पत्नियों के पति को दिए जाने वाले उलाहनों की सम्यक सूची - यूनुस खान

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(यह - फ़ेसबुक पर वायरल हो रहे  एक बेहद धीर-गंभीर पोस्ट-व-टिप्पणियों का धन्यवाद व आभार सहित, सार्वजनिक हिताय रीपोस्ट है. चूंकि चर्चा यूनुस ख़...

(यह - फ़ेसबुक पर वायरल हो रहे  एक बेहद धीर-गंभीर पोस्ट-व-टिप्पणियों का धन्यवाद व आभार सहित, सार्वजनिक हिताय रीपोस्ट है. चूंकि चर्चा यूनुस ख़ान ने प्रारंभ की है, अतः क्रेडिट उन्हें ही दिया जा रहा है)


Yunus Khan


पत्नियों के पति को दिए जाने वाले उलाहनों की सूची।

. Sagar Nahar: शुक्र मानो मुझी से शादी हुई है।

· Lakshmi Sharma मैं नहीं मिलती तो कुँवारे रह जाते

· Anulata Raj Nair यार बाथरूम में वाइपर तक नहीं मार सकते ?? हें ??

Yunus Khan Anulata Raj Nair यार गीला तौलिया तो नसीर और जावेद साब तक भूल जाते हैं।


· Yunus Khan तुम जैसे भुलक्कड़ से भला कौन निभाता

· Anulata Raj Nair कसम ख़ुदा की, कोई और होती तो कबकी भाग गई होती

·


Yunus Khan शुक्र मनाओ टिंडे बने हैं। लौकी/घीया भी बन सकता था


·

· Poonam Lagah पंजाबी में एक गीत है
मैओ तेरे नाल कट्टीयां वे हर कोई कट्टे वी न
यानी तुमसे मैं ही निभा गई
...और देखें

· Vinoy Sinha भगवान् ऐसा निकम्मा पति मेरी सौत को भी न दे!

· Neelima Chauhan मइके चली जाउंगी तुम देखते रहियो

Lakshmi Sharma Neelima Chauhan अब ये कोई न कहती

Neelima Chauhan मैं बोलती हूं मैं मइके नहीं जाउंगी तुम देखते रहियो


Yunus Khan Neelima Chauhan चलो सुनो क्या लिखा है मैंने

· अजित सिंह तोमर मेरे बापू ने भी क्या सोचकर लड़का पसंद किया था

· Lakshmi Sharma तुम्हारी माँ ने तुम्हें बरबाद कर के मेरे मत्थे मढ दिया

Sudipti Lakshmi Sharma हम ये सासू को सुनाते हैं। बड़ी गर्व से बिगाड़ी हैं। सारी दुश्मनी हमसे निकालनी थी


· Ashutosh M M और बिगाड़ो छोरे/छोरी को !

Vinoy Sinha पता नहीं मेरी सास को मुझसे क्या दुश्मनी थी कि ऐसा बेटा पैदा किया!

· Satya Vyas मैं तुम्हें दस साल में नहीं सुधार सकी।

Yunus Khan Satya Vyas जाने क्या क्या कूड़ा बटोर लाते हो

Yunus Khan धनिया मंगाया था पालक ले आये हो

Satya Vyas बैंगन में कीड़ा है, देख के नही ले सकते।

Yunus Khan Satya Vyas सारे आलू अंदर से सड़े निकले। मैं लाती हूँ तब तो ना निकलते

Satya Vyas कमरे से निकलते हुए पंखा, न बेटा बन्द करता है न बाप!

Sagar Nahar यह नारियल अंदर से खराब निकला , देख कर नहीं ला सकते थे?

Yunus Khan अभी तक एक अच्छी साड़ी खरीदना नहीं आया तुमको

Yunus Khan इसको बदल भी नही सकते। पता नही अब कब उस शहर जाओगे

Satya Vyas नमक ज्यादा है? 'उसी' से बनवाना अब!

·

· Pragya Rohini खाओगे यहां की, गाओगे वहां की


Lakshmi Sharma Pragya Rohini नहीं खाओगे मेरी गाओगे माँ की


Yunus Khan Pragya Rohini कभी एक को चाय बनाकर तो पिलाते नहीं।

Lakshmi Sharma Pragya Rohini तुम को गिलास भी उठाना नहीं सिखाया, भुगतना तो मुझे पड़ता।

Pragya Rohini तुम्हारे हाथ की चाय
हाय! पी होती तो कयामत होती

Lakshmi Sharma मुझे तो ये टीवी खा गया, इसी से ब्याह क्यों नहीं किया

Yunus Khan Pragya Rohini अब ठीक से बैठो। चाय का कप ढुलका दोगे तो पोंछा कौन मारेगा

Yunus Khan Lakshmi Sharma सारा दिन कम्प्यूटर।

Pragya Rohini Lakshmi Sharma दीदी ये अखबार मेरी सौत है
इसीसे शादी कर लेते

Lakshmi Sharma एक आदमी तो दिन भर चाय उकालते रहो इनके लिए।

Yunus Khan Pragya Rohini कम से कम अखबार पढ़के ठीक से तह तो कर दिया करो

Pragya Rohini Yunus Khan जरा शऊर नहीं

Yunus Khan Pragya Rohini मेरा मोबाइल रीचार्ज कर दो। दो दिन से कह रही हूँ।

Pragya Rohini Yunus Khan कभी सुनी है जो आज सुन लोगे

Yunus Khan Pragya Rohini tv की आवाज़ तो धीमी करो। कब से पुकार रही हूँ

Pragya Rohini Yunus Khan मेरा तो जीना ही बेकार है जब नहीं रहूंगी तब पता चलेगा

Yunus Khan Pragya Rohini कहकर गयी थी दूध वाली गैस मिनट में धीमी कर देना। सारा बह गया। अब देख क्या रहे हो, जाओ दूध लाओ

Pragya Rohini Yunus Khan इससे भी बुरा
क्या हमेशा की तरह कल रात भी दूध गाड़ी में फटने को छोड़ दिया

Yunus Khan Pragya Rohini कहकर गयी थी कचरे का डिब्बा बाहर रखके जाना। बदबू फैली है अब

Pragya Rohini Yunus Khan सब काम मैं ही करती हूँ।

Lakshmi Sharma इस आदमी को खाने के भी तमीज नहीं, एक भैंस के बाँट जित्ता तो फैला देता।

Yunus Khan Pragya Rohini बाप बेटे ने तो नाक में दम कर रखी है मेरी। ये मुझ पर जाता तो भला होता। ये भी बाप की तरह भुलक्कड़ लापरवाह

Pragya Rohini लब्बोलुआब
आदमी न होता तो हमारे शब्द की आंच, भाप ताप ज्वाला कौन सहता

Yunus Khan Lakshmi Sharma देखो कितना गिराया है। अभी तक ठीक से खाना नहीं आया। अरे चम्मच तो ठीक से पकड़ो


Yunus Khan Pragya Rohini फिर चाभी गुमा दी। कहां ध्यान रहता है

Lakshmi Sharma Yunus Khan पूछने की का जरूरत आय, हम जानतीं

Yunus Khan ठीक से गाड़ी चलाओ, देखो सामने टेम्पो है

Manju Sharma Mahapatra देखो ...मेरी कार मत छूना ।
अपनी कार तो एरोप्लेन जैसे उड़ाते हो और सब तरफ से ठोक चुके हो... प्लीज मेरी कार मत छूना ।
मैं अपने आप गैरेज में रख भी लूँगी और निकाल भी लूँगी ...हाँ नईं तो.....

Manju Sharma Mahapatra हैलो... ...हैलो..... सुनो जल्दी घर आओ ।मेरी कार की चाबी मुझे देके जाओ।
तुमको कौन बोला था एक जैसे चाबी के गुच्छे लाने को..
अपनी कार की चाबी समझकर मेरी कार की चाबी भी ले जाते हो मेरी क्लास का टाइम हो गया है...
जल्दी आओ....

·

· Vivek Rastogi किस्मत ही फूटी थी जो तुम मिले

Yunus Khan Vivek Rastogi दिन भर शेयर मार्केट। सौत है ये मेरी

Yunus Khan दिन भर ब्लॉग ब्लॉग बन्द करो इसे।

Vivek Rastogi अच्छा है मुझसे शादी हुई और शुक्र मानो तुम प्रॉफिट में हो, बस बुक नहीं कर सकते, मैं लॉन्ग टर्म अच्छी इन्वेस्टमेंट हूँ

· Yunus Khan जब tv देखने चलो तो रिमोट नही मिलता इस घर मे

· Sagar Nahar .
पढ़नी नहीं है तो यह किताबें खरीदते क्यों हो?
अगर पढ़ो तो...और देखें

Yunus Khan Sagar Nahar सुनो, कूकर वाली गैस बुझा दो जल्दी से। दूसरी ना बुझाना। कोई भरोसा नहीं तुम्हारा

· Vandana Chouhan वो तो ख़ैर मनाओ की मैं हु तुम्हारे साथ जो निभा रही वरना तो घर गृहस्थी की लुटिया डूबना ही थी

· Naiyar Imam Siddiqui एक से एक रिश्ते आए थे मेरे लिए पर मेरे घर वालों की तो मत मारी गई थी जो मुझे तुम्हारे पल्ले बाँध दिया।

· Prakash Ingole जल्दी के चक्कर में तुम जैसे भुलक्कड़ मिला है

· Anju Sharma तुमसे तो अच्छा किसी किताब से शादी कर लेती


Yunus Khan Anju Sharma देखो एक भी तस्वीर ठीक ना खींची मेरी। जानबूझकर ऐसा करते हो

Anju Sharma Yunus Khan क्यों हम भी पति वाले हैं पता चले

Anju Sharma इस आदमी से बस अपनी सेल्फियाँ खिचवालो। ये ख्याल नहीं कि बीवी ने कल से एक ही प्रोफाईल पिक लगाई है


Anju Sharma शुक्र करो बच्चे मुझ पर गए हैं जो कहीं इन पर चले गए होते तो फोन से खींचकर निकालने में उम्र बीत जाती। लो फिर घुस गए फोन में

·

Lakshmi Sharma Anju Sharma जैसे तुम ढीठ, वैसी तुम्हारी औलादें


· Manisha Kulshreshtha आजकल किस कमीनी के चक्कर में हो जो मैं तो दिखती ही नहीं

Anju Sharma Manisha Kulshreshtha अच्छा बताओ पिछले मंगल को कौन सी साड़ी पहनी थी मैंने। नहीं याद न। जाने किस नासपीटी की साड़ी देखते रहते हैं मेरा तो ध्यान नहीं

Yunus Khan Anju Sharma फिर ब्लू ले आये। कितने ब्लू ड्रेस हैं मेरे पास।

Anju Sharma Yunus Khan अरे मेरा वाला ब्लू ही ले आते। एक तो उम्र बीत गई इस आदमी को फैशन सेंस कब आएगी राम जाने।

Yunus Khan Anju Sharma ये क्या पहन लिया। मेरे साथ जाओगे तो खराब कपड़े निकाल लेते हो जाने कहाँ से

Lakshmi Sharma Manisha Kulshreshtha उसी चुड़ैल के पास जाके रहो न, मेरे प्राण छोड़ो

Manisha Kulshreshtha Yunus Khan ये तो मेरा वाला... डायलॉग, अपनी पार्टी में सारी न्यू शर्ट निकालोगे। मेरे साहित्य के कार्यक्रम हों तो बाबा आदम याद आएंगे

·

· Ashutosh M M ये इत्ती इत्ती देर फ़ोन पर किससे बातें करते हो ! त्योहार सिर पे और ये फ़ोन पर लगे पड़े हैं.

· Sagar Nahar फलानी फेसबुक फ्रेंड का फोन आता है तब तो बड़ा हँस-हँस कर बातें करते हो!

· Ashutosh M M अभी फोन में मूंडा घुसा के बैठे थे और टांड पे चढके सामान जमाने का बोला तो कमर दुखने लग गई !

Yunus Khan Ashutosh M M ज़रा ये साड़ी प्रेस कर दो। जल्दी करना। देर हो रही है। ठीक से करना सिलवट ना रह जाये

Anju Sharma Ashutosh M M अभी फोन आए इनकी मंडली का, लपक जाएंगे तब इनके सारे दर्द ठीक हो जाएंगे।

Yunus Khan Anju Sharma एक दिन बाई नहीं आयी तो क्या झाड़ू नहीं लगा सकते।

Manisha Kulshreshtha Ashutosh M M दिल के गुबार कहीं तो निकलें....

· Manisha Kulshreshtha शक्की बीवी का टिपिकल पति - हां मेरे लिए तो सुंदरियां ऑफिस में भी पलक बिछाए लाइन से बैठी रहती हैं न !!

· Ashutosh M M घर तो मेरा अकेली का ही है ना ! मैं ही मरुँ हर जगह.

Yunus Khan Ashutosh M M देखना एक दिन तुम एनीवर्सरी भी भूल जाओगे

Anju Sharma Ashutosh M M मैं ही मरूँ मैं ही करूँ

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· Vijender Masijeevi अच्छा मेरी ... बात पसन्द नहीं, तो फिर किसकी पसंद है?

· Sagar Nahar एक फॉल प्रेस करने को बोला था, वह भी ढंग से नहीं हुई! सारी किनारी मोड़ दी।

Yunus Khan Sagar Nahar हाँ हाँ, मेरी शॉपिंग में ही टाइम लगता है। कभी देखा है खुद कितनी देर लगाते हो

· सोनी पाण्डेय मेरी जगह कोई और मिली होती तो समझ में आता कि कौन धान का होरहा होता.है


Sudipti Yunus Khan कोई और मिलती न तो पता चलता और फुटानी निकालती तुम्हारी

Yunus Khan Sudipti हमें पता ना था ऎसे रंग बदलोगे। पहले तो बड़ा ख्याल रखते थे

· Prashant Priyadarshi तुम तो मुझे ठग कर शादी कर लिए, नहीं तो क्यों शादी करती तुमसे?

· Ashutosh M M एक लिस्ट बना के रख दो कि कौन सी सब्जी बनानी है वरना जो घर में होगी वो खा लो चुपचाप.


· Manisha Kulshreshtha उस तरफ क्या देख रहे थे? हं??


Lakshmi Sharma Manisha Kulshreshtha तुम्हारी बहन थी क्या जो आँख गड़ा रखी

· Prakash Ingole घर मे एक काम ठिक से कर नहीं सकते, पता नही ऑफिस में कैसे करते होंगे। धन्य ऑफिस वालो को, आपको जो झेलते है।

· Yunus Khan दिन भर मेहदी हसन और जगजीत सुनोगे क्या, चलो मेरे वाले गाने लगाओ

·

· Lakshmi Sharma ऐसे छुट्टे घूमते हो जैसे ये औलादें मैं अपने बाप के घर से लाई थी।

Yunus Khan Lakshmi Sharma गर्मी की छुट्टियां आ रही हैं। टिकट बुक कर दो मेरा। तंग आ गयी मैं तो

· Ashutosh M M तू जाने और तेरे पापा ! मैं बीच में क्यों पड़ूँ ! बाद में मेरको मत बोलना.

Yunus Khan Ashutosh M M बड़ी मुश्किल से समय मिला, अखबार पढ़ने का। आधे घण्टे बात समझ आया, ये कल का था। अरे आज का अखबार है कहाँ

Lakshmi Sharma Ashutosh M M मेरे बाप ने मुझे धक्का दे के कुएँ में पटक दिया

Lakshmi Sharma Yunus Khan हज़ार बार कहा चश्मा बदलवालो, आंधे से घूमते हो।

· Yunus Khan ये वर्ग पहेली तुमने क्यों भर दी। रुक नही सकते थे


· Manisha Kulshreshtha किसका फोन था? अब तक हंस कर बात कर रहे थे । मेरे आते ही सीरियस?

· Ashutosh M M ये कित्ता ले आए ! पाव भर बोला था. अब इत्ते का क्या अचार डालूँ ?

· Yunus Khan इससे अच्छा खाना तो मेरे पापा बनाते थे

· अनूप शुक्ल हमारा मुंह न खुलवाओ :)

Yunus Khan अनूप शुक्ल तुमसे ना बस व्यंग्य लिखवा लो। मज़ाक बना रखा है मेरा।

Yunus Khan बड़े आये हैं कट्टा कानपुरी। चलो अब छानो पूरी


· Kush Vaishnav मेरे आते ही फोन क्यो रख दिया?

· Sudipti अगले जनम में तुम बीवी बनना तब पता चलेगा

· Manisha Kulshreshtha बड़े सीरियस होकर ये फिल्म देख रहे....कोई पुरानी याद आ गई क्या?

· Manisha Kulshreshtha तुम न सब्जी वाली से तो मोल भाव करोगे लेकिन मॉल की इन मुई सेल्स गर्लों को तुरंत पैक करने को बोलोगे। दिक्कत क्या है तुम्हारी?

Sagar Nahar तुम से तो कुछ खरीदने को कहना झंझट है। सब्जी वाली ने जो कहा उस भाव से ले आए!
भाव कम करने को क्यों नहीं कहा?



Sagar Nahar हमारे यहाँ उल्टा है, तुम्हें कुछ भी पसन्द करना नहीं आता!
बस यही एक आरोप है जिसे हम राजी खुशी स्वीकार कर लेते हैं।


· Sudipti अभी तक तो हँस हँस के बतिया रहे थे
मुझी से बात करने को बात नहीं।

· Vinod Sharma हम भी कम नहीं हैं---मौका मिले तो कह दिया करते हैं--
" गुल हो चुका है हुक्का तेरे हुस्न का--- अरे ,वो तो हम ही हैं, जो गुडगुडाए जाते हैं" !

·

· Vinod Sharma

· Lakshmi Sharma अब फूटो भी, मुँह में मूली उग गई क्या।

Yunus Khan Lakshmi Sharma ये बाल रीछ जैसे क्यों करवा रखे हैं

Lakshmi Sharma Yunus Khan दाढ़ी क्यों बढा रखी, क्या बाबाजी बन के धूनी रमाने का इरादा है।

· Ashutosh M M लड़की होते और दूसरे के घर जाते तो चार बार तलाक हो जाता तुम्हारा !

·

Yunus Khan Ashutosh M M बड़ा आया जबलपुर, इलाहाबाद से अच्छा कोई शहर नहीं है दुनिया मे


· Yunus Khan एक तो तुमको आटा तक गूंथना नही आता

Lakshmi Sharma Yunus Khan मुझे बुखार क्या आ गया मेरे बच्चों को भूखा मार डाला

· Manisha Kulshreshtha मशीन से निकाल कर कपड़े सुखाने में नाक कट जाएगी?

Yunus Khan Manisha Kulshreshtha जेब मे फिर सिक्के छोड़ दिये। किसी दिन खराब करोगे मशीन


Yunus Khan Sagar Nahar सुधर जाओ

· Manisha Kulshreshtha रहने दो अब काम पड़ा तो लाड़ लड़ा रहे हो, सुबह से टीवी में घुसे थे।

· Ashutosh M M तुम्हारे हाथ जोड़ूँ, तुम तो जाओ यहाँ से ! एक काम ठीक से नहीं होता.


· Yunus Khan ये तो छिलके वाली मूंग की दाल है। मैंने धुली मूंग मंगवाई थी

· Yunus Khan सुनो, सब्ज़ी में नमक ठीक है? ओफ्फो तुमसे तो पूछना ही बेकार है

· Manisha Kulshreshtha टाइम से पार्टी में पहुंचना है तो पहले मेरी पटलियां ठीक करो।

Yunus Khan Manisha Kulshreshtha ये नहीं है, ये वाली है। ठीक से बनाओ। ओफ्फो इतना भी नही आता

Kanchan Singh Chouhan Manisha Kulshreshtha अरे यार इतनी भीड़ में कोई नहीं देख रहा कि तुम्हारी साड़ी कैसी थी या इयररिंग कैसा था लेकिन इस चक्कर में तुम हमेशा बजे की पार्टी में बजे पहुँचाती हो

Sagar Nahar पटलियाँ ठीक हमने भी करी हैं।
आज तो सारी पोल पट्टियाँ खुल गईं।

Yunus Khan Sagar Nahar हम तो हमेशा करते हैं यह असम्भव काम

Yunus Khan Sagar Nahar नया उलाहना: इसका मतलब साड़ी की पटलियां सब ठीक करते हैँ, और तुम इतना अहसान दिखाते हो


· Chandra K. Bairagi कुछ उलाहने शब्दों से नहीं दिए जाते हैं ! चेहरे के हाव भाव, आँखों की दृष्टि और काम करने की गति भी उलाहने देती हैं ।


· Kanchan Singh Chouhan "अरे यार ग्राम मेथी कहा मतलब ऑब्वियसली मेथी दाना था ना, ये ग्राम मेथी साग दे किसने दिया तुम्हें ?"
जो घर में सुनती हूँ

· Manisha Kulshreshtha क्या बात है बहुत देर से फोन बिजी आ रहा था।

· Yunus Khan फोन चार्ज करना तो कभी ना भूलते। आज PTM है, वो भी मैं ही याद दिलाऊं

· Kanchan Singh Chouhan "औरतें खाली बदनाम हैं तिरियाचरित्र में आप कम नहीं"
जो घर में सुना ;)


· Ashutosh M M वो आ गए तुम्हारे फ्रेन्ड गुप्ता जी ! देखना जरा चिपक के बैठ जाते हैं. बाजार भी चलना है.

Yunus Khan Ashutosh M M हमेशा पहले मैं तैयार होती हूँ। फिर भी बदनाम करते हो

· Vandana Mishra ऐ सुनो! कुछ नहीं जाओ मैं खुद कर लूँगी..

· Kanchan Singh Chouhan "बच्चों का ख़याल ना होता तो कब का कुँआ -इनार ले चुके होते"

· Lakshmi Sharma अच्छा अब चुप रहो, बुढापा आने लगा है तुम्हारा

Yunus Khan Lakshmi Sharma आज मेरा चेहरा फ्रेश लग है ना

Lakshmi Sharma Yunus Khan तुम को खुद के अलावा कुछ दिख रहा है, खुद की तारीफ करा लो बस

Anju Sharma आए बड़े, सींग कटाकर बछड़े न बन जाओगे, चले हैं सिंगर के

· Ashutosh Kumar तुम्हारी पसंद! बस एक ही बार ठीक निकली।

· Manisha Kulshreshtha हां, तुम्हारे घर वाले तो खानदानी सेठ ठहरे?कैसी तो साड़ियां चढ़ाई थीं गोद भराई में।

Kanchan Singh Chouhan तुम्हारे यहाँ से तो चाँदी का सेट आया था ना फलदान में ;)

Lakshmi Sharma Manisha Kulshreshtha तुम्हारी मासी, गुड्डी की शादी में कित्ते ताने मारे मेरे पीयर वालों को।

Rajshree Mishra Manisha Kulshreshtha यहीं आकर ये सब सीखा है हमारे घर में ऐसा नही होता

· Sangita Srinivasan मैंने आज बनी सब्जी की pic Facebook पर upload कर दी है । wow का बटन दबाना, वरना -----

· Manisha Kulshreshtha अब इन मौलिक तानों का ज्ञान कोश बने।

· Yunus Khan पापा को देखो, कैसे मम्मा के पीछे लगे रहते हैं और एक तुम हो।

· Anagh Sharma कई तो बड़े मारक हैं यहां बताये भी नहीं जा सकते


Manisha Kulshreshtha Anagh Sharma Ruchi Sharma भी हंय? हट वो तो कितनी भोली !

·

Anagh Sharma Manisha Kulshreshtha हमारे यहां तो वार होते है एक दूसरे पर.... जैसे
सारा दिन तो किताबों में घुसे रहो दस बार पूछने पर भी बताना नहीं कि क्या खाना बनेगा और फिर कहेंगे ये भी कोई कहना है।...और देखें

· Kanchan Singh Chouhan "अगर माता जी के साथ फोटो सेशन कम्प्लीट हो गया हो तो एक फोटो मेरे साथ भी खिंचा लो"
जो घर में सुना

· Manisha Kulshreshtha हर बार झूठ बोल कर भोला चेहरा बना लो!! तंग आ गई इस नाटक से।

· Ashutosh M M प्रकाश भाई साहब को देखा है ? भाभी की एकोएक शॉपिंग खुद करते हैं. और एक तुम हो.

Yunus Khan Ashutosh M M कभी तो सुबह की चाय तुम बना दिया करो

· Manisha Kulshreshtha हमारी एक चाची का ताना - ना , हमें मत बताओ कि घुइयां में काहे का छौंका दें। सौ लुगाई मरीं होंगी तो एक तुम हुए होगे।

Kanchan Singh Chouhan Manisha Kulshreshtha दीदी हमारे अम्मा-बाबूजी की लड़ाई
"सुन रही हो कद्दू में हुरहुर का तड़का दे कर बनाया है, देखो कैसा बना है।"...और देखें

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· Kanchan Singh Chouhan "ये सब तुम्हारे घर में होता है। हमसे ये उम्मीद मत करो कि तुम्हारे पिताजी और भाईयों की तरह हम तुम्हारी बेनी-चोटी सँवारते रहेंगे खाली।"

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· Manisha Kulshreshtha क्या करें हमारी किस्मत में तो घुट घुट कर जीना लिखा है। सुनो अमेज़ान से हमने दो पर्स आर्डर किये हैं अपना कार्ड नं बताना तो!

Yunus Khan Manisha Kulshreshtha mrs फलानी को उनके पति यूरोप ले गए थे और हम चौके में खट रही हैं।

Manisha Kulshreshtha Yunus Khan सुनो हम फलानी पति को संग लिए गईं थी, ताने तुम दे सकते हो


· Manisha Kulshreshtha पति देव का ताना - रिटायर हो जाऊं फिर एक लेख तुम पर लिखूंगा कि लेखिका जी घर में !!!!!

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· Vandana Mishra आ गए घर, मिल गयी फुर्सत....

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· सबाहत आफ़रीन आपको आता क्या है सिवाय दूसरों को ख़्वार करने के ...

· Ashutosh M M एँ? ये तुमको सुन्दर दिख रही है ? मुंहफाड़ देखी है इसकी ? और नाक ? आँखों का इलाज करवाओ अपना। चन्दूलाल जी की तारा भी इससे अच्छी है।


Manisha Kulshreshtha सत्तर के दशक को आप हर जगह खूब पकड़ते हैं। मैं तो कहूं एक उपन्यास बनता है।

Anju Sharma ऐं, ये सुंदर दिख रई तुम्हे। दीदे हैं कि बटन? हुंह नाक देखो तो इसकी दो हाथी घुस जाएं और मुँह इत्ता चौड़ा कि चार गोलगप्पे एक साथ खा जाए सो भी मुंह सूखे का सूखा

Yunus Khan Ashutosh M M तुम्हारे प्रदेश में तो ना खूबसूरती है ना तमीज़। हमारे यू पी में कूट कूट कर भरा है ये सब


· सबाहत आफ़रीन मेरे भाइयों से तो आपकी जान जलती है , सरासर जलन ! वो लोग जब आएंगे तब आपको ज़मीन में गड़े काम याद आ जाएंगे।


· Ravi Shekhar जब सबकी छुट्टी होती है तब ये चल देते हैं camera ले के !

· डॉ. सुनीता अनुभव सहेजने के काम में लगे हैं।

· Pushpa Gupta देखो ,ये जो मैं खरीद के लाया, ऐसी स्वाद तो कभी ज़िंदगी में ना खायी होगी

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· Pushpa Gupta और हम, न न खाना तो दूर हमने तो कभी देखी भी न।ब्याह के बाद ही दुनिया देखी। पहले तो कोठरी में रहा करते थे।

· Sapana Singh शुकर करो मै मिली... कोई और होती तो कबका भाग गयी होती, सब छोड़ छाड़ कर


वंदना अवस्थी दुबे 'तुमसे तो बहस करना बेकार है'


♥️

· Prakash Ingole तुम सबका कहना मान सकते हो, सिर्फ मेरा नहीं।

· Vivek Rastogi देखना इतना परेशान करते हो, एक दिन छोड़कर चली जाऊँगी, अब तो दूसरी भी नहीं मिलेगी, और वापिस भी नहीं आऊँगी।
मैं - ठीक बस मुझे साथ ले चलना, जहाँ भी जाओ।...और देखें

· Manju Sharma Mahapatra कौन चौबीसों तुम्हारे पीछे - पीछे घूमता रहे । सारा दिन सामान यहाँ से वहाँ फैलाते रहते हो।
कमरे से निकलते हो तो लाइट पंखा भी नहीं बंद कर सकते।

· Manju Sharma Mahapatra भगवान बचाए तुमसे तो ..
कहा था , वाशिंग मशीन का बटन थोड़ा घुमा दो ताकि कपड़े और थोड़ा घूम जाएंगे और साफ हो जायेंगे .....तुम गए और उसका ड्रेन वाला बटन घुमा आये सारा पानी निकल गया.....

· मुकेश नेमा तुम तो पूरी दौलत लुटा दो अपने भाईयो के लिये ,मेरे भाई आते हैं तो घुटनों तक मुँह लटका लेते हो !


· Lakshmi Sharma हमारे यहां के कालबेलिया गीत ' काल्यो कूद पड्यो मेला में..' में एक अंतरा है, सारे ताने उलाहने उसके नीचे, और देहात की स्त्रियां आज भी इस शब्दावली का निधड़क प्रयोग करती हैं। गौर फरमाइए-
"काळ्या तने रोऊँ के रोटी पोऊँ, क घर में केलडी कोनी...
घर मे केलडी कोनी रे तो मने काईं रोबा न ल्याओ..."

Sagar Nahar साइकिल पिंचर कर लायो!
मजेदार गीत है।
यह गीत शायद प्रसिद्ध लोक गायक कालू राम प्रजापति ने लिखा और गाया है।...और देखें

Sagar Nahar कालू काईं जवाब दियो?
केलड़ी कोनी तो बाटयां बना य ले?

· Ashish Mishra "तुमको एक बार में कह दिया जाए तो सुनते क्यों नहीं हो"
"अब तक जो चलता रहा हो, अब नहीं चलेगा"
"इस फोन में घुस क्यों नहीं जाते?"
" इतना काम पड़ा है.."
" तुमको उसी दिन कपडे धोने होते हैं, जब मेरी छुट्टी हो"
" तुम बिस्तर में धम्म से काहे पड़ते हो"
" जहां बैठते हो धसक क्यों जाते हो"
" तुम बैठते हो तो चद्दर, चद्दर जैसी काहे नहीं रह जाती"
" ललगँवहों को कुछ नहीं आता"


· Kusum Sharma Ha ha rawa drawa mai hes thane bagtkoi or wati tpatlagto

· Kusum Sharma Ek kam lakana su ni howe taa su aaga harkmai karu

· Kusum Sharma Tana ngar ki nokrani bana di tum ne .

· Kusum Sharma Tana nkabardar mare bhay kkuch bola to

· Krishna Kant ...फिर मोबाइल से ही शादी कर लो, मुझसे क्यों ​की?

· Kusum Sharma Aur kitne taane sirman
Kuch taane mhilayke bi liku
Ne ne likhe to

· Arvind Kumar मेरी सुनते ही कब हो?

· आनंद कृष्ण लड़का भी तुम पर ही गया है ।

· Anuradha Bhatt Telang खुद खा लो निकाल के खाना हमें का नौकर समझ लओ है

· Sapna Bhatt अम्मा ज़हर दे देती तुमसे न ब्याहतीं

· Krishna Kant तुम्हें वही काम करना है जो हम मना करें...

· Shuchita Srivastava मैं ना होती तो जाने क्या होता तुम्हारा

· Arti Tiwari मैं न होऊं तो दुनिया तुम्हे लूट ले बुद्धू कहीं के

· Kiran Verma तोते को जितना रटाओ उतना ही बोलता है। (मतलब पतिदेव से जितना कहा जाता है उतना ही काम करते हैं कुछ एक्स्ट्रा नहीं)

· Lakshmi Sharma घर तो तुमको काटने दौड़ता है, बाहर पंचायत करो तुम तो।

· Mamta Singh घाघ की कहावतों की तरह इन टिप्पणियों की एक किताब आनी चाहिए....आने वाली पीढ़ी के लिए..।, वरना वे तो मोबाईल चैट पर ही झगड़ कर रह जाएंगे...


Prashant Priyadarshi जैसे अनुजा अक्सर कहती है - तुम तो मुझसे ठग कर शादी कर लिए, नहीं तो क्यों शादी करती तुमसे?
और मेरा जवाब होता है - हाँ ठग के तो शादी कर लिए, तुमसे ज्यादा चालाक जो हैं।...और देखें

Ashish Shrivastava तुम्हारी चॉइस अच्छी है, बस मेरी ही खराब है ;p


· गीता पंडित कोई मिनिट तो हो घर के लिये भी।

· Pragya Rohini बाजार की लिस्ट भी बनाकर दे दूं मजाल है चीजें ले आओ कभी ढंग से सारी।


Yunus Khan Pragya Rohini व्हाट्सअप भी करूं तो आधी चीजें भूल आते हो। सोंठ मंगाई थी सौफ नहीं

Pragya Rohini Yunus Khan अब तक चने और छोले का अंतर भी नहीं समझ सके

Yunus Khan Pragya Rohini वो तो छोड़ो, सब्ज़ी मँगाओ तो सब्ज़ा लाके धर देते हो। मुझे पता है जान बूझके करते हो

Pragya Rohini Yunus Khan रुपये कम हैं गिरा आये होंगे जरूर

Mamta Singh Pragya Rohini
Yunus Khan तो सचमुच दुकानदार के पास रुपये छोड़ आये थे, दो दिन बाद जब मैं उधर से गुजरी तो दुकानदार ने मुझे आवाज़ दे कर पैसे वापस दिए..…


गंगा शरण सिंह Mamta भाभी, पैसे वाले ही पैसे भूल सकते हैं। आप समझती नहीं

Mamta Singh गंगा शरण सिंह देवर जी, पानी की बॉटल और बाक़ी चीजें भूलने के पीछे क्या वजह है…....????

गंगा शरण सिंह पानी की ज़्यादा बोतलें होना

Sagar Nahar सौंफ ही मंगाई थी, सौंठ नहीं! वह तो उस उस दिन भाभीजी को मौका मिला था टांग खींचने का!

Yunus Khan Sagar Nahar माने चित भी मेरी पट भी

Sagar Nahar Yunus Khan जैसे आप जानबूझ कर सब्जी की जगह सब्जा जो ले आए थे!


· Sujoy Chatterjee मुझसे मेरी पत्नी कुछ नहीं कहती, बस जब पड़ोस वाले अंकल अपने बरामदे की डस्टिंग करते हैं तो मुझे बुलाकर वो दिखाती हैं।


· Lakshmi Sharma मेरा ही दिमाग खराब था जो तुम्हारे मुँह लगी

· Vijender Masijeevi तुम्हें मिलनी चाहिए थी तुम्हारे हाथरस की गंवार


· Vijender Masijeevi 'मेरी सेलरी किस बात की हड़पते हो, लगो काम पर' - ये भी है।

· Yunus Khan कितने बोरिंग थे तुम, मेरे साथ रहके स्मार्ट बन गए। हाँ नहीं तो।

·

Dev K Jha Yunus Khan :
"किसी काम के आदमी नहीं हो यार" ...और देखें


· Prashant Kashyap वैसे मेरे लिये सबसे घातक शब्द है "हुंह!"। इसके आगे जो जी आये वो उलाहना फिट कर लिजीये

Mamta Singh Prashant Kashyap ये उलाहना तो सबसे ज़्यादा कारगर होता है, इस पर इंसान तिलमिलाए बगैर न रहे....

· सबाहत आफ़रीन "ज़िन्दगी बीत गयी, सच्चा प्यार नही मिला।"
( सुनाते हुए , रोते हुए चारों बच्चो को होमवर्क कराने बैठ जाती हैं।)


· सबाहत आफ़रीन हज़ार बार कहा है , सच्ची सलाह सिर्फ़ मेरे भाई ही दे सकते हैं , मगर नही, आपको तो सुनना नही।

· Indira Sharma Haum chale jayenge tab pata chalega lat saheb ko.aur wkabhi nahi hota


· Pragya Rohini ब्राउन और मरून का अंतर नहीं पता बड़े बने फिरते हैं बॉस

·

Lakshmi Sharma Pragya Rohini तुम्हारे जियाजी ऐसे ही है।

Yunus Khan Pragya Rohini इसको गुलाबी बोलते हैं। रानी कलर अलग है

Anju Sharma न न ये पिंक कैसे हो गया। ये पिंक, ये बेबी पिंक, और ये तो मजेंटा है...उफ़्फ़ मेरी तौबा किससे उलझ रही हूँ। ये तो हैं ही कलर ब्लाइंड

· Vinay Kumar घर ठीक कर लोगे ! पहले भींगा तौलिया तो सही जगह रखना सीख लो !

Yunus Khan Vinay Kumar डॉक साहब। आप भी ;)


Manisha Kulshreshtha कविता न खिलाएगी रोटी तनि क्लीनिक में भी बैठिए - मंजु जी

· Indira Sharma Main jnaukrani lagi hun

· Indira Sharma Inka koi ghar wale aa jayen fir muskaan dekho? Inki sahbi humarey gherwaltak hi hai

· Kajal Kumar तुम्हें कुछ नहीं पता


· Lakshmi Sharma पढ़ी लिखी नौकरानी मिल गई जो कमा के भी देती है, मैं न करूँ तो नानी याद आ जाए

· सञ्जय कुमार शरीफ बाप की बेटी थी जो मैं टिक गई। दूसरी होती तो कब की छोड़ के चल चुकी होती।

· Vivek Rastogi बाई बना रखा है बाई, सोचा था रानी बनकर राज करूँगी

· Bhawana Kanchan Raizada छुट्टी का दिन और सुबह से फ़ोन फरमाइश चाय की
,"क्यों तुम्हारे दोस्त ने फ़ोन पर नहीं पिलाई चाय"

· Mamta Singh सामान की लिस्ट घर भूल जाते हो, वाट्स ऐप देखते नहीं, फ़ोन उठता नहीं, किस विधा से याद दिलाई जाएं चीजें....

Pooja Singh Mamta Singh चुपके से फोन में रिपिटिंग रिमाइंडर लगाने का और रोज रात को चेक करिये की ऑफ तो नहीं कर दिया, याद दिलाने की एक विधा ये भी

· Mamta Singh अपना फोन खाड़ी में फेंक आओ, वक़्त पर उठाते ही नहीं....

· Indira Sharma Amma dikin nahin ki narad ki aatma ghus jati hai inko

· Mamta Singh प्रोग्राम की जानकारियां ,या प्रसारण संबंधी कुछ नहीं भूलते....आखिर घरेलू चीजें ही क्यों भूलती हैं....Yunus Khan

Neelima Chauhan Mamta Singh अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे

Mamta Singh Vinay Kumar सिर्फ़ बोतलें क्यो मंगवाईं....?? साल की ले आओ।
रोज़ गुमाई जाती है ना ....।


Sagar Nahar हमारी श्रीमती जी कहतीं है -गानों की/फिल्मो की/राजनीति की सब बातें (भो-भो की बातें) याद रहती है बस घर का सामान लाना ही याद नहीं रहता।


· Vijender Masijeevi ) ये फेसबुक पर फेरोमोंस फैलाना बन्द करो, बीबी की तरफ देखो।
) एक दिन असलियत पोस्ट की जाएगी तुम्हारी तब देखना..
) सुबह अपनी औलाद को खुद भेजना स्कूल


· Vijender Masijeevi ...इधर करो मुँह!! क्यों बीबी की खूबसूरती बर्दाश्त नही हो रही?

· Indira Sharma Damyanti ke devar ,dophar sir pe hai, ab uth bhi lchutti na hui ji ka janjaal hai

· Indira Sharma Bhang khaliye hka? Aaul faul bake jarahe

·

· Zebi Husain Dusri ldkiykghurte hkv mujhe Dekha aise

· Kush Vaishnav PTM में टिचर के सामने तो तुम्हारी बोलती बंद हो जाती है।

Yunus Khan सारा दिन जे.के.के. में क्या करते रहते हो।

· Kanupriya Gupta Lokesh Mujawdiya देखो ये पोस्ट,कितना कुछ सीखना बाकी है अभी मुझे:)...

·

· Deepti Mittal ये तो मैं ही हूं जो निभा रही हूं कोई और होती तो......


Deepti Mittal Manisha Kulshreshtha जी, ये सबसे कॉमन है। मेरी मम्मी भी आज तक पापा को यही सुनाती है..। ये खानदानी ताना है।

· Dk Dipak Tum mobile aur laptop me hi ghuse raho

· Vindhayavasini Dubeyg

· Vivek Rastogi जब भी मेकअप कर के पूछती हूँ कैसी लग रही हूँ, बिना देखे ही कह देते हो हाँ बढ़िया, अच्छी और सुंदर लग रही हो, कभी देखकर भी कह दिया करो

· Pooja Singh इतने चिकन डिनर करते हो, आज का खाना तो नहीं ही खाना होगा न!
ये मॉडर्न ताने हैं

· Anand Expt आज तक मेरे लिए किया ही क्या है?

· Manisha Kulshreshtha कभी तो अपनी सफेद मूंछों का भी ख्याल करो।


· Indira Sharma Sun! Mai moti lag rahi hun ? Pati ..
Patni ...baher dekhne se furrrsat htidher bhi dekh lo!!

·

Anuradha Singh Mamta Singh उलाहना छोड़िये बात शुरू करते ही कहते हैं, साहित्य नहीं, साहित्य नहीं, प्रैक्टिकल बात करो ।
या कविता में ही बोलोगी क्या?

· Indira Sharma Kabhi akal khol bhi liya karcricket,football ke alwa bhi duniya hai

·

· Amit Tripathi सीखो उससे कुछ.......


Yunus Khan Kanchan Singh Chouhan नौटंकी हो

· Deepak Sabnis Husband - if I am sbad, why did you marry me?
Wife - why did YOU marry me?...और देखें

· Yunus Khan पिछली बार वाले गुलाब जामुन अच्छे बने थे, ऐसा कहने का जोखिम किसने उठाया है।

Sagar Nahar मैंने-मैंने।
यह जोखिम में रोज उठाता हूँ। कभी इडली कभी दाल!
इस बार बेसन की चक्की और गुलाब जामुन!


आरती कुमारी ठीक है पर मां वाली बात नहीं।
ये सुनते सुनते शेफ बन जा रहे लोग।

Vivek Rastogi मुझे तो सुनना पड़ता है, तुमने सब कुछ वक्त से पहले ही जीवन भर का खा लिया है अब बस सादा खाना खाओ। बड़े आये गुलाबजामुन वाले हुँह

· Anuradha Singh अब तो कई साल से नहीं कहा पर जब एकदम छोकरा छोकरी थे तो कहती थी, "तुम सुंदर लड़कियों से बात करते समय लाल क्यों हो जाते हो? मन में पाप हो तो ही शर्म आती है।" यह सुनकर वह बहुत जोर से हँसते थे। बल्कि बार- बार पूछते थे।

· Anushakti Singh कोई बात नहीं, घूर लो, घूर लो।

· Nidhi Srivastava हमको तो अपने पतिदेव से पूछना पड़ा "क्यों जी हम तुम्हें कौन सा ताना देते हैं?"
बोले एक हो तो बतायें खैर सबसे ज्यादा तुम किस्मत के बडे़ धनी हो जो हम मिले, भगवान जाने तुम्हारा क्या होता जो कोई और मिलती।
इतना बनाकर खिलाते हैं तब तुम्हारा रोना कि फलानी चीज बहुत दिन से नहीं खाई अगर खाली मैगी बनाने वाली मिलती तो जाने क्या करते।☺

·

COMMENTS

BLOGGER: 2
  1. जे सरासर अन्याय है । हम औरन के कारण छा गए झबरू तुम तौ! अब नाम तुम कमाओ हम औरें ताली बजायँ का? देखो तौ तनक 😟 औ क्रेडिट अकेले झबरू खौं!!

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नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
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रचनाकार: पत्नियों के पति को दिए जाने वाले उलाहनों की सम्यक सूची - यूनुस खान
पत्नियों के पति को दिए जाने वाले उलाहनों की सम्यक सूची - यूनुस खान
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