तांका की महक (समीक्षा) // डॉ. सुरेन्द्र वर्मा

SHARE:

``तांका की महक” (तांका संकलन) सम्पादक, प्रदीप कुमार दाश ‘दीपक’ अयन प्रकाशन, नई दिल्ली २०१८ मूल्य, रु.५००/-केवल पृष्ठ सं.२३८ डा. सुरेन्द...


image

``तांका की महक” (तांका संकलन)

सम्पादक, प्रदीप कुमार दाश ‘दीपक’

अयन प्रकाशन, नई दिल्ली

२०१८

मूल्य, रु.५००/-केवल

पृष्ठ सं.२३८

image

डा. सुरेन्द्र वर्मा

प्रदीप कुमार डाश द्वारा संपादित तांका रचनाओं का नया संकलन, ‘तांका की महक’ इस बात का प्रमाण है कि हिन्दी साहित्य में हाइकु रचनाओं की तरह अब जापानी तांका छंद ने भी अपने पैर पसारना शुरू कर दिए हैं और यह हाइकु कवियों का एक पसंदीदा काव्य रूप होता जा रहा है। हिन्दी में हाइकु रचनाकारों के अब तक १५-१६ एकल तांका संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। यह श्रृंखला २०११ से २०१५ तक की केवल पांच वर्ष की अवधि में डा. सुधा गुप्ता से लेकर डा. राम निवास ‘मानव’ तक १६ हाइकुकारों तक फैली हुई है। इसके अतिरिक्त १९१२ में रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ और डा. भावना कुंवर के सम्पादन में कई रचनाकारों का ‘भाव-कलश’ नाम से एक तांका संकलन भी आ चुका है। और अब इस प्रकार का दूसरा संकलन तेज़ी से उभरते हुए हाइकुकार प्रदीप कुमार डाश ‘दीपक’ का १९१८ में आया है। हिन्दी में हाइकु लिखने वालों में पिछले छ:-सात वर्षों में तांका लिखने का यह उबाल बहुत कुछ डा. अंजलि देवधर को जाता है जिन्होंने एक सौ जापानी वाका कवियों की एक सौ रचनाओं का हिन्दी में अनुवाद प्रकाशित करवाया। इससे हिन्दी हाइकु कवियों में तांका काव्य–रूप के लिए एक सर्जनात्मक उत्सुकता पैदा हुई।

इधर जो करीब डेढ़ दर्जन तांका संकलन प्रकाशित हुए हैं, उनमें से कुछ पर मुझे समालोचनात्मक आलेख लिखने का सुअवसर मिला है। डा. मिथलेश कुमारी दीक्षित और डा. रमाकांत श्रीवास्तव के तांका संग्रहों पर मैंने अपने लेख :”हिन्दी में वाका तांका रचनाएं” में विस्तृत चर्चा की है। इसी प्रकार डा. सुधा गुप्ता के तांका संग्रह ‘तलाश जारी है’ तथा डा. कुमुद रामानंद बंसल के “झांका भीतर’’ में भी थोड़ा बहुत झांकने का प्रयत्न किया है। डा. राम निवास ‘मानव’ के ‘शब्द शब्द संवाद” से भी मेरा संवाद हो सका है और अब डास जी के सम्पादन में प्रकाशित अनेकानेक कवियों का एक तांका संकलन मेरे सामने है।

कभी कभी यह सोचकर बड़ा अजीब लगता है कि हाइकु काव्य-विधा जो वाका, (जिसे आज ‘तांका’ कहा जाता है) का ‘बाई-प्रोडक्ट’ (उपजात) है, वह स्वयं लोकप्रियता में हाइकु के पीछे रह गया। जापान में पहले वाका ही लिखा जाता था। वाका का अर्थ ही जापानी कविता या गीत है। ‘वा’, अर्थात जापानी; ‘का’, अर्थात गीत। इसे पांच पंक्तियों में ५-७-५-७-७ अक्षरों के क्रम में लिखा जाता है। बाद में हाइकु रचने के लिए इसकी पहली तीन पंक्तियाँ (५-७-५ अक्षरक्रम की) स्वीकार कर ली गईं और बाद की दो पंक्तियों को छोड़ दिया गया, और इस प्रकार ‘हाइकु’ का जन्म हुआ। लेकिन वाका अब अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा के पुनर्लाभ के लिए हैं प्रयत्नशील हो चुका है। हिन्दी के हाइकुकार अब बड़े शौक से तांका रचने में जुट गए हैं।

डाश द्वारा संपादित संकलन “तांका की महक” को ही देखें; उसमें थोडी न बहुत २७० कवियों की कुल १४२१ तांका रचनाएं संग्रहीत हैं। पहले खंड में मान्य और प्रतिष्ठित ५० हाइकुकारों की २४-२४ तांका रचनाएं हैं। द्वितीय खंड में २२१ कवियों के एक-एक हाइकु हैं जिनमें कुछ तो मान्य और प्रतिष्ठित कई कवि भी सम्मिलित कर लिए गए हैं, जैसे, अनिता मंडा, डा. अमिता कौंडल, उमेश महादोषी, कमल कपूर, कमला घटाऔरा, कमला निखुर्पा, कल्पना भट्ट, कुमुद रामानंद बंसल, कृष्णा वर्मा, जेनी शबनम, ज्योत्सना शर्मा, नरेन्द्र श्रीवास्याव, पुष्पा मेहरा, डा. पूर्णिमा राय, प्रियंका गुप्ता, मधु गुप्ता, मुमताज़ टी एच खान, मंजू गुप्ता, मंजु मिश्रा, डा. रमाकांत श्रीवास्तव, डा. रमा द्विवेदी, डा.राजीव गोयल, डा. राजेन्द्र परदेसी. राजेन्द्र मोहन त्रिवेदी ‘बंधु’, कामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’, रेखा रोहतगी, रेनु चन्द्र माथुर, विभारानी श्रीवास्तव, शशि पाधा, शिव डोयले, सुभाष लखेड़ा, सुशीला शिवराण, हरकीरत ‘हीर’, इत्यादि। ये तो सभी प्रतिष्ठित कवि हैं और ज़ाहिर है, इनकी रचनाएं भी स्तरीय ही हैं, किन्तु ध्यातव्य यह है कि अन्य कवियों की तांका रचनाएं भी कमतर नहीं हैं।

प्रकृति चित्रण के लिए जिस तरह हाइकु रचनाएं जानी जाती हैं, उसी तरह तांका रचनाओं का भी प्रकृति से लघु लेकिन सुन्दर संलाप हुआ है –

छूते अछूते / अनुभूत क्षण का / सद्य निश्वास / कवि का प्रकृति से / लघु रह: संलाप।| (सत्यपाल चुग)

अलसाई सी / सुबह सुहागन / उतर रही / अम्बर की छत से / पायल झनकाती।| (आशा पाण्डेय ‘ओझा’)

चिनार-वृक्ष / हिम्रंजित वन / धरा वृक्ष पे / घूमते बादलों की / मीठी सी है छुअन।| (कुमुद रामानंद ‘बंसल)

चाँद के घर / तारों का है पहरा / डरी चांदनी / परदा हटा सोचे / धरा पे जाऊं कैसे ? (रचना श्रीवास्तव)

प्रकृति की चर्चा हो और उसके ऋतु-चक्र का ज़िक्र न आए ऐसा हो ही नहीं सकता। प्रकृति की हर बदलती हुई ऋतु के सौदर्य को तांका रचनाकारों ने अपने काव्यात्मक शब्दों से निखारा है। ऋतु-राज वसंत से आरम्भ होकर ऋतुएं, वर्षा और शीत के बाद ग्रीष्म काल तक आती हैं। इस सन्दर्भ में संकलन की कुछ तांका कवितायेँ उल्लेखनीय हैं – ..........ग्रीष्म

जेठ महीना / सूर्य है लाल पीला / पलाश खिला / अमृत विष दोनों / चटक गई धरा।| (विभारानी श्रीवास्तव)

तपे धरती / आसमान बरसे / ताकें निगाहें / सूनसान सड़कें / तरबतर मन।| (ओमप्रकाश पारीक) .........वर्षा

घिर आई है / बदरी काली काली / आई तरंग / घन्ना उठी बिजली / चमकी असि धार।| (पुष्पा मेहरा)

नभ का नीर / धो रहा सावन को / हरता पीर / ये हरित आलोक / करे हिया अशोक।| (कमल कपूर)

सौंधी माटी में / किसान इबारत / स्वेद स्याही से / करिश्माई मौसम / बीज में बरकत।| (पुष्पासिन्धी) ........शीत .

ये स्याह रातें / कोहरे की आगोश / ठिठुरे बच्चे / चाँद को निहारते / चकोर रोटी जैसे।| (डा. पूर्णिमा राय)

मौसम सर्द / कोई न समझता / धुंध का दर्द / ठण्ड में ठिठुरती / सबकी गाली खाती।| (राजीव गोयल)

धूप सेंकती / सर्दी से ठिठुरती / दुपहरियां / आँगन में बैठी हों / ज्यों कुछ लड़कियां।| (रेखा रोहतगी)

सर्द भोर में / सूरज बुनकर / खुश कर दे / गुनगुनी धूप की / ओढा कर चादर।| (श्रीराम साहू‘अकेला”) ........वसंत

मदन गंध / कहाँ से आ रही है / तुम आए क्या? / तभी तो महके हैं / मेरे घर आँगन।| (भगवत दुबे)

टेसू ने रंगे / प्रकृति कैनवास / फागुन मेला / बैर दुश्मनी जले / प्यार सौहार्द खिले।| (रमेश कुमार सोनी)

प्रेम एक ऐसी भावना है जिसे कविता में पिरोना कसे हुए तार पर चलना है। ज़रा सा पैर फिसला नहीं कि कवि वासना के पंक में फंस जाता है। एक मंजा हुआ कवि ऐसा कभी नहीं होने देता। दूसरी और प्रेम एक ऐसा भाव है जो यदि वाणी में भी आकार ले ले तो सहज ही अपनेपन की अभिव्यक्ति हो जाती है।--

पीपल तले / प्रेमप्रकाश में बंधे / सोए अलस / अन्धेरा व चाँदनी / सवेरा न हो कभी।| (अमित अग्रवाल)

मैं मृण्मयी हूँ / नेह से गूँथ कर / तुमने रचा / अपना या पराया / अब क्या मेरा बचा।| (डा.ज्योत्सना शर्मा)

प्रेम सिंचित / कांटे भी देते पुष्प / नागफनी से / चुम्बक मीठी वाणी / अपना ले सभी को।| (ज्योतिर्मयी पन्त)

जहां प्रेम है, वहीं रिश्ते भी हैं। रिश्ता भाई का हो। बेटे-बेटियों का हो। मित्र का हो या किसी अजनबी से ही बन जाए, सभी का आधार प्रेम ही है। भाई कितना ही क्यों न चिढाता हो, बहिन उस पर निछावर रहती है, माँ अपनी नन्हीं बच्ची को देखकर मुग्ध होती रहती है –

खींचता चोटी / दिन भर चिढाता / फिर भी प्यारा / आओ मैं बाँध दूँ / रेशमी कच्चा धागा।|(ऋता शेखर ‘मधु’)

बंद अँखियाँ / नन्हे-नन्हें से हाथ / मुख है शांत / लगती मुझे प्यारी / कोमलांगी गुड़िया (सविता अग्रवाल ‘सवि)

बेशक, प्रेम का एक रूप देश प्रेम भी है। अपने वतन पर निछावर होने वाले नौजवान हंसते हंसते यदि शहीद हो जाते हैं तो इसके पीछे उनकी अपने देश के लिए बेमिसाल मुहब्बत ही तो है। ऐसे बेटों के शहीद होने पर माँ का ह्रदय स्वाभाविक रूप से चीत्कार तो कर उठाता है लेकिन अपने बेटे पर गर्व से उसका माथा ऊंचा हो जाता है –

शहीद की माँ / नेत्र में अश्रुधार / मेरा चिराग / भारत का सपूत / रोशन हिन्दुस्तान।| (सविता बरई)

प्रेम चाहे व्यक्ति का हो या प्रकृति के प्रति, कभी मरता नहीं। यादों में सुरक्षित रहता है। ख्याति प्राप्त हाइकुकार रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ कहते हैं –

बंद किताब / कभी खोलो तो देखो / पाओगे तुम / नेह भरे झरने / सूरज की किरणे (रा. का. “हिमांशु”)

गुज़रा वक्त / गुज़रता कब है / जब भी देखो / ठहरा रहता है / अपने ही भीतर।| (अनिता मांडा)

कल की यादें / रह रह सताती / फूल तितली / अलि कलि चुम्बन / संध्या गीत सुनाती (शिव डोयले)

“तांका की महक” यूं तो मनुष्य स्वभाव के सभी भावों को उनकी सुगंध के साथ बिखेरती है किन्तु इस संकलन में जीवन-दर्शन का सर्वोत्तम और सर्वाधिक निर्वाह हुआ है। कुछ तांका रचनाएं दृष्टव्य हैं –

मसखरा है / रोता रहे भीतर / हंसाता हमें / अजब जीवन ये / गज़ब कहानी है।| (अनिल मालोकर)

उजली बाती / कोरे माटी के दीप / तन जलाएं / उजाले की खातिर / हंस पीड़ा पी जाएं।| (कृष्णा वर्मा)

बनी जो कड़ी / ज़िंदगी की ये लड़ी / खुशबू फैली / मन होता बावरा / खुशी जब मिलती।| (डा. जेनी शबनम)

पर्वत ऊंचे / समुन्दर गहरा / देखो बीच में / धरती सकुचाती / छिपाए है चेहरा।| (प्रियंका गुप्ता)

नदी की धार / मानव का जीवन / बहता जल / न जाने कब तक / जी लो जी भर कर।| (मधु गुप्ता)

जीवन भर / चलता नहीं कोई / किसी के साथ / भरोसा खुद पर / अकेला बस आगे।| (मिथलेश कुमारी मिश्र)

चक्र सदैव / चलता रहता है / दुःख सुख का / कभी दुःख का क्रम / कभी सुख का भ्रम।|(डा. रामनिवास’मानव)

जिओ ज़िंदगी / मर मर के नहीं / ज़िदादिली से / नेमत है ज़िंदगी / गंवा न देना कहीं।| (रीता ग्रोवर)

रात केवल / नहीं देती है तम / देती ये जन्म / उजले सूरज को / नवीन जीवन को।| (सतीश राज पुष्करणा)

चाहूँ छेड़ना / जीवन बिना तार / सुर न सधे / कभी बहुत ढीले / कभी बहुत कसे।| (संतोष बुद्धिराजा)

दर्द किताब / लिखी है ज़िंदगी ने / भूमिका हूँ मैं / आग की लकीर सी / हर इक दास्ताँ की।| (हरकीरत ‘हीर’)

यह संकलन मुझे पूरी उम्मीद है कि तांका रचनाओं के लेखन को एक अतिरिक्त गति प्रदान करेगा। मैं प्रदीप कुमार दाश ‘दीपक’ को इस संग्रह के प्रकाशन हेतु बधाई देता हूँ। आशा नहीं विश्वास भी है की ये दीपक अपनी रोशनी से तांका साहित्य को थोड़ा और प्रकाशवान करेगा।

--

डा. सुरेन्द्र वर्मा

१०, एच आई जी / १, सर्कुलर रोड, इलाहाबाद -२११००१

COMMENTS

BLOGGER: 2
  1. हाइकू हमलोग २००६ से लिखना आरंभ कर चुके थे । नवभारत दीपावली ।
    अंक २००६ में हमारी हाइकू प्रकाशित हुई।फिर २००७ में हमारी छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह २००७ में ३६ हाइकू सम्मलित हैं।
    एक बानगी द्रष्टव्य हैं-



    कोन बांधही
    बि ल ई धेंच धाटी
    रे फकचोटी

    करलई हे
    जान कइसे बाचही
    महगंई हे

    जवाब देंहटाएं
  2. इस समीक्षा मे 1912 और1918 को कृपया 2012 और 2018 पढें ।भूल के लिए खेद है । सुरेन्द्र वर्मा ।

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: तांका की महक (समीक्षा) // डॉ. सुरेन्द्र वर्मा
तांका की महक (समीक्षा) // डॉ. सुरेन्द्र वर्मा
https://lh3.googleusercontent.com/-JG92fXYQrj0/WwBZjtLrUVI/AAAAAAABBm0/Dx6yibx58eIkw4hRCJIfXzM0pty4kiZzQCHMYCw/image_thumb%255B1%255D?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-JG92fXYQrj0/WwBZjtLrUVI/AAAAAAABBm0/Dx6yibx58eIkw4hRCJIfXzM0pty4kiZzQCHMYCw/s72-c/image_thumb%255B1%255D?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/05/blog-post_631.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/05/blog-post_631.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content