सब का दाता है भगवान - कहानियाँ - राजेश माहेश्वरी

SHARE:

- राजेश माहेश्वरी परिचय राजेश माहेश्वरी का जन्म मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में 31 जुलाई 1954 को हुआ था। उनके द्वारा लिखित क्षितिज, जीवन कैसा ह...

- राजेश माहेश्वरी

परिचय

राजेश माहेश्वरी का जन्म मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में 31 जुलाई 1954 को हुआ था। उनके द्वारा लिखित क्षितिज, जीवन कैसा हो व मंथन कविता संग्रह, रात के ग्यारह बजे एवं रात ग्यारह बजे के बाद ( उपन्यास ), परिवर्तन, वे बहत्तर घंटे, हम कैसे आगे बढ़ें एवं प्रेरणा पथ कहानी संग्रह तथा पथ उद्योग से संबंधित विषयों पर किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।

वे परफेक्ट उद्योग समूह, साऊथ एवेन्यु मॉल एवं मल्टीप्लेक्स, सेठ मन्नूलाल जगन्नाथ दास चेरिटिबल हास्पिटल ट्रस्ट में डायरेक्टर हैं। आप जबलपुर चेम्बर ऑफ कामर्स एवं इंडस्ट्रीस् के पूर्व चेयरमेन एवं एलायंस क्लब इंटरनेशनल के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक के पद पर भी रहे हैं।
आपने अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी, फ्रांस, इंग्लैंड, सिंगापुर, बेल्जियम, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग आदि सहित विभिन्न देशों की यात्राएँ की हैं। वर्तमान में आपका पता 106 नयागांव हाऊसिंग सोसायटी, रामपुर, जबलपुर (म.प्र) है।

अनुभूति

जबलपुर शहर के समीप पनेहरा गांव में दो मालगुजार हिम्मत सिंह और अवतार रहते थे। उन दोनों का स्वभाव बिल्कुल विपरीत था। हिम्मत सिंह सीधा सादा, मिलनसार एवं धर्मपूर्वक जीवन व्यतीत करने में विश्वास रखता था, जबकि अवतार सिंह अपनी अहंकार प्रदर्शन एवं विलासितापूर्ण जीवन में व्यस्त रहता था। वह मन ही मन हिम्मत सिंह की प्रसिद्धि एवं उसके मान सम्मान से जलता था और अप्रिय स्थिति निर्मित करने के लिए कभी कभी उसके खेत में मवेशियों को चराने के लिए भेज देता था। हिम्मत सिंह इन परिस्थितियों में भी संयम बरतते हुए चुपचाप अपना नुकसान सह लेता था। वह किसी प्रकार के अप्रिय विवाद में नहीं उलझना चाहता था।

एक दिन वर्षा ऋतु में तेज बारिश हो रही थी। अवतार सिंह को किसी जरूरी काम से शहर जाना था और वह तेजी से अपनी मोटर साइकिल चलाता हुआ जा रहा था। गांव के समीप ही एक रपटा था जिस पर पानी चढ़ने के बाद उतर चुका था परंतु पानी में काई के कारण वह अत्यंत फिसलन भरा हो गया था। अवतार सिंह ने इस बात पर ध्यान नही दिया और तेज रफ्तार के कारण रपटे पर उसकी मोटरसाइकिल बहक गई जिसे वह संभाल नहीं पाया और गिरकर बमुश्किल रपटे के किनारे लगी रेलिंग को पकड़कर नदी में गिरने से अपने को बचा रहा था। उसे अपनी मृत्यु साक्षात दिख रही थी तभी उसने देखा कि हिम्मत सिंह भी मोटरसाइकिल पर उस ओर आ रहा था। हिम्मत सिंह ने जब अवतार सिंह को रेलिंग पकडे संघर्ष करते हुए देखा तो उसने अपनी मोटरसाइकिल को रोका और उतरकर बडी कठिनाई से किसी प्रकार खींच कर बाहर सुरक्षित निकाल लिया। अवतार सिंह मोटरसाइकिल से गिरने के कारण बुरी तरह से घायल हो चुका था। हिम्मत सिंह उसे तुरंत नजदीकी चिकित्सा केंद्र में जाकर भर्ती कराया और उसके परिवार को इसकी सूचना दी।

अब अवतार सिंह चार पाँच दिन के बाद जब अस्पताल से जब गांव वापिस आया तो सबसे पहले हिम्मत सिंह के घर जाकर उसने उसके इस उपकार के लिये उसे धन्यवाद देते हुए उसके पैर पकड लिए। हिम्मत सिंह ने उसे तुरंत उठाकर कहा कि मैंने कोई उपकार नही किया। यह तो मेरा कर्तव्य था और मुझे इस बात की खुशी है कि मैं ऐसी विकट परिस्थितियों में किसी के काम आ सका। अवतार सिंह का हृदय हिम्मत सिंह के प्रति बदल चुका था और उसने अपनी पुरानी गलतियों की माफी माँगते हुए उसके प्रति बहुत आदर व सम्मान गांव वालों के सम्मुख प्रकट किया। अब वे देानों अच्छे मित्र हो गये थे। इसलिये कहा जाता है कि बुराई को भलाई से खत्म किया जा सकता है। बुराई से बुराई का जवाब देने से वैमनस्यता बढ़ जाती है।

एक दिन अवतार सिंह ने हिम्मत सिंह को कहा कि मैंने मृत्यु को साक्षात उस दिन देखा था। एक दिन हम दोनों इस दुनिया से चले जायेंगे और हमें कोई भी कुछ दिनों के बाद याद नहीं रखेगा। हम दोनों के ही पास अपार धन संपदा है। यदि हम इसका कुछ भाग अपने गांव के निवासियों की तरक्की व उत्थान के लिये खर्च करे तो हमारे इन कर्मों को सदैव याद रखा जाएगा। हिम्मत सिंह ने अवतार सिंह की विचारधारा से प्रभावित होते हुए अपनी सहमति दे दी एवं उससे कार्ययोजना के बारे में भी पूछा। अब अवतार सिंह ने उत्साहित होकर बताया कि हम गांव में उन्नत कृषि के लिए शासकीय अधिकारियों को लाकर उनके विचारों एवं योजनाओं को क्रियान्वित करके छोटे किसानों का मुनाफा बढा सकते हैं। अब इन दोनों ने शासकीय सहायता एवं स्वयं के धन का दान करते हुए गांव में हाई स्कूल, सड़कें, शौचालय, सामुदायिक भवन आदि बनवाकर प्रतिदिन शाम को गांव की चौपाल की व्यवस्था करवाई जिसमें किसी भी प्रकार के विवादों का निराकरण एवं गांव की प्रगति के लिए दिये गये सुझावों पर विचार विमर्श किया जाता था। इन सब के होने से गांव का नक्शा ही बदल गया और वह गांव एक आदर्श गांव के रूप में प्रसिद्धि पाकर दूसरे गांवों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गया।

सब का दाता है भगवान

जबलपुर शहर में एक धनाढ्य व्यापारी पोपटमल रहता था। वह कर्म प्रधान व्यक्तित्व का धनी था और गरीबों को दान धर्म, जरूरतमंदों को आर्थिक सहयोग, बच्चों को शिक्षा प्रदान करने हेतु उनकी फीस, किताबें इत्यादि के लिए आर्थिक मदद देता रहता था। उसके घर पर प्रतिदिन दोपहर के समय दो भिखारी भीख माँगने आते थे। जिन्हें उसके द्वारा प्रतिदिन भोजन प्रदान किया जाता था। उसमें से एक भिखारी भगवान के प्रति आभार व्यक्त करता और दूसरा भिखारी उस व्यापारी का गुणगान करता हुआ चला जाता था।

पोपटमल को ईश्वर के ऊपर कोई विश्वास नहीं था और वह मंदिर जाकर पूजा पाठ या भक्ति सेवा में किसी प्रकार का विश्वास नहीं रखता था। इस प्रकार कई वर्ष व्यतीत हो गये। एक दिन उसने सोचा कि जो भिखारी उसका गुणगान करता है। उसे आर्थिक समस्याओं से निजात दिलाने के लिए कुछ करना चाहिए। यह सोचकर वह अपनी महँगी अँगूठी उसे भीख में दे देता है और कहता है कि इसकी बिक्री से तुम्हें इतना धन मिल जाएगा कि तुम अपना बाकी का जीवन बिना भीख माँगे काट सको। वह भिखारी उस अँगूठी को लेकर एक सुनार के पास जाता है। वह उसका आकलन करता है और असली होने पर भी उसे नकली बताकर कहता है कि इसकी कीमत पाँच सौ रूपये से ज्यादा नहीं है।

यह सुनकर भिखारी अवाक् रह जाता है तभी उसे दूसरा भिखारी जो व्यापारी के यहाँ प्रतिदिन आता था, उसके निकट आता दिखाई देता है। वह गुस्से और क्षोभ से वह अँगूठी सुनार से लेकर उस भिखारी को दे देता है और खुद पैर पटकता हुआ व्यापारी को मन ही मन में कोसता हुआ वहाँ से चला जाता है। वह सुनार अब दूसरे भिखारी जिसके पास अँगूठी रहती है उसको पाँच सौ रूपये देकर अँगूठी देने का निवेदन करता है। उसकी बात सुनकर भिखारी का माथा ठनकता है और वह उसे अँगूठी ना देकर गहनों की एक दूसरी दुकान में जाकर अँगूठी का मूल्यांकन करवाता है। यह जानकर वह भौचक्का रह जाता है कि उसका मूल्य दस लाख से ऊपर है।

दूसरे दिन वह अपने नियत समय पर पोपटमल के यहाँ भीख माँगने जाता है और उन्हें अँगूठी दिखाकर कहता है कि सबका दाता है भगवान और उसे वापस पोपटमल को देते हुए कहता है कि देखिए यह आपने दी किसी और को थी परंतु भगवान की कृपा से यह मेरे पास आ गयी। मेरा कहना सच है ना कि सबका दाता है भगवान। पोपटमल यह सुनकर हतप्रभ होकर चिंतन करने लगता है कि यह भिखारी होने के बाद भी मन से कितना ईमानदार है कि अँगूठी वापस करने आ गया। इसकी भक्ति और साधना में कितना समर्पण है और ईश्वर के प्रति कितना विश्वास है। यह सच प्रतीत होता है कि सबका दाता भगवान ही होता है।

इस घटना का पोपटमल के मन और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है और वह नास्तिक से आस्तिक हो जाता है। वह उस भिखारी को कहता है कि इस अँगूठी पर मेरा कोई अधिकार नहीं है। वह भिखारी उनसे अनुरोध करता है कि इसको बेचकर प्राप्त होने वाली धनराशि का सदुपयोग करना चाहिए। पोपटमल उस अँगूठी को बेचकर नर्मदा किनारे एक आश्रम का निर्माण करा देता है जिसमें नर्मदा परिक्रमा करने वालों के लिए विश्राम एवं भोजन की निःशुल्क व्यवस्था होती है और वह उस भिखारी के मार्गदर्शन में उस आश्रम को सौंप देता है।

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: सब का दाता है भगवान - कहानियाँ - राजेश माहेश्वरी
सब का दाता है भगवान - कहानियाँ - राजेश माहेश्वरी
https://lh3.googleusercontent.com/-NEOp7IKnBn4/W3u4u7ufVFI/AAAAAAABD80/tiK4qTgohiI7JthgvFDnEAT2iQkwvXxaACHMYCw/image_thumb%255B3%255D?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-NEOp7IKnBn4/W3u4u7ufVFI/AAAAAAABD80/tiK4qTgohiI7JthgvFDnEAT2iQkwvXxaACHMYCw/s72-c/image_thumb%255B3%255D?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2019/10/blog-post_2.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2019/10/blog-post_2.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content