संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन - प्रविष्टि क्र. 92 : मेरी यादें मेरा सफ़र // डॉ मोनिका देवी शर्मा

SHARE:

प्रविष्टि क्र. 92 【 संस्मरण 】 मेरी यादें मेरा सफ़र डॉ मोनिका देवी शर्मा बचपन की यादें। अपने घर को छोड़कर बहुत याद आई । गांव में सब अपना था । ...

प्रविष्टि क्र. 92

संस्मरण
मेरी यादें मेरा सफ़र

डॉ मोनिका देवी शर्मा

बचपन की यादें। अपने घर को छोड़कर बहुत याद आई । गांव में सब अपना था । महानगर में दिखावा ही बस दिखता है । 23 मई 2008 की रात थी, सारे परिवार के साथ थी। शुक्रवार का दिन मिल -जुलकर दिन बिताया 24 मई शनिवार को एक सांवली सी लड़की जो आज डॉक्टर मोनिका देवी के नाम से है, पहली बार अपने गांव व परिवार को छोड़कर हैदराबाद जैसे महानगर में आने के लिए तैयार थी।


हैदराबाद में 26 मई 2008 दिन सोमवार अनजान लोग। सब अंग्रेजी बोलने वाले थे। एक गांव की हिंदी साहित्य में एम,ए करने वाली साधारण सी लड़की जो सब को दिल से अपना मानती थी लेकिन शहर के लोग अलग होते हैं। उसका सीधा उदाहरण यहां देखने को मिला। यहां सब कुछ अलग अजनबी सा लगने लगा। छोटे से देहात से निकलकर महानगरीय जीवन को देखना मेरे लिए बहुत ही हर्ष का विषय है।
               2009 में मेरा दाखिला एम फिल में हो गया । जब तक भी मुझे हैदराबाद का कुछ भी मालूम नहीं था। मेरे मौसा जी दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा में मुझे छोड़कर आये। उस समय मुझे तेलुगु भाषा का कोई ज्ञान नहीं था। फिर भी किसी तरह पहला दिन बीता। सबको ऐसे देख रही थी जैसे किसी विदेश में आ गयी हूँ। कॉलेज का दूसरा दिन था। मेरा भाई संदीप मुझे खैरताबाद दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा,में छोड़ने गया था। वह है तो मुझसे छोटा लेकिन उस दिन गाड़ियों ऑटो से मुझको ऐसे बचा रहा था जैसे मेरा बड़ा भाई हूं। बहन भाई का रिश्ता भी जग में सबसे न्यारा होता है । गांव की लड़की शहर में आकर बहुत कुछ सुनती भी है। एम फिल करते समय मेरे गुरुओं ने मेरा बहुत साथ दिया ।


जिंदगी आसान नहीं होती ।
ये शहर में आकर जाना ।।
संग अपनों का छुटा,
बेगानों को अपना माना।।
हरियाली प्रकृति से अंजानी ,
मशीनों की बनी दीवानी।
यही बनी अब मेरी कहानी।।


धीरे-धीरे समय बीतने लगा। और एमफिल से पीएचडी का सफर शुरू हो गया। 1 जनवरी 2011 का वह दिन मेरी जिंदगी का बहुत ही यादगार दिन बना। PHD के रजिस्ट्रेशन के लिए साक्षात्कार हो रहा था, मेरा नंबर आया तो हम हंसते हुए 11 लोगों की कमेटी के सामने कुर्सी पर बैठ गए। सब मुझसे मेरा विषय जानने के लिए उत्सुक थे। मैंने पीएचडी साक्षात्कार के लिए - चित्रा मुद्गल के कथा साहित्य में सामाजिक चेतना  विषय चुना था, 20पृष्ट का सार लेकर गई थी। लेकिन मुखपृष्ठ पर विषय का नाम (न)लिख कर,अपना नाम (मोनिका देवी )लिख दिया था । सब लोग विषय पर मेरा नाम देखकर हंसने लगे थे। वह पल बहुत ही व्यंग्य पूर्ण रहा। PHD का कार्य शुरू हो गया। इसी दौरान मेरी माता तुल्य मौसी जी श्रीमती संतोष कोशी जो मुझको हैदराबाद लेकर आई थी। उनकी तबीयत डायबिटीज के कारण ज्यादा खराब रहने लगी थी ,मैं जो एक जिंदादिल लड़की अब एक जिम्मेदार बन गई। मौसी का साथ बहुत ही प्यारा रहा। खट्टी मीठी यादों के सहारे कब 8 साल बीत गए पता ही नहीं चल पाया। 25अक्टूबर 2015 को मौसी मेरा साथ छोड़कर चली गयी। उनका जाना मुझे अंदर तक झकझोर गया । हैदराबाद में रहकर (मोनी) डॉ मोनिका देवी तो बन गयी, लेकिन जिंदगी के उतार- थोड़ा बहुत देखने को मिले पहली बार डिग्री कॉलेज में पढ़ाने का अवसर मिला जो 2 महीने तक मैंने डिग्री कॉलेज में काम किया डिग्री कॉलेज लड़कियों का कॉलेज।  बहुत ही आनंद से 2 महीने बीत गए धीरे-धीरे अवसर मिलते गए। सन 2014 में भीमराव अंबेडकर ओपन विद्यालय हैदराबाद में आकाशवाणी पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ था। मैंने आकाशवाणी को हमेशा ही सपने में जिया था। उस दिन मैंने आकाशवाणी को हकीकत में जिया था।
धीरे धीरे कारवां आगे बढ़ने लगा। सामाजिक मुद्दों पर मैंने आलेख लिखने शुरू कर दिए,  जो कनाडा ब्रिटेन, चीन, जापान,पिट्सबर्ग तक छपकर आने लगे। ग्रामीण जीवन को आधार बनाकर कविताएँ लिखनी आरंभ हो गयी। गांव की नादान लड़की को कब जिंदगी के दुःख -दर्द समझ आने लगे यह पता ही नहीं चल पाया।
अब तो मानो दर्द से ही मेरी दोस्ती हो गयी हो।

-नित्य नहीं चिंता नई बीमारी,
जीवन स्नेह था मेरा
बचपन में पिता लेकर जाते
आज पैदल जा कर डॉक्टर को दिखाना ।।
दर्द भी होता पर उफ़ तक ना हो पाती ।
कहे किसे यहां कोई नहीं अपना माता-पिता संग लगे जंग सपना।।


यादों का दौर चलता रहा कामयाबी भी मिलती रही । उस्मानिया विश्वविद्यालय में डॉक्टर की डिग्री 2016 में प्राप्त हो गई। आलेखों का सिलसिला अब किताब में बदल गया। आज दो आलोचनात्मक किताबें, 6 संपादित किताबें आ रही है ।कभी भी ऐसा नहीं सोचा था कि मैं संपादिका बनूंगी । मेरा जीवन पहले भी साधारण था आज भी साधारण है बस मानसिकता थोड़ी बदल गई है।
5 अक्टूबर 2010 का दिन था। मैं दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा फैज़ाबाद के पुस्तकालय में गई थी।  उदास मन से ही कुछ लिखने की कोशिश कर रही थी। तभी मेरी मेज की दूसरी ओर बैठे एक युवक पर नजर पड़ी। मेरी एक आदत है, बिना बात करने वालों के साथ भी मैं बात कर लेती हूं। तो मैंने बस शुरू किया कि आप क्या लिख रहे हो? उस्मानिया विश्वविद्यालय PHD के फॉर्म आए हुए हैं, जिन की अंतिम तिथि 11 अक्टूबर 2010 है। यह सुनकर मेरा उदास मन थोड़ा खुश हुआ लेकिन खैराबाद से विद्या नगर तक का आना बहुत दूर था। उस युवक से सारी जानकारी लेकर मैं अकेली ही कल पढ़ने के लिए उस्मानिया विद्यालय के आगे 5 किलोमीटर तक पैदल चलती गयी।


कोई साथ नहीं था,किसी से बात नहीं
मन में ले विश्वास,
उस्मानिया में एडमिशन होगा इस बार ।
टूटी अगर आस,वापस जाना होगा देहात ।।
जिस उम्मीद से आई थी,वह होगी पूरी आज।।
यही सोच कर धूप कब बनी सांझ।।
चलते -चलते मंज़िल आ गयी पास।।


उन क्षणों की वह सुखद यादें आज भी मन को ताजगी वह मेहनत का जज्बा प्रदान करती है। दूसरों के घर में रहते हुए। आज 10 साल बीत गए हैं। 2017 में मुझे सम्मान पर सम्मान मिलने लगे साथ ही साथ जो कभी नहीं सोचा था। वह सब घटने लगा। जिंदगी में नाम तो मिलने लगा, लेकिन छोटी-छोटी बातों में सुनने को बहुत कुछ मिलने लगा। कि हिंदी से पढ़ी हो अगर दिमागदार होती तो, आज कुछ और बन जाती । कुछ आता जाता तो है नहीं कहते हैं पीएचडी है।।


दूसरों के घर में अपना कोई मूल्य नहीं होता  ,फिर भी इस स्नेह की किस डोर से बंधी हूँ , जाने के रास्ते तो देखती हूं लेकिन जा नहीं पाती। जिस लड़की में पहले भोलापन चुलबुलापन था, आज गंभीर हो गई है । दो -दो भाभी है ।भाइयों संग सब रहते हैं फिर भी मन का कोई कोना खाली सा रहता है। छोटे भाई का विवाह होने के बाद जीवन शैली बिल्कुल बदल गई। पहले जिस घर में सबकी जुबां पर मेरा ही नाम रहता था आज कोई नहीं पुकारता।


2014 में एक अर्द्ध सरकारी डिग्री कॉलेज में प्राइवेट नौकरी मिल गई। मैं गांव की खुशमिजाज लड़की यहां महानगर के लोग थे। देखने में चेहरे से मुस्कुराते अवश्य थे । लेकिन पीठ पीछे छुरा-घोंप देने वाले कार्य करने में माहिर हैं। 2014 से 2015 ऐसे ही कशमकश में बीत गया, साल दर साल चुनौती भरा आने लगा। 2016 में हाई स्कूल में हिंदी अध्यापिका की नौकरी मिली। मेरा मन बहुत प्रसन्न था लेकिन खुशी ज्यादा दिन तक नहीं चली। तानाशाह प्राचार्य के व्यवहार के कारण मैंने नौकरी छोड़ दी। वह चाहती थी कि मुझे बांध कर रखें, लेकिन आजाद परिंदे को कोई बांध नहीं। स्कूल में रहकर पढ़ना-लिखना नहीं हो रहा था, तो प्रिंसिपल को बड़े प्यार से कह दिया कि अब आप की तानाशाही हम नहीं सहेंगे।


थोड़ा गम तो हुआ कि 25000 महीने में आ रहे थे। अब कैसे दिन निकलेंगे यही सोच मन को उदास कर रही थी। थोड़ा सा मानसिक तनाव भी हुआ। तनाव भी अब रहने लगा फिर मन में मन में सोचा जिस रब ने मुझे पैदा किया वही जिंदगी चलाएगा। 2016 नवंबर में स्कूल छोड़ा था। 2017 जनवरी में फिर से पुराने डिग्री कॉलेज से बुलावा आ गया कि सहायक प्रवक्ता का पद खाली है। लेकिन तनख्वाह बहुत कम थी। हमने सोचा ना होने से तो अच्छा है कि महीने का खर्चा निकल जाएगा। यही सब सोचकर फरवरी 2017 से कॉलेज में दोबारा पढ़ाने लगी। यह दुनिया बहुत अलग थी लोगों में जलन इस कदर होती है। यह अब मालूम हुआ साथ में रहकर प्यारी बातें कर के स्टाफ रूम में लोग पीठ पीछे हटने लगे। उन की हंसी, हंसी रह गई मुझे 35 सम्मान मिल गए ।आज स्टाफ रूम में पांच लोग हैं, लेकिन मैं सब से अलग हूं। सबके साथ हँसती तो हूं लेकिन मन में समाज के दुख दर्द लेकर घूमती हूं, जिनको कलम का सहारा देकर लिखना आरंभ कर दिया।


डॉ मोनिका देवी शर्मा
सहायक प्रवक्ता
हिंदी विभाग,हिंदी महाविद्यालय हैदराबाद,तेलंगाना

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन - प्रविष्टि क्र. 92 : मेरी यादें मेरा सफ़र // डॉ मोनिका देवी शर्मा
संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन - प्रविष्टि क्र. 92 : मेरी यादें मेरा सफ़र // डॉ मोनिका देवी शर्मा
https://lh3.googleusercontent.com/-TYeihtJ05Lk/WlcGLK-FKKI/AAAAAAAA-VY/EiCZp5O5nQcGJQYlkU5CnqjeCvErLtBpwCHMYCw/clip_image002%255B3%255D?imgmax=200
https://lh3.googleusercontent.com/-TYeihtJ05Lk/WlcGLK-FKKI/AAAAAAAA-VY/EiCZp5O5nQcGJQYlkU5CnqjeCvErLtBpwCHMYCw/s72-c/clip_image002%255B3%255D?imgmax=200
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/03/92_29.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/03/92_29.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content