कहानी - क्रांति - प्रियंका कौशल

SHARE:

क्रांति जंगलों में चलते-चलते कब सोमारू को बुधिया से प्यार हो गया। पता नहीं चला। जीवन इतना पथरीला है कि उसमें प्यार का अंकुरण भी हो सकता, ऐसा...

क्रांति

जंगलों में चलते-चलते कब सोमारू को बुधिया से प्यार हो गया। पता नहीं चला। जीवन इतना पथरीला है कि उसमें प्यार का अंकुरण भी हो सकता, ऐसा सपना भी कभी नहीं देखा था सोमारू ने। बुधिया ने भी कहां ऐसा सोचा होगा।

क्रांति की राह पकड़े ये नौजवान अपने जीवन में एक लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। सरकार तुम्हारे खेत, जंगल, गांव हथिया लेगी। सरकार को अपने इलाके में घुसने नहीं देना है। लोकतंत्र जैसी कोई चीज नहीं है। ये सत्तासीन लोग तुम आदिवासियों को तुच्छ समझते हैं। नहीं चाहिए हमें इनके स्कूल, बिजली, सड़क, अस्पताल। नहीं चाहिए हमें इनका विकास। हम अपनी सरकार खुद बनाएंगे, जनताना सरकार। कुछ ऐसे नारों के बीच युवा हुए थे सोमारू और बुधिया।

सोमारु दण्यकराण्य में एरिया कमांडर था और बुधिया उसकी कमेटी की एक सदस्य। नहीं सदस्य भर कहना काफी नहीं होगा। सबसे सक्रिय सदस्य, निशाना तो ऐसे साधती, जैसे कोई ओलंपिक में भाग लेने वाली निशानेबाज हो। दिमाग से तेज और अपने लक्ष्य के लिए प्राण देने में भी पीछे ना हटने वाली लगन। इन्हीं खूबियों के कारण सबके बीच लोकप्रिय भी थी बुधिया। बचपन में जब दादा लोगों (नक्सलियों को बस्तर में दादा कहकर संबोधित किया जाता है) ने गांव आना शुरु किया, तो उनकी बातें बड़ी अच्छी लगती थी बुधिया को। उम्र कोई ज्यादा तो ना थी, यही कोई 8-9 वर्ष की रही होगी। खूब पढ़ना चाहती थी। बचपन में मां इलाज के अभाव में गुजर गई थी। बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती थी। ये भी सच था कि उसका सपना केवल सपना ही रह जाने वाला था। नारायणपुर जिले के सुदूर बसे बड़े जम्हरी गांव, जहां जाने के लिए आजादी के 70 सालों बाद भी पक्की सड़क ना बन सकी हो, वहां की कोई आदिवासी, गरीब बच्ची डॉक्टर बनने का केवल सपना ही देख सकती है। बुधरी के गांव में जब कोई बीमार हो जाता तो बैगा-गुनिया ही सहारा थे उसे ठीक करने के लिए। बात जब बैगा-गुनिया के बस के बाहर हो जाती, तो गांववाले मरीज को तकरीबन 40 किलोमीटर पैदल ढोकर लाते, ताकि उसका जीवन बचाया जा सके। उस गांव की महिलाएं मीलों चलतीं राशन लाने के लिए। कभी राशन दुकान पहुंचकर पता चलता कि आज दुकान नहीं खुलेगी तो फिर मीलों लौटकर आतीं। फिर दूसरे दिन जाती राशन लेने, इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि दुकान दूसरे दिन भी खुली मिलेगी। यह चक्र अनवरत् चलता रहता।

[post_ads]

लेकिन बावजूद इसके बुधिया पढ़ना चाहती थी। लेकिन उसे अच्छे-बुरे की पहचान नहीं थी। हो भी कैसे, जब उसके गांव के बड़े-बुजुर्ग अपने लिए अच्छा या बुरा सोचने या चुनने के अधिकार से वंचित थे, तो बुधिया में यह गुण कैसे आता भला। तो जब उसके गांव में दादा लोगों की आमद हुई, तो बुधिया को उनकी क्रांतिकारी बातें बड़ी अच्छी लगी। सरकारी कर्मचारियों से सताए हुए लोग भी दादा लोगों की शरण लेने लगे। कभी किसी फारेस्ट गार्ड को जनता से भरी अदालत में दो थप्पड़ लगा देने या फिर किसी पुलिसकर्मी की सरेआम पिटाई कर देने से लोगों को लगने लगा कि ये दादा लोग ही हमारे दुख को दूर सकते हैं। बुधिया भी इसी आकर्षण की गिरफ्त में जाने लगी। वो उनकी दुनिया के बारे में कुछ नहीं जानती थी, लेकिन बंदूक उठाए वर्दीधारी लोग उसे बड़े आकर्षक लगते, पुलिस से भी बलशाली, जंगलवाले साहब से ज्यादा ताकतवर। डॉक्टर बनने के सपने देखने वाली बुधिया कब बंदूक उठाकर जंगल की तरफ निकल गई, उसे खुद भी याद नहीं रहा। 10 साल की उम्र में ही उसने बंदूक चलाना सीखा। बड़े-बड़े नारे, उसके दिल को हिला देते। उसे लगता कि कितना शोषण हुआ है उसके समुदाय के साथ। सच में ये सरकारी लोग किसी नरभक्षी से कम नहीं है। स्कूल में गांधी-सुभाष पढ़ने वाली बुधरी अब मार्क्स, लेनिन, स्टालिन और माओ को पढ़ने लगी है। उसकी नसों में क्रांति ऐसे फड़कती है, जैसे पूरी दुनिया के लिए वो अकेली ही लड़ रही हो। अपने दल के साथ जंगलों में वो मीलों पैदल चलती। कभी नहीं थकती। अपनी विचारधारा के लिए पूरी निष्ठा रखती।

कभी कोई दल के खिलाफ जाता तो भूल जाती कि कभी वो साथी भी रहा है। क्रूरता की हद पारकर के उसे दंड देती। अपने ही हाथों से अपने समुदाय की संस्कृति/परंपराओं को भी नष्ट करने में उसे कभी हिचक महसूस नहीं हुई। घोटुल में इकट्ठे होने वाले युवाओं को चेताती कि यह सब बंद करो। क्यों करो, इसका कोई ठोस जबाव तो उसके भी पास नहीं था। लेकिन ऊपर से आदेश आया है, अब ये सब नहीं चलेगा। अब जंगल का नया कानून है, उसका पालन करना ही होगा। उसकी निष्ठा का फल भी उसे जल्द ही मिल गया। अब उसे रमन्ना के दल में ले लिया गया है। रमन्ना इन दिनों उनका सबसे बड़ा लीडर है। उसका बेसकैंप अबूझमाड़ में है। बुधिया को उसके सुरक्षा दल में शामिल किया गया है। रमन्ना के सुरक्षा दल में होना बड़े गर्व की बात है। ये सोचकर ही बुधिया रोमांचित हुई जा रही है। लेकिन उसे क्या मालूम कि यही वह क्षण है, जब उसका जीवन एक नया ही मोड़ लेने वाला था। जी हां, बुधिया और सोमारू की पहली मुलाकात यहीं हुई, नक्सल कमांडर रमन्ना के दल में। दोनों ही रमन्ना के सुरक्षाकर्मी थी। रात-दिन साथ रहते-रहते कब एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो गए। उन्हें पता ही नहीं चला। दोनों ने दल के सामने शादी करने की इच्छा जताई। किसी ने कोई विरोध नहीं किया। दोनों ने शादी कर ली। अभी कुछ ही दिन बीते थे, साथ रहते। सोमारु को कांकेर एरिया कमेटी में भेज दिया गया। दोनों अलग-अलग हो गए। कभी-कभी किसी जंगल से गुजरते हुए दोनों की मुलाकात हो जाती। कभी दोनों महीनों नहीं मिल पाते। ऐसे ही दो बरस बीत गए। बरसात के दिन थे, बुधिया का दल दंतेवाड़ा के जंगलों से गुजर रहा था, सामने से सोमारु भी नक्सलियों की एक टुकड़ी के साथ वहां निकला। दोनों का आमना-सामना हुआ। भोजन का समय हो चुका था, दोनों दलों ने साथ ही खाना पकाकर खाने की योजना बनाई।

उनके कुछ साथी घरों से चावल और बर्तन लेने पास के गांव में चले गए। कुछ लकड़ियां बीनने और कुछ भोजन की दूसरी तैयारियों में लग गए। ऐसे में सोमारु और बुधिया को काफी वक्त एक दूसरे के साथ गुजारने के लिए मिल लिया। फिर जब दोनों चलने को हुए तो जैसे कलेजा फटा जा रहा था। बुधिया सोमारु को तब तक जाते हुए देखती रही, जब तक वह नजरों से ओझल नहीं हो गया।

[post_ads_2]

आज जी बहुत घबरा रहा है, सुबह से बैचेनी हो रही है। बुधिया ने सोरी से कहा। दो-तीन महीनों से मासिक चक्र भी नहीं आया। बुधिया की बात सुनकर सोरी घबरा गई। कहीं तू मां तो नहीं बनने वाली। अरे ये तो मैंने सोचा ही नहीं, बुधिया चौंकी। सुन सोरी, ये बात किसी को नहीं बताया। बुधिया की बात अनसुनी करते हुए सोरी ने कहा कि तूने नसबंदी नहीं करवाई। तू कैसे बची रह गई। किसी का ध्यान क्यों नहीं गया तेरी तरफ। सोरी ने कहा। हमेशा शेरनी की तरह दहाडने वाली बुधिया गिडगिडाई, नहीं सोरी, मैंने नसबंदी नहीं करवाई, ये मेरी गलती है। लेकिन अभी मेरे गर्भवती होने वाली बात किसी से ना कहना। पर सोरी कहां सुनने वाली थी। उसने बुधिया को याद दिलाया कि कैसे उसने सोरी की जबरिया नसबंदी करवाई थी। नक्सल कैंप का उसूल है कि महिलाओं की नसबंदी करवा दी जाती है। कई बार पुरुषों की भी नसबंदी करवाई जाती है। लेकिन महिलाओं की तो अनिवार्य है। वे अपनी पंसद से शादी-ब्याह कर सकती हैं, संबंध भी बना सकती हैं। लेकिन बच्चा पैदा कर परिवार बढ़ाने की अनुमति उन्हें नहीं है। बुधिया ने इसी नियम का पालन करते हुए सोरी की नसबंदी करवाई थी।

अब सोरी को मौका मिला था बुधिया से बदला लेने का। वो कैसे पीछे रहती। उसने कमांडर रमन्ना की पत्नी को बुधिया के गर्भ से होने की बात को बता दिया। पहले तो बुधिया को समझानी दी गई कि बच्चे को गिरा दे। लेकिन बुधिया के मन तो ममता की नदी बह निकली थी। वह अपने बच्चे को जन्म देना चाहती थी। उसने दल से अपनी दुनिया में वापस लौट जाने की इजाजत मांगी। उसने कहा कि वो पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर सामान्य जीवन जीना चाहती है, इस बच्चे को जन्म देना चाहती है। उसकी बात सुनकर जैसे कोहराम मच गया। उसका बच्चा जबरदस्ती गिराए जाने की तैयारी होने लगी। बुधिया को कैद कर दिया गया। सोमारू को इत्तला कर दी गई। सोमारु को लगा जैसे अब बुधिया नहीं बचेगी। तीन माह के गर्भ को गिराने का मतलब है बुधिया की जान को भी खतरा। वो भागा-भागा वहां पहुंचा, जहां बुधिया थी। लेकिन सोमारू को आने में देर हो गई। जब तक पहुंचा बुधिया अपने बच्चे के साथ दूसरे लोक में जा चुकी थी। अपने अजन्मे बच्चे को महसूस करने के लिए वो बार-बार मृत बुधिया के पेट पर हाथ फेर रहा था। खुद को अपराधी महसूस कर रहा था। बुधिया की लाश को गोदी में रखकर सोमारू सोच रहा था कि क्या सही में हमें अपने मुताबिक जीने की आजादी है? क्या जो नारे हमें जीवनभर घोटकर पिलाए गए, उनका असली अर्थ यही है। क्या यही वह क्रांति है, जिसके लिए हम बंदूक उठाए जंगलों में भटक रहे हैं।

--

प्रियंका कौशल
संक्षिप्त लेखक परिचय -लेखिका पिछले 15 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। नईदुनिया, दैनिक जागरण, लोकमत समाचार, जी न्यूज़, तहलका जैसे संस्थानों में सेवाएं दे चुकी हैं। वर्तमान में भास्कर न्यूज़ (प्रादेशिक हिंदी न्यूज़ चैनल) में छत्तीसगढ़ में स्थानीय संपादक के रूप में कार्यरत् हैं। मानव तस्करी विषय पर एक किताब "नरक" भी प्रकाशित हो चुकी है।

ईमेल आई.डी-priyankajournlist@gmail.com

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: कहानी - क्रांति - प्रियंका कौशल
कहानी - क्रांति - प्रियंका कौशल
https://1.bp.blogspot.com/-To2Ui-zSot0/XRr7WxBhZ0I/AAAAAAABPWY/2lEnHsthjZUcVAFH9sJHS22QsQPuu1TdgCK4BGAYYCw/s320/priyanka-769584.jpg
https://1.bp.blogspot.com/-To2Ui-zSot0/XRr7WxBhZ0I/AAAAAAABPWY/2lEnHsthjZUcVAFH9sJHS22QsQPuu1TdgCK4BGAYYCw/s72-c/priyanka-769584.jpg
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2019/07/blog-post_50.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2019/07/blog-post_50.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content