahani vastav men samvedna bayan karti hai aur uttam hai

    जवाब देंहटाएं
  5. जठराग्नि बुझाने को शेर पिंजडे में फँस जाता है । एक मनुष्य दूसरे को खा जाता है । सभी चाँद सितारों की बातें करते हैं, अँधेरे में जो बैठे हैं नजर उन पर भी कुछ डालो, ... देश में सरकारें बदलती हैं, रॉकेट अंतरिक्ष की ओर जाते है , परंतु गरीब बस्ती के लिए तो, रहा गर्दिशों में हरदम ...

    जवाब देंहटाएं
  6. और सम्बन्ध की परिभाषा तो स्थान, काल, संस्कृति के अनुरुप परिवर्तनशील होती है । यह अलग बात है कि स्त्री पुरुष के सम्बन्ध की बुनियाद अविश्वास पर टिकी है पर यह समस्या संभ्रान्त वर्ग में भी है । आलेख बढिया है परंतु शीर्षक पढने पर समस्या की जड कुछ और ही दिखती है ।

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: संवेदना दुग्गल का आलेख - स्‍त्री-पुरुष संबंध यानी विश्‍वास-अविश्‍वास का खेल!
संवेदना दुग्गल का आलेख - स्‍त्री-पुरुष संबंध यानी विश्‍वास-अविश्‍वास का खेल!
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi4OqHrgyeQUwg-AuBujgdz-OkSOOo-N32oVEWdmaJo5_tuUFrgwNeS7avy5YDkwxitPwnMTBwAo-EcyjxloJAckrNVNjIUo-iPZYXqHXHwOMZ-D4xH5x4yTjwoBbL89UezLJwg/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi4OqHrgyeQUwg-AuBujgdz-OkSOOo-N32oVEWdmaJo5_tuUFrgwNeS7avy5YDkwxitPwnMTBwAo-EcyjxloJAckrNVNjIUo-iPZYXqHXHwOMZ-D4xH5x4yTjwoBbL89UezLJwg/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2013/06/blog-post_7642.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2013/06/blog-post_7642.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content