लोककथा // ईकटोमी, कायोटी और चट्टान // सुषमा गुप्ता

SHARE:

देश विदेश की लोक कथाएँ — उत्तरी अमेरिका–ईकटोमी : चालाक ईकटोमी संकलनकर्ता सुषमा गुप्ता 7 ईकटोमी , कायोटी और चट्टान [1] एक बार कायोटी अपने दोस...

देश विदेश की लोक कथाएँ — उत्तरी अमेरिका–ईकटोमी :

clip_image002

चालाक ईकटोमी


संकलनकर्ता


सुषमा गुप्ता


7 ईकटोमी, कायोटी और चट्टान[1]

एक बार कायोटी अपने दोस्त ईकटोमी के साथ कहीं जा रहा था कि उनके रास्ते में इन्यान चट्टान[2] पड़ी। यह कोई साधारण चट्टान नहीं थी बल्कि एक खास चट्टान थी।

उस पूरी चट्टान के ऊपर हरी काई की मकड़े की तरह की लाइनें बनी हुई थीं जो उसकी कहानी बता रही थीं कि वह इन्यान चट्टान थी और उसके पास ताकत थी।

कायोटी उसकी तरफ देखता हुआ बोला — “अरे वाह। यह तो बड़ी सुन्दर चट्टान है। मुझे लगता है कि इसके पास जरूर कुछ ताकत है। ”

यह कह कर कायोटी ने अपना ओढ़ा हुआ कम्बल उतारा और उसे उस चट्टान को ओढ़ा दिया और बोला — “ओ इन्यान मेरे दोस्त, यह लो मेरी तरफ से एक भेंट। तुमको ठंड लग रही होगी। इस कम्बल से तुम ठंड से बच पाओगे। ”

ईकटोमी बोला — “अरे वाह यह तो बड़ा अच्छा दान है। दोस्त तुम तो आज लगता है देने के मूड में हो। ”

कायोटी बोला — “अरे यह तो कुछ भी नहीं है मैं तो हमेशा कुछ न कुछ देता ही रहता हूं। यह इन्यान तो मेरा कम्बल ओढ़े हुए बहुत ही अच्छा लग रहा है। ”

ईकटोमी बोला — “तो अब तो यह कम्बल इसका हो गया। ”

इन्यान को कम्बल ओढ़ा कर दोनों दोस्त आगे चल दिये। कुछ ही देर में ठंडा हो गया और बारिश होने लगी। फिर ओले भी पड़ने लगे। कायोटी ओर ईकटोमी दोनों बारिश और ओलों से बचने के लिये एक गुफा में चले गये जो ठंडी भी थी ओर गीली भी।

ईकटोमी तो ठीक था क्योंकि उसने भैंस की मोटी खाल का कोट पहना हुआ था पर कायोटी केवल एक कमीज पहने था। वह इस ठंड में कांप रहा था। वह जमा जा रहा था। ठंड के मारे उसके दांत बज रहे थे।

कायोटी अपने दोस्त ईकटोमी से बोला — “ओ मेरे दोस्त कोला[3] जरा उस चट्टान के पास जा कर मेरा कम्बल तो ले आओ। उस चट्टान को तो उसकी जरूरत नहीं है पर मुझे अब उसकी जरूरत है। वह तो बरसों से वहाँ बिना कम्बल के ही पड़ी हुई है। जल्दी करो मैं तो बिल्कुल जमा जा रहा हूं। ”

सो ईकटोमी वापस इन्यान चट्टान के पास गया ओर उससे बोला — “मेहरबानी करके क्या आप मुझे वह कम्बल वापस कर सकते हैं?”

चट्टान बोली — “नहीं नहीं। मैं इसे वापस नहीं दूंगा। यह कम्बल तो मुझे बहुत अच्छा लगा। और फिर जो कुछ भी दे दिया गया वह दे दिया गया। ”

ईकटोमी यह सुन कर वापस कायोटी के पास आया और उसे सब बताया कि अब वह चट्टान तो उस कम्बल को वापस नहीं कर रही।

कायोटी को यह सुन कर गुस्सा आ गया वह बोला — “यह तो कोई अच्छी बात नहीं है। यह चट्टान तो बड़ी बेईमान निकली। क्या उसने वह कम्बल पैसे दे कर खरीदा था या फिर उसने उस कम्बल के लिये कोई काम किया था? मैं खुद जाता हूं और उससे वह कम्बल ले कर आता हूं। ”

ईकटोमी बोला — “दोस्त टुन्का[4], इस इन्यान चट्टान के पास बहुत ताकत है। अच्छा होगा अगर तुम उसको वह कम्बल रख लेने दो। ”

“क्या तुम पागल हो गये हो? यह तो मेरा बहुत सारे रंगों का बना बहुत ही मोटा और कीमती कम्बल है। मैं जा कर उससे बात करके आता हूं और अपना कम्बल वापस ले कर आता हूं। ”

कह कर कायोटी वापस चट्टान के पास गया ओर उससे बोला — “ओ चट्टान यह सब क्या है? तुमको यह कम्बल किसलिये चाहिये? इसको तुम मुझे अभी अभी वापस कर दो। ”

चट्टान बोली — “नहीं मैं इसे वापस नहीं करूंगा। जो चीज़ एक बार दे दी गयी तो दे दी गयी। ”

कायोटी गुस्सा हो कर बोला — “तुम तो बहुत ही बुरी चट्टान हो। क्या तुमको इस बात का जरा सा भी खयाल नहीं है कि मैं ठंड से कितना सिकुड़ रहा हूं। मैं तो जम कर मरा जा रहा हूं। ”

कह कर कायोटी ने उस चट्टान से अपना कम्बल एक झटके के साथ छीन लिया और उसे खुद ओढ़ लिया और बोला — “बस यही ठीक है। ”

चट्टान बोला — “नहीं यह ठीक नहीं है। ”

पर कायोटी उसको अनसुना करते हुए अपनी गुफा की तरफ चल दिया। इतनी देर में बारिश और ओले सब रुक गये थे और सूरज फिर निकल आया था सो ईकटोमी और कायोटी दोनों अपनी गुफा के सामने ही बैठ गये।

वे दोनों वहाँ बैठ कर धूप का आनन्द ले रहे थे और पैमीकैन[5], तली हुई डबल रोटी, बैरी का सूप आदि खा पी रहे थे। खा पी कर वे अपने अपने पाइप पीने लगे।

कि अचानक ईकटोमी बोला — “अरे यह शोर कैसा है?”

कायोटी कुछ सुनता हुआ बोला — “कहां कैसा शोर? मुझे तो कुछ सुनायी नहीं दे रहा। ”

ईकटोमी बोला — “जैसे दूर कोई किसी को तोड़ता फोड़ता और कुचलता चला आ रहा हो। ”

कायोटी ने फिर कुछ सुनने की कोशिश की और बोला — “हां दोस्त अब मुझे भी कुछ सुनायी दे रहा है। ”

ईकटोमी बोला — “दोस्त कायोटी यह आवाज तो अब और पास आती जा रही है और ज़्यादा तेज़ भी होती जा रही है। ऐसा लग रहा है जैसे या तो यह कोई बिजली की कड़क हो या फिर भूचाल आ रहा हो। ”

“हॉ यह तो बहुत तेज़ है पता नहीं यह किसकी आवाज है। ”

ईकटोमी बोला — “मुझे पता है कि यह किसकी आवाज है। ”

तभी उन दोनों ने देखा कि एक चट्टान लुढ़कती हुई उन्हीं की तरफ चली आ रही है। अरे यह तो इन्यान चट्टान है जो लुढ़कती हुआ, बिजली की कड़क की आवाज करती हुआ, अपने रास्ते में आयी हुई सब चीज़ों को कुचलती हुई उन्हीं की तरफ चली आ रही है।

ईकटोमी चिल्लाया — “दोस्त भागो यह इन्यान तो हमको मारने के लिये आ रहा है। ”

सो दोनों जितनी जल्दी वहाँ से भाग सकते थे भाग लिये। चट्टान उनके पीछे भागती रही और उनके और पास और और पास आती रही।

ईकटोमी फिर चिल्लाया — “हमको यह नदी तैर कर पार कर लेनी चाहिये कायोटी। मुझे यकीन है कि यह चट्टान तो बहुत भारी है यह इस पानी में नहीं तैर सकेगी ओर डूब जायेगी। ”

सो वे दोनों तैर कर नदी पार करने लगे। पर इन्यान जैसी बड़ी चट्टान ने भी तैर कर नदी पार कर ली। ऐसा लग रहा था जैसे कि वह चट्टान पत्थर की नहीं बल्कि लकड़ी की बनी हो।

अब कायोटी चिल्लाया — “ईकटोमी इन बड़े पेड़ों में घुस जाओ। , मुझे यकीन है कि यह चट्टान इस घने जंगल में नहीं घुस पायेगी। ”

सो वे जंगल में पेड़ों में चले गये पर वह बड़ी इन्यान चट्टान तो जंगल के किनारे भी नहीं रुकी। वह अपने दांये बांये लगे उन बड़े बड़े पाइन के पेड़ों को रौंदती हुई उनके पीछे पीछे चलती चली आ रही थी।

अब कायोटी और ईकटोमी दोनों बाहर मैदान में निकल आये थे। ईकटोमी फिर चिल्लाया “उफ उफ। दोस्त कायोटी यह मेरी लड़ाई नहीं है। मुझे अभी याद आया कि मुझे तो किसी जरूरी काम से जाना था। ठीक है फिर मिलते है। ”

सो ईकटोमी एक छोटी सी गेंद के रूप में सिकुड़ गया और मकड़ा बन गया। पास में उसे एक चूहे का बिल दिखायी दे गया तो वह उसमें घुस गया और गायब हो गया।

अब कायोटी अकेला रह गया वह फिर भागा। वह बड़ी चट्टान भी उसके पीछे पीछे भागी आ रही थी। वह पास आ कर कायोटी के ऊपर चढ़ गयी और उसको करीब करीब चौरस कर दिया। फिर उसने अपना कम्बल उठाया और वापस चली गयी।

एक घोड़ा पालने वाला वहाँ से अपने घोड़े पर बैठा गुजर रहा था तो उसने कायोटी को वहाँ चौरस पड़ा देखा तो उसको लगा कि वहाँ कोई कालीन पड़ा है।

उसने उसको उठाते हुए कहा — “अरे यह तो कितना सुन्दर कालीन है। ” वह उसको अपने घर ले गया और अपने कमरे में आग जलाने की जगह ले जा कर बिछा दिया।

जब कभी कायोटी मरता है तो वह फिर से ज़िन्दा हो जाता है। पर इस बार उसको अपनी पुरानी शक्ल में आने में सारी रात लग गयी।

सुबह को उस घोड़े पालने वाले की पत्नी अपने पति से बोली — “अरे यह क्या? मैंने अभी अभी तुम्हारे कालीन को यहाँ से भागते हुए देखा है। ”


[1] Iktomi, Coyote and the Rock – a foltale from Lakota Tribe of North America.

Taken from the Web Site :

http://www.firstpeople.us/FP-Html-Legends/Iktome-Coyote-And-The-Rock-Sioux.html

[2] Inyan Rock is the rock which is Iktomi’s great grandfather. It is the Primordial stone spirit of Sioux Tribe mythology.

[3] Cola – knickname of Iktomi

[4] Tunka – knickname of Coyote

[5] Pemmican is a diet of Native Americans living in Alaskan Tundra region. It is made up of sea animals with no vegetables whatsoever.


---

सुषमा गुप्ता ने देश विदेश की 1200 से अधिक लोक-कथाओं का संकलन कर उनका हिंदी में अनुवाद प्रस्तुत किया है. कुछ देशों की कथाओं के संकलन का  विवरण यहाँ पर दर्ज है. सुषमा गुप्ता की लोक कथाओं के संकलन में से क्रमशः  - रैवन की लोक कथाएँ,इथियोपिया व इटली की  ढेरों लोककथाओं को आप यहाँ लोककथा खंड में जाकर पढ़ सकते हैं.

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: लोककथा // ईकटोमी, कायोटी और चट्टान // सुषमा गुप्ता
लोककथा // ईकटोमी, कायोटी और चट्टान // सुषमा गुप्ता
https://lh3.googleusercontent.com/-XsCRFHwx36g/Wv1FfoFJfSI/AAAAAAABBWs/GRJA8te1quwUdmCrxIZ0YfhfYzmU9D3xgCHMYCw/clip_image002_thumb?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-XsCRFHwx36g/Wv1FfoFJfSI/AAAAAAABBWs/GRJA8te1quwUdmCrxIZ0YfhfYzmU9D3xgCHMYCw/s72-c/clip_image002_thumb?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/05/blog-post_68.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/05/blog-post_68.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content