शशिकांत सिंह 'शशि' का व्यंग्य - शिलान्यास जी का पत्र

SHARE:

शिलान्‍यास जी का पत्र व्‍यंग्‍य   आदरणीय नेताजी, सादर चरण वंदन मैं सकुशल बिल्‍कुल नहीं हूं। आप मजे में होंगे इसकी मुझे पूरी उम्‍मीद है। आप...

शिलान्‍यास जी का पत्र

व्‍यंग्‍य

 

आदरणीय नेताजी,

सादर चरण वंदन

मैं सकुशल बिल्‍कुल नहीं हूं। आप मजे में होंगे इसकी मुझे पूरी उम्‍मीद है। आप जिस नदी के किनारे मुझ बेचारे को छोड़ गये थे। मैं आज भी वहीं आपकी राह देख रहा हूं। आपको याद नहीं होगा। दिल्‍ली की आबोहवा दिमाग को कमजोर कर देती है। अधिक ए सी का सेवन भी याददाश्‍त को कमजोर कर देता है।

याद कीजिये, आज से चार साल पहले ,आप बिहार के चंपारण में आये थे। बूढ़ी गंडक पर पुल बनाने का ऐलान किया था। ऐलान तो खैर पिछले दस सालों से करते आ रहे थे। उस साल आपने पुल का शिलान्‍यास किया था। एक सुंदर सा पत्‍थर जिस पर आपका नाम खुदा था। मैं वही पत्‍थर हूं मालिक। बंदापररवर , आप तो मुझे भूल गये लेकिन मैं आपको नहीं भूला। मैं ही क्‍यों इस निर्वाचन क्षेत्र की जनता जिन्‍होंने आपको वोट दिया था। चाहकर भी नहीं भूल पाई। आप वह महान आत्‍मा हैं जिसने मेरे मस्‍तक का स्‍पर्श किया था। मैं फूलों से ढ़का था। मेरा चेहरा अंदर ही अंदर गुलनार हो रहा था। मैं खुश था कि मेरा नाम कल के अखबारों में आयेगा। 'बूढ़ी गंडक पुल का शिलान्‍यास' नेता श्री गगनराम जी के हाथों से सम्‍पन्‍न हुआ। मेरा मन पुलकित हो रहा था। भारत वर्ष में आम आदमी ही नहीं आम पत्‍थर भी नेताओं की निकटता चाहता है। उसके सारे काम आपलोगों के द्वारा ही सम्‍पन्‍न होते हैं। यही कारण था कि आप के आने के बहुत पहले से ही आम आदमी जमा हो रहे थे। जो नहीं आना चाहते थे , उन्‍हें आपके एजेन्‍ट ला रहे थे। लोग साइकिल, बस , ट्रेक्‍टर , बैलगाड़ी सबपर लदे चले आ रहे थे। लोगों को लगने लगा था कि अब पुल बनकर ही रहेग। आज यदि शिलान्‍यास हो जा रहा है तो दो चार सालों में पुल बन ही जायेगा। यानी कि अगले चुनाव तक नदी को पार करने के लिए नाव की जरूरत खत्‍म हो जायेगी। उनके मन में कितनी गलतफहमियां थीं। आज यह सोचकर शर्मिंदा होना पड़ता है। आज तो कोई आवारा कुत्‍ता भी आकर प्राकृतिक क्रिया कर जाता है। उसकी गलती भी नहीं है। पुल आजतक बनी नहीं है। तैर कर जानवर भी जाते हैं।

महोदय, आपको याद होगा कि आपने पत्रकारों के प्रश्‍नों के उत्‍तर में क्‍या कहा था। सारे प्रश्‍न-उत्‍तर चूंकि मेरे सामने ही हुये थे इसलिए मुझे याद हैं। उतना भी पत्‍थर नहीं हूं कि भूल जाऊं। उन्‍होंने आपसे पूछा-

-' क्‍या आप अगले चुनावों के पूर्व इस पुल का निर्माण पूरा करा देंगे ?'

-' उसके बहुत पूर्व ही। मेरा वादा है कि दो सालों के अंदर ही लोग इस पुल पर चलने लगेंगे। '

-' आपकी सरकार यदि नहीं बनी तो आप पुल का निर्माण कैसे करा पायेंगे ?'

-' मैं अपने क्षेत्र की जनता के लिए राजनीति में हूं किसी दल या सरकार के लिए नहीं। मुझे पूरा विश्‍वास है कि सरकार मेरी ही बनेगी। आप लोग यदि साथ दे ंतो...........। '

पत्रकार ठहाके लगाने लगे। लोगों ने तालियां बजाई। आप मुदित हो रहे थे और मैं पुलकित। पत्रकारों ने मेरी भी फोटो खीचीं। मेरा माथे पर फूलों की लड़ी थी। आदमियों में शादी के लिए जाने वाले दुल्‍हे को जैसे तैयार करते हैं , वैसे ही मुझे भी सजाया गया था। लोग मुझे निहार रहे थे। मेरा रोम-रोम गदगद था। आपने मेरा चेहरा लोगों को दिखाया। मेरी छाती पर आपका नाम खुदा था, मोटे-मोटे अक्षरों में। आपने भाषण दिया। देशभक्‍ति के गाने बजाये गये। ढ़ोल वालों ने आपकी शान में ढ़ोल पीटे। लोगों ने तालियां बजायीं। अंत में , सारे लोग चले गये। रह गया मैं अकेला। अपने सपनों में खोया हुआ सा। मैं पुलकित था कि देश के एक महान नेता ने मेरा स्‍पर्श किया। मैं धन्‍य हो गया।

आप चुनाव जीत गये। आपसे अधिक खुशी मुझे हुई। मैं इंतजार कर रहा था कि अब आपके द्वारा भेजे गये लोग आकर काम शुरू करेंगे। ऐसा नहीं हुआ। दिन महीने गुजरते गये। आपको न आना था , न आये। मेरी निराशा बढ़ती गई। अंततः आज लाचार होकर यह पत्र लिख रहा हूं। आपको तो पता ही होगा कि यह पुल कितना आवश्‍यक है। यह बन जाये तो लोगों को नाव पर चढ़ने और जान गंवाने की नौबत नहीं आयेगी।

मैं बहुत कष्‍ट में हूं श्रीमान। कहने में भी कष्‍ट हो रहा है। इधर के कुत्‍ते बदतमीज हो गये हैं। उन्‍हें इतनी भी तमीज नहीं कि एक पत्‍थर जो कि नेता के द्वारा छुआ गया हो। उसके साथ इज्‍जत से पेश आयें। कहीं से भी आयेगे लेकिन मल-मुत्र विसर्जन के लिए मेरा ही चुनाव करते हैं। कौवे और कबुतरों की तो बात ही क्‍या है। उन्‍हें कौन समझाये कि बिट करने के लिए कहीं अन्‍यत्र जायें। उन्‍हें भी मालूम है कि मैं अकारण इस नदी के किनारे गाड़ा गया हूं। आपको नहीं आना हो तो एक पोस्‍टकार्ड डाल दें जिससे मुझे तसल्‍ली हो जाये। इधर एक अफवाह फैली है कि आप इस पुल के बनने ही नहीं देना चाहते। लोग कहते हैं कि आपमें और ठेकेदार में बन नहीं रही है। आप उससे पचास प्रतिशत हिस्‍सा मांग रहे है। वह तीस प्रतिशत ही दे रहा हे। यह ठेकेदार की हिमाकत है। वह जानता है कि आप सरकार में है। आप मंत्री है। आपके चाहने और न चाहने से ठेकेदार की सेहत पर बहुत फर्क पड़ेगा। वह अनाड़ी है। आप उसे क्षमा कर दें। आपके दुश्मन तो यह भी कहते चल रहे हैं कि आप इस पुल को बनने ही नहीं देना चाहते। आप नहीं चाहते कि इस पुल के रूप में आपके पास जो वोट मशीनरी है उसे आप खो दें। यह तो तय है कि हर साल बूढ़ी गंडक में बाढ़ आयेगी ही। आप उस बाढ़ में अपने लिए जुगाड़ बिठा लेते हैं। यह अकेला पुल आपको इतना कमा कर देता है जितना किसी का लायक बेटा भी नहीं कमायेगा। कमायेगा भी तो क्‍या जरूरी है कि वह अपने बाप को अपनी कमाई देगा ही। बाढ़ जब भी आती है तो पुल का उत्‍तरी छोर टूट जाता है। आप उसे आनन-फानन में बनवा देते हैं। बनवाने से आपको नाम भी मिलता है और नामा भी। दोनो ही आपके चुनाव में काम आ जाता है। यदि बाढ़ उतनी भीषण न हो तो केवल पुल से सटा रोड ही टूटता है। उसके मरम्‍मत के नाम पर भी आपको मोटी राशि मिल जाती है। कहने का तात्‍पर्य यह कि आपको लाखों का लाभ केवल पुल से ही हो जाता है। भला आप पुल क्‍यों बनवायेंगे।

मैं आपका दासनुदास हूं। आप जो चाहें निर्णय लें। मैं तो अपनी छाती पर आपका नाम ढ़ोता ही रहूंगा। इधर खबर उड़ी है कि आपके विरोधी चमनलाल जी भी पुल पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। उन्‍होंने तो सुना है कि एक नया शिलान्‍यास भी करने की ठानी है । यदि ऐसा हुआ तो मेरा क्‍या होगा। मैं तो कहीं नहीं रहूंगा। आम पत्‍थर होता तो किसी के मकान की नींव बन जाता। किसी बच्‍चे के गुलेल की गोली बन जाता। हो सकता है कि किसी मंदिर में डाल दिया जाता और भगवान बनने का अवसर प्राप्‍त हो जाता। आम आदमी और आम पत्‍थर में यही तो एक समानता है कि उसका आकाश खुला होता है। वह जमीन पर रहकर भी बंधा नहीं है। मेरे नसीब में तो वह भी नहीं है। मैं तो कहीं भी जाऊं , आपके नाम से ही जाना जाऊंगा। यदि दूसरा शिलान्‍यास का पत्‍थर आ गया तो मुझे उखाड़ कर नदी में फेंक देंगे। मैं नदी में फेंक दिया गया तो कोई बात नहीं। एक संभावना यह भी है कि मुझे धोबी उठाकर किसी घाट पर लिटा दे और कपड़े धोये। मुझे पीठ के बल लिटाकर यदि कपड़े धोयेगा तो आपका नाम मिट्ठी में मिल जायेगा। यदि मुझे छाती के बल लिटाकर कपडे़ पीटे तो आपके नाम को बट्ठा लगेगा। अब, आपको तय करना है कि आप आ रहे हैं कि नहीं । मैंने तो एक जागरुक पत्‍थर होने का फर्ज अदा कर दिया।

आपको यहां की राजनीतिक उठापटक से परिचित,

आपके द्वारा किया गया शिलान्‍यास.

--

शशिकांत सिंह 'शशि'

जवाहर नवोदय विद्यालय , शंकरनगर, नांदेड़ महाराष्‍ट्र 421736

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: शशिकांत सिंह 'शशि' का व्यंग्य - शिलान्यास जी का पत्र
शशिकांत सिंह 'शशि' का व्यंग्य - शिलान्यास जी का पत्र
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2014/08/blog-post_44.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2014/08/blog-post_44.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content