फिर भी क्यों // रतनलाल जाट की कविताएँ

SHARE:

  फिर भी क्यों                यह बात गलत है सबको इसका पता है फिर भी लोग क्यों ऐसी बात करते हैं उसको यह काम नहीं करना चाहिए इससे एकदि...

 

फिर भी क्यों 
             
यह बात गलत है
सबको इसका पता है
फिर भी लोग क्यों
ऐसी बात करते हैं
उसको यह काम नहीं करना चाहिए
इससे एकदिन विनाश पक्का है
तो भी उसके जैसे हम क्यों
ऐसे काम को अन्जाम देते हैं
हर कहीं आप सुनते हैं
कि नशा बहुत बुरी चीज़ है
फिर वो कौन है जो
दिन-रात नशे में डूबे हैं
झूठ छुपता नहीं है
अन्त में जीत सत्य की है
फिर भी हर तरफ देखो
झूठ के बिना काम नहीं चलता है
चोरी-रिश्वतखोरी शब्द सुनके
हर कोई नाक-भौंह सिकोड़ता है
फिर भी आज तक क्यों
इनका नामोंनिशान नहीं मिटा है
लूट और हत्या जघन्य अपराध है
तो भी अखबार के पन्ने पलटो
बिना खूनी छींटों के कोई पृष्ठ नहीं है
यह सब तो बहुत आम बात है
पर इज्जत और चरित्र सबसे ऊपर है
फिर ये पर्दे के पीछे मुँह छिपाये क्यों
अंत में सलाखों में जा पहुँचते हैं

आखिर क्यों
          
टीवी, अखबार और मोबाइल पर
आये दिन देखते हैं हम
किसी प्रेमी युगल ने दी है जान
पर कुछ समझ नहीं आती है बात
प्रेम का मतलब जानते हो क्या है
अलग-अलग कामों में दुनिया ने देखा हैं
कोई इसका संबंध वासना से
तो कोई नाजायज रिश्ते से
यहाँ तक लोग एसिड अटैक में
और मर्डर-रेप में भी प्रेम देखते हैं
आखिर क्यों बदनाम करते हो
क्यों पाप के बीच प्रेम खोजते हो
माना कि प्रेमी सब कुछ वार देता है
पर प्रेमिका की बलि क्यों चढ़ाता है
प्यार की ख़ुशी के लिए है त्याग का महत्व
प्यार को मिटाकर मरना नहीं है इसका अर्थ
दुख से लड़ा जाता है खून का घूँट पीया जाता है
पर कभी जहर ना पीया जाता है ना ही दिया जाता है
जहाँ कोई स्वार्थ हो वहाँ क्या प्यार है
जो किसी से कुछ चाहे वो कैसा प्रेम है
इसमें ना दुनिया का डर ना कोई कायरता होती है
हर मुश्किल में हाथ थामे सीना ताने लड़ा जाता है
जब कहीं दुर्गंध दिखाई दे
तो नाम कभी प्यार का ना दे
उनको प्रेमी जन कभी ना कहना
अय्याशी या कामुकता का नाम ही देना


पूछा था बेटी ने
               
एकदिन पास आकर मेरे
बड़ी ही मासूमियत से
पूछा था बेटी ने
भगवान ही सबको जन्म देता है

फिर क्यों लोग
सब एक जैसे नहीं होते हैं
क्यों बनते हैं बुरे वो
क्यों नहीं अच्छे होते हैं

चुपचाप मैं उसे देखता रहा
होंठ अभी भी हिल रहे थे
और आँखों में साफ झलक रहा था
विस्मय, क्रोध और दुःख सब साथ थे

मैंने कहा, मेरी प्यारी गुडिया
भगवान तो सबको अनमोल मनुष्य जन्म देता हैं
ना किसी को वो अच्छा बनाता है ना ही बुरा 
सब कुछ यहीं पर ही सीखते हैं

कई राम और कई रावण बनते
कोई लंका में नाम राम का है भजता
तो कोई अयोध्या में रह करके
अपनों को ही वनवास है दिलाता


इसमें भगवान का कोई दोष नहीं है
यहाँ की हवा और पानी ही कुछ ऐसा है
किसी को तो हवा लग जाती है
और कोई हवा को ही बदल देता है

कोई पानी से प्यास बुझाता है
और कोई पानी में जहर घोलता है
देखो,  दुनिया में सब कुछ होता है
पर हमको संभलकर ही चलना है

ना तो हवा लगनी चाहिए
ना ही पानी बदबू वाला पीजिए
बस, जो यहाँ पर जैसा बोता है
उसको वो फल भी वैसा ही देता है


आरक्षण
            
एकदिन उसने खाना बनाकर,
मुझसे कहा था इशारा कर।
सुनो, सबसे पहले जली-कटी दो-तीन रोटी खाकर,
फिर अंत में खाओगे तुम एक अच्छी रोटी हाथ लेकर।।
और हाँ भूखा मत रहना,
पर इसका पूरा ध्यान भी रखना।
मैं सुनता ही रहा उसकी सारी बात,
पर कुछ समझ नहीं पाया था खास।
भला सोचो कौन पसंद करेगा?
जली-कटी रोटी सबसे ऊपर मुर्ख होगा।
कौन बाद में सन्तुष्टि के तौर पर,
खाएगा चुपड़ी रोटी दिखावे के खातिर।

मैं सोच ही रहा था,
इस उलझन से कैसे पार पाऊँ?
तभी उसने गंभीर स्वर में कहा,
बताओ, सबसे पहले अच्छी रोटी ही क्यूँ?
देखो, सरकार और कानून को,
जो पहले शून्य से दस अंक वालों को।
और फिर अंत में गिनती है वो,
नब्बे से ऊपर वालों को।।
मैं मूक था उसके सामने,
तभी कहा उसने हँस करके।
मैं आरक्षण की बात कर रही थी,
तुम कितने सीधे हो? समझे ही नहीं।


ये सब क्या है?
                
अनायास ही
आँखों का मिल जाना
मिलकर हँसना
और फिर शरमाना
आँखें झूक जाती है
या दूसरी तरफ मुड़ जाती है
दिल में खुशी
समाये नहीं समाती है
वापस अचानक ही
आकर मिल जाती है
आँखें कुछ बातें कहती

जो कभी खत्म नहीं होती हैं
और पता ही नहीं चलता
वक्त बहुत गुजर जाता
दिल चाहे वक्त को थामना
पर कोई रोक नहीं पाता
हजार गम आ पहुँचते
जब जुदा वो होते हैं
फिर वापस शुरू हो जाते
कुछ एहसास नये
खुल जाती है
आत्मा की आँखें
कभी करती है बातें
और कभी आते हैं यादों के सपने
कुछ समझ नहीं आता ये सब क्या है


रूपये
    
रूपये-पैसों से भरा बैग
या कोई लाखों का चैक
क्या चाहिए आपको
अपनों का प्यार
या चैन की नींद
नहीं चाहिए आपको
बहुत कुछ है
फिर भी बहुत ही कम है
यही लोगों की सोच है
नहीं है पता आपको
पैसे वाले पैसों के लिए
लड़ते हुए दिखते
और गरीब लोग अमीरों पर
दया है दिखाते
क्या अमीरों को
दया करते देखा है
मैंने नहीं देखा
इसीलिए पूछा है आपको
गाड़ी है बंगला है
पर रहने वाला नहीं है
या कहें कि फुर्सत कहाँ है
कोई कहता है कभी
आज अपनों के साथ हूँ यहीं
कोई तो कह ही देता है
क्या आज जल्दी नहीं है आपको


प्यारा बेटा
  
मेरा कुछ उदास चेहरा देख
पूछ लिया उन्होंने आकर पास
तुम बीमार हो और
नहीं कराया कुछ भी इलाज
मैंने पूछा आपको कैसे मालूम
तो बोले देखो तुम्हारी आवाज़
कितनी बुरी हालत कर दी
चलो जल्दी अस्पताल
लोग सोच रहे थे कि
ये कौन हैं मेरे
तो सुनो ये मेरे पिता से बढ़कर है
क्योंकि मैं इनका प्यारा बेटा हूँ

बात वो
        
अक्सर घर के भीतर ही होते हैं सब
और साथ भी रहते हैं रात-दिन
फिर भी कुछ कह नहीं पाते हैं
सब कुछ दिल में ही छुपाते हैं
जब कभी वक्त मिलता कुछ पल
उस समय पूरी गाँठ जाती है खुल
जबकि कभी पूछा नहीं एक दूसरे को
और बिना कुछ कहे बता दी बात वो
नहीं कह पाये थे घर में
नहीं सुन पाये जिसे अपने


पानी
         
पानी को मालुम
मछली का जीवन कितना
कौन है महत्वपूर्ण
दोनों को ही है पता
यदि वो मिलेगा नहीं
तो इसका हाल क्या होगा
यह जानता है बस वही
मैं इसके लिए सबकुछ हूँ क्या
मेरे बिना वो जी सकेगी
हाथ में उसके जीवन नहीं अपना
मछली तड़पती उसके लिए
कि वो कुछ पल जीने को देगा
पानी! अगर वो मर गयी
तो तुम्हारा धर्म नहीं बचेगा
आखिर सोचो जान चली गयी
तो क्या पानी पानी रहेगा



अनमोल मिलन
           
मन में बार-बार
आ रहा था एक ही विचार
काश! हमें आज वो मिल जाता
पर आखिर शाम हो गई
और मिलने की कोई उम्मीद ना शेष थी
बस, दिल में आस अब भी थी
पर मैं हिम्मत हार गया
सपनों पर पानी फिर गया
जब चलने की बारी आ गई
तो दिल का दीया बुझ गया था
अपने नीड़ की राह पकड़
चलने लगा था मैं अधूरे मन
और अचानक सामने
राह में आते हुए
वो दिखाई दिया
मेरी ही तरफ आ रहा था
पर एकाएक विश्वास ना हुआ
शायद जैसे कोई सपना था
मैंने कहा, क्या तुमको पता था
कि मैं अभी यहाँ से गुजर रहा हूँ
देखो, कितना अच्छा संयोग है
वैसे इधर मैं कभी नहीं आता हूँ
पर आज यूँ ही आ गया
हँसकर उसने कहा था
नहीं, यह मिलन
अपना नहीं है
दिलों के प्यार का
अनमोल मिलन है
मैंने आश्चर्य जताते हुए कहा था
तो वो भी सिर हिलाकर गवाही देने लगा

---

       

लेखक-परिचय

रतन लाल जाट S/O रामेश्वर लाल जाट

जन्म दिनांक- 10-07-1989

गाँव- लाखों का खेड़ा, पोस्ट- भट्टों का बामनिया

तहसील- कपासन, जिला- चित्तौड़गढ़ (राज.)

पदनाम- व्याख्याता (हिंदी)

कार्यालय- रा. उ. मा. वि. डिण्डोली

प्रकाशन- मंडाण, शिविरा और रचनाकार आदि में

शिक्षा- बी. ए., बी. एड. और एम. ए. (हिंदी) के साथ नेट-स्लेट (हिंदी)


ईमेल- ratanlaljathindi3@gmail.in

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: फिर भी क्यों // रतनलाल जाट की कविताएँ
फिर भी क्यों // रतनलाल जाट की कविताएँ
https://lh3.googleusercontent.com/-0uAM0ibiaNI/XB4aCrlgEjI/AAAAAAABF_U/cUZtIOXlkJAg8CFgMXo7bS0LEFY453NAgCHMYCw/IMG_20180309_162515_thumb%255B1%255D?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-0uAM0ibiaNI/XB4aCrlgEjI/AAAAAAABF_U/cUZtIOXlkJAg8CFgMXo7bS0LEFY453NAgCHMYCw/s72-c/IMG_20180309_162515_thumb%255B1%255D?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/12/blog-post_58.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/12/blog-post_58.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content