व्यंग्य // भैया जी के आदमी // वीरेन्द्र ‘सरल‘

SHARE:

व्यंग्य भैया जी के आदमी वीरेन्द्र ‘सरल‘ मरे हुए लोगों के जीवों को लाने के लिए अपने यमदूतों की ड्यूटी लगाने के बाद यमराज साहब अभी अपने ऑफिस म...

व्यंग्य

भैया जी के आदमी

वीरेन्द्र ‘सरल‘

मरे हुए लोगों के जीवों को लाने के लिए अपने यमदूतों की ड्यूटी लगाने के बाद यमराज साहब अभी अपने ऑफिस में आराम से सिगरेट फूँकते हुए व्हाट्शाप पर एक मैसेज पढ़ रहे थे। पूरा मैसेज पढ़ लेने के बाद उनका चेहरा गुस्से से तमतमा गया। आँखे लाल हो गई और क्रोध से नथुने फड़कने लगे। उन्होंने गदा उठाकर इस तरह से मुद्रा बना ली थी कि यदि मैसेज डालने वाला सामने दिख जाय तो गदा के एक ही वार से उसका सिर फोड़कर उसे सीधे यमलोक ले आये। पर बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय की पंक्ति याद आते ही उन्होने अपने क्रोध पर काबू पाया और फिर से ध्यान से उसी मैसेज को पढ़ने लगे। लिखा था कि मृत्युलोक के किसी गांव के तालाब में एक आदमी नहा रहा था तभी तालाब के किनारे एक बालक और एक मेंढक प्रकट हुआ। देखते ही देखते मेंढक विशालकाय भैंसा बन गया और बालक यमराज। नहाने वाला आदमी डर के मारे वहां से भागने लगा तब यमराज ने कहा कि डरो मत बल्कि मेरी बातें ध्यान से सुनो। संसार के सब लोग सभी देवी-देवताओं की पूजा करते है पर मुझसे डरते हैं। आज से सबकी पूजा बंद करके सिर्फ और सिर्फ मेरी ही पूजा करे। मैं चाहे जितना भी झूठ बोलूं उस पर आंख मूंदकर विश्वास करे। किसी भी प्रकार तर्क-वितर्क न करे तो कभी भी उसकी मृत्यु नहीं होगी। मेरी जानकारी के बिना यदि उसकी मृत्यु हो भी गई तो मैं उसे पुनः जीवित कर दूंगा। जो भी आदमी मेरी इस बात को व्हाटशाप के कम से कम चार सो बीस समूहों में शेयर करेगा उसकी किस्मत चमक जायेगी। एक लोकल भैया जी ने यमराज के इस बात को शेयर किया तो बिना चुनाव जीते ही मंत्री पद को प्राप्त हो गये। एक अनपढ़ ने इस शेयर किया तो वह विश्वविद्यालय का टॉपर हो गया। एक अस्सी वर्ष की बूढ़ी अम्मा ने इसे शेयर किया तो वह सोलह साल की कन्या बन गई। एक गधे ने इसे शेयर किया तो वह लंबी रेस का घोड़ा बन गया। और ऐ नवयुवक यमराज के इस संदेश को फालतू समझकर डिलीट कर दिया तो वह कुछ ही समय में नब्बे वर्ष का बूढ़ा हो गया।

[post_ads]

इस मैसे ज को पढ़कर यमराज का दिमाग अभी भी गरम था। वह बड़बड़ा रहा था। मैं कब प्रकट हुआ और किससे ये सब कहा ये तो मुझे भी पता नहीं। ये कौन मूर्ख है जो इस तरह का अफवाह उड़ा रहा है। यदि मिल जाये जाय तो डिलीट करने वाले को तो इनाम दूंगा पर शेयर करने वालों का थोबड़ा ही पहले तोडूंगा। तभी यमराज मोबाइल की घंटी बजी। उन्होंने मूंछो पर ताव देते हुए कॉल रिसीव किया और कहा-‘‘यस! यमराज हियर। हु आर यू?

अरे! अंग्रेजी-वंग्रेजी छोड़ो यार। तुम्हारे कर्मचारी सब कहाँ मर गये? हमको मरे हुए तीन-चार घंटे हो गये। पर अभी तक कोई हमें लेने के लिए नहीं आया। ऐसे ही विभाग चलाते हो क्या? तुरन्त हमें यहां से ले जाने के लिए अपने कर्मचारियों को भेजो नहीं तो अभी मंत्री जी को फोन करके तुम्हारी शिकायत करता हूँ, समझे?

फोन पर किसी अंजान आदमी की धमकी सुनकर यमराज के होश उड़ गये। उन्होंने तुरन्त व्हाट्शाप बंद किया और सोचने लगा, लगता है कि कोई लोकल भैया जी मर गया है। यदि उनके पास हमारे कर्मचारी तुरन्त नहीं पहुंचे तो कहीं सचमुच किसी भैया जी से शिकायत न कर दे। हे भगवान! अब क्या होगा? आजकल हमारे यमदूत भी कामचोर हो गये हैं। ऊपर से नशे की आदत भी हो गई है इनको। कहीं किसी सरकारी शराब भट्ठी पर बैठकर दो-चार पैग खींचकर लुढ़क गये और खर्राटे लेने लगे तो बड़ी मुसीबत हो जायेगी। ऊपर से पता नहीं ये कौन ससुर मरा है जिसका जीव सीधे मंत्री जी से मेरी शिकायत करने की धमकी दे रहा है।

यमराज तुरंत अपने कर्मचारियों को फोन लगाते हुए कहा-‘‘अबे! तुम लोग कहाँ मर गये हो? इधर मेरी जान जा रही है और उधर तुम लोग मटरगस्ती कर रहे हो। ड्यूटी करते हो या मुफ्त की रोटियां तोड़ते हो। अभी तक वहाँ क्यों नहीं पहुँचे जहाँ तुम्हें पहुँच जाना था। सब कान खोलकर सुन लो, यदि अब मुझे तुम्हारी शिकायत मिली तो मैं या तो एक वेतन वृद्धि रोक दूंगा या अवैतनिक कर दूंगा, समझे? मैं जो लोकेशन बता रहा हूँ वहाँ तुरन्त पहुँचो। शायद कोई नेता-वेता मर गया है जिसका जीव अभी फोन पर मुझे धमका रहा है। अरे यार! तुम लोग समझते क्यों नहीं? तुमको पता होना चाहिए कि आजकल के नेता तो पद मिलते ही ये समझते हैं, मानो इन्हें कोई छोटा-मोटा पद नहीं बल्कि हर किसी को धमकाने का लायसंस मिल गया है। नौकरी करनी है तो ये नेता कुछ भी करे तुम अपनी आंख, कान, मुँह सब बंद करके रखो तभी भलाई है।

[post_ads_2]

यमराज की बातें सुनकर और उनकी मजबूरी को समझते हुए सभी यमदूत उधर दौड़ पड़े जिधर का लोकेशन यमराज ने बतलाया था।

तीन-तीन जीवों को एक साथ बैठकर गप्पे लड़ाते हुए देखकर यमदूत समझ गये, शायद साहब ने इन्हीं के बारे में बतलाया होगा। वे उनके नजदीक पहुँचे। एक जीव के हाथ मे सरकारी शराब की बोतल थी, दूसरे के हाथ में डिस्पोजल और तीसरे के हाथ में नमकीन की कुछ थैलियां। उनके नजदीक ही नशा नाश का जड़ है स्लोगन लिखा एक झंडा पड़ा था।

सभी यमदूत उनके निकट पहुँचे। यमदूतों में से एक ने कहा-‘‘क्या आप ही लोगों में से किसी ने हमारे साहब को फोन किया है महोदय जी। वैसे तो आप लोग अभी अच्छे-भले जवान दिखाई दे रहें हैं। मरने की इतनी जल्दी क्या थी। मजे से जीते फिर आराम से मरते। और आपकी ये बाइक? ये तो बिलकुल क्षत-विक्षत हो गई है।‘‘ तभी सामने पड़े एक पत्थर को देखते हुए दूसरे यमदूत ने कहा-‘‘भाई! सामने इतना बड़ा पत्थर है क्या ये आपको दिखाई नहीं दिया? लगता है इसी से टकराकर आप लोग मरें हैं।

मरने के बाद भी बोतल वाले जीव के दिमाग पर नशा चढ़ा था। टूटे हुए बोतल के कांच के टुकड़े उसके पेट में घुस गये थे। वह बात करना चाहता था पर बात करने की स्थिति में नहीं था। डिस्पोजल वाले के सिर पर चोट लगी थी और नमकीन वाले का टखना टूटा हुआ था।

टूटे टखने वाले जीव ने कहा-‘‘यार! आप लोग यमदूत हैं या क्राइम ब्रांच वाले जो यहीं इंक्यावरी करने लगे। क्या दुनिया भर की सारी बातें यहीं पूछ लेंगे? हमे मरे हुए तीन-चार घंटे बीत गये है और तुम लोग हमें लेने के लिए अभी आ रहे हो। हमारा सारा नशा हिरण हो गया है। पहले कुछ इंतजाम करो उसके बाद जो चाहो आराम से पूछते रहना। यहां सब पूछना बंद करो और अपनी गाड़ी पर बिठाकर सबसे पहले हमें यमराज कार्यालय ले चलो । हम सीधे यमराज से ही बात करना पसंद करेंगे। हम कोई साधारण आदमी नहीं बल्कि भैया जी के आदमी हैं, समझ गये?

टूटे टखने वाले जीव की बातें सुनकर सब यमदूत दंग रह गये। अरे बाप रे! मरने के बाद इतना पॉवर तो जीते जीं कितना पॉवर दिखलाते रहे होंगे।

यमदूतों ने चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी और उन्हें लेकर सीधे यमराज कार्यालय पहुँच गये।

इधर यमराज भी बेचैनी से चहलकदमी करते हुए उनकी ही प्रतीक्षा कर रहे थे। गाड़ी आती दिखी तभी जाकर अपनी कुर्सी पर बैठे। यमराज कार्यालय पहुँचते-पहुँचते डिस्पोजल और नमकीन वाले जीव का नशा तो उतर गया था पर बोतल वाले जीव के दिमाग पर अभी भी नशा छाया था वह बार-बार अपना मोबाइल निकालकर अपने कान के पास ले जाकर हैलो भैया जी, हैलो भैया जी का रट लगाया हुआ था। और बार-बार कह रहा था कि हम लोग कोई साधारण जीव नहीं बल्कि भैया जी के आदमी के जीव है।

यमराज भैयाजीनुमा आदमी के दिव्य शक्तियों से भली-भांति परिचित था। वह जानता था कि मृत्युलोक में एक देश ऐसा भी है जहां भैया जी अपने चमचे के कान पर फूंक मार कर उसके हाथों में रखे धूल को सोना बना देने या व्यवस्था के कान पर फूंक मार कर अपने विरोधियों को धूल चटा देने में पूर्ण सक्षम होता है। सोने की लंका पर कब्जा जमाना या कुबेर के खजाने पर भी हाथ साफ कर देने की चमत्कारी शक्ति आखिर भैया जी टाइप लोगों के पास ही होती है। किसी भैया जी से दुश्मनी मोल लेना यमराज को खतरे से खाली नहीं लगा। इसलिए उन्होंने उनके आदमियों की अच्छी खातिरदारी की और उनसे प्यार से पूछा-‘‘ पर आप लोगों के मरने का कारण समझ में नहीं आया महोदय।‘‘

बोतल वाले जीव ने मुस्कराते हुए कहा-‘‘कल शाम को भैया जी की नशाबंदी रैली थी। हम सब वहीं गये थे। भैया जी ने नशाबंदी पर झन्नाटेदार भाषण झाड़ा। बीच-बीच में हम जोरदार तालियां बजाते रहे और भैया जी जिन्दाबाद के नारे लगाते रहे। इसी खुशी में रात को भैया जी ने हमारे लिए रेस्टहाऊस में बंदोबस्त किया था। हम सबने छककर शराब पी, खूब एंज्वाय किया और देर रात वहीं से लौट रहे थे। पर पता नहीं उस पत्थर को हमसे क्या दुश्मनी थी जो हमारे बीच आ गया, उसी से टकरा गये और हम मर गये।

उनकी बातें सुनकर यमराज का दिमाग घूम गया। उन्होंने प्रतिप्रश्न करते हुए पूछा-‘‘ बड़ी अजीब बात है एक तरफ आप कहते हैं कि नशाबंदी की रैली और दूसरी तरफ नशे का बदोबस्त, ये क्या चक्कर है भाई? ऐसा कैसे हो सकता है।

बोतल वाले जीव ने कहा-‘‘सब होता है यमराज जी। कथनी और करनी की असमानता का साकार स्वरूप देखना हो तो आप हमारे देश के किसी भैया जी का चरित्र देखिए, सारी बातें साफ हो जायेगी। हम तो भैया जी के नस-नस से वाकिफ हैं। हमारा तो काम ही था भैया जी का गुणगान करना। उसकी प्रशंसा के कसीदे गढ़ना। उनके काले कारनामों को को छिपाकर उनकी तुच्छ उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर सोशल मीडिया में वायरल करना। भैया जी के इशारे पर झूठा और भ्रामक समाचार बनाकर व्हाट्शाप पर डालना।

यमराज सोचने लगा-‘‘अच्छा तो ये अफवाह फैलाने को ठेका भैया जी ने अपने आदिमियों को दे रखा है। ‘‘

-वीरेन्द्र ‘सरल‘

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: व्यंग्य // भैया जी के आदमी // वीरेन्द्र ‘सरल‘
व्यंग्य // भैया जी के आदमी // वीरेन्द्र ‘सरल‘
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiXDIwTbwXqR_3rp4P5maszJbDt419UKYJcHFcLQ4K14w0Misv3-ilN9JPatHdBFEzUEwJ6nK9wP5qiDCizuk46lRxAH3YdYl6qG8bc_TlvgVIIMi6INfP4UMEQ8QV-i3RlujPG/?imgmax=200
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiXDIwTbwXqR_3rp4P5maszJbDt419UKYJcHFcLQ4K14w0Misv3-ilN9JPatHdBFEzUEwJ6nK9wP5qiDCizuk46lRxAH3YdYl6qG8bc_TlvgVIIMi6INfP4UMEQ8QV-i3RlujPG/s72-c/?imgmax=200
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/10/vhynghy-bhaiya-ji-ke-aadami-virenhdhr.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/10/vhynghy-bhaiya-ji-ke-aadami-virenhdhr.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content