कामिनी कामायनी की पाँच मैथिली कविताएं, हिंदी अनुवाद सहित ।

SHARE:

पाँच मैथिली कविताएं ,अनुवाद सहित । 1,शहरी सभ्यता नित ऊपर उठै छै मचान , नै आँगन बांचल नै दलान । घर स गरबहिया दैत घर , ऊपर स नीचा ,घरे घर ।...

पाँच मैथिली कविताएं ,अनुवाद सहित ।

1,शहरी सभ्यता

नित ऊपर उठै छै मचान ,

नै आँगन बांचल नै दलान ।

घर स गरबहिया दैत घर ,

ऊपर स नीचा ,घरे घर ।

नै कत्तों कनिओ त जमीन ,

पातर देवार जंगला महीन ।

जौ सोर करै किओ ज़ोर ज़ोर ,

मन भ जायत अछि अति घोर ।

मन भ जायत अछि देखि विकल ,

सभ्यता के ई नव नागफास ।

केहन जुग अब आबी बसल ।

नहीं छै कनिओ उल्लास आब ।

धरती स ऊपर उठैत स्वप्न ,

नीचा पैरक बस परिताप ।

नै मर्यादा के बोल रहल ,

नै मधुर ,मीठ कल्लोल रहल ।

सब दिशा मे तीव्र स तीव्र सोर ,

बहिरा के गाम मे बसल लोक ।

नै आंखि मे पानी एक बूंद ,

नै धरती पर हहराति जल ।

सबटा परिभाषा बदली गेल ,

जुग ठाढ़ एतय ठीठीयाय रहल ।

ई नव नुकूत इतिहास गढ़त ,

शहरी सभ्यता के माया जाल ।।

हिन्दी अनुवाद

नित ऊपर उठता है मचान ,

नहीं आँगन बचा ,नहीं दालान ।

घर से गलबहिया देती घर ।

ऊपर से नीचे घर ही घर ।

यदि आवाज करे कोई ज़ोर ज़ोर ,

मन हो जाता है कटु अति ।

मन हो जाता है देख विकल ,

आधुनिकता का नव नागफास ।

धरती से ऊपर उठते स्वप्न ,

नीचे पाव के बस परिताप ।

ना मर्यादा का बोल रहा ,

न मधुर ,मधुर कल्लोल रहा ,।

सब दिशा मे तीव्र से तीव्र स्वर ,

बहरों के गाव मे बसे लोग ।

ना आँख मे पानी एक बूंद ,

ना धरती पर हहराती जल ।

सब परिभाषा बदल गए

युग खड़ा यहाँ ठहाका लगा रहा ।

यह नयी नवेली इतिहास गढ़ेगा ,

शहरी सभ्यता का माया जाल ।

2 लिखत के प्रेम गीत ?

कदंबक गाछ त कटि /

चुकल छल आब ,

कृशकाय /

एकसरि ठाढ़ राधा /

हेरे छली एखनहु कृष्णक बाट/

सखी सब पहिनहि संग छोड़ लेन्ह,

आब मुरारी सेहो निपता,

केहन घोर कलिकाल ,/

प्रेमक शाश्वत कुसुम कोना मुरुझा गेलै/

नहि रहलै आब ओ राग अनुराग /

पोखरिक घाट /गाछी /ईनार /

सब जेना वीरान ,उजाड़ भ गेलै /

चिड़े चुनमुन चुप्प /

चारहु कात अनहार घुप्प /

हिय के कर्पूर कोना उड़ी गेल /

कत्त ताकू ? कोन कुंज ? कोन बोन ?

सोचे छथी राधा भरल आंखि स /

की जखन ,प्रियतम नहि अनुरागी ,त

लिखत के प्रेम गीत /

के लिखत जौवन के मधुर मधुर प्रीत /

तकेत छथी व्याकुल भ ,धरती ,अकास के /

गाछ बिरिक्ष/लता ,कुंज ,लग पास के ,

बिलखैत पुछेत छथि/लिखत के प्रेम गीत /

लिखत के प्रेम गीत /

विद्यापति जबाव दौथ ।।

अनुवाद

कदंब का पेड़ /

तो कट चुका था अब /

अकेले खड़ी /

कृशकाय राधा /

निहार रही थी अभी भी कृष्ण की राह ।

सखियो ने पहले ही

तज दिया था साथ /

अब मुरारी भी लापता /

कैसा घोर कलिकाल /

प्रेम की शाश्वत कुसुम कैसे मुरझा गई /

नहीं बचा हृदय मे उद्वेग /

नहीं रहा अब वो राग अनुराग ।

पोखर का घाट ,बगीचा ,कुवां,/

सब जैसे वीरान हो गया /

पक्षिगण चुप्प/

चारो तरफ अंधकार घोर ।

प्रेम कहाँ उड़ गया कर्पूर जैसे /किधर ढूंढें / किस कुंज मे ,किस वन मे ।

सोचती है राधा भरी हुई आंखो से /

कि जब प्रियतम ही नहीं अपना /

तो लिखेगा कौन प्रेमगीत /

कौन लिखेगा यौवन का मधुर मधुर संगीत /

देखती है व्याकुल हो /धरती और आकास को /

पेड़ ,पौधे ,लता कुंज ,आस पास के /

पूछती है व्याकुल हो /लिखेगा कौन प्रेम गीत /

लिखेगा कौन प्रेम गीत /

विद्यापति जवाब दें ।

3 आतंकी गाम ।

हाथ पएर मोड़ने /

ओ सुतल सुतल सन गाम /

जतय एखनो किओ किओ /

गाबैत छल /पराती/झुमरि/आ कजरी /

जतय अखनों पीबैत छल /

विभेदक वावजूद /संग संग / पानि/एके घाट प

बाघ आ बकरी ।

खरिहान मे दूर दूर धरि पसरल धान /

हसैत –ठिठियाति लोक के / छलै भरि मुंह पान ।

नव नुकूत प्रेमक होईत छल चर्च /

नीक बेजाय मे /होईत छल बुद्धि खर्च ।

जतय एखनहु बांचल छल /

आंचरक लाज /

मन जांति क /जन्निजाति/

करैत छल अपन अपन काज ।

जतय एखनो भोर स साँझ धरि /

बनैत छल किसिम किसिम के भानस/

जीवन स तृप्त /सुखासन प बैस

ज्ञानी ध्यानी पढे छलाह मानस ।

जतय एखनों ठाढ़ छल पुआरक /

बड़का टाल/

आ किल्लोल करैत धिया पूता /

होय छल निहाल ।

ओहि सुतल /ओंघायल सन गाम मे /

पैसि गेल छल एक दिन /

किछू अंनचिन्हार /अजगुत /

जेकर बग्गे बानी सेहो कहने दन /

हाथ मे कड़गर/ हरियर हरियर नोट आ बंदूक ।

ओ सब बैसाहे आयल छल /शांति /पसारि क एक गोट भ्रांति /

खेत खरिहान मे उपजाबय लेल /

बारूद /आरडिएक्स।

छीटैत रहल पाय पर पाय /

आ देखैत देखैत /

भ गेलै विषाक्त /

गामक पोखरि/

बन्न भ गेले अजान ,कीर्तन आ पराती/

डेरा गेल बिहुसैत समाज /

ओतय आब काबिज अछि /

भयोंन /गरजैत/

लाल लाल आंखि/मुंह स बोकरेत/

आगि सन /

आतंकक घिनौन साम्राज्य ॥

॥ अनुवाद ॥

हाथ पाव मोड़े /

सोया सोया सा गाँव /

जहां अभी भी कोई कोई गाता था /

प्रभाती /भूमर /नचारी /

जहां अभी भी पीते थे /

विभेद के वावजूद /

पानि / एक ही घाट पर /

बाघ और बकरी ।

खेत /खरिहान मे /दूर दूर तक /फैला हुआ था धान /

हसते /खिलखिलाते लोग/

सबके मुंह मे भरे थे पान ।

नए प्रेम प्रसंगों की होती थी चर्चा /

अच्छी बुरी बातों मे/बुद्धि होती थी खर्च ।

जहां अभी भी बचा था आँचल का लाज /

स्त्रीगण मन मार कर भी /करती थी अपना काम ।

जहां अभी भी सुबह से शाम तक /

बनते थे किस्म किस्म के व्यंजन /

जीवन से संतुष्ट /सुखासन पर बैठ /

ज्ञानी /ध्यानी /बाँचते थे मानस ।

जहां अभी भी खड़ा था /पुआलों का टाल/

शोर मचाते बच्चे /होते रहते थे निहाल ।

उसी सोए सोए /उँघाते जैसे गाँव मे/

घुस गए थे एक दिन /

कुछ अपरचित /

जिनकी वेश भूषा /वाणी भी विचित्र ।

हाथ मे /हरे हरे /कड़े कड़े रुपए और बंदूक /

आए थे वे लोग खरीदने शांति /फैला कर भ्रांति /

उपजाने के लिए /

खेत खरिहान मे /

बारूद /आर डी एक्स /

फेंक रहे थे शब्दों के पिघलते हुए लावे /

और देखते देखते /गाँव का पोखर /हो गया विषाक्त /

बंद हो गए प्रभाती /झूमर /और अजान /

डर गया था समाज /

काबिज है अब वहाँ /

भयानक अट्ठास करता /

लाल लाल आँखें /और मुंह से आग उगलने वाला /

आतंक का /

घिनौना साम्राज्य ॥

4 अहिल्या ।

भेंट फेर भेल छल गौतम के /

अहिल्या स/वएह काया /वएह रूप /

आईयो धरि तरासल /

वएह जौवन /

नदी के धार सन सनसनाइत/

मुदा आंखिक भाखा एकदम भिन्न /

नहि कोनो लोच /नहिं कत्तों संकोच /

एक गोट नब ऊर्जा /नब तेज स भरल अवस्स /

चौंधिया गेला /ओ ओहि तेज स /

जुग कतय स कतय/चलि आयल /

आत्म दर्शन मे ओझरायल /

कोना अनभिज्ञ रहि गेला ओ /

अही भेद स ।धखाइत /घबड़ाइत /

कहुना अपन परिचय ल बढला /

मोंन पाड़ू/गौतम हम /परमेश्वर अहांक पहिला /

वाक जेना मुंह मे अटकि गेल/

आ जुबती आगा बढि क लपकि लेल /

फेर /सभरैत बजली /बड़ मृदु बोल/

हमरो /छल ई अभिलाषा अनमोल /

की कोनो जुग मे आहाँ के देखितौ /

आ आहाँ के कद स अपन काया नपितौ /

सरापक दुनिया मे कत्तेक बुलब टहलब /

की एखनि धरि अहाँ के किओ नहि बुझौलक /

हम त कहब ज्ञानी बनब त बनू/

अहंकार के परंच पचेनेओ सीखू /

जानू देह गेह के निर्धारित सीमा /

आ निर्दोख के माफ केना भी सीखू /

तखन जाके अहांक तप सब सफल हैत/

कएक जनमक उपरांत फेर हमरा स मिलन हैत /

आब हम वृथा कोनो जोड़ स नै बनहेब/

पाथरि बनि अपन जीबन नहिं गमायब /

बड़ पढेलहू धरम अधरमक पोथी /

जेकर थाह आय धरि नै किओ पायल /

फटकार सुनि हुनक ज्ञान जागल /

कएक जुगक अनहार भागल /

धड़ खसौने ऋषि जायत रहला /

पड़ल मों न केलहा सबटा पिछुलका ।

कलिजुग मे होबैत छै सबहक इंसाफ /

दोषी के दंड आ निर्दोख के खून माफ ।

॥ अनुवाद –॥

भेंट फिर से हुआ था /

गौतम का /अहिल्यासे /

वही काया /वही रूप /आज भी /तराशा हुआ वही यौवन /

नदी के धार सी हनहनाती हुई /

लेकिन आँखों की भाषा /एकदम भिन्न /

नहीं कोई शर्म /न हया /

एक नवीन ऊर्जा /

नए ओज से ओतप्रोत अवश्य/

चौंधिया गए वे उस तेज से /

युग कहाँ से कहाँ चला आया /

कैसे अनभिज्ञ रह गए वे इस भेद से /

शर्माते /घबड़ाते /अपना परिचय लिए बढ़े /

मैं गौतम /परमेश्वर तेरा प्रथम ।

शब्द जैसे मुंह मे ही रह गया /युवती आगे बढ़ कर लपकी/फिर बोली मृदु बोल /

मेरी भी थी परम अभिलाषा अनमोल /

कि किसी युग मे आप को देख सकती /

आप के कद से अपना काया नापती /

श्राप की दुनिया मे घूमेंगे कितना /

क्या अभी तक किसी ने आपको नहीं समझाया /

मैं तो कहूँगी की ज्ञानी बनना है तो बनिए /

अहंकार को जब्त करना भी सीखें /

जानिए देह गेह की निर्धारित सीमा /

और बेकसूर को क्षमा करना भी सीखें /

बहुत पढ़ाया धरम अधरम का पोथा /

जिसका थाह अबतक भी किसी ने न पाया ।

फटकार सुन कर उनका ज्ञान जागा /

कितने युगों का अंधकार भागा /

शरीर झुकाए ऋषि जा रहे थे /

याद आ रहा था सब कर्म पिछला /

कलियुग मे होता है सबका इंसाफ /

दोषी को दंड और मासूम को खून माफ ।

5

प्रलाप कंसक ।

कतेक रातिक जागल /

लाल टरेस आंखि/

जेना फटि क बाहरि निकसि आओत।

केहन भूख /के हन पियास/

खेनाय खाय छी/

मुदा क्षुधा त जेना बिला गेल होय /

ई सिंहासन /ई वस्त्राभूषन /ई रनिवास /

किछू सुख नहिं द रहल अछि उद्विग्न मोंन के /

सदिखन ,उठैत/बैसेत/चलैत/बुलईत/

ओकरे चिंतन /ओकरे धियान /

केवल ओ /ओ / ओ ।

लोक कहैत अछि/मक्खन सन /हमर गौर वर्ण /

अही आंच मे झरकि/

एकदम स्याह पड़ि गेल /कारी कचोर /

ओकरे सन एनमेन ।

आकास /पाताल /

दसो दिसा गवाह अछि /हमर व्यथा के /

ई हो लोकेक कहबी छै/

बड़ बेसी नृशंस भेल जा रहल छी हम /

परंच /हमरा त कनिओ अपन शरीरक नहि भान /

नहिं/मोने के /

बबूरक काँट/शरीरक रॉम रोंम बनि गेल /

कारी घुरमल घुरमल /माथक केस /

बरछी जका ठा ढ़ /जिबैत हम मौतक पुतरा/

मुदा कनिओ सुध हमरा कत्त/

हम त मातल चारो पहरि आठो याम /

ओकरे सोच मे ऊब डूब होईत/

भयग्रस्त भ मृत्यु स /

हदस पैसि गेल अछि /

/जेकर स्नेह मे /

कोचवान बनल /बिसरि गेल रहि अपन राजसी ठाट /

ओहि देवकी के आठम संतान /

राति दिन हमर डेरा रहल अछि /

हां /कंस हम /

कोना तड़पि तड़पि क जीबी रहल छी/नहि बूझल किओ हमर पीर /

ने जड़ि/नहिं चेतन /

नहि जानि/कहिया धरि/भटकैत रहब /

जीवन के अंत के पश्चातों //विराम करब वा नहिं / की/किओ / कहि सकैत अछि?

अनुवाद –

कितने रातों का जागा /

लाल सुर्ख आँखें /

फट कर जैसे /बाहर निकल जाएंगी /

कैसी भूख ? कैसी प्यास ?

खाता तो हूँ /

लेकिन भूख तो जैसे विलीन हो गई हो /

यह सिंहासन /ये वस्त्राभूषण /यह रनिवास /

कुछ भी सुख नहीं दे रहा है मन को /

हर पल /उठते /बैठते /

चलते /

फिरते /उसी का ध्यान /

बस वह /वह /केवल वह ।

लोग कहते हैं मक्खन जैसा मेरा गौर वर्ण /

इस आंच से झुलस कर /

एकदम स्याह पड़ गया हूँ /

काली स्याह /उसी के तरह /

अकास /पाताल /दसो दिशा /गवाह हैं /

मेरी व्यथा के ।

ये भी लोग ही कहते हैं कि/

बहुत ज्यादा नृशंस होता जा रहा हूँ मै/

लेकिन मुझे इसका तनिक भी भान नहीं /

बबुल के कांटे /मेरे शरीर का /रॉम रॉम बन गया /

काले /औठिया केश माथे के /

बर्छी कि तरह खड़े हो गए हैं /

मैं जीवित मौत का पुतला /

लेकिन मुझे जरा भी होश नहीं /

मै तो नशा मे मत्त /

रात दिन आठो पहर /

उसी के विषय मे/

गुपचुप पड़ा /

भयग्रस्त हो कर मृत्यु से /

आतंक प्रवेश हो गया है हृदय मे /

जिसके स्नेह मे कोचवान बना /

भूल गया अपना राजसी ठाठ /

उसी देवकी का आठवा संतान /

डरा रहा है मुझे रात दिन /

भोग से नहीं /भय से ग्रस्त /मैं कंस /

कैसे तड़प तड़प कर जी रहा हूँ /

नहीं समझ पाया कोई भी मेरा दर्द /

न ही जड़ /और न चेतन /

न जाने कब तक भटकता रहूँगा /

जीवन के अंत के बाद भी विराम कर सकूँगा ?

क्या इसका जवाब दे सकता है कोई ?

0 0 0 000 000 कामिनी कामायनी ॥

COMMENTS

BLOGGER: 6
  1. बेनामी11:38 am

    kavitaen bahut marmsparshi hai
    bahut bahut dhanyavad

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत अच्छी कविताएं और बहुत ही अच्छा अनुवाद
    आज के आज की सचाई-


    ना मर्यादा का बोल रहा ,

    न मधुर ,मधुर कल्लोल रहा ,।

    सब दिशा मे तीव्र से तीव्र स्वर ,

    बहरों के गाव मे बसे लोग ।

    ना आँख मे पानी एक बूंद ,


    वाह
    बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. कविताएं काफी अच्छी हैं, कहीं कहीं पर कुछ शब्द, कुछ संकल्पनाएं समाज नहीं आयीं, पर कोई बात नहीं। ८० % भी समझ आ गया तो बहुत है. रोज रोज कहां यह पढने को मिलता है? इसे ही लिखती रहिये. धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  4. कामिनी कामायिनी की कविताएं प्रभावी सार्थक और सराहनीय हैं| हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: कामिनी कामायनी की पाँच मैथिली कविताएं, हिंदी अनुवाद सहित ।
कामिनी कामायनी की पाँच मैथिली कविताएं, हिंदी अनुवाद सहित ।
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjkIWH8rt9y8TQtidQMpsAayGFSts-dXsP9M5e9sXm24F92pNADHFEiI2Dt7XH4_k2guA2e8R3YHwqx2oKmzHaZEpjDoZQ8i_rwYt7dnLpv6P_7kXL0w7FiJ5pfF6TLk3p5bzQc/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjkIWH8rt9y8TQtidQMpsAayGFSts-dXsP9M5e9sXm24F92pNADHFEiI2Dt7XH4_k2guA2e8R3YHwqx2oKmzHaZEpjDoZQ8i_rwYt7dnLpv6P_7kXL0w7FiJ5pfF6TLk3p5bzQc/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2013/10/blog-post_8266.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2013/10/blog-post_8266.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content