डॉ. हीरालाल प्रजापति की 10 ग़ज़लें

SHARE:

            ग़ज़ल -1 आख़िरी क्या  सोचकर पहला  लिखा ।। उनका इक्का  किसलिए दहला लिखा ।। जिसको जग कहता थका न वाटिका , तुमने खाली उसको इक गमला ल...

DSCN4834 (Custom)

            ग़ज़ल -1
आख़िरी क्या  सोचकर पहला  लिखा ।।
उनका इक्का  किसलिए दहला लिखा ।।

जिसको जग कहता थका न वाटिका ,
तुमने खाली उसको इक गमला लिखा ।।

पाक था उजला था इकदम साफ था ,
फिर भी तुमने उसको धुर मैला लिखा ।।

वाँ सभी लोगों के सिर बिन बाल थे ,
तुमने कुछ को ही मगर टकला लिखा ।।

अपना घर हरिद्वार काशी द्वारका ,
ग़ैर का मंदिर तलक चकला लिखा ।।

तुमने रिश्वत के लिए तारीख़ में ,
झूठे को हरिचंद का पुतला लिखा ।।

झूठ है या आधा सच है सूर को ,
तुमने काना गूंगे को हकला लिखा ।।

घर से भागा वो तुम्हारे जुल्म से ,
तुमने मर्ज़ी से उसे निकला लिखा ।।

मुंसिफाना और मुनासिब अपने सब ,
दूसरों का हर कदम घपला लिखा ।।

जब समझ न आई उसकी बात तो ,
तुमने दानिशमंद को पगला लिखा ।।

  

           ग़ज़ल -२
वो सीमोज़र वो जवाहर वो पाक लगते हैं ।।
हम उनके आगे लोह संग ख़ाक लगते हैं ।। 

वो अमलतास वो कचनार वो बरगद पीपल ,
हम तो महुआ, बबूल, बेर, ढाक लगते  हैं ।।

वो बहुत बढ़िया, बहुत अच्छे, बहुत  ख़ास दिखें ,
हम बुरे तो नहीं बस ठीक-ठाक लगते हैं ।।

वो महकते हुए संदल गुलाब के पौडर ,
हम उड़ती धुल ओ' कंडे की राख लगते हैं ।।

वो लिरा-पौंड वो दीनार वो डालर गिन्नी ,
हम तो फूटी हुई कौड़ी की आँख लगते हैं ।।

हम नहीं एक टन से एक मासा कम लेकिन ,
उनके  आगे तो तोला या छटाँक लगते हैं ।।

इक वही हमको समझते हैं पोला सरकंडा ,
बाक़ी दुनिया को हम भरी सलाख लगते हैं ।।

कृष्ण छिगुनी पे उठा लेते हैं गोवर्धन को ,
राम के आगे कहाँ पर पिनाक लगते हैं ।।

इतना उजला है उनका रंग इतना उजला है ,
हंस बगुले भी उनके आगे काक लगते हैं ।।

जितने लगते हैं हसीं भोले ख़ुशी के दम में ,
उससे खफगी में बहुत खौफनाक लगते हैं ।।
        

 
                ग़ज़ल -3
तेरे होते निर्जन भी कब निर्जन होता है ।।
सन्नाटों में भी भौंरों सा गुंजन होता है ।।

तू न दिखे तो सच आँखें औचित्यहीन  लगतीं ।।
तो जो मिले मन मरुथल वृन्दावन होता है ।।

तेरे सँग ही अपना जी भर लंच-डिनर होता ,
बिन तेरे केवल पीना या अनशन होता है ।।

तू राँझे को हीर सरीखा कैस को लैला सा ।।
मैं अंधे के हाथ में जैसे दर्पन होता है ।।

तू संतान नहीं मानव की कहीं से लगती है ,
तुझसी रचना का पितु अलख निरंजन होता है ।।

छूना भी तुझको यथार्थ में दिवा स्वप्न अपना ,
किन्तु स्वप्न में नित्यालिंगन चुम्बन होता है ।।

यों खग जी सकता है बिन पंखों के पर कब तक,
उड़ने वाले को चलना कब शोभन होता है ।।
                    

              ग़ज़ल -4
पहले थे नर्मोनर्म गुल अब केक्टस हुए ।।
आँखों का जो अंजन थे लाल मिर्च जस हुए ।।

पहले थे सुलभ सस्ते बीड़ी जर्दा तम्बाकु ,
अब कीमती सिगारो अफ़ीमो चरस हुए ।।

पहले थे उनके दूध में हम जाफ़रान से,
आज इक क़रीह भिनभिनाती सी मगस हुए ।।

सब कुछ था हममें खूबसूरती के सिवाय ,
हम नींव में गड़े वो चमकते कलस हुए ।।

जब से मिली है उनको इक हसीं की मोहब्बत ,
सूखे थे सुपाड़ी से वो गन्ना सरस हुए ।।

जीते जी पड़ोसी भी जिन्हें जान न सके ,
मरने के बाद उनके ज़माने में जस हुए ।।

करने को उनकी धूप को कुछ और चमकदार ,
पूनम के सब चराग़ अमा के तमस हुए ।।

चुभवा लीं सुइयाँ हँसके जगह से हिले बगैर ,
इक गुदगुदी के नाम से झट टस  से मस हुए ।।

                       
करीह=घिनौनी ,मगस =मक्खी 

 


                     ग़ज़ल -5
मुझको बँगले न हवेली न किसी घर की तलाश ।।
सर छुपाने को फ़क़त फूस के छप्पर की तलाश ।।

जिसके हर घर में बगीचा हो एक हो आँगन ,
गाँव जैसा हो मुझे वैसे इक शहर की तलाश ।।

न मिठाई न मेवे फल न दवाई-दारू ,
पेट की भूख जो मारे है उस ज़हर की तलाश ।।

न तेंदुआ न चीता; बाघ न कोई बिल्ली,
मुझको गब्बर ओ' ज़बर शेर-ए-बब्बर की तलाश ।।

न सुबह शाम का सूरज न सितारे ढूँढूँ ,
मुझको हर रात को चौदहवीं के क़मर की तलाश ।।

जिसने तकलीफ़ो ग़म न झेले न रोया हो कभी,
सारी दुनिया में मुझे ऐसे इक बशर की तलाश ।।

जिनको हममें ख़राबियाँ और ऐब दिखते हैं ,
हमको उनमें है इक अच्छाई इक हुनर की तलाश ।।

अब गुनाहों के खात्मे को मुझको लगता है,
इस ज़माने को है पुरताब पयम्बर की तलाश ।।

                     
[ क़मर=चाँद; बशर=आदमी; पयम्बर=अवतार ]
     
                   ग़ज़ल-6  
सर को उठा न ऐसे नुमूदार होइए ।।
करके गुनाह कुछ तो शर्मसार होइए ।।

बेकार सी न बनके क़ब्र घेरिये जगह ,
होना  है तो फिर ताज सी मजार होइए ।।

हालात ज़रुरत के मुताबिक़ कभी-कभी ,
रखकर कलम को जेब में तलवार होइए ।।

अड़ जाए एन वक़्त पे या फिर पटक ही दे ,
घोड़े पर इस तरह से मत सवार होइए ।।

दो के अगर न चार बनाने का हुनर हो ,
मरियेगा भूख से न कर्ज़दार होइए ।।

कब तक नदी के सूखने की राह तकेंगे,
न पुल न नाव तैरकर ही पार होइए ।।
                   
[ नुमुदार=आविर्भूत/प्रकट/व्यक्त ]

               ग़ज़ल-7
जो पाले नेवले उसको न काले साँप दो भाई ।।
हो जिसके हाथ में पत्थर उसे मत काँच दो भाई ।।

न ऐसे नाक भौं अपनी सिकोड़ो आँख न मींचो,
जो  दिखता हो कोई नंगा उसे बस ढाँप दो भाई ।।

जिन्हें नज्ला-ओ-सर्दी है ये उनको ही मुफ़ीद होगी,
जो गर्मी में सुलगते हैं उन्हें मत आँच दो भाई ।।

अगर करना हो सदक़ा तो वसीयत में दमे आख़िर ,
किसी को अपने गुर्दे और किसी को आँख दो भाई ।।

जला है दूध से इतना कि अब तो एहतियातन वो,
न पिता फूँके बिन चाहे बरफ सा छाँछ   दो भाई ।।

जो करते हैं ज़बरदस्ती हैं दहशतगर्द दंगाई ,
कलम कर उनके सर खम्भों पे लट्टू टाँग दो भाई ।।

न शाए' हो सका जो वो मेरा इस आख़िरी दम में,
क़ुरासा  मत पढ़ो दीवान लाकर बाँच दो भाई ।।

                 
[शाए'=प्रकाशित ;क़ुरासा=पवित्र ग्रन्थ/कुरान ;दीवान=ग़ज़ल संग्रह ] 

               ग़ज़ल-8
पानी में रह के बैर मगरमच्छ से लिया ।।
जीना था कई साल मगर सिर्फ़ कुछ जिया ।।

दुनिया में सबकी बात अदब से सुनी मगर,
जो दिल को ठीक-ठाक लगा बस वही किया ।।

अपना समझ के जब भी आँख मूंदकर यकीं,
जिसपे  किया उसी ने बराबर दग़ा किया ।।

नाक़ामयाब हो गए कितने ही रफ़ूगर ,
चिथड़ों को मेरे उनके सिए न गया सिया ।।

टिंडों का काम हमने घिया से भी चलाया,
ग़र नीम न मिली तो करेला ही खा लिया ।।

गंदा है फिर भी पानी है पीले यूँ थार में,
प्यासों ने वक़्त-वक़्त पे पेशाब तक पिया ।।
                
[ घिया=लौकी ;थार =एक मरुस्थल ]
 
            ग़ज़ल-9
अपनी मेहनत का उचित फल जब नहीं मिलता ।।
बीज शोषित में तभी विद्रोह का पड़ता ।।

या तो पक जाता है या फिर रोग से वरना,
शाख  से पत्ता हरा यूँ ही नहीं झड़ता ।।

कुछ न कुछ टकराव के हालात होते हैं ,
हर किसी से कोई यों ही तो नहीं लड़ता ।।

भीम के भी हाथ से दीवार में कीला,
बिन हथौड़े के गड़ाए से नहीं गड़ता ।।

जो खरा होता है लोहा भी तो बरसों तक,
रात दिन पानी में रहकर भी नहीं सड़ता ।।

एक सुर पर्वत को नाटा कहते रहने से ,
बौने टीलों का कभी भी क़द नहीं बढता ।।
                

              ग़ज़ल-10
बहरे को ज्यों सितार की झंकार व्यर्थ है ।।
अंधे पिया के सामने श्रृंगार व्यर्थ है ।।

यौवन में ब्रह्मचर्य बड़ी बात है माना ,
शादी का ढलती उम्र में विचार व्यर्थ है ।।

जपता जो ब्रह्म सत्य,ब्रह्म सत्य की माला ,
उसके लिए घर बार क्या संसार व्यर्थ है ।।

जो पक चुका हो आँच में उस घट को गलाने,
पानी में डुबो रखना लगातार व्यर्थ है ।।

जब तक न पिटेगी रहेगी चुप्पचाप ही ,
ढोलक पे उँगलियों की फेर-फार व्यर्थ है ।।

औलाद के लिए या किसी भी लिहाज से ,
कुंती के साथ पान्डु का अभिसार व्यर्थ है ।।
             

--
                    [  डॉ. हीरालाल प्रजापति ]

drhiralalprajapati@gmail.com
---------------------------------------------------

COMMENTS

BLOGGER: 10
  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  2. sabhi ghazlein meaningful hain. bahut dino baad achhi istariya ghazlein padhne ko mili. aagey bhi aisi hi ghazlein prakshit ho...

    जवाब देंहटाएं
  3. बेनामी12:57 pm

    Acchi gazalen.badhaai. kya Bina wale Heeralal ho? [Shrivastava uncle]
    Prabhudayal Shrivastava
    Chhindwara

    जवाब देंहटाएं
  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  5. बेनामी10:43 pm

    prajapati ji ki sabhi ghazalein bahut pasand aayi.inmain dum hai jaan hai shaandaar hai.main inki anya ghazalein bhi padhne ka ichchchhuk hun.sampadak ji prakashit karein .inka parichai bhi de....Dhanyawad........ATUL MALVIYA

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. PRIY ATUL G ,AAPKI PRASHANSA SE ME ATI PRASANN HUA .KRIPYA AGE BHI APNI TIPPNI BHEJTE RAHEN . DHANYWAAAAAAAAAAD................
      SHUKRIYAAAAAAAAAAAAAAAAA.............
      THANK U ............................................AAPKA

      हटाएं
  6. PRIY ATUL G ,PRATIKRIYA KA KOTISHAH DHANYWAAD .
    AAPKI TARIF SE MAIN GAD-GAD HUA.IS TAREEF ME BAHUT DUM HAI , JEEWNI SHAKTI HAI .THANK U VERY MUCH .

    जवाब देंहटाएं
  7. shishirkumar2:50 pm

    Aapki Gazalen hain khushbu bikherte sandal,
    Bhalehin daman se lipte Nag fufkar chhodte rahen.

    जवाब देंहटाएं
  8. shishirkumar2:54 pm

    Aapki Gazlen hain khusbu bikherte sandal,
    Daman se lipte Nag bhale fufkar chhodte rahen.

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: डॉ. हीरालाल प्रजापति की 10 ग़ज़लें
डॉ. हीरालाल प्रजापति की 10 ग़ज़लें
http://lh5.ggpht.com/-miY8x2k1cXw/T89MW17eslI/AAAAAAAAMUw/0cw1hiTZTIk/DSCN4834%252520%252528Custom%252529%25255B5%25255D.jpg?imgmax=800
http://lh5.ggpht.com/-miY8x2k1cXw/T89MW17eslI/AAAAAAAAMUw/0cw1hiTZTIk/s72-c/DSCN4834%252520%252528Custom%252529%25255B5%25255D.jpg?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2012/06/10.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2012/06/10.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content