हनुमान मुक्त का व्यंग्य - सदाचार का ओवरकोट

SHARE:

सदाचार का ओवरकोट रानी ने दरबारियों से कहा कि प्रजा द्वारा हमें दिए गए जनमत से लग रहा है कि प्रजा पूर्ववर्ती शासन में बहुत दुखी थी। शासक एवं ...

सदाचार का ओवरकोट

रानी ने दरबारियों से कहा कि प्रजा द्वारा हमें दिए गए जनमत से लग रहा है कि प्रजा पूर्ववर्ती शासन में बहुत दुखी थी। शासक एवं उसके नुमाइंदों ने बहुत भ्रष्टाचार फैला रखा था कोई भी सुखी नहीं था।

तुम्हें कहीं भी भ्रष्टाचार नजर आए तो उसे तुरंत हमारे सामने हाजिर करो।

दरबारियों ने रानी की बात सुनकर गर्दन नीची कर ली ।रानी के समझ नहीं आया कि दरबारियों ने ऐसा क्यों किया है ?उनकी बातों की अवहेलना कैसे की है ।

अभी तक तो मंत्रिमंडल का गठन बाकी है ।इतने सारे आयोगों के अध्यक्ष पद खाली हैं ।बहुत सारी सरकारी नियुक्तियां होना बाकी है ।फिर भी इन्होंने अवज्ञा कैसे की ?

रानी ने अपनी आंखों से चश्मा हटाया और जोर से बोली ,"सुना नहीं ,मैंने तुमसे क्या कहा ?

रानी की आवाज का मर्म समझकर दरबारी बोला," रानी साहिबा, हमने आपकी बातों को सुन भी लिया और समझ भी लिया है। हम आपकी आज्ञा का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं दरअसल बात यह है कि हमने अपनी आंखों में काला लैंसफिट करवा रखा है।हमें सब कुछ काला ही काला नजर आता है।

रानीको बात समझ नहीं आई। बोली," साफ-साफ बताओ तुम कहना क्या चाहते हो?

हुजूर !सबसे पहले जब आप ने भ्रष्टाचार को देखकर हमसे कहा था कि देखो भ्रष्टाचार चारों ओर फैल रहा है ,जाकर जनता को बताओ कि भ्रष्टाचार ने किस कदर राज्य का अमन चैन सब कुछ नष्ट कर दिया है तब जाकर हमने जनता को सब कुछ बता दिया। हमको और जनता को आप पर विश्वास था कि आपको जो भी दिखता है सही दिखता है ।

पहले हमने अपनी आंखों से भ्रष्टाचार को शासन के चारों ओर देखने की कोशिश की थी,लेकिन वह तो हमें सभी जगह बैठा हुआ नजर आया हम तो समझ रहे थे कि भ्रष्टाचार हमारे घरों में बिल्कुल भी नहीं है लेकिन वहां भी बैठा था ।उसे अपने घरों में देखकर हम थक गए हम समझ गए कि हमारी आंखों में खराबी आ गई है जो भ्रष्टाचार हमें अपने घरों में भी दिखाई देता है हमने तुरंत आंखों में लेंस फिट करवा दिए उसके बाद से हमें कुछ नहीं दिखता आपकी आंखों से आप देखकर जो बताती है वही हमारे लिए सच होता है प्रजा को भी हम वही सब कुछ बताते हैं।

प्रजा को आप पर और हम पर पूरा विश्वास है अब आप ही बताइए कि हमें भ्रष्टाचार कहां से नजर आएगा ?

रानी दरबारियों की बात सुनकर बोली। ठीक है ,अब तक तुम हमारी आंखों से देख।ते हुए आ रहे थे। अब अपनी भी आंखें खोलो और अपनी आंखों में लगे काले लेंसों को हटाकर आंखों को दुरस्त करवाओ।

" लेकिन ऐसा करने पर हमें सभी जगह भ्रष्टाचार नजर आएगा ,हमारे अपने घरों में भी वह बैठा दिखेगा ।

"तो ठीक है। तुम्हारे घरों में भ्रष्टाचार दिखें भी तो उसे सदाचार का ओवरकोट पहना देना सिर्फ तुम्हें ही पता होना चाहिए कि सदाचार के अंदर भ्रष्टाचार बैठा हुआ है।" वैसे भी गर्मी पड़ रही है। पब्लिक सोच भी नहीं पाएगी कि ओवरकोट क्यों पहन रखा है ?

उसे तुम्हारे अंदर सिर्फ सदाचार दिखेगा भ्रष्टाचार नहीं ।

याद रहे प्रजा को भ्रष्टाचार पहले की योजनाओं में और सरकारी कार्मिकों में ही नजर आना चाहिए।

हमें बहुत दूर तक जाना है प्रजा को भी वहीदिखना चाहिए जो तुम दिखाना चाहते हो।

सभी ने हां में हां मिलाई। अब वे अपनी आंखों में लगा लैंस हटवाने आंखों के डॉक्टर के पास पहुंच गए ।

डॉक्टर उनको देखते ही समझ गया ,बिना कुछ कहे ही उनकी आंखों से लेंस हटा दिए ।

डॉक्टर ने उनसे लेंस हटाने की अपनी फीस मांगी।

फीस की बात सुनते हीं दरबारी भड़क गए।

तुम्हारी इतनी हिम्मत हम से पैसा मांग रहेहो।

डॉक्टर ने हाथ जोड़कर उनसे माफी मांगी और बोला ,मैं समझ रहा था कि तुम्हारी आंखों से काला लेंस हट गया है अब तुम भ्रष्टाचार हटाने की शुरुआत भी अपने आप से करोगे ।मुझे गलतफहमी थी अब आप आराम से जाओ ।

दरबारी वहां से निकल लिए ।

अब वे नंगी आंखों से भ्रष्टाचार की खोज कर रहे थे प्रजा को भी बता रहे थे कि अगर उन्हें भ्रष्टाचार नजर आए तो अवश्य बताएं।

जिस ऑफिस में भी भ्रष्टाचार को ढूंढने जाते शाम को उस ऑफिस का ऑफिसर उनके घर पर उन्हें हाजिर मिलता। वहां उनके सदाचार की ओवरकोट के नीचे छिपे भ्रष्टाचार की गंध उसे लग जाती ।गंध को सूंघते ही वह समझ जाता कि यहां उसका काम हो जाएगा। उसका काम हो भी जाता और वह खुश होता हुआ अपने ऑफिस को लौट आता।

दरबारियों का यह नित्य कर्म था और अफसरों का नित्य धर्म।

कर्म और धर्म की अच्छी पट रही थी सदाचार के नीचे छिपा भ्रष्टाचार खूब फल-फूल रहा था। प्रजा सब कुछ देख रही थी वह जब भी दरबारियों से भ्रष्टाचार के दिखने की बात करती ,दरबारी त्वरित कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार को साथ लाने की अफसरों को ताकीद कर देते ।

शाम को अफसर और भ्रष्टाचार साथ आते जुगलबंदी होती ।प्रजा समझती दरबारी बहुत चुस्त है ,दुरुस्त है ।उनकी कहते ही भ्रष्टाचार को बुलवा लेते हैं। दरबारी सदाचार का ओवरकोट पहने भ्रष्टाचार को छुपाए बेधड़क घूमते रहते ।

कुछ दिनों बाद वे रानी के दरबार में हाजिर हुए।

रानी ने उनसे वही प्रश्न दोहराया," भ्रष्टाचार कहां कहां देखा है ।"

सभी दरबारियों ने एक साथ समवेत स्वर में उत्तर दिया,

" नहीं महारानी।

आपके राज गद्दी पर बैठते ही भ्रष्टाचार एकदम गायब हो गया उसने अपना राज्य छोड़कर अन्यत्र कहीं डेरा डाल दिया है ।कहीं भी भ्रष्टाचार नजर नहीं आया।

सदाचार के अंदर छिपा भ्रष्टाचार दरबारियों की बात सुनकर बार-बार उछल कूद मचा रहा था। इससे ओवरकोट हिल रहा था ।

रानी साहिबा सब कुछ देख रही थी ,उन्होंने भी ओवरकोट पहन रखा था। रानी दरबारियों की बात सुनकर बहुत खुश हुई ।सभी दरबारियों को धन्यवाद देकर उन्हें भ्रष्टाचार की खोज करने अपने-अपने क्षेत्रों में भेज दिया।

हनुमान मुक्त

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: हनुमान मुक्त का व्यंग्य - सदाचार का ओवरकोट
हनुमान मुक्त का व्यंग्य - सदाचार का ओवरकोट
https://lh3.googleusercontent.com/-ZKy1oJtABXM/W6X6eCxXIvI/AAAAAAABEWY/h65tBQoIjUsnK5yK2h3oPx5IweGzj2HhACHMYCw/image_thumb%255B2%255D?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-ZKy1oJtABXM/W6X6eCxXIvI/AAAAAAABEWY/h65tBQoIjUsnK5yK2h3oPx5IweGzj2HhACHMYCw/s72-c/image_thumb%255B2%255D?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2019/05/blog-post_25.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2019/05/blog-post_25.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content