चन्द्रकुमार जैन का आलेख - स्वच्छता और शहरी भारत की भीतरी चुनौती

SHARE:

स्वच्छता और शहरी भारत की भीतरी चुनौती डॉ.चन्द्रकुमार जैन  इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक के भारत का मौजूदा दौर साफ़ सुथरेपन की नई बयार लेकर आया...

स्वच्छता और शहरी भारत की भीतरी चुनौती

डॉ.चन्द्रकुमार जैन 

इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक के भारत का मौजूदा दौर साफ़ सुथरेपन की नई बयार लेकर आया है। लोग साथ आ रहे हैं, कारवाँ बनता जा रहा है। जिन गलियों को मूलतः समस्याग्रस्त बताकर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता था इनमें भी अब सफाई कर्मियों के अलावा पर्यवेक्षक और उनसे भी ऊपर प्रशासकीय अधिकारियों की निगरानी का मुकम्मल माहौल सा देखा जा रहा है।

बहरहाल ये सब कुछ देखकर अच्छा लगना स्वाभाविक है लेकिन, क्या आप जानते हैं कि सुरक्षित स्वच्छता सुविधाओं के अभाव में रहने वाली बड़ी आबादी के कारण विश्व स्तर पर भारत को सबसे बड़ी स्वच्छता चुनौती के रूप में माना गया है। अनुमान है कि भारत में खुले में शौच की दर विश्व की 60 प्रतिशत है। इस चुनौती का सामना करने के लिए सरकार द्वारा शौचालयों के निर्माण के लिए गरीबों को सब्सिडी प्रदान करने जैसे कुछ केंद्रित प्रयास किए गए हैं। हालांकि इसमें से बहुत कुछ कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ है। परन्तु, विशेषज्ञों का कहना है कि शहरी गरीबों खासकर छोटे शहरों में स्वच्छता पर काफी ध्यान दिए जाने की ज़रुरत है। शहरी स्वच्छता की चुनौतियाँ कई तरह की हैं और इसकी उपेक्षा करना स्वच्छता के मोर्चे पर भारत का प्रदर्शन पीछे करने जैसा होगा। 

आंकड़ों और हालात में फासला

-----------------------------------

महत्वपूर्ण चुनौतियों पर एक नज़र डालें तो हम पाते हैं कि शहरी स्वच्छता की प्रमुख चुनौती आँकड़ों के मामले में व्यावहारिक रूप से अदृश्यता है। अगर शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता का कवरेज देखा जाए तो (2011 की जनगणना के अनुसार) यह कहा जाता है कि करीब 18 प्रतिशत परिवारों में स्वच्छता की पहुंच नहीं है लेकिन अगर इन आंकड़ों को गहराई से देखें तो यह पाएंगे कि मलिन बस्तियों में (अधिसूचित और गैर अधिसूचित) रहने वाले गरीबों को स्वच्छता की उपलब्धता बहुत कम है। चूंकि, शहरों में मलिन और अवैध बस्तियों की संख्या का कोई सही अनुमान नहीं है, अतः यह संख्या विवादास्पद हो सकती है लेकिन शहरी विकास मंत्रालय का अनुमान है कि गैर अधिसूचित मलिन बस्तियों में 51 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं है। तेजी से हो रहा शहरीकरण एक वास्तविकता है और शहरी स्वच्छता की रणनीति वहां विकसित हो रही नई और अवैध बस्तियों से तालमेल रखने में सक्षम नहीं है।

निवेश में असमानता का सवाल

--------------------------------------

समझा जा रहा है कि शहरों में अन्य ढाँचागत निवेश की तुलना में स्वच्छता पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है। इसके अतिरिक्त बड़े शहरों में स्वच्छता पर जो भी निवेश किया जा रहा है वह ज्यादातर आबादी के बेहतर वर्गों पर केंद्रित है। अधिकांश निवेश सीवर नेटवर्क के विकास, मल-जल उपचार संयंत्र आदि पर किया जा रहा है। हालांकि इनमें से ज्यादातर कार्य शहरों के उस हिस्से में हो रहा है जहां उन्नत वर्ग रहता है।

बड़े शहरों की तुलना में कस्बों में समग्र निवेश भी बहुत कम होता है। छोटे शहर अल्प मानव संसाधन, कम निवेश और कमजोर शासन तंत्र से त्रस्त हैं। जहां तक स्वच्छता सेवाओं का संबंध है, कस्बों में केवल ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य हो रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार भारत के 8000 कस्बों में से केवल 160 कस्बों में सीवेज सिस्टम और सीवेज उपचार संयंत्र है। इसके अतिरिक्त सीपीसीबी का अध्ययन दावा करता है कि यहां केवल 13 प्रतिशत सीवेज का उपचार किया जाता है। यह भी कहा गया है कि उपचार की सुविधा असमान रूप से 40 प्रतिशत क्षमता के साथ केवल दो बड़े शहरों में दिल्ली और मुंबई में ही उपलब्ध है।

सामुदायिक शौचालय की स्थिति

--------------------------------------

शहरों में नगर निकायों द्वारा किए गए प्रयासों और कुछ जगहों पर पीपीपी मॉडल के माध्यम से झुग्गी बस्ती निवासियों के लिए बस्ती में ही स्वच्छता के समाधान के रूप में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। हालांकि, जेएमपी अनुसार साझा शौचालय बेहतर विकल्प नहीं माना जाता है फिर भी ऐसी बस्तियों में जहां घरों में शौचालयों के निर्माण के लिए जगह की कमी है वहां इन्हें एक व्यवहारिक विकल्प के रूप में देखे जाने की जरूरत है। हालांकि, ये उपयोग के कुछ साल बाद ही अनुपयोगी हो जाते हैं। ऐसा होने के कई कारण हैं। अगर शौचालय का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या अपेक्षाकृत कम है (सुलभ आदि द्वारा प्रोत्साहित मॉडल की तुलना में) तो अकसर ही उपयोगकर्ता द्वारा दिए जाने वाला शुल्क सामुदायिक शौचालय के रखरखाव के लिए पर्याप्त नहीं होता है। कई मामलों में देखा गया है कि समुदाय द्वारा भवन में कोई निवेश नहीं होने पर सामुदायिक शौचालय बेकार हो जाते हैं। ऐसे मामलों में मूल निवेश के साथ शौचालयों के संचालन और रखरखाव के खर्च पर जोर देने वाली योजनाओं को विकसित करने की आवश्यकता है।

अपशिष्ट जल उपचार की चुनौती

------------------------------------------

एनएफएचएस 3, 2005-06 के अनुसार भारत में 17 प्रतिशत शहरी परिवारों में घर में किसी भी प्रकार का शौचालय नहीं है, 24 प्रतिशत परिवार शौचालय साझा कर रहे थे और 19 प्रतिशत घरों के शौचालय नाली से जुड़े थे। जिन घरों में शौचालय थे उनमें से 27.6 प्रतिशत में सेप्टिक टैंक और 6.1 प्रतिशत में गड्ढे का इस्तेमाल किया गया था। 5 प्रतिशत शौचालय ऐसे थे जहां फ्लश/नाला/सेप्टिक टैंक/गड्ढा’ नहीं था जिसका अर्थ है कि यहां से निकलने वाला मानव मल बिना उपचार के भूमि पर और जल स्रोतों में बहाया जा रहा था।

2011 की जनगणना भी बताती है कि केवल 32.7 प्रतिशत शहरी परिवार पाइप वाली सीवर प्रणाली से जुड़े हैं जबकि 38.2 प्रतिशत परिवार अपने मल का निपटारा सेप्टिक टैंक और 7 प्रतिशत गड्ढा शौचालयों में करते हैं। यह बताता है कि ऐसे परिवारों की संख्या बहुत ज्यादा है जो वहीं निपटारा करते हैं। यह भी पता चलता है कि लगभग 50 लाख गड्ढा शौचालय अस्वस्थ्यप्रद हैं (कोई स्लैब नहीं है या खुले गड्ढे हैं), और 13 लाख सेवा शौचालय हैं- 9 लाख शौचालय का अपशिष्ट सीधे नालियों में मिलता है, 2 लाख शौचालयों का मानव मल इंसानों द्वारा उठाया जाता है (अवैध रूप से) और 1.8 लाख पशुओं द्वारा सेवित है।

शहरी आबादी तेजी से बढ़ रही है (2030 में लोगों के 50 प्रतिशत लोगों का शहरी केंद्रों में होना कहा जाता है।) शहरों की ओर पलायन करने वाले ज्यादातर गरीब वे लोग होते हैं जो ग्रामीण क्षेत्र में घर नहीं बना सकते और वे शहर की बस्तियों या फुटपाथ पर बस जाते हैं और इन्हें आमतौर पर कोई सुविधा या मान्यता नहीं मिलती है। अधिकांश समय तक ये मलिन बस्तियों उन खुली नालियों के समीप स्थित रहती हैं जिनमें कॉलोनियों के निवासियों द्वारा उनका जल अपशिष्ट (कुछ मामलों में सेप्टिक टैंक से भी सीवर का पानी) का निपटान किया जाता है। कई बार शौचालय भी सीधे इन खुली नालियों से जुड़े होते हैं। शहरी क्षेत्रों में बड़ा निवेश मुख्य रूप से सीवेज नेटवर्क या सीवर उपचार संयंत्रों जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण पर किया जा रहा है। हालांकि, ये संसाधन केवल अमीर और नव अमीर क्षेत्रों में होते हैं। यह समझा जाता है कि औसतन केवल 10 प्रतिशत अपशिष्ट जल (ग्रे और काला पानी) का उपचार किया जाता है। इसलिए जो भी अतिरिक्त निवेश किया जाता है वह केवल बेहतर क्षेत्रों के लिए होता है, कोई गरीब समुदाय इनमें से किसी भी नेटवर्क से नहीं जुड़ पाता है।

जीवन रेखाओं की उपेक्षा न हो

------------------------------------

गरीब और वंचित समुदाय मलिन बस्तियों और शहरों की बाहरी बस्तियों में बसते हैं। इन मलिन बस्तियों में से अधिकांश सरकारी ज़मीन या अन्य ज़मीन पर होती है और इन्हें अवैध मान कर बाहरी होने के कारण बोझ समझा जाता है जबकि वे वास्तव में किसी भी शहर की जीवन रेखाएं हैं। इन परिवारों में से अधिकांश के पास उस भूमि का कोई अधिकार नहीं होता है जिस पर उनकी बस्ती बसी है। ज़मीन का मालिकाना अधिकार न होने का मुद्दा इन मलिन बस्तियों के घरों के लिए सीवर नेटवर्क जैसी बुनियादी व्यवस्था उपलब्ध नहीं करवाने का कारण बन जाता है। सुविधाओं का न मिलना खुले में शौच का कारण बन जाता है। उन स्थानों पर जहां समुदाय शौचालय के महत्व को समझते हैं वे शौचालय निर्माण करने में सक्षम हैं, लेकिन इन स्थानों पर अपशिष्ट का निपटारा एक बड़ी चुनौती बन जाता है और यह अपशिष्ट खुली नालियों और अन्य जल निकायों में बहता है।

यह शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता की गंभीर स्थिति बतलाता है जो हमेशा ही उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों पर काफी दबाव डालता है। इस आपातकाल जैसी स्थिति के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता है और समाधान खोजने की इस यात्रा में विभिन्न समुदायों और हितधारकों से चर्चा कर उनकी राय जानना महत्वपूर्ण है। आइए, स्वच्छ भारत मिशन की कामयाबी के लिए इस संकट पूर्ण स्थिति में लोगों को एकजुट करें।

-----------------------------------------------

प्राध्यापक, शासकीय दिग्विजय

पीजी कालेज,राजनांदगांव। 

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: चन्द्रकुमार जैन का आलेख - स्वच्छता और शहरी भारत की भीतरी चुनौती
चन्द्रकुमार जैन का आलेख - स्वच्छता और शहरी भारत की भीतरी चुनौती
http://lh6.ggpht.com/-s_InJAg5hw8/VAXhNROnE6I/AAAAAAAAaU8/XbnmgvTcVJo/image_thumb.png?imgmax=200
http://lh6.ggpht.com/-s_InJAg5hw8/VAXhNROnE6I/AAAAAAAAaU8/XbnmgvTcVJo/s72-c/image_thumb.png?imgmax=200
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2014/11/blog-post_95.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2014/11/blog-post_95.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content