संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन - प्रविष्टि क्र. 42 : बगुला // नवल पाल प्रभाकर

SHARE:

प्रविष्टि क्र. 42  बगुला नवल पाल प्रभाकर आज सुबह ही मैंने सोचा था कि आज पम्प हाऊस पर चलना हैं क्योंकि मैं महीने में एक या दो बार हाऊस पर जर...

image

प्रविष्टि क्र. 42 

बगुला

नवल पाल प्रभाकर

आज सुबह ही मैंने सोचा था कि आज पम्प हाऊस पर चलना हैं क्योंकि मैं महीने में एक या दो बार हाऊस पर जरुर जाता हूँ। इस बार तो मुझे गये ही करीब डेढ़ दो महीने हो गये थे, वो इसलिए कि मेरे यहां स्कूल का काम कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था। परन्तु आज मुझे किसी तरह से समय मिल ही गया। आज मुझे ऐसा मौका मिला तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था। सुबह जल्द ही मैं पड़ोस में गया और वहां से करीब दो-तीन बच्चे जिनका नाम विजय, लाला और रविन्द्र था। इन तीनों की उम्र ही क्रमशः दस साल की थी। हमारे पास 7 पशु थे जिनमें घोड़े और खच्चर थे। हम उन्हें चराने के लिए गांव के पास एक छोटी सी बणी में लेकर गये थे। उस बणी में चारों और झाड़-भौझड़े और छोटे-2 दो-तीन फुट ऊँचे पौधे अर्थात बनावटी घास थी। बणी में जाते हुए मन में विचार आया कि बाजरा भुनकर खाया जाए। बणी में एक हनुमान मंदिर था। वहां पर उस मंदिर के घेरे में मंदिर के पुजारी ने बाजरा बो रखा था। हम सभी पशुओं को छोड़कर उस बाजरे में घुस गए। वहां पहले तो हमने धरती पर फैली कचरियों की बेलों को देखा मगर वहां कचरी न मिलने पर, हमने डरते-2 बाजरे की बालियाँ तोड़ी और जल्द ही चुपचाप निकल आए फिर मंदिर पर जाकर हनुमान के चरणों में प्रणाम करके वापिस आए और एक राहगीर से माचिस की तीन तिलियां ले कर एक जाल (जो कि जंगली पेड़ था जिसकी प्रजातियां अब लुप्त होने की कगार पर हैं ) नीचे बैठकर हमने ईंधन एकत्रित कर उन्हें भुना और बाजरा निकालकर चबाने लगे। इस तरह से सारी बलियां समाप्त करके हम बणी के पूर्वी छोर पर गये वहां पर एक कुई (कुंवा) थी जिसका पानी मीठा और ठंडा था वहां पानी पीकर मैंने उन तीनों से कहा अब हम खेतों में चलते हैं वहां पर बेलों पर लगी कचरी खायेंगे।

वे तीनों भी मेरी इस बात से सहमत हुए हम तीनों वहां से चल पड़े। बणी के पश्चिमी किनारे पर। जहां एक खेत था जिसमें बहुत सी कचरियां लगी थी। वे तीनों मुझसे बता रहे थे। मगर इतने में ही विजय की बणी के बीचों-बीच रास्ते पर जाते हुए एक कछुए पर नजर पड़ी। उसने कहा कछुआ-2 हम सभी उसकी तरफ दौड़ पड़े। हमारे पैरों की आहट सुनकर कछुए ने अपने पैरों और सिर को अपने मजबूत ढकोले सी खोपड़ी के अन्दर समेट लिया। विजय ने उस पर पैर रखा और लगा दबाने तभी मैंने कहा ओ विजय यार कै करै सै यो बिचारो मर ज्यागो। इतनी सुनते ही लाला बोला न्यू ना मरा करी कछुआ चाहे रेल चढ़ा ले तो भी ना मरै। क्यूंकि इनकी या खोपड़ी मजबूत हो सै। फिर रविन्द्र कह सै क्यू ना हम इसकी खोपड़ी तार कै हेलमेट बणा ल्या। मैं फिर बोला बस रहण दो। हम इस कछुआ ने चाल कै किसे जोहड़ में छोड़ेंगे। सारा ने हामी मिलाई। मैंने उसे उठाया और हाथ के ऊपर उठाकर चल रहा था। डर मुझे भी लग रहा था कि कहीं चुपके से मुंह निकाल कर मेरे हाथ को न काट लें। इसलिए बार-2 उसके मुंह की ओर देख रहा था और चौकन्ना था। रास्ते में ख्याल आया कि ये जीव जलचर और स्थल दोनों पर रहने वाला हैं इसे छोड़ ही देता हूँ मैंने उन तीनों से कहा कि अब हमारे पास समय नहीं हैं चलो हम पम्प हाऊस पर चलते हैं। मुझे प्रकृति और प्रकृति के जीवों से बड़ा लगाव हैं। इसलिए मैं वहां जाने के लिए उतावला हुए जा रहा था। हम चारों खेतों से होते हुए कचरी, बाजरे की बलियां और हरड़ की फलियां खाते हुए खेतों की मेंडो पर जा रहे थे। खेतों से निकलने पर थोड़ी दूर चलने पर ही पम्प हाऊस आ गया। पम्प हाऊस पर जाने पर मेरा मन प्रफुलित हो गया और गात रोमांच से भर गया। मैंने चारों और की छटा को आंखों के जरिए मस्तिष्क से होते हुए हृदय तक उतारा और मैं बड़ा खुश प्यारी सी हरियाली को देखते हुए भी मेरा हृदय छक नहीं रहा था। पम्प हाऊस पर घूमते हुए हम एक स्थान पर पहुँचे जहां से देखने पर चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई दे रही हैं बस इसी हरियाली को देखने के लिए मैं महीने में 2 या 3 बार जाया करता था। तभी एक बगुला कराहते हुए मिला वह एक झुरमुट में बैठा था। सोचा शायद यह यहां पर फंसा हैं। मैंने रविन्द्र से कहा कि वह उसे निकाले रविन्द्र ने उसकी टांग पकड़ कर बाहर खींच लिया। देखा तो क्या देखा बेचारे की एक पैर की हड्डी टूटी हुई थी। वह उड़ नहीं सकता था तो मैंने सोचा कि मैं इसकी दवा का इंतजाम कर दूंगा इसलिए मैंने उसे गोद में उठा लिया गोद में उठाते ही वह जोर-2 से चोंच इधर-उधर मारने लगा। एक चोंच तो उसने मेरी आंख के थोड़ी ऊपर मारी ओर दूसरी मेरे होंठ पर। मगर कुछ देर में ही वह शांत हो गया और मेरी गोद में आराम से बैठ गया। जैसे उसे कोई हमदर्द मिल गया हो। मुझे भी उसकी इस दशा पर बड़ा अफसोस हो रहा था। पम्प हाऊस देखने पर हम जल्द ही वापिस लौट आए और हम बणी में आ गए वह बगुला मेरे साथ मेरे हाथों में बहुत थक चुका था इसलिए मैं बगुले को अपने पास ही खड़ा करके सो गया। कुछ देर बाद करीब आधा घंटा सोने पर नींद से उठा तो बगुला ज्यों का त्यों आराम से मेरे पास ही बैठा था। अब एकाएक मेरी नजर उसके सौंदर्य पर गई तो देखा ---

वह लम्बी गर्दन वाला श्वेत वर्ण गोल-2 छोटी-2 आंखें चिकने पर कोमल देह और लम्बी-2 टांगे जैसे किसी कारीगर ने लोहे के तारों को प्लास्टिक की रबड़ पहना दी हो। पूरी तरह से मानो वह एक सांचे में ढला प्रतीत हो रहा था। अनायास ही उसका रुप और सौंदर्य किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर सकता था।

यहां पर बगुले का रुप सौंदर्य का तो वर्णन मैंने कर दिया और उसके स्वभाव की बात तो मैं ना करुं तो यह सरासर अन्याय और बगुले के स्वभाव के साथ ना इंसाफी वाली बात ही होगी। स्वभाव उसका कुछ नर्म था, मगर इतना नर्म भी नहीं की कोई उसे छू ले या उठा ले। एकाग्रचित्त दिमाग, बुद्धि लड़ाकर शत्रु को मात देना, अपने सौंदर्य से आकर्षित करना, मानो उसकी आंखों में तेज सम्मोहन था। देखने वाला बस देखता ही रह जाता। बिल्कुल सादगी संयम रखने वाला था वो बगुला। प्रकृति के जीव भी अपने तरीके से एक विचित्र सी खासियत लिए होते हैं। एक खासियत उस बगुले में भी थी और वह यह थी कि जब तक वह गोद में रहता न तो वह शौच आदि करता और न ही वह पंख फड़फड़ाता। गोद से नीचे उतरते ही वह पंख भी फड़फड़ाता और शौच भी करता। उसकी सारी खूबियां और स्वभाव देख कर उस पर मैं मोहित हो उठा और उसे अर्थात बगुले को हाथ में उठाकर बणी में घूमने लगा तभी दो पंछी और पहुँच गए घर से मेरे पास। उन दोनों के नाम क्रमशः अनूप और अजीत थे। उन दोनों ने बताया कि जा नवल घर पर। तुम्हारी मां ने कहा हैं और मेरे हाथ से सफेद रंग का गोला-सा देखकर दूर से ही दौड़े चले आए वे दोनों मेरे पास। बगुले को देखकर अजीत बोला भाई कहां से लाया, मुझे दे दो। उसके हाथों में बगुला सौंपकर मैं कहने लगा इसे संभाल कर रखना और शाम को जब पशुओं को लेकर घर आते वक्त इसे भी साथ में ले आना अनूप ने और अजीत ने हामी भर दी। तब मैं बोला चलो तो इसने पानी और पिला दो। हम तीनों जोहड़ की तरफ पहुँच गए। जोहड़ पर पहुँच कर जोहड़ के एक किनारे पर पानी कम गहरा था। हमने बगुले को खड़ा किया तो उसने पानी पिया और थोड़ा-सा शौच भी किया। मैंने सोचा कि अब तो यह जाएगा और मैं उसको दोनों को सुपुर्द कर बणी से घर आने लगा। रास्ते में मैंने सोचा कि क्योंकि न मैं अपना राशन कार्ड लेकर चलूं तो मैं एक बणिए की दुकार में गया और उससे पूछा कि कार्ड बने या नहीं तो उसने कहा कि तुम्हारा कार्ड नहीं आया हैं तो तुम फोटो वगैरह ढूंढ कर दो। मैंने वहां फोटो ढूंढी और फार्म भरवाया। इतने काम में ही मेरा करीब एक घंटा व्यय हो गया। एक घंटे बाद में घर पहुँचा तो अनूप और अजीत दोनों मेरे घर के सामने उन्होंने मेरी मां से पूछा कि मां नवल नहीं आया हैं तो मेरी मां ने कहा नहीं तो। उन दोनों ने कहा कि वो तो हम दोनों से पहले ही चल पड़ा था। अभी तक घर नहीं पहुँचा हैं। वे दोनों ये कहकर चले ही थे कि सामने से आता हुआ मैं दिखाई पड़ा। मैंने उनसे पूछा कि वह बगुला कहां हैं तब उन्होंने बड़े सहज भाव से जवाब दिया की वह तो मर गया।

तब मैंने अनूप से कहा कि बगुला कहां हैं। इस पर अनूप ने भी वही जवाब दिया तब मैंने पूछा कि कैसे बगुले की मौत हुई तो अनूप ने सारांश में उतर देते हुए इस प्रकार कहा कि - चाचा चाँदराम भी बणी में चला गया। उसने वो बगुला जोहड़ में फेंकवा दिया और कहा कि जोहड़ में मछली पकड़ कर खा लेगा यह कई दिन से भूखा मरता होगा। तब मैंने बगुले को जोहड़ में छोड़ दिया था। यह अनूप ने मुझे बताया था। अनूप की यह बात सुनते ही मेरी आंखों के सामने अंधेरा सा गया तभी कुछ क्षणों के बाद तेजी के साथ प्रकाश सा फैल गया और उस बगुले की छवि आंखों के सामने आ गई। कुछ ही समय पश्चात वह भी धूमिल सी प्रतीत होती हुई मिट गई। मेरा मन करुणा से ओत-प्रोत हो रुदन करने लगा। मुझे बड़ा पश्चाताप हो रहा था कि यदि मैं उसे घर ले आता तो उसकी जान बच जाती।

-ः0ः-

परिचय

प्रकाशित पुस्तकें

1 यादें (काव्य संग्रह)

2 उजला सवेरा (काव्य संग्रह)

3 नारी की व्यथा (काव्य संग्रह)

4 आशाएं (काव्य संग्रह)

5 कुमुदिनी (बाल कहानी संग्रह)

6 मोम के पंख (काव्य संग्रह)

7 वतन की ओर वापसी (कहानी संग्रह)

8 तेरा साथ (काव्य संग्रह)

9 पेंडिंग केस (कहानी संग्रह)

जल्द ही आने वाली ऑनलाईन पुस्तकें

1 हिन्दी का छायावादी युगीन काव्य

2 गौतम की कथा (कथा)

भारतीय पत्र पत्रिकाएं

1 हरियाणा साहित्य अकादमी की पत्रिका हरीगंधा

2 आंध्रा प्रदेश साहित्य अकादमी से प्रकाशित साहित्य सेतु पत्रिका

3 वर्धा महात्मा गांधी हिन्दी विश्वविद्यालय से प्रकाशित पत्रिका निमित ई-पत्रिका

4 हरियाणा से प्रकाशित गंगा टाईम्स दैनिक समाचार पत्र

विदेशी पत्रिकाएं

1 नीदरलैंड से प्रकाशित पत्रिका एम्स्टल गंगा

2 भारत से प्रकाशित मालती अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका

3 न्यूजी लैंड से प्रकाशित अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका भारत दर्शन

4 कनाडा से प्रकाशित साहित्य कुंज पत्रिका

5 अन्तरजाल पर हिन्दी साहित्य मंच

6 भारत का अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सेंटर

7 अमेरिका में ऑनलाईन पुस्तकें प्रकाशित भारतीय साहित्य संग्रह

सम्मान व पुरस्कार

1. रचना प्रतिभा सम्मान

2. पं0 माधव प्रसाद मिश्र सम्मान

3. अर्णव कलश साहित्य गौरव सम्मान

4. मात्सुओ बासो हाइकू सम्मान

5. साहित्य भूषण सम्मान

6. एक दिवसीय जाम्भाणी साहित्य अकादमी, बीकानेर प्रमाण पत्र

7. अर्णव काव्य रत्न अलंकार

8. बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रमाण पत्र

9. महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रमाण पत्र

10. निबंध प्रतियोगिता प्रमाण पत्र

11. तरंग साहित्य संस्था से प्राप्त प्रमाण पत्र

12. प्रज्ञा साहित्य मंच, सांपला, रोहतक द्वारा

13. नेत्रदान मंच, गांधरा, रोहतक द्वारा सम्मानित

14. हिन्दी अकादमी दिल्ली द्वारा आंशाएं किताब पर प्रकाशन सहयोग

अन्य कई मंचों द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।

अन्य सामाजिक कार्य

लगभग 10 रक्त दान, विद्यालय में लेखन प्रतियोगीता कराकर बच्चों को सम्मानित करना, और भी काफी सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर भाग लिया है, गरीब बच्चों की सहायता आदि

परिचय

नाम नवल पाल

पूरा नाम नवल पाल प्रभाकर

पिता का नाम श्री औम प्रकाश

माता का नाम श्रीमति रतन कौर

शिक्षा प्रभाकर, एम.ए., बी.एड

भाषा ज्ञान हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू

पता गांव व डाक-साल्हावास

जिला व तहसील-झज्जर

राज्य-हरियाणा पिन 124146


E-mail – navalpaal85@gmail.com

COMMENTS

BLOGGER: 1
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन - प्रविष्टि क्र. 42 : बगुला // नवल पाल प्रभाकर
संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन - प्रविष्टि क्र. 42 : बगुला // नवल पाल प्रभाकर
https://lh3.googleusercontent.com/-WFqtEE9WrE4/Wo7u2aizQ9I/AAAAAAAA_Gc/2fpoz3oDy_Yc0dpMR6DhiMrMJwinfIoCwCHMYCw/image_thumb%255B1%255D?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-WFqtEE9WrE4/Wo7u2aizQ9I/AAAAAAAA_Gc/2fpoz3oDy_Yc0dpMR6DhiMrMJwinfIoCwCHMYCw/s72-c/image_thumb%255B1%255D?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/02/42.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/02/42.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content