इटली की लोक कथाएँ–2 : 4 बिलियर्ड खेलने वाला // सुषमा गुप्ता

SHARE:

एक बार एक नौजवान था जो अपनी ज़िन्दगी एक कैफ़े में बिलियर्ड के खिलाड़ियों को चुनौती देने में गुजारा करता था। एक दिन वह उस कैफ़े में एक विदेश...

clip_image002

एक बार एक नौजवान था जो अपनी ज़िन्दगी एक कैफ़े में बिलियर्ड के खिलाड़ियों को चुनौती देने में गुजारा करता था।

एक दिन वह उस कैफ़े में एक विदेशी भलेमानस से मिला तो वह उससे बोला — “बिलियर्ड खेलोगे?”

विदेशी बोला — “हाँ हाँ खेलेंगे।”

नौजवान बोला — “दाँव पर क्या लगाओगे?”

विदेशी ने कहा — “अगर तुम जीते तो मैं अपनी बेटी की शादी तुमसे कर दूँगा।”

सो दोनों ने बिलियर्ड खेलना शुरू किया और उस खेल में वह नौजवान जीत गया।

अजनबी बोला — “बहुत अच्छे। मैं “सुन” देश का राजा हूँ। अभी तो मैं जाता हूँ पर अपनी बेटी की शादी के बारे में मैं तुमको बहुत जल्दी ही लिखूँगा।” यह कह कर वह चला गया।

अब हर दिन वह नौजवान डाकिये की इन्तजार करता रहा कि वह “सुन” के राजा की चिठ्ठी ले कर आयेगा पर वह डाकिया तो आया ही नहीं। सो कुछ दिन तक तो उस नौजवान ने इन्तजार किया फिर वह उस राजा को खोजने के लिये खुद ही घर से निकल पड़ा।

हर रविवार को वह एक नये शहर में ठहरता और चर्च में से “मास” से बाहर निकलते लोगों का इन्तजार करता। फिर उनमें से निकलते बड़े बूढ़ों से पूछता कि क्या उनको मालूम था कि “सुन” का राजा कहाँ रहता था? क्या वे उसको जानते थे? पर किसी को उसके बारे में कुछ भी पता नहीं था।

एक बार एक बूढ़े ने जवाब दिया — “मुझे यकीन है कि वह है, पर वह कहाँ है यह मुझे नहीं पता है।”

वह नौजवान अगले हफ्ते फिर चलता रहा और अगले रविवार को फिर एक नये शहर में आया। वहाँ उसको एक और बूढ़ा मिला जिसने उसको बताया कि तुम फलाँ शहर चले जाओ शायद वह तुमको वहाँ मिल जाये।

सो अगले हफ्ते रविवार को वह उसी शहर में जा पहुँचा और “मास” से बाहर निकलते लोगों में से एक बूढ़े आदमी से पूछा कि सुन का राजा कहाँ रहता था।

वह बोला — “वह तो यहीं पास में ही रहता है। इस सड़क के आखीर में दाँये हाथ को तुमको उसका महल मिल जायेगा। तुम उस महल को नजर अन्दाज नहीं कर सकते क्योंकि उस महल का कोई दरवाजा नहीं है।”

“तो फिर लोग उसमें घुसते कैसे हैं?”

वह बूढ़ा बोला — “मुझे क्या मालूम? पर मेरी सलाह यह है कि तुम उसके पास लगे बागीचे में इन्तजार करना। वहाँ एक तालाब है जहाँ “सुन” के राजा की तीन बेटियाँ दोपहर को रोज उसमें तैरने आती हैं।”

यह सुन कर वह नौजवान वहाँ से चला गया और राजा के बागीचे में जा कर छिप गया। ठीक दोपहर को राजा की तीन बेटियाँ वहाँ आयीं। उन्होंने अपने कपड़े उतारे और तालाब में कूद गयीं और तैरने लगीं।

इस बीच वह नौजवान चोरी छिपे उनके कपड़ों तक पहुँच गया और उनमें से सबसे सुन्दर लड़की के कपड़े उठा कर वहाँ से फिर वहीं चला गया जहाँ वह पहले छिपा हुआ था।

जब वे लड़कियाँ तैर चुकीं तो उस तालाब से बाहर निकलीं और अपने अपने कपड़े पहनने लगीं। पर उनमें से उस सबसे सुन्दर लड़की को अपने कपड़े नहीं मिले। वे वहाँ से गायब थे।

उसकी दूसरी बहिनों ने कहा — “जल्दी करो, हमने तो अपने कपड़े पहन लिये तुम यहाँ क्यों रुकी खड़ी हो?”

तीसरी लड़की ने कुछ परेशान होते हुए कहा — “मेरे कपड़े नहीं मिल रहे हैं। ज़रा मेरा इन्तजार करो।”

“ठीक से देखो हमको जाना भी है।” यह कह कर वे उसको वहीं छोड़ कर चली गयीं।

उस लड़की ने रोना शुरू कर दिया तो वह नौजवान अपने छिपने की जगह से बाहर निकल कर बोला — “अगर तुम मुझे अपने पिता के पास ले चलो तो मैं तुम्हारे कपड़े वापस कर दूँगा। तुम्हारे कपड़े मेरे पास हैं।”

“पर तुम हो कौन?”

वह नौजवान बोला — “एक बार मैंने “सुन” के राजा को बिलियर्ड में हराया था सो उसकी शर्त के अनुसार अब मुझे उसकी बेटी से शादी करनी है।”

दोनों जवान बच्चों ने एक दूसरे की तरफ देखा तो दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया।

लड़की बोली — “मैं तुमको अपने पिता के पास इस शर्त पर ले चलती हूँ कि फिर तुम मुझसे ही शादी करोगे। मेरे पिता तुम्हारी आँखों पर पट्टी बाँधेंगे और हम तीनों में से एक को चुनने को कहेंगे। उस समय तुम हम तीनों बहिनों के हाथ छू कर मुझे चुन सकते हो। ध्यान रखना मेरी एक उँगली कटी हुई है।”

“मंजूर है।” उस नौजवान ने उसके कपड़े वापस कर दिये और वह लड़की उस नौजवान को अपने पिता के पास ले गयी।

वहाँ जा कर वह नौजवान बोला — “मैं आपकी बेटी से शादी करने आया हूँ।”

राजा बोला — “ठीक है तुम कल उससे शादी करोगे। मेरे तीन बेटियाँ हैं। इस बीच तुम मेरी तीन बेटियों में से किसी एक बेटी को चुन लो कि तुम किससे शादी करोगे। तुम्हारी शादी कल उसी से हो जायेगी।” यह कह कर राजा ने उस नौजवान की आँखों पर पट्टी बँधवा दी।

पहली लड़की अन्दर आयी तो उसने उसके हाथ छुए और बोला “यह मेरे लिये नहीं है”।

राजा ने फिर दूसरी लड़की को बुलवाया। उसने उसके भी हाथ छुए तो बोला “यह भी मेरे लिये नहीं है”।

राजा ने फिर अपनी तीसरी बेटी को बुलाया। उसने यह पक्का करने के लिये कि यह वाकई वही लड़की है या नहीं जिसके हाथ की एक उँगली गायब थी उसके भी हाथ छुए।

यह लड़की वही थी जिसके हाथ की एक उँगली गायब थी। उसने उस लड़की से शादी के लिये हाँ कर दी।

अगले दिन उन दोनों की शादी हो गयी और दोनों पति पत्नी महल से अपने कमरे में चले गये।

आधी रात को पत्नी ने कहा — “मैं अब तुमसे और ज़्यादा नहीं छिपा सकती। मेरे पिता तुमको मारने का प्लान बना रहे हैं।”

वह नौजवान बोला — “तो फिर चलो यहाँ से भाग चलते हैं।” सो वे लोग सवेरे तड़के ही उठे, राजा की घुड़साल से उन्होंने दो सबसे अच्छे घोड़े उठाये और उन पर बैठ कर भाग लिये।

राजा जब सवेरे उठा तो वह अपनी बेटी के कमरे में गया तो पाया कि वहाँ से तो उसकी बेटी और वह नौजवान दोनों ही गायब हैं।

यह देख कर वह अपनी घुड़साल की तरफ दौड़ा गया तो देखा कि उसके दो सबसे अच्छे घोड़े भी वहाँ से गायब हैं। उसने अपनी कुछ अच्छी घुड़सवार सेना ली और उस सेना को अपनी बेटी और दामाद को लाने के लिये भेज दिया।

जब वह नौजवान और राजा की बेटी जा रहे थे तो उन्होंने अपने पीछे घोड़ों की टापों की आवाज सुनी। उन्होंने इधर उधर देखा तो देखा कि सिपाहियों की एक टुकड़ी उनकी तरफ बढ़ी चली आ रही थी।

राजा की बेटी ने अपने सिर से एक कंघी निकाली और अपने पीछे जमीन पर फेंक दी। कंघी के जमीन पर गिरते ही वहाँ एक जंगल पैदा हो गया। वहाँ एक आदमी और एक स्त्री उस जंगल के पेड़ उखाड़ने में लगे हुए थे।

सिपाहियों ने उनसे पूछा — “क्या तुमने यहाँ “सुन” के राजा की बेटी को उसके पति के साथ जाते देखा है?”

उन आदमी और स्त्री ने जवाब दिया — “हम तो यहाँ के ये पेड़ उखाड़ रहे हैं जब रात हो जायेगी तब चले जायेंगे।”

सिपाहियों ने अब की बार कुछ ऊँची आवाज में पूछा — “हमने तुमसे पूछा कि क्या तुम लोगों ने यहाँ “सुन” के राजा की बेटी को उसके पति के साथ जाते देखा है?”

वे आदमी और स्त्री बोले — “हाँ हाँ जब हमारी गाड़ी भर जायेगी तब हम यहाँ से चले जायेंगे। सुना नहीं तुमने?” नाउम्मीद से हो कर वे सिपाही राजा के पास लौट आये।

राजा ने पूछा — “क्या तुमको वे दोनों मिले?”

सिपाही बोले — “हम बस उनको पकड़ने ही वाले थे कि हमारे और उनके बीच में एक जंगल आ खड़ा हुआ और हम एक आदमी और एक स्त्री के सामने खड़े थे जिन्होंने हमें केवल बेवकूफी के जवाब दिये।”

राजा बोला — “तो तुमको उन्हीं को पकड़ लेना चाहिये था। वे ही मेरी बेटी और उसका पति थे।”

सो वे फिर चल दिये। अब की बार भी सिपाहियों ने बस उनको पकड़ ही लिया था कि “सुन” के राजा की बेटी ने फिर से अपने सिर से एक कंघी निकाल कर अपने पीछे फेंक दी।

कंघी के वहाँ गिरते ही वहाँ एक बागीचा बन गया और उस बागीचे में एक आदमी और एक स्त्री चिकोरी और मूली इकठ्ठी कर रहे थे।

सिपाहियों ने उनसे पूछा — “क्या तुमने यहाँ “सुन” के राजा की बेटी को उसके पति के साथ जाते देखा है?”

वह स्त्री बोली — “ये मूलियाँ 10 सैन्ट का एक गुच्छा है और यह चिकोरी 5 सैन्ट की एक है।”

सिपाहियों ने अपना सवाल फिर से दोहराया पर वे आदमी और स्त्री केवल चिकोरी और मूली के बारे में ही बातें करते रहे। झक मार कर वे लोग फिर वापस घर चले गये।

राजा बोला — “तुमको उनको पकड़ लेना चाहिये था क्योंकि वे ही मेरी बेटी और दामाद थे।”

सो वे सिपाही बेचारे एक बार फिर उनके पीछे भागे। उन्होंने उनको फिर से पकड़ लिया होता पर “सुन” के राजा की बेटी ने एक बार फिर अपने सिर से एक कंघी निकाली और अपने पीछे फेंक दी।

अब की बार वह कंघी जहाँ गिरी वहाँ एक चर्च खड़ा हो गया। सिपाहियों ने उस चर्च के सामने एक आदमी और एक स्त्री को खड़ा पाया तो उन्होंने उनसे फिर पूछा — “क्या तुमने यहाँ “सुन” के राजा की बेटी को उसके पति के साथ जाते देखा है?”

दोनों ने जवाब दिया — “हम लोग अब दूसरी घंटी बजा रहे हैं। जब हम तीसरी घंटी बजायेंगे तब सब लोग “मास” के लिये यहाँ आयेंगे।”

इस बार भी वे सिपाही उनसे यह न कहलवा सके कि वे ही “सुन” के राजा के बेटी और दामाद थे सो वे फिर झक मार कर वापस आ गये।

राजा फिर चिल्लाया — “वे ही मुजरिम थे तुम्हें उनको पकड़ लेना चाहिये था।”

पर फिर उसने खुद ने भी उनको ढूँढने की कोशिश छोड़ दी और वे नौजवान और “सुन” के राजा की बेटी दोनों वहाँ से चुपचाप निकल गये।


 ------------

सुषमा गुप्ता ने देश विदेश की 1200 से अधिक लोक-कथाओं का संकलन कर उनका हिंदी में अनुवाद प्रस्तुत किया है. कुछ देशों की कथाओं के संकलन का  विवरण यहाँ पर दर्ज है. सुषमा गुप्ता की लोक कथाओं की एक अन्य पुस्तक - रैवन की लोक कथाएँ में से एक लोक कथा यहाँ पढ़ सकते हैं. इथियोपिया व इटली की बहुत सी अन्य लोककथाओं को आप यहाँ लोककथा खंड में जाकर पढ़ सकते हैं.

(क्रमशः अगले अंकों में जारी….)

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: इटली की लोक कथाएँ–2 : 4 बिलियर्ड खेलने वाला // सुषमा गुप्ता
इटली की लोक कथाएँ–2 : 4 बिलियर्ड खेलने वाला // सुषमा गुप्ता
https://lh3.googleusercontent.com/-Lcai9IvByWw/WdStrPCduMI/AAAAAAAA7eg/XB55hwZIML8bBS6Gk_qCo_OBRT24wbXxgCHMYCw/clip_image002_thumb?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-Lcai9IvByWw/WdStrPCduMI/AAAAAAAA7eg/XB55hwZIML8bBS6Gk_qCo_OBRT24wbXxgCHMYCw/s72-c/clip_image002_thumb?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2017/10/2-4.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2017/10/2-4.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content