कब आओगे तुम? - रतन लाल जाट की कविताएँ

SHARE:

1.गीत-“कब आओगे तुम?” आओ रे आओ, मेरे काले-काले बादल। नाचो मोर मेरे,  तुम पुकारो गीत गाकर॥ हो गई है छाया, रवि कहीं खो गया। आओ, तुम उमड़-घुमड़क...

1.गीत-“कब आओगे तुम?”
आओ रे आओ, मेरे काले-काले बादल।
नाचो मोर मेरे,  तुम पुकारो गीत गाकर॥
हो गई है छाया,
रवि कहीं खो गया।

आओ, तुम उमड़-घुमड़कर,
बरसाओ रे, पानी बरसकर।
जो चल रही है हवा,
खबर पहुँचाने आयी यहाँ।
धीरे-से वो कहती है सबको,
जरा, आज इस मस्ती में झूमो।

खोये हो किस बात में?
भूले हो रात बने दिन में॥
लग रहे हैं आज भूधर,
यहाँ है या कहीं चले गये उधर।

चैन मिलेगा मुझ वियोगी को,
जब साकार होगा सपना वो।

बादल की छाया,
पवन दूत बनके आया।
बता दो मुझे तुम,
छिपी है कहाँ मेरी पिया?

कितना सुन्दर सरगम है?
कोई कोना नहीं अकेला है॥
जल रही है आग,
मेरे सीने में दिन-रात।
ऐसा ना समझो कि-
वो बुझ गई है आज॥
रे बादल! चलूँगा मैं साथ तेरे।
लाना होगा तुझे, मेरी संगिनी रे॥

हमको ले जाना,
दूर छोर है जहाँ।
तेरे-मेरे-उसके बिना,
कोई नहीं हो वहाँ॥

दिखेंगे दूर-दूर तक,
हम एक ख्वाब बनकर।
गाऊँगा मैं, नाचेगी वो,
तुम बरसना मेघ बनकर॥
नेह-नीर की माला
अपने हाथ में लेकर॥

जहाँ होंगे सब समतल,
बहेगा जल बनके विरल।
सब ओर हो जायेंगे समन्दर,
बीच में होगा भूधर का शिखर॥
जहाँ खड़े होंगे हम,
दौड़ आयेंगे वहाँ घन।

पवन लाई है चिट्टी अपनी।
इन्तजार में है घटा तुम्हारी॥
बोलेगा बादल, अरी पवन! चलो ना तुम।
मेरे आगे-आगे राह अपनी सजाकर अब॥
साथ लेकर अपने संगी-साथियों को,
आता हूँ मैं दौड़े-दौड़े लेने तुझको।

आ जायेंगे हम, जहाँ होंगे काले-काले बादल।
उन बरसते बादलों संग, होगा हरा-भरा धरा का आँचल॥
सुनी है हमने ऐसी ही पुकारें।
जो करे पीउ-पीउ, म्याऊँ-म्याऊँ रे॥
कब आओगे तुम?

- रतन लाल जाट

2.गीत-“आती ठण्डी हवाएं"
आती ठण्डी हवाएं,
राग सुनाती फागुन के।
मनचले गीतों की झँकार,
लाये मेरे जीवन में बहार।

सहमा-सहमा मौसम,
दिल को छूती किरण।
जो सूरज ने फैलायी है,
गगन से आज नीचे आयी है।

ऐसी खुशबू छायी है।
मेरे दिल को भायी रे॥
जो मुझको खूब हँसाये।
दिल को वो पागल कर दे॥

पिया गीत गाती है,
हवा पास आती है।
वो धीरे-से,
मुझको कहती है।
रे पागल साजन तू,
पिया मैं तेरी हूँ।

धोती मेरी उड़ती है।
आँचल तेरा छूती है॥
उलझे-उलझे तेरे बालों की।
कोमलता आज बिखर गयी॥

महकी-महकी खुशबू है।
न जाने कहाँ हूँ मैं?

हरी-हरी फसल है।
लहराती वो खेतों में॥
बाली पास मेरे आती है।
कली दूर क्यों जाती है?

खड़े किनारे लगे,
लम्बे-घने वृक्ष हैं।
उनकी हरी-भरी छाया ने,
मेरे दिल को लुभाया है।

फूल पलाश के खिले हैं।
रंग गुलाबी होली लाये रे॥
उधर डाल आम की,
जो फूलों से लद गयी।
उस पर बैठी है कोयल,
घास हरी जहाँ बोले मोर।

कोयल पिया को बुलाती है।
भँवरे को डगमगाती है॥
कलियाँ रसीली हैं।
फूलों में खुशबू हैं॥

दिल में प्यार,
मन में उन्माद।
चिड़िया चूँ-चूँ करती है,
मोर अपनी पाँखों से।
रंग सात फैलाके,
बहका-बहका नाच करे॥

सरसों बनकर सोना रे।
खेतों में आड़ी सोयी हैं।

चमन हजारी के, कली गुलाब की।
कमल गुलाबी है, पीला सूरजमुखी॥

चाँदी जैसे फूल वहाँ।
अफीम का है खेत जहाँ॥
उस भीनी-भीनी खुशबू में,
मद-मोद भरा है कितना?
सुरीले अनार में, नशा है बड़ा॥

माली सब्जी बोता है,
फूल-माला बनाता है।
जो जाकर देवों का,
सिंगार बढ़ाती है॥
मंदिर के बाहर, गजरों के हार।

फूल गोबी, लाल टमाटर हैं।
हरी भींडी, बैंगनी बैंगन रे॥
लम्बी-लम्बी आल है।
कद्दू कितना गोल है?

गाय दूध देती है।
बछड़ा खेल करता है॥
जंगल में गूँजती हैं दहाड़ें।
हाथी सरोवर में नहाते हैं अकेले॥
ऐसा यह मौसम आया है।
दिल बसंत ने झूलाया है॥

जैसा मैंने चाहा है।
वैसा ही दिल को कहा है॥
पिया कहाँ खड़ी है?
आँखें जरा उसे ढ़ूँढ़ो रे॥

जिसका रंग काला, बड़ा ही प्यारा।
चमन-सी खुशबू, है मेरी सजना॥
आके यहाँ शरमाता।
राजा तीनलोक का॥

ऐसी मेरी धरा और ये जहां है।
जहाँ अम्बर के संग टिमटिमाते सितारे॥
और करे दिन-रात,
चौकादारी रवि-चाँद।

देव रमण करते हैं,
असुर नाश होता है।
सुर-राग गाते हैं,
वियोग हम भूल जाते हैं॥

आती ठण्डी हवाएं,
राग सुनाती फागुन के।
मनचले गीतों की झँकार,
लाये मेरे जीवन में बहार।

- रतन लाल जाट

3.गीत -"रिमझिम-रिमझिम बरखा आये”
रिमझिम-रिमझिम बरखा आये।
               महके-महके फूल खिले।
जब कई दिनों से,
               दिवाने दो मिले।
मोर नाचे, कोयल गाये।
                सब कुछ ये तो देखें॥

दिवाना हँसता है,
            पिया शरमाती।
लोग दूर से,
          दिखाते है अंगुली॥
अजब नाता है,
           गजब का राज ये।
समझे ना कोई जो,
           ऐसी ये कहानी रे॥
रिमझिम-रिमझिम बरखा आये

जब दो दिवाने मिलते हैं,
                  दिल में खुशियाँ उमड़ती है।
आँखों से प्यार के आँसू बरसते है,
              और भी कहूँ मैं, सारा जग हँसी लगता है॥
रिमझिम-रिमझिम बरखा आये

- रतन लाल जाट

4.गीत-“गगन-गगन में, काली-काली घटा ये"
गगन-गगन में, काली-काली घटा ये।
आज उमड़-घुमड़के, दिल में आग जलाये॥

साजन बता? तेरे देश में।
मौसम ऐसा, ये बहारें है॥
गगन-गगन में………………………॥

जीया मेरा कोयल-सा धड़के।
गीत ऐसा वो गाये धीरे-धीरे॥
नैनां मेरे बादल बन गये हैं।
बरसात हो ऐसे आँसू बहते हैं॥
गगन-गगन में………………………॥

कर दिया तूने मुझको दिवाना।
बेसब्री से इन्तजार अब टूट गया॥
बरसात हो, तो आग बुझे।
दिल-समन्दर में, प्यार भरे॥
आज गगन से, ऐसी बौछार होये।
कि सावन में बसंत आ जाये॥
गगन-गगन में………………………॥

- रतन लाल जाट

5.गीत-“धरती ने ओढ़ी चुनरिया”
धरती ने ओढ़ी चुनरिया।
आ जा, साजन आ जा॥
रंग-बिरंगा बनके तू आ जा।
खुशबू सा मेरे दिल को छू जा॥
धरती ने ओढ़ी चुनरिया……………

नीला-नीला मेरा आँचल।
लहँगे का है हरिया रंग॥
सब मुझको दिला जा।
प्रेम बादल के जैसा॥
अब लगने लगा, मुझको तू निराला।
कोई मुझमें बसने लगा, धीरे-धीरे दिवाना॥
धरती ने ओढ़ी चुनरिया………….

नीन्दों में आने लगा।
यादों में भाने लगा॥
आँखों में बसने लगा।
दिल को कहने लगा॥
बातें प्यार की दिवाना।
अब मुझसे करने लगा॥
धरती ने ओढ़ी चुनरिया………….

मुझको पिलाने आ जा।
प्रेम-रस तू दिवाना॥
जगे दिवानी, रातें सारी।
हरपल तुमको, बुलाती वो॥
दिल में छुपी बातें।
कहने लगी आँखें॥

जी मेरा करने लगा।
तुमको ही चाहने लगा॥
धरती ने ओढ़ी चुनरिया………….

श्वाँसें चलने लगी रे।
संगीत का सरगम जैसे॥
अब बरसे नैनां उसके।
बादल-सा प्यार बनके॥
कहने लगी दिवाना।
सारे जहाँ को अपना॥
अब प्यार उसका।
छूने लगा आसमां॥
धरती ने ओढ़ी चुनरिया………….’

मैं जलकर प्यार में।
बन गयी धरती रे॥
आ जा, साजन आ जा।
प्रेम-बादल बनके आजा॥
अब लगने लगा, मुझको तू निराला।
धरती ने ओढ़ी चुनरिया………….

- रतन लाल जाट

6.गीत-“वो आलम था"
वो आलम था अपना,
जब साजन को पास पाया।
वो मौसम था प्यारा,
सारा जहाँ भी मचलता था॥

पीछे अपने ठनकती,
पिया नजर आ जाती।
प्यार में वो मुस्कुराती,
अपने दिल को कुछ बताती॥

तू मुझको भाया,
मैं तेरी हूँ सजना।
खुशी रहती कदमों में,
हम दोनों लुटाते जहाँ॥

दिल की कलियाँ खिली थी,
मकरन्द-सी पिया रहती।
मह-मह करता है यह दिल।
झीनी-झीनी खुशबू है वो चमन॥

चाहत थी पूरी होना शेष वो।
कुछ ना अधूरा, सब प्यारा है वो॥
एक तरफ थी हरियाली,
दिल में भी खूमार दिवानगी का॥

- रतन लाल जाट

7.गीत-“मोर बोले, कोयल कूके”
मोर बोले, कोयल कूके।
बादल गरजे, बिजली चमके॥
पानी बरसे, जीया तरसे।
पिया बिन, मन नहीं लागे॥
दिल धड़के रे, आग भी जले।

लेकिन कब साजन आये?
और कब हम मिले?
मौसम है खुशनुमा,
बहारें हैं यहाँ।
चारों ओर प्यारा,
लग रहा है नजारा॥
लेकिन अकेले करूँ क्या मैं?
नहीं पास अपने सपनों का राजा है॥

पिय बिन सारी खुशियाँ,
बन गयी हैं बेचैनियाँ।
उसको भी ऐसा ही लगता,
दिलबर का दिल भी तड़पता॥
मगर वो करे क्या?
मजबूरी है।
दर्द प्यार का,
अब सहना है॥
चाहे सबकुछ हो,
मगर अलग हैं दिवाने।
तो समझो कि-
स्वर्ग भी दुखद लगे रे॥
मोर बोले, कोयल कूके

- रतन लाल जाट

8.गीत-“जीवन के सुन्दर उपवन में”
जीवन के सुन्दर उपवन में।
मन मेरा पपीहा-पपीहा है॥
धीरे-धीरे चहकता।
वो राम-नाम भजता॥
आती हवा के संग जो,
रहता है बेचैन चलता को।

न जाने कब आये?
सन्देश मिलने का।
कौन रोक सकता है?
जाने को मुझे वहाँ॥

जब चाहूँ, तब आऊँ,
जो कहूँ मैं, वो सुन ले।
दिल के अरमान को,
बिन किसी आवाज के॥

यहाँ तो बस इतना ही,
चलता है वश अपना।
जैसे हम हैं, चीज ऐसी,
तेरे हाथों बनी, मेरे रब्बा!
जैसे खिलते फूल की खुशबू,
आज उड़ गयी रे।
सरोवर का पानी,
सूरज सोंख गया रे॥
निशा के हाथों,
उजाला गायब हो चला।
बहते झरने को,
सागर ने बुला लिया॥

- रतन लाल जाट

9.गीत-“ऊपर देखूँ मैं’
ऊपर देखूँ मैं, बादल क्यों ना बरसते हैं?
पिय बिन अब उनको भी, अच्छा ना लगता है॥

तभी तो वो मेरे सिर के ऊपर,
मँडराने लगे हैं काले-काले।
जैसे नाग उड़-उड़कर,
मुझे काटने को आये हैं॥

अरे! काले-काले बादल,
छेड़ते हो तुम मुझको पिया के संग।
जो आते हो पास छिपकर,
धीरे-से मुझको भाग जाते हैं रूलाकर॥

मैं नित रोती हूँ, तुम मुझपे हँसते हो।
तब यह क्या बात दिल को कहते हो?
जो बहती अश्रुधारा में भी बहा नहीं करता है।
पत्थर में भी पानी है, लेकिन दिल तेरा इससे भी भारी है॥

यदि पिय के संग कोई पिय मिल जाये।
तो उस पिया का दिल कितना घबराये?
वो तन-मन से पागल हो,
कैसे समझाये अपने दिल को।

हरदम रोना, उसको बुलाना।
दिल को लग जाता, ऐसा कोई रोग बुरा॥

दिल यादों में तड़पता है,
वो खो गया ख्वाबों में।
इतना ही उसके वश में है,
जो संग साथ निभाता है॥

फिर तू क्यों रोये? हँसने पर पिय आयें।
फिर भी तुम कहती हो कि- ऊपर देखूँ मैं॥

ऊपर देखूँ मैं, बादल क्यों ना बरसते हैं?
पिय बिन अब उनको भी, अच्छा ना लगता है॥

- रतन लाल जाट

10.गीत-“आने वाला पल है।”
आने वाला पल है।
मस्ती से तू झूमे॥
एकपल ऐसा भी,
आयेगा वो कभी।
जहाँ सदा ही,
आग है जलती॥

इसके रंग में तू रंग जाना।
लेकिन जीवन की तस्वीर ना भूलना॥
आने वाला पल है।
मस्ती से तू झूमे॥

कोई पल ले जाते हैं,
उड़ान अपनी अम्बर में।
कुछ पल ऐसे आते हैं गिराने,
कि- धरती भी ना बचा पाती है॥
आने वाला पल है।
मस्ती से तू झूमे॥

किसी के सहारे,
अपने पैर ना फैलाना।
कहानी नित बदलती है,
मस्ती को हराम बनाके जाना॥
आने वाला पल है।
मस्ती से तू झूमे॥

एक पल भी ना बेमतलब है।
पल मिलकर ही जीवन अपना सँवारे॥
किसी पल हम ऊपर, तो कभी नीचे रे।
आने वाला पल है। मस्ती से तू झूमे॥

- रतन लाल जाट

कवि-परिचय 
रतन लाल जाट S/O रामेश्वर लाल जाट
जन्म दिनांक- 10-07-1989
गाँव- लाखों का खेड़ा, पोस्ट- भट्टों का बामनिया
तहसील- कपासन, जिला- चित्तौड़गढ़ (राज.)
पदनाम- व्याख्याता (हिंदी)
कार्यालय- रा. उ. मा. वि. डिण्डोली
प्रकाशन- मंडाण, शिविरा और रचनाकार आदि में
शिक्षा- बी. ए., बी. एड. और एम. ए. (हिंदी) के साथ नेट-स्लेट (हिंदी)

ईमेल- ratanlaljathindi3@gmail.com

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: कब आओगे तुम? - रतन लाल जाट की कविताएँ
कब आओगे तुम? - रतन लाल जाट की कविताएँ
https://2.bp.blogspot.com/-mvhVupJMxMM/XQnmR673atI/AAAAAAABPS0/cYT-h4a0Cdw-zMq-0ER3ys3cgzbmhSycwCK4BGAYYCw/s320/IMG_0054-760547.jpg
https://2.bp.blogspot.com/-mvhVupJMxMM/XQnmR673atI/AAAAAAABPS0/cYT-h4a0Cdw-zMq-0ER3ys3cgzbmhSycwCK4BGAYYCw/s72-c/IMG_0054-760547.jpg
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2019/07/blog-post_33.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2019/07/blog-post_33.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content