पाद टिप्पणी // डॉ. सुरेन्द्र वर्मा

SHARE:

कहाँ कहाँ, कितने कितने, कैसे कैसे तो पाद हैं ! ऋषि पतंजलि ने अपने योग दर्शन को चार भागों में विभक्त किया है – समाधि पाद, साधन पाद, विभूति पा...

कहाँ कहाँ, कितने कितने, कैसे कैसे तो पाद हैं ! ऋषि पतंजलि ने अपने योग दर्शन को चार भागों में विभक्त किया है – समाधि पाद, साधन पाद, विभूति पाद और कैवल्य पाद। एक वैदिक ऋचा में सिर से लगा कर पैर तक, शरीर के सब अंगों को, पवित्र करने के लिए प्रार्थना की गई है, ज़ाहिर है ‘पाद’, जो शरीर का ही एक अंग है, भी इसमें सम्मिलित हैं –ओं तप: पुनातु पादयो ! ये पाद (या, कहें, पैर) क्योंकि शरीर के सबसे नीचे होते हैं, इसलिए वृक्ष या पौधे की जड़ भी उसका पाद है। किसी पर्वत के नीचे का छोटा पहाड़ भी पर्वत-पाद है। पगडंडी पाद-पथ है।

और तो और हमारे शरीर की अपान-वायु का विसर्जित होना भी पाद ही तो है। इस पाद के नाम से ही आप के चेहरे पर शर्तिया मुस्कराहट आ गई होगी। बच्चे यदि कहीं इस पाद-ध्वनि को सुन लें तो बिना हँसे नहीं रह सकते ! चीज़ ही ऐसी है। लेकिन कोई भी व्यक्ति पाद पर कोई टिप्पणी करने के लिए हिचकता है। आप भी अवश्य सोच रहे होंगे कि इस उम्रदराज़ व्यंग्य-लेखक को क्या सूझी जो इस अत्यंत व्यक्तिगत क्रिया को सार्वजनिक कर उस पर टीका करने पर तुल गया है ? सच कहूँ, हिचक तो मैं भी रहा हूँ। लेकिन क्या करूं, बात ही कुछ ऐसी बन आई है कि कोई बिन बताए न बने।

खबर आई है कि यूरोप में एक विमान को इसलिए आपात स्थित में उतारना पड़ा क्योंकि उसमें सवार किसी महिला यात्री ने बार बार दुर्गन्ध फैला कर साथ सफ़र कर रहे लोगों को बेहाल कर दिया। विमान दुबई से नीदरलैंड जा रहा था। उड़ते विमान के अन्दर महिला ने अपनी अपान वायु का ऐसा विसर्जन किया कि उसके पास बैठे दो अन्य मुसाफिर परेशान हो गए। देखते-देखते बात बिगड़ने लगी और झगड़ा शुरू हो गया। चालक दल ने चलते विमान में इसे “फार्ट-अटैक” (पादाकर्मण) की संज्ञा देकर आस्ट्रिया में इमरजेंसी लैंडिंग का निर्णय ले लिया। झगड़े में दो पुरुष और दो महिलाएं सम्मिलित थे। दोनों महिलाओं को अन्य सदस्यों की राय लेने के बाद विमान से उतार दिया गया।

आस्ट्रिया पुलिस ने महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन किसी भी कानून के तहत मामला नहीं बन पाने के कारण उन्हें रिहा कर दिया गया। इन दो महिलाओं में एक कानून की छात्रा है। उसका कहना है कि वह विमान कम्पनी के खिलाफ कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएगी।

भारत में बनी एक प्रसिद्ध मूवी, थ्री ईडियट्स, में पाद-ध्वनि का एक खासा विश्लेषण हुआ है। यह तीन प्रकार की बतलाई गई है – (१) उत्तमम ,यह धडधड़ात पाधम है। इसकी ध्वनि धमाकेदार है। इसमें बिना गंध के भारी भरकम आवाज़ के साथ पाद-विसर्जन होता है। (२) मध्यम- हलकी आवाज़ और थोड़ी बदबू के साथ पाद-विसर्जन मध्यम कोटि का माना गया है। और तीसरा (३) कनिष्ठम , यह महा-बदबू फैलाने वाला ध्वनि –रहित विसर्जन है।

आपने अबतक अंदाज़ लगा ही लिया होगा की विमान में कौन सी कोटि का धमाका हुआ होगा। अवश्य ही यह तीसरी कोटि का ही रहा होगा जिसने कानों को अपना निशाना न बना कर नाकों दम कर दिया। लेकिन सवाल उठता है कि दो में से किस महिला ने यह आक्रमण किया था ? दोनों एक साथ ही ऐसा करें, इसकी संभावना तो लगभग नहीं के बराबर है। फिर दोनों को विमान से क्यों उतारा गया ?

सवाल और भी हैं। लोगों का एक विश्वास यह भी है कि महिलाएं पाद-विसर्जन करती ही नहीं। यह धारणा तो खैर गलत है। पर इतना ज़रूर है कि उनमें रोककर रखने की क्षमता कहीं अधिक होती है। अत: दोनों में से कोई भी महिला इसका श्रेय किसी पुरुष पर मढ़ सकती थी। ऐसा करके वे दोनों ही अपना बचाव कर सकती थीं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हो सकता है किसी पुरुष ने ही यह हरकत की हो और लिहाज़ की मारी दोनों महिलाएं, बोल ही न पाईं हों।

एक बात और। यह तो सर्व-विदित है कि हवाई यात्रा में लोग ज्यादह गैस छोड़ते हैं। इसीलिए जहाज़ में बदबू कम करने के लिए चारकोल फिल्टर्स का इस्तेमाल किया जाता है। क्या सम्बंधित विमान में चारकोल फिल्टर्स थे ही नहीं ? फिर तो गलती विमान कम्पनी की ही मानी जाएगी। पाद-विसर्जन तो एक स्वाभाविक सहज कर्म है। इसे तो चिर काल तक रोका ही नहीं जा सकता। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूँ कि कानूनविद महिला इन बिन्दुओं को लेकर कोर्ट में अवश्य बहस करेगी।

एक दिलचस्प बात यह भी है कि जबसे यह मामला वाइरल हुआ है, ट्विट और फेसबुक के क्षेत्र में पाद- टिप्पणियों की बाढ आ गई है। न जाने कितने अन्य यात्रियों ने हवाई यात्राओं में इस तरह की घटनाओं का अपना अनुभव शेयर किया है। सच तो यह है कि जल, थल और नभ कहीं भी ऐसे अनैच्छिक पाद-आक्रमण हो सकते हैं। कभी पूं, कभी पाँ, कभी पदर पदर - इसे ‘छोड़े जाने’ या ‘मारे जाने’ पर सब एक दूसरे की तरफ अवाक देखने लगते हैं। सिवा इसके और कर भी क्या सकते हैं ? बच्चों की तरह हंस लीजिए या बड़ों की तरह टाल जाइए – बस।

कहते हैं कि प्राण वायु के बाद सबसे ज़रूरी यह अपान वायु ही है। यह आपके पेट में गडबडी होने की आपको सूचना देती है ताकि आप सतर्क हो जाएं। इसका पान वर्जित होने के कारण ही शायद इसे “अपान” कहा गया हो। लेकिन आप मानें न मानें एक वैज्ञानिक शोध का कहना है कि यदि आप कैंसर जैसे रोग से बचना चाहते हैं तो उसका एक तरीका पेट से विसर्जित अपान वायु का पान करना, उसे सूँघना भी है !! इति शुभम।


डा. सुरेन्द्र वर्मा

१०, एच आई जी / १, सर्कुलर रोड,

इलाहाबाद – २११००१

COMMENTS

BLOGGER: 2
  1. सादर पादस्ते!
    मनोरंजक रचना हेतु शुभकामनाएं स्वीकारें।

    जवाब देंहटाएं
  2. कहीं भी पाद देना अनुचित हैं ऐसा कहना ही सर्व वेदों और चिर कालिक मानव परंपरा का विरोध हैं | पाद वैज्ञानिक तरीके से देखा जाये तो h2so4 नामक एक रसायन के कारण होता हैं जो की हमारे पेट में पल बढ़ रहे अरबों बैक्टीरिया के द्वारा छोड़ा जाता हैं | चीन में तो लोग पाद सूंघना एक रोजगार हैं जिससे तकरीबन ५०००० डॉलर सालाना आप कमा सकते हैं अगर विश्वास न हो तो नीचे दी गयी लिंक पर आप पढ़ सकते हैं https://www.thecrazyfacts.com/professional-fart-smeller-actual-job-china-can-make-50000-year/ |

    पादने को पश्चिनी सभ्यता में ही हास्य का विषय बनाया गया जबकि वायु मुक्त करना भारतीय संस्कृति में कहीं भी वर्जित नहीं हैं | शायद महान इतिहासकारों ने इसे तवज्जो नहीं दिया जिसके कारण हम महान व्यक्तियों की पाद-गाथा न सुन सके अगर इतिहास में कहीं लिखा होता की फलाना राजा "पौं पौं फूस " पादता था तो शायद आज ये व्यंग न होता| योगासन में कई क्रियाये हैं (जैसे वज्रासन ) जिसका मुख्य उद्देश्य ही पादने की क्षमता को बढ़ाना हैं| हमारे घर में तो आज भी पापा या दादाजी बिना किसी संकोच के पादते हैं हाँ ये माहौल में बदबू आने से थोडा असहज जरूर महसूस होता हैं मगर पाद की तासीर ही ऐसी हैं| पादना एक गंभीर क्रिया हैं इसके लिए हिम्मत, साहस, धैर्, निडरता एवं अनुभव की अव्यशकता होती हैं गंभीर मुद्दों में पाद देने में जहां धैर्य की जरूरत होती हैं वहां पर ही भरी भीड़ में पादने के लिए हिम्मत चाहिये|

    पादने के प्रकारों को लेकर भी मुझे यहाँ तकलीफ हैं क्यूंकि पाद व्यक्तिगत होता हैं इसे अनेक संभागों में बांटा जा सकता हैं यहाँ जो भाग हुए हैं वो केवल ध्वनि एवं महक को ही लेकर किये गए जबकि इसका लेना देना हमारे उदार रोगों से भी हैं अथवा मनोवैज्ञानिक स्तिथि से भी उदाहरण के तौर पर अगर देखा जाए तो घर के बड़े नि:संकोच पादते हैं जबकि नयी नवेली दुल्हन इस आजादी का चाह कर भी लाभ नहीं उठा सकती| हैजे से पीड़ित के पाद पान में अलग महक होती हैं जबकि साधारणत: ये अलग होती हैं| पाद को लेकर बहुत पुरानी कहावत हैं "बड़ों का पाद आशीर्वाद", "पाद के हँसे उसका घर कभी न बसे ", "राजा न पड़ेगा तो क्या प्रजा पादेगी " या "जो भरपूर हो वो ही पादेगा " अगर हम सोचे तो क्या खुद कभी पादकर हमें असल में मजा आया हैं?? नहीं न वो मजा तब ही आएगा जब किसी ने उस का रसपान किया हो और अपनी नाक भों सीकोडा हो |

    पाद एक अनोखी कला हैं जिसमे निपूर्ण होना कोई छोटी बात नहीं हैं| मैंने कई कहानी सुनी हैं जैसे "मन में आई बात, और पेट से आई पाद कभी नहीं रोकना चाहिए " | पाद पद प्रतिष्ट एवं सम्मान के साथ आता हैं| विश्व में आज भी ऐसी कई सभ्यताएं हैं जो इसे केवल एक क्रिया मान कर ही रह जाती हैं | साहित्य अगर देखे तो पाद गाथाओं से भरा पड़ा हैं |

    यदि किसी की भावनाए आपके पाद दान से आहात होती हैं तो होने दे, कोई राष्ट्र या कोई सभ्यता हमें पादने से नहीं रोक सकती इसीलिए जीता हो सकें पादें, खुल कर पादे बैठकर पादे सोये हुए पादे ... मगर पादें जरूर|

    आपका अपना
    किशन शर्मा
    crazykane2000@gmail.com

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: पाद टिप्पणी // डॉ. सुरेन्द्र वर्मा
पाद टिप्पणी // डॉ. सुरेन्द्र वर्मा
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjWM-5_nPO1B7lKUCXjNgip-h5NwGGD4OsxLXCnNhqr1h_BpqjYCnqVUVIYSTuCDv3rSbrsqCSZN3sP3F7c_ZQpD8tSWaxw_rZegxziIQdaqg2jVkyxRQdhEy85moqMudRJ0tI4/?imgmax=200
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjWM-5_nPO1B7lKUCXjNgip-h5NwGGD4OsxLXCnNhqr1h_BpqjYCnqVUVIYSTuCDv3rSbrsqCSZN3sP3F7c_ZQpD8tSWaxw_rZegxziIQdaqg2jVkyxRQdhEy85moqMudRJ0tI4/s72-c/?imgmax=200
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/02/blog-post_22.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/02/blog-post_22.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content