गधे की चुनाव रैली (व्यंग) सतिन्द्रपाल बावा

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दोस्तों! आपके गाँव का नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जायेगा क्योंकि प्रधान गधा साहब आपके गाँव से चुनाव प्रचार शुरू कर रहे हैं. इस चु...

दोस्तों! आपके गाँव का नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जायेगा क्योंकि प्रधान गधा साहब आपके गाँव से चुनाव प्रचार शुरू कर रहे हैं. इस चुनाव रैली में पहुँचने पर हम ‘न तीनों में से न तेरह में से गधा पार्टी’ की तरफ से आप सब का स्वागत करते हैं. जैसे कि आपको पता ही है कि मतदान नजदीक आ रहें हैं. इस लिए हम गधों ने भी एक धर्म निरपेक्ष राजनैतिक पार्टी का निर्माण किया है. दूसरा आपको हमारी पार्टी के नाम से हमारी निरपक्षता और सैकुलर पार्टी होने का पता तो चल ही गया होगा! ...हमारी गधा प्रजाति को भार खींचने का और भार ढोने का पुश्त दर पुश्त तजुर्बा है. हमारा विश्वास है प्रधान गधा साहब देश के इतिहास में सब से बुद्धिमान, समझदार और चालाक मुख्य मंत्री साबित होंगे. आपका ज्यादा समय न लेता हुआ अब मैं प्रधान गधा साहब को विनती करता हूँ कि वह मंच पर आए और चंद शब्द अपने मूर्ख बंद से कहें. प्रधान गधा साहब... आओ जी...ष्

हमारे स्टेज सचिव ने हमारी शान में कुछ ज्यादा ही चारा डाल दिया है. चाहे हम इतने लायक नहीं हैं...पर हम अपने छोटे भाई के प्यार को फूले पेट तक महसूस करते हैं...!

हम तो भाइयों! आप में से ही हैं, आपके अपने..! हमें राजनीति में नहीं आना था, परन्तु हमें दुख हुआ कि हमारे भाईचारे के आठ गधों को चार दिन जेल में इस करण रखा गया कि उन्होंने किसी सरकारी पदाधिकारी व्यक्ति विशेष के कीमती पौधों को नुकसान पहुँचाया था. इस घटना ने हमें अंदर तक जला फैंका! यकीन मानें हमारा विश्वास मानव जाति से टूट गया है! हम अपनी गधा प्रवृति के साथ मानव जाति का कितना भार हल्का करते रहे हैं परन्तु यह अहसान फरामोश हमारे गधों के भी नहीं हुए! खैर... हमने ऐसे मसलों से निपटने के लिए राजनीति का रास्ता चुन लिया है, जिससे हमारे देश में गधा भाईचारा सुरक्षित रह सके. हमें यह बताते बहुत खुशी का अहसास हो रहा है कि अमरीका की ‘इंटरनेशनल डौंकी एसोसिएशन’ के प्रधान मिस्टर डौंकी ने भी इस गैर-गधानवी घटना की घोर निंदा की है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि सरकारों को अपने कानून मनुष्य पर ही लागू करने चाहिएं, हम गधों पर नहीं. उनके प्यार और प्रेरणा से ही हम ने इस बार चुनाव लड़ने का मन बनाया है और हमें पूरा यकीन है कि हम आपके सहयोग और आशीर्वाद के साथ अपने मंसूबों में जरूर सफल होंगे. दूसरा आपको यह जान कर अति प्रसन्नता होगी कि हमने यह भी पता लगा लिया है कि अब हमारी प्रजाति से तो बड़े बड़े नेता काम करने की नसीहत लेते हैं. हाल ही में देश के एक बड़े नेता ने कहा है कि ‘मैं गधों से काम करने की प्रेरणा लेता हूँ.’ हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हम देश के बड़े नेताओं का मार्ग दर्शन करते हैं.

भाइयों! ‘हाथ कंगन को आरसी क्या और पढ़े लिखे को फारसी क्या’ आप खुद समझदार हैं और देश की राजनीति से आप अच्छी तरह वाकिफ हैं कि यहाँ तो हमारी जंगली जीवों की कुछ प्रजातियां सरकारों का निर्माण करने में भी अपना योगदान दे चुकी हैं. उन की इस ऐतिहासिक देन को कोई भुला नहीं सकता. खैर... हमें अपनी, जानवर प्रजातियों पर गर्व हैं कि चलो कोई तो है, जिस ने इतनी तरक्की की! परन्तु हाँ !! हमें किसी के साथ कोई ईर्ष्या नहीं है. हम तो अपने काम में विश्वास रखते हैं, चमड़ा में नहीं !

भाइयों !यह भी स्थिति की विडंबना है कि मानव जाति को एक दूसरे की प्रशंसा या निंदा करने के लिए हमारी ही जंगली प्रजातियां जैसे शेर या चूहा आदि की उदाहरण देनी पड़ती है. भाइयों! हमारी सरकार न भविष्यमुखी होगी, न वर्तमान-काली, बल्कि भूतकाली होगी. जो चार्ल्स डार्विन के ‘जन्म के सिद्धांत’ से भी बहुत पहले की गधा प्रजाति के पूर्वज अवहेलना का शिकार होते रहे हैं, परन्तु हमारी सरकार इस बहुमूल्य इतिहास को आपके सामने ले कर आयेगी. हम विश्वविद्यालयों में गधा खोज केन्द्रों की स्थापना करेंगे. गधों के ऐतिहासिक योगदान पर विश्व कान्फ्रेंसों का आयोजन करेंगे. क्योंकि हमें इस बात पर भी गर्व है कि हम केवल देशी नस्ल के हैं अन्य प्रजातियों की तरह अमरीका, साहिवाल या किसी और नस्ल के होने का हमारे ऊपर कोई दोष नहीं है. हमें शक है कि डार्विन ने अपने शोध कार्यों में जानबूझकर हमारी प्रजाति के इतिहास की अवहेलना की है.

भाइयों और बहनों! यहाँ हम एक बात और स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हमारी पार्टी असल में नयी राजनैतिक पार्टी है इस लिए हम यह नहीं कहते कि हमारी सरकार आने पर आपके बैंक-खातों में पंद्रह पंद्रह लाख रुपए आ जाएंगे. क्योंकि एक तो हम जुमलों में विश्वास नहीं रखते, दूसरा हम लालच रूपी रिश्वत दे कर आपकी कीमती वोटों को नहीं खरीदना चाहते, बल्कि तर्क के साथ, दलील के साथ आपका विश्वास जीतना चाहते हैं.... एक बात ओर भाइयों! हम केवल वही वायदे करेंगे जो हमारे सामर्थ्य में होंगे. उदाहरण के तौर पर हम लोगों को अपने दुलत्ते मारने का काम दुगुना कर देंगे. प्रातःकाल शाम दुलत्ता सर्विस निर्विघ्न चलाने के लिए हमारी सरकार वचनबध रहेगी. दूसरा चाहे हम स्वयं फोटोज और सैलफियों के शौकीन हैं, परन्तु हमारी सरकार आने पर सैलफियों पर पूर्ण रूप से रोक लगा देंगे. ‘डीसैलफाईजेशन’ कर देंगे भाइयों. क्योंकि सैलफियां लेने से जहाँ देश की युवा पीढ़ी का समय नष्ट होता है, वहां सैलफियों की आडिटिंग के कारण देश में भ्रष्टाचार भी फैलता है. भ्रष्टाचार से निपटने के लिए ‘डीसैलफाईजेशन’ हमारी सरकार का एक एतिहासिक काम होगा.

भाइयों! आप ने एक ओर लोकोक्ति सुनी होगी कि ‘भैंस के आगे बीन बजाने का क्या फायदा’. भाइयों हमारी सरकार आने पर इस लोकोक्ति के प्रयोग पर शराबबंदी की तरह, पूर्ण तौर पर रोक लगा देंगे क्योंकि इस लोकोक्ति में मर्द मानसिकता झलकती है और यह हमारी बहनों के साथ ज्यादती है! हमारी सरकार आने पर हमारी बहने चाहे डी.जे. के आगे नागिन नाच करे, उन्हें कोई रोक नहीं सकेगा. यह हमारा आपके साथ वायदा रहा...!

भाइयों और बहनों! हमने अपने छोटे से राजनैतिक अनुभव के द्वारा यह ज्ञान भी प्राप्त कर लिया है कि राजनीति को चमकाने के लिए फिल्मों का विरोध करना बहुत जरूरी है. आप जानते हो भाइयों कि फिल्मों में घोड़ों का नाम बादल, चेतन और घोड़ियों का नाम घन्नो आदि रखा होता है, परन्तु हमें गधे का गधा बना कर ही पेश किया जाता है. सो भाइयों! हमारी प्रजाति को फिल्मों में मजाक का पात्र बना कर पेश करने का हम सख्त विरोध करेंगे. हमारे जैसे एक कोमल चित जीव का जिन जिन फिल्मकारों ने मजाक उड़ाया है उन को जांच के घेरे में लाया जायेगा, जिससे भविष्य में ऐसी गलतियों को दोहराया न जा सके.... भाइयों यह नीति दोहरा काम करेगी, जहाँ हमारी प्रजाति को इन्साफ मिलेगा, वहां मानव जाति अपनी मूल समस्याओं को समझने से भी वंचित रह जाएगी...! इस के साथ गधा प्रवृति का विकास और विस्तार होगा!

हमारी बातों से आप ने, हमारी दूर दृष्टि का अंदाजा तो लगा ही लिया होगा कि गधा भाईचारा के विकास के लिए हमारी सरकार कितनी वचनबद्ध और कामयाब सरकार होगी! हम आपको साफ और स्पष्ट बता दें कि हमारी सरकार लोगों के लिए काम नहीं करेगी बल्कि गधों के लिए काम करेगी. क्योंकि बहुत सारे गधों ने हमें पार्टी फंड दिया है. सरकार आने पर हम उनको बहुत सी छूटें दे कर अपनी वफादारी का सबूत देंगे उनको लिए बैंकों से कर्ज लेने की विधि को सरल और आसान बनाएँगे. वह देशों विदेशों में से कर्ज लेने के समर्थ हो जाएंगे और हम यह सिद्ध करने की कोशिश करेंगे कि हमारे भाई घोड़ों की तरह हम भी वफादार जानवर हैं. जिन को जानबूझकर हाशियाकृत किया गया है...!

भाइयों! हम इस बात का सख्त विरोध करते हैं कि लोकतंत्रीय राज्य में सरकारें यह निर्धारित करने वाली कौन होती हैं कि हम गधों ने क्या खाना है? क्या नहीं. ऐसी राजनैतिक बातों के साथ मनुष्य को तो उलझाया जा सकता है परन्तु हम गधों को नहीं! अब आप खुद ही बताएं हम गधों को क्या पता कि अब सत्ता में कौन सी सरकार है कौन सी नहीं...? और कौन-कौन सी चीजें खाने पर पाबंदी लगाई हुई है, कौन सी पर नहीं...? अरे भाई! हमारे गधे भाइयों ने अगर अपने पापी पेट की भूख मिटाने की खातिर पौधे खा लिए तो क्या गुनाह कर दिया! यहाँ मंत्री सिपाही पता नहीं किस किस का क्या क्या निगल जाते हैं!! साथ ही अब हमारे भाइयों को क्या पता यह महंगे भाव के पौधे तो ‘स्वच्छता अभियान’ के अनुदान में से लगाए गए थे. और हमने कौन सा मनुष्य की तरह डायट चार्ट बनाऐ होते हैं, गधे हैं और गधों ने तो भाई खाना ही हुआ...!

भाइयों! हमारी सरकार आने पर हम अपने देश को फिर से सोने की चिड़िया बनाऐंगे. हमारी बहन चिड़िया जो विदेश की तरफ उड़ान भर गई है. हम उसकी घर वापसी के लिए हर छोटे बड़े देशों में भ्रमण करेंगे और उसे ढूँढ कर फिर से देश के अंदर वापिस लाने का प्रयास करेंगे और उसे अपनी संस्कृति और सभ्यता का पाठ फिर से याद करवाएँगे...! यह सब आपके प्यार और सहयोग के कारण ही संभव हो सकता है भाइयों...!

हाँ! आखिर में, एक विनती ओर करनी है कि हमारे जीतने के उपरांत आप हमें गधे ही बुलाना. कहीं हमें ‘शेर आया, शेर आया’ कह कर हमें उकसाना ही न शुरू कर देना... क्योंकि आपको तो पता है कि हमें असली शेर से कितना डर लगता है...!

भाइयों ! हमारी पार्टी का चुनाव निशान गधा ही होगा, क्योंकि प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता? कहते हैं कि जरूरत के समय पर तो गधे को भी बाप कहना पड़ जाता है! भाइयों तो अब समय की आवश्यकता है कि आप इस रैली को देश की बदलती तकदीर समझो और हमें अपना कीमती मतदान दे कर हमारी पार्टी ‘न तीनों में से न तेरह में से गधा पार्टी’ को विजय बनाए और हमें मुख्य मंत्री की कुर्सी तक ढुलाई का ऐतिहासिक कार्य करें... अंत में हम उन आठ गधों की बेमिसाल कुर्बानी को याद करते हैं जिन्होंने हमें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया. अब आगे भी हमें एक दो गाँवों में रैलियों को संबोधन करना है, सो आज्ञा दो! धन्यवाद!

Satinder Pal Singh Bawa
#123/6 Advocate Colony
CHEEKA 136034 HR.

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मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड 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रचनाकार: गधे की चुनाव रैली (व्यंग) सतिन्द्रपाल बावा
गधे की चुनाव रैली (व्यंग) सतिन्द्रपाल बावा
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