आत्माराम यादव पीव की ताज़ा कविताएँ

SHARE:

एक थकान बहुत छायी,खूब छायी, जीवन में उदासी हताश मन,बोझल तन, डूबी है बोझ से जिन्दगी उबासी। हैरान है,परेशान है, जीवन के रास्ते, हम बहुत थके, ...

नेहा शर्मा की जलरंग कलाकृति

एक

थकान

बहुत छायी,खूब छायी,

जीवन में उदासी

हताश मन,बोझल तन,

डूबी है बोझ से जिन्दगी उबासी।

हैरान है,परेशान है,

जीवन के रास्ते,

हम बहुत थके,

खूब थके, जिन्दगी तलाशते।

हाथ थके,पॉव थके, थके सारे अंग,

श्रद्धा थकी, विश्वास थका, थका जीने का ढंग।

उम्मीद थकी, इंतजार थका,

कल्पनाओं का आकाश थका

मान थका,सम्मान थका,

जीवन का हर सोपान थका

शब्द थके,ज्ञान थका, पक्षियों का गान थका,,

आज नाच भूल गया, अपने सारे राग-रंग।

शांति थकी, राग थका,साधुओं का वैराग्य थका,,

तीर्थ थके, ग्रन्थ थके, पुजारी और संत थके,

औषधि थकी, मधु थका, अमृत का हर कण थका,,

अब जहर को भी आ गया, नये जीने का ढंग।

वृक्ष थके, सुमन थके, बीजों के हर अंकुरण थके,

पूजा थकी, यज्ञ थका, देवों का नैवेद्य थका

योग थका, मोक्ष थका,यम का यमलोक थका,

भूल गया आदमी आज अपने जीने का ढंग।

किरणें थकीं, धूप थकी, रोशनी भी खूब थकी,,

मृदंग की थाप थकी,वीणा की झंकार थकी

कान्हा की मुरली थकी,राधा का इंतजार थका,

समाधि का तत्व थका, ब्रह्म का ब्रह्मत्व थका

जीवन का अस्तित्व थका, शिव का शिवत्व थका,

कृपा थकी, वरदान थका, आशीर्वादों का परिणाम थका

पीव देव हो गये है जैसे सारे अपाहिज अपंग।

देह को गलाये चला, कांटों पर सुलाये चला,

शत्रुता बढ़ाये चला,,दिल में आग जलाये चला

स्वार्थ में डूब गया, बनकर हर आदमी मलंग।

आदर्श को गाढ़ दिया, पाखण्ड को ओढ़ लिया,

सच को दबा दिया, झूठ को अपना लिया

थोप लिये क्रियाकाण्ड व्यर्थ के ढ़कोसले,

अब डसने को बन गया खुद आदमी भुजंग।

स्वार्थ को ताज मिला,ईमान बैठा रोता,

रोगों को पंख लगे,इलाज कहां होता?

धर्मभूमि भारत से,हमने धर्म को खदेड़ा,

पश्चात संस्कृति ने डाला है अपना डेरा।

आदमियत ही आदमी में, सदियों से हो गयी है बंद


दो

आदमी की कोई हद न रही

जाने ये क्या हद हो गयी ?

कि आदमी की हद सरहदों में खो गयी

सरहद बना ये आदमी,आदमी है कहां

खोखला उसका वजूद और झूठा उसका जहां,

सगे भाईयों के बीच,आपस में ठनी हो गयी,

आंगन में लगी बागड़, और घनी हो गयी ?

जाने ये क्या हद हो गयी

कि आदमी मुस्कान गमों में खो गयी

चेहरे पर खिलती थी कभी उसके मुस्कान

गिरगिट सी रंग बदलती है अब उनके मुस्कान

स्वार्थ में हाय ये मुस्कान बिखर गयी

आदमी की मुस्कुराहट, अब आदमी की नहीं रही?

जाने ये क्या हद हो गयी ?

कि आदमी की आँखों की चमक अंधेरे में खो गयी

आँखों में उसकी कभी रहती थी जो मासूमियत

लरजते थे आँसू,प्यार की देने को शहादत

जुल्म ढ़ाती अब उसकी आँखें,अब शैतान हो गयी

हाय आदमी की आंखें, निर्दोषों के खून की प्यासी हो गयी।

जाने ये क्या हद हो गयी ?

कि आदमी की जिंदगी, हादसों में खो गयी

कभी फूलों की तरह महका करती थी जिंदगी

श्रद्धा से नतमस्तक करती थी वन्दगी

आदमी की जिन्दगी एक हादसा हो गयी, गर्दिशों की मानो वह बादशा हो गयी।

जाने क्या हद हो गयी ?

कि आदमी की जिंदगी समयचक्र में खो गयी

कभी समय के साथ, जो चला करता था आदमी

आज टूटती बिखरती वो जिन्दगी की माला है आदमी

समय के हाथों दो कोड़ी का खिलौना है आदमी

निगल रहा है कालचक्र, हाय चुन चुन कर आदमी।

आज के आदमी के आगे,मजहब की कोई शान न रही

शानो-शौकत से जी रहा है,वह मजहब को राजीखुशी

मजहब के नाम पर, वह फसाद करा रहा है

सच्चे मजहब का मतलब वह कुछ और बता रहा है।

आदमी, आदमी की आन को मिटा रहा है आदमी

आदमी, आदमी में छिपे भगवान को मिटा रहा है आदमी ।

जाने क्या हद हो गयी ?

कि आदमी की आन,अब मजहबों में खो गयी

कभी मजहब का होकर, जो गया था आदमी

आज तक लौटा नहीं, वह मजहब का आदमी

पीव पहचान उसकी, खुदा से जो हो गयी।

खुद खुदा हो गया, वह मजहब का आदमी।


तीन-

परिवर्तन के झुनझुने

परिवर्तन के झुनझुने

कुछ हमने बजाये है

बेसहारा मजबूर के चेहरे

सुनकर मुस्काये है

दबा दिये तुमने सारे स्वर

कुछ ऐसे भूकम्प जगाये हैं।

जनक्रान्ति के गीत

कुछ हमने गाये है

पराधीन भावुक मन ने

अपने मन में सजाये है

पुराने कानों के परदों ने

कुछ जलभुनकर ठुकुराये हैं।

अरमानों के ज्वालामुखी

कुछ हमने जगाये हैं

सूखे आँसू की जलती आँखों ने

अभावों से भी शीतल बताये हैं

सब अपनों ने ही खरीद लिये

कुछ ऐसे धन के अंबार लगाये हैं।

महाप्रलय की अंधड़ आँधी

कुछ हमने चलायी है

उखड़ जाये सब अंधविश्वासी डूंड

देख नवचेतना हर्षायी है

सब फूटते अंकुरों को दबा दिये

कुछ ऐसे ही डूंडों ने रोक लगायी है।

घायल दिल के युवकों को

कुछ हमने सहलाया है

अतीत की उफनती लहरों ने

भंवर में भविष्य को फंसाया है।

अंधेयुग के आकाओं ने

कुछ ऐसे ही सदियों से डुबाया है।

पथराई हुई आँखों को

कुछ सपने हमने दिखाये हैं

अन्यायपूर्ण हरकतों-दलीलों से

वे अभी भी पथराये हैं

बुदबुदाते हताश-उदास वे

कुछ ऐसे ही चीखे चिल्लाये हैं।

परिवर्तन के झुनझुने कुछ हमने बजाये हैं।


चार-

सोये हुये नादानों जागो

ओ सोये हुये नादानों जागो,

ओ भारत की संतानों जागो

परिवर्तन का सूर्य उगा है, नींद भगाओ लम्बी न तानो।

ओ माझी तूफान से लड़ने वाले

देश सारा डूब रहा है उसे बचाले।

तोड़ सभी रूढ़ियों की कच्ची रस्सी

इन रस्सियों को, आज जरा आजमा ले।

परिवर्तन का तूफान उठा है, पतवार उठाओ बाधमान तानो।

सगाई मंगनी छोड़ छुटटी

बंद से बहुत रही आपस में कुटटी

बाहर करते आये मन-मरजी

घर में भले रहे नाराजी।

अपना घर तो संभाल न पाये, दूजा घर क्यों तोड़ने की ठानो।।

अहंकार की झूठी शान ने

गरीब कमजोरों को नहीं छोड़ा है

पंच-परमेश्वर पंचायत ने

भ्रष्ट चरित्र को ओढ़़ा है।

पंचायत की मर्यादाओं को, आज बचाओ ओ परवानों।

दूध के लिये बच्चे अकुलाते

शराब पीकर तुम मस्ताते

नाच रही है घर-घर में भूख

तुम नवाब बने इतराते खूब।

नवाब बनने से पहले, बनो श्रमिक घर इन्द्रासन तानों।

दगाबाज मक्कारों ने

खूब बवंडर मचाया है

निर्माण करो फौजी अरमानों को

इससे जुल्म का ठेकेदार घबराया है

राह के कांटे हटा के यारों, फूल बिछाने की तुम ठानो।

खिसियानी बिल्ली सी तुनक मिजाजी छोड़ो,

उछलकूद बंदरबाजी छोड़ो,

देश तोड़ने वालों के सिर फोड़ो

परिवर्तन के हर अटके रोड़े तोड़ो।

भेड़िया नहीं शेर बनो तुम, बनो फौलादी जंगवानो।

इंसानियत की लाश बिछायी

आज धर्म के ठेकेदारों ने

संवेदनाओं में आग लगायी

घर के भेदी मक्कारों ने

आग बुझाओ दिल को मिलाओ,संगठित होने का प्रणठानों।

अक्ल के अंधे अज्ञानियों को

तुमने ताज पहनाया है

ज्ञानी बैठा सुबक रहा है

जोर उसने अपना आजमाया है।

जरा तो चेतो अज्ञानियों से,ज्ञान को सबल बनाओ ओ ज्ञानवानों।

नेतृत्व यहां बीमार पड़ा है

कुछ अलग बनाओ अपना तकाजा

कहीं अर्थी न उठानी पड़ जाये

उसमें मिलाओ अपना खून ताजा।

समय तुम्हें पुकार रहा है,निष्ठा लाओ ओ नेतृत्ववानों।


पांच

जो करना है अभी करें, आज के दिन

दिल में नये अरमान बसाये,आज के दिन।

दिल को गूंचे की तरह खिलाये, आज के दिन।।

फूलों की तरह हंसे-हंसायें, आज के दिन।

बादल की तरह झूमे-छा-जायें, आज के दिन।।

मुस्कान की बरखा में नहाये,आज के दिन।

कलियों की तरह खिल जाये, आज के दिन।।

भंवरों की तरह भनभनायें, आज के दिन।

झरनों सा कल-कल बह जाये, आज के दिन।।

अमावस्या के अंधेरे से समा जाये, आज के दिन।

सन्नाटे के दिल को छू जाये, आज के दिन।।

रात के मस्त-यौवन में सो जाये, आज के दिन।

ऊषा के गुलाबी पलक खोले, आज के दिन।

ओस कणों सा दूब पर छा जाये, आज के दिन।।

ज्योतिर्मय किरणों को जगाये, आज के दिन।

नाजुक कलियों के पंखों को छूले, आज के दिन।।

आकाश-धरा की ध्वनि में झूले, आज के दिन।

छोटा सा है जीवन मैंने जाना, आज के दिन।

सागर से गहरे सपने मैंने जाना, आज के दिन।।

झूठा दंभी अहंकारी हूं मैंने जाना, आज के दिन।

हूं दो पल का मेहमान क्यों न समझा, आज के दिन

मौत ले लेगी प्राण क्यों न समझा आज के दिन।।

पीव करें तैयारी मौत संग जाने की, आज के दिन।

बिखर जायेगी श्मशान में देह की राख, आज के दिन।।


छह

प्यास

ओ कुम्हरे तू बना ही देना,

मेरी देह को एक गगरिया।

फूटी हो न रिसे कहीं से,

जिसे सावत रखूं में सारी उमरिया।

जीवन की अंतिम सांसों तक अमृत भर लूं

गागरिया को कर दूं

जैसे मैं पूनम की चांदनिया।

रे जितनी खाली हो,

उतना अंधेरा अंतरमन में

ज्योति जलाकर,

पीव फेलाये ज्योतनिया।


सात -

खाली हाथ

सारी रात

नींद आँखों से कोसों दूर है

ख्यालों का पुलिंदा

मधुर पल की चाह में

एक पल के लिये

जीने को उत्सुक है।

नितांत अकेला,

कुर्सी पर बैठा आदमी

विचारों में डूबा

तलाश रहा है उस पल को

और वह मधुर पल

उसके हाथों से खिसक कर

बहुत दूर असीम में

सरकता हुआ चला जा रहा है।

ख्यालों के पुलिन्दे की परतें

कुर्सी और आदमी के चारों ओर

ढेर बनी उन्हें दबा रही है

और हाथ न आती उन परतों को

पीव वह आदमी, प्याज की तरह

परत दर परत छीलने को विवश है

उसके मिट जाने तक।


आठ-

पहनी है धरती ने ज्योति की पायल

आज आसमां से ये जाकर कह दे कोई

सितारों की महफिल कहीं और सजाये।

पहनी है धरती ने ज्योति की पायल,

दीपों के घुंघरू, स्वर झांझन सुनाये।

खैर नहीं तेरी ओ अमावस्या के अंधेरे

धरती से उठा ले तू आज अपने डेरे।

रोशनी को देख अंधेरा थरथराया

खूब चीखा पटाखों में, अंधेरे का हुआ सफाया।

झूमकर नाची है दीवाली, आज बनकर दीवानी

मानो पड़नी है शादी की, उसकी भांवरे रूहानी।

नहाती है रजनी, प्रभाती कुमकुमी उजाले में

आती है दीवाली लिये,कई नई सौगातों में।

खुशियां से बजने लगी,आज मन में शहनाईयां

स्वप्न सारे टूट गये, विश्वास ने ली अंगडाईयां।

फूलों की मुस्कान सा, आज संगीत सजा है

प्यार की तरंगों का, नया गीत जगा है।

पीव खोली है आँखें,मन चेतना लहरायी है

खुशियों को पंख लगे, ज्योति दीपक में आयी है।

...................................................................................................

image

आत्माराम यादव पीव

के.सी.नामदेव निवास, द्वारकाधीश मंदिर के सामने,

जगदीशपुरा, वार्ड नं.2, होशंगाबाद मध्यप्रदेश

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: आत्माराम यादव पीव की ताज़ा कविताएँ
आत्माराम यादव पीव की ताज़ा कविताएँ
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiLSKGNWM74COwH-xJHyQr51uxzcaUMwtiK2tPU89XJ3kbzVe4-twjpPtXG0YCbH_IIXmwx252GL-vDMa_3WkByZP6ij8WPk7XxHukt1yC9lpEyQ7PNPts3ZHyjWXCF-R8KzqUh/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiLSKGNWM74COwH-xJHyQr51uxzcaUMwtiK2tPU89XJ3kbzVe4-twjpPtXG0YCbH_IIXmwx252GL-vDMa_3WkByZP6ij8WPk7XxHukt1yC9lpEyQ7PNPts3ZHyjWXCF-R8KzqUh/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/02/blog-post_99.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/02/blog-post_99.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content